अगर आपको लगता है कि आप अकेले ही ऐसे हैं जो ओवरथिंक कहते हैं तो आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है लेकिन अगर हम आपको कहें कि आप अपनी इस आदत को बदल सकते हैं और अपने माइंड को भी थोड़ा रिलैक्स कर सकते हैं और ओवरथिंकिंग से ब्रेक दे सकते हैं। ओवरथिंकिंग के साथ आने वाले कंट्रोल करने के इल्यूजन और परफेक्शनिज्म के भ्रम के साथ जीना आसान होता है लेकिन कई बार ओवरथिंकिंग आपको परेशान भी कर सकती है। हालांकि, अगर यह जरूरत से ज्यादा होता है तो इसका आपके शरीर और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। अगर आपने पहले भी इसका सामना किया है और फेल हुए तो हम यहां कुछ ऐसी स्ट्रेटेजी लेकर आए हैं जो वाकई आपके लिए काम करेंगी।
टेंशन लेने का वक्त करें तय
आप खुद को रोजाना 30 मिनट का समय दें जिसमें आप पूरे दिन की सारी ओवरथिंकिंग करें। इस दौरान आप परेशान, सेकेंड गेस या फिर जो भी चीजें सोचनी हैं वो करें लेकिन एक बार समय खत्म हो जाए तो आप ऐसा करने से बचें।
सोल्यूशन के साथ करें खत्म
आप 30 मिनट में जिन-जिन चीजों को लेकर परेशान हो रहे हैं या फिर सबसे बुरा सिनेरियो सोच रहे हैं और ऐसा सोच रहे हैं कि अगर यह सच में होता है तो आप क्या करेंगे। उदाहरण के लिए अगर आपकी जॉब चली जाती है तो आप अपने रिज्यूम को अपडेट करेंगे और नई जगह अप्लाई करेंगे। इस तरह से जो-जो चीज आपको परेशान कर रही है आपको उनका सोल्यूशन ढूंढना चाहिए।
प्रोबल्म को समझे
क्या आप हमेशा अपने पार्टनर की बातों से परेशान रहती हैं क्योंकि उनके शब्द और एक्शन मिलते नहीं हैं? हो सकता है कि जितना आप सोचते हैं यह उतना बुरा न हो और आपको नहीं पता कि आप हमेशा जो सोच रही हैं उसे खुद तक ही रख पाएंगी कि नहीं। इस वजह से जवाब जानना चाहती हैं तो आपको इस बारे में अपने पार्टनर से बात करनी चाहिए और ओवरथिंकिंग को खत्म करना चाहिए।
सकारात्मक खोजें
हर चीज में कुछ न कुछ अच्छा छिपा होता है और इस वजह से कोशिश करें कि आप हर चीज में अच्छा ही खोजें और उस पर ही ध्यान दें। अगर आप रिलेशनशिप पर ओब्सेस हो रही हैं तो आप कुछ नई चीजों को करने में अपना एक्स्ट्रा टाइम और एनर्जी क्यों नहीं लगा कर देखते हैं।
बड़ी तस्वीर पर ध्यान दें
कुछ चीजें केवल हमारे दिमाग में ही होती हैं और हो सकता है कि आने वाले 2, 5 या फिर अधिक सालों में इन चीजों से आपको फर्क भी न पड़े।
नकारात्म को करें चैलेंज
अपने नकारात्मक खयालों को खुद पर हावी न होने दें। हमेशा इसका उल्ट सोचें और सकारात्मक चीजों के बारे में ही सोचने की कोशिश करें। समझें कि फेल होने का मतलब ये नहीं है कि सब खत्म हो गया है और हर दिन एक नया मौका है और आप किसी भी अपनी जिंदगी को बदलने की दिशा में कदम उठा सकते हैं।
खुद को डिस्ट्रैक्ट करें
जब आप नकारात्मक सोचना शुरू करें तो इस बारे में माइंडफुल रहें। एक बार आपको समझ आए कि आप किसी गलत जगह पर अपने दिमाग को लगा रहे हैं तो खुद को ऐसा करने से रोकें। इसकी जगह आप कलरिंग कर सकते हैं या गार्डनिंग या फिर जानवरों के साथ वक्त बिता सकते हैं।
एक्सेप्टेंस है जरूरी
आप फ्यूचर प्रिडिक्ट कर सकते हैं और इसके बारे में सोच-सोच कर खुद को परेशान भी कर सकते हैं लेकिन ऐसा करने से कुछ भी नहीं बदलेगा। इसकी जगह आप खुद को रोजाना एक मौका देकर इसे बदलने की कोशिश कर सकते हैं। खुद से प्यार करें और खुद की वैल्यू करें और एक्सटर्नल वैलिडेशन पर निर्भर होना कम कर दें।