मुलेठी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है और हम में से बहुत से लोग मुलेठी खाने के फायदे के बारे में जानते होंगे। आमतौर पर सर्दी, खांसी और बुखार से राहत पाने के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता है। गले में खराश या फिर आवाज मधुर करने के इलाज के लिए मुलेठी की आयुर्वेदिक गोलियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। जिसे खाने से खांसी के साथ-साथ गले की खराश भी बंद हो जाती है। आयुर्वेद में मुलेठी का उपयोग कई औषधियों और चूर्णों के साथ-साथ जड़ी-बूटी बनाने में भी किया जाता है। मुलेठी के उपयोग से हम कई साधारण बीमारियों का इलाज कर सकते हैं, यहां तक कि कई गंभीर बीमारियों का भी।
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आज यहां हम आपको मुलेठी के कई महत्वपूर्ण फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। मुलेठी के फायदे (mulethi benefits in hindi) जानने से पहले, ये जानना जरूरी है कि मुलेठी क्या है? तो आइए जानते हैं मुलेठी के फायदे और नुकसान और उसके उपयोग के बारे में सबकुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है।
मुलेठी क्या है – What is Licorice in Hindi
मुलेठी (Mulethi) में विटामिंस की अच्छी मात्रा होती है। इसमें विटामिन ई और विटामिन बी भरपूर मात्रा में होता है। साथ ही फास्फोरस, कैल्शियम, कॉलिन, आयरन, पोटेशियम, सेलेनियम, सिलिकॉन और जिंक भी अच्छी मात्रा में होते हैं। मुलेठी एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। आमतौर पर इसके तने को छाल सहित सुखाकर इसका उपयोग किया जाता है। इसका स्वाद मीठा होता है। इसका इस्तेमाल नेत्र रोग, मुख रोग, कंठ रोग, उदर रोग, सांस विकार, हृदय रोग, घाव के उपचार के लिए सदियों से किया जा रहा है। इसके बावजूद मुलेठी के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
मुलेठी के फायदे – Mulethi Benefits in Hindi
मूलेठी के चूर्ण का प्रयोग कई रोगों में औषधि के रूप में करने से लाभ होता है। मुलेठी में पेट फूलना और पित्त दोष को कम करने के औषधीय गुण होते हैं। मुलेठी का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है। मुलेठी का प्रयोग खासतौर पर चर्म रोगों में किया जाता है। यही नहीं मुलेठी के सेवन से रक्त शुद्ध होता है, बाल बढ़ते हैं और बुद्धि तेज होती है। मुलेठी का इस्तेमाल हम सेहत को बेहतर करने की तरह ही अपनी त्वचा (mulethi ke fayde for skin in hindi) के लिए भी कर सकते हैं। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल आपकी त्वचा को चमकदार बनाने के लिए किया जाता है। आइए जानते मुलेठी खाने के फायदे (mulethi benefits in hindi) के बारे में –
गले की खराश को रोकने के लिए
कई बार गले की खराश बंद नहीं होती या लगातार गले में खराश रहती है तो इसके लिए मुलेठी सबसे अच्छा उपाय है। मुलेठी का चूर्ण, घी, गुड़ और शहद को मिलाकर दिन में दो-तीन बार थोड़ा-थोड़ा करके चाटें। यह आपके गले की खराश को दो दिनों में तुरंत बंद करने में मदद करता है।
डिप्रेशन से छुटकारा
मुलेठी डिप्रेशन जैसी परेशानी से छुटकारा दिलाने में भी काफी मददगार साबित होती है। यह एड्रेनल ग्लैंड्स के कामकाज में सुधार लाती है, जिसकी वजह से जो बार-बार बेचैनी होती रहती है, उससे लड़ने से मदद मिलती है। इसमें मैग्निशियम, कैल्शियम और beta-carotene जैसे खनिज भी उपलब्ध होते हैं, जिसकी वजह से भी डिप्रेशन से छुटकारा मिलता है।
मेनोपॉज के दौरान मददगार
महिलाओं को यह बात जाननी चाहिए कि मुलेठी मेनोपॉज, यानी रजोनिवृत्ति के दौरान भी बहुत मदद करती है। यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो शरीर में हार्मोनल असंतुलन को ठीक करती है, ताकि रात को पसीना, अनिद्रा जैसी परेशानियां न हो। इसमें फाइटोएस्ट्रोजैनिक योगिक होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन बी होता है, जो मेनोपॉज के दौरान काफी मदद करते हैं।
मानसिक शांति दिलाने में कारगर
