आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बदलती लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की दिक्कतें आती हैं। भले ही ये समस्याएं गंभीर न हों, लेकिन समय के साथ ये गंभीर बीमारी का कारण बन सकती हैं। ऐसे में हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है। आपके किचन में मौजूद गर्म मसाले न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि आपकी सेहत की भी रक्षा करते हैं। इनमें से अधिकतर मसालों का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है और खसखस (khaskhas in hindi) उनमें से एक है। खसखस एक प्रकार का तिलहन है। खसखस को प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। खसखस ओमेगा -6 फैटी एसिड और फाइबर से भी भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें विभिन्न प्रकार के फाइटोकेमिकल्स, विटामिन बी, थायमिन, कैल्शियम और मैग्नीशियम शामिल हैं। इसके सेवन से कई तरह के हेल्दी फायदे होते हैं। साथ ही ये छोटे-छोटे सफेद-मटमैले रंग के बीज कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी आराम दिलाते हैं। खसखस के बीजों की प्रकृति ठंडक देने वाली होती है। इसीलिए, इनके सेवन से स्किन प्रॉब्लम्स और पेट की समस्याएं बहुत हद तक कंट्रोल की जा सकती हैं। यहां हम आपको खसखस क्या है, खसखस के फायदे और नुकसान (khaskhas ke fayde aur nuksan) सभी के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे हैं ताकि आप खसखस का अपनी जरूरत के हिसाब से उपयोग कर पायें। जानिए चिरौंजी के फायदे और नुकसान
खसखस क्या है? – What is Khaskhas in Hindi
खसखस एक औषधि है, इसे अंग्रेजी में पॉपी सीड्स या खस खस या वेटियर ग्रास (Vetiver grass), हिन्दी में खस या खसखस , कन्नड़ में मुडिवाल, तमिल में उशीरम, बंगाल में वेणर मूल, आदि कई नामों से जाना जाता है। खसखस का इस्तेमाल औषधि के रूप में तो होता ही है, साथ ही इसके पौधे की जड़ से परदे, पंखे आदि भी बनाये जाते हैं। खसखस (khaskhas kya hai) भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक बेहद गुणकारी खाद्य पदार्थ हैं। ये न सिर्फ पेट भरने का काम करते हैं, बल्कि इनका प्रयोग चिकित्सीय समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है। खसखस में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 होता है। इसमें फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, थायमिन, कैल्शियम और मैंगनीज भी होते हैं। ये सभी पोषक तत्व आपको फिट रहने में मदद करेंगे। पारिजात फूल के फायदे
खसखस खाने के फायदे – Khaskhas Khane ke Fayde
खसखस सेहत को भी कई तरीकों से बेहतर बनाता है। इसके सेवन से कई तरह के हेल्दी फायदे होते हैं। साथ ही ये छोटे-छोटे सफेद-मटमैले रंग के बीज कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी आराम दिलाते हैं। खासतौर पर खसखस का उपयोग पेट संबंधी समस्याओं के लिए एक उपाय के रूप में किया जा सकता है। इसके पोषक तत्व गैस, अपच और कब्ज से राहत दिलाते हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार आहार में खसखस को शामिल करने से पेट की समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी। आइए जानें खसखस के अन्य स्वास्थ्य लाभों (khaskhas ke fayde) के बारे में –
खसखस और दूध के फायदे – Khaskhas aur Doodh ke Fayde
खसखस को दूध में मिलाकर पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। गर्मियों के दिनों में दूध में खसखस मिलाकर पीने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। यह दूध शरीर को बाहरी गर्मी से बचाता है। वहीं ठंड के मौसम में इस तरह दूध पीने से सर्दी-खांसी तुरंत ठीक हो जाती है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आपको दूध में खसखस मिलाकर (khaskhas aur doodh ke fayde) रोजाना पीना चाहिए। खसखस में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो वजन घटाने में मदद करता है। यह दूध दर्द निवारक की तरह भी काम करता है। अगर किसी भी तरह के अंग में दर्द हो तो इस दूध को पीने से आपको जरूर आराम मिलेगा।
बादाम और खसखस के फायदे – Badam aur Khakhas ke Fayde