आजकल की भागती-दौड़ती लाइफस्टाइल में तन और मन दोनों बीमार हो सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारण हमारी बुद्धि क्या सोचती है। लेकिन अगर आप नियमित रूप से दूध के साथ मुलेठी के पाउडर का सेवन करते हैं तो यह आपको मानसिक शांति पाने में मदद करता है। यह आपके शरीर को ठंडा करने के लिए और आपके दिमाग को ठंडा करने के लिए भी उपयोगी है।
वजन कंट्रोल करे
अब आप सोचेंगे कि भला यह जड़ी-बूटी वजन कैसे कम करती है तो हम आपको बता दें कि इसमें फ्लेवोनॉयड्स होते हैं, जो अत्यधिक वसा को कम करने में मदद करते हैं । अधिक वजन वाले लोग अगर अपने शरीर पर मुलेठी के तेल का इस्तेमाल करें तो इससे वजन कम करने में बहुत मदद मिलती है। यही वजह है कि मोटापा घटाने वाले कई कैप्सूल में भी मुलेठी का इस्तेमाल होता है।
मासिक धर्म में होने वाली ऐंठन में उपयोगी
मासिक धर्म में ऐंठन हर महिला को होती है। इसके लिए हम काफी इलाज भी करते हैं। मुलेठी मासिक धर्म में होने वाली पेट में ऐंठन से निपटने में मदद करता है। यह पीरियड्स के दौरान होने वाली अन्य परेशानी को भी कम करता है।
हिचकी रोकने के लिए
अक्सर पानी पीने से हिचकी बंद नहीं होती है। फिर हम अपनी नाक बंद कर लेते हैं या शहद चाटते हैं। लेकिन अगर फिर भी हिचकी बंद नहीं होती है तो आपको सिर्फ शहद ही नहीं खाना चाहिए बल्कि मुलेठी के पाउडर में शहद मिलाकर चाटना चाहिए। आप तुरंत परिणाम देखेंगे।
एसिडिटी से छुटकारा दिलाये
एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे यह समस्या न हुई हो। इसके लिए आप मुलेठी के पाउडर में शहद, आंवला पाउडर और घी मिलाकर चाटें। ये पावर पैक मिक्सचर आपकी एसिडिटी की समस्या से निजात दिलाने में आपकी मदद करेगा।
घाव जल्दी भरे
अक्सर शरीर पर लगे घाव जल्दी नहीं भरते। यहां तक कि डॉक्टर द्वारा निर्धारित मरहम भी इस पर काम नहीं करता है। फिर हम मुलेठी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए मुलेठी का अर्क तैयार करें और घाव को धो लें। इससे दर्द कम होने के साथ-साथ घाव जल्दी भरने में भी मदद मिलती है।
आंखों के लिए टॉनिक
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जा सकता है। मुलेठी, त्रिफला चूर्ण, लोहे की राख, दूध और गाय का घी एक साथ पीना चाहिए। तो दृष्टि अच्छी रहती है। इससे आपको कोई नुकसान भी नहीं होता है। मुलेठी एक औषधीय पौधा होने के कारण इससे आपके शरीर को सबसे अधिक लाभ मिलता है।
बुखार के लिए
बुखार हमेशा आता है और चला जाता है। लेकिन अगर आपको डॉक्टर की दवा से कोई फायदा नहीं हो रहा है तो आप बुखार के घरेलू उपाय के तौर पर मुलेठी का इस्तेमाल कर सकते हैं। वैसे भी आयुर्वेदिक दवा बुखार के इलाज में हमेशा कारगर होती है।
त्वचा में चमक लाने के लिए
ग्लोइंग स्किन कौन नहीं चाहता है? हर कोई चाहता है कि उसकी त्वचा हमेशा हेल्दी और जवां दिखे। इसके लिए आप मुलेठी का प्रयोग कर सकते हैं। शहद और मुलेठी के पाउडर को मिलाकर चेहरे पर लगाने से रंगत निखरने में मदद मिलती है। यह चेहरे को चमकदार भी बनाता है और स्किन गुलाबी और मुलायम बनी रहती है।
मुलेठी के उपयोग – Mulethi ka Upyog
मुलेठी के अर्क में बहुत सारे आयुर्वेदिक गुण होते हैं। इसे औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। यही वजह है कि मुलेठी पाउडर के कई उपयोग हैं। इनमें से अधिकांश का उपयोग आपके स्वास्थ्य के लिए किया जा सकता है। आइए देखें कि मुलेठी का उपयोग (mulethi ka upyog) किस मर्ज से छुटकारा पाने के लिए कैसे करना है –
- मुलेठी का चूर्ण, घी, गुड़ और शहद को मिलाकर दिन में दो-तीन बार थोड़ा-थोड़ा करके चाटें, इससे गले की खराश में तुरंत आराम मिलेगी।
- मुलेठी पाउडर, दूध, चीनी, उड़द का आटा, शहद मिलाकर इसका सेवन करने से पीरियड्स के दौरान होने वाली पेट की ऐंठन में आराम मिलता है।
- मुलेठी के चूर्ण में घी मिलाकर चोट या जख्म पर लगाने से घाव भरने में मदद मिलती है।
- कफ की शिकायत होने पर मुलेठी के चुर्ण को शहद के साथ इस्तेमाल करना मददगार हो सकता है।