कब्ज और ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए बादाम और खसखस के फायदे है और एक बेहतर स्वादिष्ट विकल्प भी। जी हां, बादाम और खसखस का दूध पीन से बहुत से फायदेमंद मिलते हैं। यह आपके शरीर के साथ-साथ दिमाग के लिए भी फायदेमंद है। यह न केवल आपको स्ट्रेस और डिप्रेशन से बचाता है बल्कि आपकी दिमागी क्षमता में इजाफा करता है। इसी के साथ आपका पाचन तंत्र भी दुरुस्त रखने में मदद करता है।
मखाना और खसखस के फायदे – Makhana or Khaskhas ke Fayde
मखाना और खसखस के फायदे से बहुत लोग अंजान हैं, लेकिन ये हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। मखाने और खसखस वाला दूध (makhana or khaskhas ke fayde) पीने से हमारा मेटाबॉलिज्म तेज होता है। यह हमारे शरीर के वजन को बैलेंस करता है। वहीं जो भी लोग पतले हैं वह भी बड़े आराम से इसका सेवन कर सकते हैं। खसखस दूध मखाना तीनों ही कैल्शियम और फास्फोरस का खजाना है। तो हड्डियों और दांतो को मजबूत करने के लिए यह बहुत फायदेमंद है।
खसखस और अखरोट के फायदे – Khakhas aur Akhrot ke fayde
खसखस और अखरोट के फायदे बहुत जबरदस्त हैं। खसखस और अखरोट दो अलग-अलग गुणकारी चीजें हैं और दोनों साथ मिल जायें तो ये दवा के रूप में काम करती हैं। अगर आपको कब्ज या पेट संबंधित किसी भी तरह की कोई समस्या है तो खसखस और अखरोट का साथ में सेवन करें। इसी के साथ नींद न आने की दिक्कत है तो इसका सेवन करने से ये भी ठीक हो जाती है।
मुंह के छाले के लिए खसखस
मुंह के छालों की समस्या को दूर करने के लिए खसखस की एक आजमायी हुई होम रेमेडी है। आयुर्वेद में इसे शरीर की गर्मी को कम करने वाला फूड बताया गया है। छालों से राहत पाने के लिए इसे शक्कर के साथ फांक लें। छाले कम होने लगेंगे।
अनिद्रा की समस्या को दूर करे
खसखस आपके दिमाग को शांत करता है और आपके दिमाग पर तनाव को कम करता है। खसखस मैग्नीशियम से भरपूर होता है। यह खनिज शरीर के कोर्टिसोल, एक तनाव हार्मोन को कम करता है। इससे दिमाग शांत होता है और नींद आने में मदद मिलती है। जिन लोगों को रात को जल्दी नींद नहीं आती है उनके लिए थोडा सा खसखस भून कर उसमें थोड़ा सा दूध डालकर मिक्सी में पीस कर पेस्ट बना लें। रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ लिया गया यह पेस्ट गहरी और सुकून भरी नींद लेने में मदद करता है।
कब्ज से राहत
कब्ज की समस्या के लिए खसखस एक सबसे कारगर और बढ़िया उपाय है। इससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। इसमें कैल्शियम के अलावा भरपूर मात्रा में ओमेगा 3, प्रोटीन, मैंगनीज, थायमिन आदि पोषक तत्व एक साथ आपको प्राप्त होते हैं। वहीं इसमें, फाइबर की मात्रा ज़्यादा होती है। जो, कॉन्स्टिपेशन या कब्ज से बचाती है।
रक्तचाप को नियंत्रित करता है
‘ओलिक एसिड’ खसखस में पाया जाने वाला एक खास तत्व है जो आपके रक्तचाप को नियंत्रित करता है। जो लोग उच्च रक्तचाप या निम्न रक्तचाप से पीड़ित हैं, उनके लिए आहार में खसखस की सही मात्रा उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकती है। यही नहीं खसखस रक्तचाप बहुत कम होने पर भी प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
हड्डियों को बनाएं मजबूत
हड्डियों को नुकसान से बचाने वाले कोलाजन के निर्माण में इनकी प्रमुख भूमिका होती है। इसीलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि खसखस खाने से हड्डियां मज़बूत बनती हैं। कैल्शियम और फॉस्फोरस खसखस में पाए जाने वाले मुख्य तत्वों में से हैं। ये दोनों ही तत्व हड्डियों की सेहत को सुधारने वाले गुण रखते हैं। खसखस में कैल्शियम के अलावा जिंक और कॉपर भी बड़ी मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों के द्रव्यमान को बढ़ाता है, जिसे ‘बोन मिनरल डेंसिटी’ कहते हैं।
पेनकिलर के तौर पर करता है काम
खसखस में मॉर्फिन और कोडीन होता है। इसे अफीम यौगिक कहते हैं। इससे दर्द कम होता है और आराम मिलता है। इन पदार्थों का उपयोग दर्द निवारक दवाओं में किया जाता है। खसखस का उपयोग मासिक धर्म से पहले के दर्द को कम करने के लिए किया जाता है, खासकर प्रसव के समय। आजकल बाजार में बिकने वाले खसखस को आमतौर पर साफ किया जाता है ताकि उसका दुरुपयोग न हो और उसमें ये अफीम यौगिक न हों। लेकिन अगर बिना धुला हुआ खसखस मिल जाए तो इसे दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इम्युनिटी बढ़ाता है
खसखस एक खनिज है जिसमें जिंक बड़ी मात्रा में पाया जाता है। जिंक आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है। जिंक सर्दी, खांसी और बुखार के इलाज में विशेष रूप से उपयोगी है। इसलिए जिन लोगों को बार-बार सर्दी-खांसी होती है, उनके लिए खसखस बहुत फायदेमंद (khaskhas khane ke fayde) होता है। इसीलिए खसखस का हलवा खाने के फायदे ही फायदे हैं, इसीलिए इसे इम्यूनिटी बूस्टर हलवा भी कहा जाता है।
हीमोग्लोबिन बढ़ाता है
आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं हीमोग्लोबिन की मदद से शरीर की अन्य कोशिकाओं को ऑक्सीजन की आपूर्ति करती हैं। एनीमिया तब होता है जब शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। आपके आहार में अतिरिक्त आयरन आपके रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। खसखस आयरन से भरपूर होता है, इसलिए यह एनीमिया का घरेलू उपाय है।
खसखस के नुकसान – Khaskhas ke Nuksan
अति तो हर चीज की बुरी होती है फिर चाहे वो मेवा, फ्रूट ही क्यों न हो। इसीलिए अगर आप खसखस का सेवन (apple khane se kya hota hai) भी तय मात्रा में नहीं करेंगे तो आपको इसके साइड इफेक्ट्स भी झेलने पड़ सकते हैं। अधिक मात्रा में इसे खाने से भी आपको खसखस के नुकसान (khaskhas ke nuksan) झेलने पड़ सकता है। क्योंकि खसखस के पेड़ के मादक गुणों के कारण खसखस के सेवन को लेकर कई प्रकार की चिंताएं होती है। तो आइए जानते खसखस खाने के नुकसान के बारे में –
- बहुत से लोगों को हर चीज सूट नहीं करती है। इसी के चलते खसखस खाने से भी बहुत से लोगों को एलर्जी हो जाती है और उन्हें कब्ज, मतली और स्किन में खुजली जैसी समस्याएं भी आ सकती हैं।
- खसखस का अधिक सेवन से चक्कर आना और बेहोशी जैसा लग सकता है। क्योंकि खसखस अफीम के पौधे से बनती है।
- अधिक मात्रा में खसखस का सेवन करने से श्वसन सम्बन्धी समस्या हो सकती है। जिन लोगों को अस्थमा की दिक्कत हैं उन्हें खसखस का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।
- खसखस के कच्चे बीजों में मॉर्फिन से अल्फ़ाइड होता है, जो की एक दर्द निवारक है, जिससे नशे की आदत भी लग सकती है इसलिए इसके पके बीजो का ही सेवन करना चाहिए।
- खसखस का ज्यादा सेवन करने से आलस और सुस्ती भी बढ़ जाती है।
खसखस से जुड़े सवाल-जवाब FAQs
खसखस को और क्या कहा जाता है?
खसखस एक औषधि है, इसे अंग्रेजी में पॉपी सीड्स या खस खस या वेटियर ग्रास (Vetiver grass), हिन्दी में खस, पोस्ता दाना या खसखस , कन्नड़ में मुडिवाल, तमिल में उशीरम, बंगाल में वेणर मूल, आदि कई नामों से जाना जाता है।
खसखस कहां पाया या उगाया जाता है?
खसखस की खेती पूरे भारत के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। इसे ज्यादातर सूखी पड़ी भूमि, तालाब-पोखर, झील या नदी के किनारों पर होता है। इसके साथ ही यह दक्षिण भारत, बंगाल, राजस्थान एवं छोटा नागपुर इत्यादि स्थानों में भी पाया जाता है।
खसखस का इस्तेमाल कैसे करें?
खसखस को पोस्ता दाना भी कहते हैं। खसखस का इस्तेमाल आप सब्जी की ग्रेवी को स्वादिष्ट बनाने, मिठाईयों में क्रंचीपन लाने के लिए और खसखस का हलवा बनाकर कर सकते हैं। इसके अलावा खसखस को दूध, बादाम, मखाना और अखरोट के साथ रोजाना लेने से सेहत दुरुस्त रहती है।
खसखस की तासीर कैसी होती है?
खसखस की तासीर ठंडी होती है। इसीलिए इसका सेवन गर्म मौसम या फिर गर्म चीजों के साथ करना चाहिए। सर्दियों में ये खांसी-जुकाम का कारण बन सकती है।
खसखस का हिंदी नाम क्या है?
खसखस को हिंदी में खस या पोस्ता दाना के नाम से जाना जाता है। ये भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक बेहद गुणकारी (khaskhas khane ke fayde) खाद्य पदार्थ हैं।
खसखस कितने रुपए किलो है?
मौजूदा समय में खसखस का दाम 800 रूपये प्रति किलो है। ये आपको बड़ी ही आसानी से किसी ग्रॉसरी मार्केट या फिर पंसारी की दुकान में मिल जायेगी।
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