- मुलेठी के टुकड़े को सौंफ के साथ या सिर्फ मुलेठी को इस्तेमाल करने से मुंह की दुर्गंध से छुटकारा मिल सकता है।
- अर्थराइटिस के मरीजों को मुलेठी की चाय का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है।
- अगर आप मुलेठी को उबाल कर दूध के साथ लेंगे इससे आपके शरीर से पित्त की समस्या दूर हो जायेगी। पित्त को दूर करने के लिए मुलेठी एक अमृत है।
- मुलेठी पाउडर, किशमिश, मोहा फूल और त्रिफला मिलाकर समान रूप से पीस लें। रात भर गर्म पानी में भिगो दें और सुबह इस पानी को पी लें। इससे बुखार जल्द ही उतर जाता है और फिर दोबारा नहीं चढ़ता है।
- हिचकी तुरंत बंद करने के लिए शहद में मुलेठी का पाउडर मिलाकर चाटें।
- मुलेठी के अर्क से आंखों को धोने से नेत्र संबंधित विकारों से छुटकारा मिलता है।
- मुलेठी के छोटे-छोटे टुकड़े करके चुसते रहने से खांसी की समस्या में राहत मिल सकती है।
मुलेठी के नुकसान – Mulethi ke Nuksan
मुलेठी का इस्तेमाल सोच-समझकर किया जाना चाहिए क्योंकि मुलेठी के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। 1-2 सप्ताह से ज्यादा मुलेठी की बड़ी मात्रा लेना बहुत ही हानिकारक होता है, क्योंकि कई बार यह हाई बीपी का भी कारण बन सकती है । इसके अलावा यदि आप मूत्र संबंधित किसी भी बीमारी से ग्रसित हैं तो इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लें। इसके अलावा अगर आप गुर्दे की बीमारी या फिर डायबिटीज से भी ग्रसित हैं, तब भी आप चिकित्सक की सलाह लेकर ही मुलेठी का इस्तेमाल करें। गर्भवती महिलाओं को मुलेठी का सेवन कम से कम और अपने डॉक्टर से पूछ कर ही करना चाहिए। नहीं तो मुलेठी के नुकसान बेहद गंभीर हो सकते हैं।
मुलेठी से जुड़े सवाल-जवाब FAQS
मुलेठी आंखों के लिए किस तरह फायदेमंद है?
मुलेठी आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होती है। यह आंखों की जलन दूर करने में मददगार होती है। मुलेठी-केवड़ा से आंखों को धोने पर आंखों की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। यहीं नहीं, आंख आने पर या उससे होने वाले दर्द और जलन में भी मुलेठी का पाउडर बहुत ही सहायक साबित होता है। मुलेठी के पानी में रुई भिगोकर आंखों पर लगाने से आंखों की लालिमा भी कम हो जाती है।
मुलेठी कान के रोगों के लिए किस तरह सहायक है?
कान से संबंधित बीमारियों में भी मुलेठी का इस्तेमाल होता है। मुलेठी के पाउडर को अगर दूध में मिलाकर कानों में लगाया जाए तो कान में होने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
माइग्रेन के दर्द में मुलेठी किस तरह लाभदायक है?
अगर आप माइग्रेन के दर्द से परेशान हैं तो मुलेठी के चूर्ण का इस्तेमाल करना चाहिए। मुलेठी पाउडर में शहद मिलाकर अगर नाक में डाला जाए तो इससे माइग्रेन में बहुत आराम मिलता है।
क्या मुलेठी खून बनाने में भी सहायक होती है?
जी हां, बिल्कुल। इसके रोजाना सेवन से खून बनता है। यहीं नहीं, अगर आपके शरीर का कोई हिस्सा जल गया है तो वहां भी इसका लेप लगाने से काफी आराम मिलता है। मुलेठी और चंदन के लेप से शीतलता मिलती है।
सफेद बालों के लिए मुलेठी किस तरह लाभदायक होता है?
मुलेठी में जो खनिज तत्व मौजूद होते हैं, उससे भी बालों की सफेदी (mulethi for hair) रुकती है। इसके लेप का रोजाना या हफ्ते में कम से कम दो बार इस्तेमाल करने से बालों की सफेदी प्राकृतिक तरीके से खत्म हो जाती है।
मुलेठी की तासीर कैसी होती है?
मुलेठी की तासीर ठंडी होती है। इसीलिए गर्मियों के मुकाबले में सर्दियों में इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
मुलेठी का सेवन कैसे करे?
मुलेठी एक सूखी पेड़ की लकड़ी जैसी होती है। इसका स्वाद मीठा होता है। मुलेठी का सेवन करना बहुत आसान है। केवल इसका इतना टुकड़ा लें जिसे आप आसानी से मुंह में रख लें और केवल इसका रस चूसते रहें। आमतौर पर आवाज को बेहतर करने और खांसी में मुलेठी का उपयोग काफी किया जाता है।
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