पथरी की समस्या हमारे देश में एक सामान्य रोग माना जाता है। क्योंकि किडनी स्टोन के लक्षण गलत खानपान का परिणाम होते है। पित्त या गुर्दे की पथरी (kidney stone in hindi) होने पर खतरनाक दर्द होता है। ये रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार के होते हैं तो कुछ मटर के दाने की तरह बड़ी होती है। आमतौर पर तो पथरी पेशाब के जरिए बाहर निकल जाती हैं लेकिन जो पथरी बड़ी होती है वह बहुत ही ज्यादा दिक्कत करती है। भारत में पथरी की समस्या महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह समस्या 3 गुना अधिक है। बिना ऑपरेशन के भी पथरी का इलाज संभव है। लेकिन गुर्दे की पथरी के इलाज (Pathri ka ilaj) के बारे में जानने से पहले आइए जानते हैं किडनी स्टोन के लक्षण, पथरी तोड़ने की दवा और पथरी के दर्द का तुरंत इलाज इन हिंदी के बारे में।
दरअसल, पथरी एक तरह की खनिजों और नमक का संग्रह होती है जोकि ज्यादातर कैल्शियम और यूरिक एसिड से पत्थर बन जाती है। जब हमारे शरीर के कुछ खनिज मूत्र में जमा हो जाते हैं तो गुर्दे के अंदर पत्थर बन जाते हैं। इसे ही किडनी की पथरी (kidney stone in hindi) कहते हैं। डॉक्टरी भाषा में जब मूत्र में अघुलनशील पदार्थ, जैसे ऑक्सलेट, फॉस्फेट (और यूरिक एसिड जैसे पदार्थ शामिल होने लगते हैं, तो पथरी बनने लगती है। पथरी का आकार चावल के दाने से छोटा और टेबल टेनिस बॉल जितना बड़ा भी हो सकता है। किडनी स्टोन के चार प्रकार होते हैं, पहला – कैल्शियम स्टोन, दूसरा – यूरिक एसिड स्टोन, तीसरा – स्टवाइट स्टोन और चौथा – सिस्टीन स्टोन।
ज्यादातर लोगों के पेशाब में मौजूद कुछ खास रसायनिक पदार्थ क्षार के कणों को एक दूसरे के साथ मिलने से रोकते हैं, जिससे पथरी नहीं बनती है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों को नीचे दिये गये इन कारणों के चलते पथरी होने की आशंका बनी रहती है। तो आइए जानते हैं पथरी होने के कारणों के बारे में –
आमतौर पर गुर्दे की पथरी को मूत्र मार्ग से निकाला जाता है। कुछ मामलों में, किडनी स्टोन, यूरेटर यानि मूत्रवाहिनी में आ जाते हैं। यूरेटर या मूत्रवाहिनी, एक संकरी ट्यूब होती है जो गुर्दे और मूत्राशय के बीच होती है, जिसमें पथरी आ जाने पर संक्रमण और अन्य समस्याएं हो सकती है। इसकी वजह से असहनीय दर्द (pathri ka dard) होने लगता है। इसीलिए यहां हम आपको किडनी स्टोन के लक्षण (गुर्दे की पथरी के लक्षण) के बारे में अगाह कर रहे हैं, ताकि आपकी समस्या ज्यादा विकराल रूप न ले पाये और आप समय रहते पथरी के दर्द का तुरंत इलाज इन हिंदी कर सकें। तो आइए जानते हैं पथरी होने पर किस तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं –
आमतौर पर पथरी का इलाज डॉक्टर दवाई देकर ही कर देते हैं और स्टोन मूत्रमार्ग के जरिए बाहर निकल जाता है। लेकिन यदि पथरी का साइज बड़ा है और मूत्रमार्ग में बाधा उत्पन्न कर रही है तो पथरी का इलाज के अन्य तरीकों को अपनाया जाता है। जैसे कि लिथोट्रिप्सी (Lithotripsy), जिसमें बड़ी पथरी को तोड़ने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग कर मूत्रमार्ग से पथरी को निकाला जाता है। परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी, इसमें चीरा लगाकर पीठ या पेट के जरिए स्टोन निकाला जाता है। आखिर में यूरेटेरोस्कोपी (Uretroscopy), इसमें यूरेट्रोस्कोप के जरिए मूत्रमार्ग से पथरी को एक पिंजरेनुमा उपकरण के माध्यम से निकाला जाता है। इसके अलावा लेजर तकनीक से भी पथरी का इलाज (gurde ki pathri ka ilaj) किया जाता है। वहीं अगर पथरी ज्यादा दिक्कत नहीं कर रही है तो इसका घरेलू इलाज भी है। पथरी की देशी दवा यानि कि घरेलू इलाज के तरीके ज्यादा असरदायक है लोग पथरी होने पर सबसे पहले इन्हें ही आजमाते हैं। तो आइए जानते पथरी निकालने के घरेलू उपाय के बारे में –
गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए फिटकरी का उपयोग करें। भुनी हुई फिटकरी 1-1 ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से पथरी का दर्द भी कम हो जाता है और ये आसानी से निकल भी जाती है।
सेब से पथरी का इलाज बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। खासतौर पर पित्त की पथरी निकालने के लिए रोजाना एक गिलास पानी में 2 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर डालकर पीने की सलाह दी जाती है।
प्याज और नींबू से पथरी का इलाज करना बेहद पुराना और सबसे कारगर तरीका है। इसके लिए प्यार का रस निकालकर उसमें 1 चम्मच चीनी और 1 चम्मच नींबू का रस मिलाकर शर्बत बना लें और 2 हफ्ते इसका रोजाना सेवन करें। इससे पेट और किडनी की पथरी आसानी से गल कर बाहर निकल जायेगी।
बिजौरा नींबू से पथरी का इलाज से बहुत लोगों ने पथरी से छुटकारा पाया है। इसके लिए 4 चम्मच नींबू का रस और सामान मात्रा में ऑलिव ऑयल को मिलाकर पानी के साथ रोजाना 2-3 बार पिएं। 1 हफ्ते के अंदर ही पथरी गल के बाहर निकल जायेगी।
पथरी का दर्द लोगों को बेहाल कर देता है। ऐसे में बीयर पीने से पथरी के दर्द का तुरंत इलाज इन हिंदी हो जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि 1/2 बियर पित्त की पथरी के हमलों को लगभग चालीस प्रतिशत तक कम कर सकता है।
केले का सेवन पथरी में करने से बहुत लाभ मिलता है। क्योंकि केले में पाए जाने वाले विटामिन्स पथरी को बढ़ने से रोकते है। इसीलिए पथरी के रोगियों को रोजाना केला खाने चाहिए।
पंसारी की दुकान में मिलने वाली कौड़ी बड़े ही काम की होती है। अगर किसी को पथरी की दिक्कत है तो सुबह के वक्त चीनी मिटटी के बर्तन में सात कौड़ियों को गर्म जल से धो कर रखे ,फिर उपर से दो नीबुओं का रस निचोड़ दीजिये और सुरक्षित रख दीजिये। दुसरे दिन सुबह इस रस को छान कर पीना होगा। यह क्रिया तब तक रोजाना दोहरानी है जब तक कौड़ी पूरी तरह से घुल न जाये।
जामुन सेहत के लिए तो अच्चा होता ही है साथ ही पथरी के लिए भी एकदम रामबाण इलाज है। पके हुए जामुन के फल को खाने से पथरी गल कर मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है।
पेशाब की थैली में पथरी है तो मूली का सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए मूली के पत्तों के 10 मिली रस में 3 ग्राम अजमोदा मिलाएं। इसे दिन में तीन बार पीने से पथरी का इलाज घर बैठे ही कर सकते हैं।
इलायची से पथरी का घरेलू इलाज संभव है। बस इसके लिए एक चम्मच इलायची, खरबूजे के बीज की गिरी, और दो चम्मच मिश्री एक कप पानी में डालकर उबाले फिर इसे ठंडा होने के बाद छानकर सुबह-शाम 2 हफ्ते तक पिएं। ऐसा करने से पथरी पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जायेगी।
खानपान का आपकी सेहत से बेहद गहरा नाता है। इससे आपका स्वास्थ सुधर भी सकता है और बिगड़ भी सकता है। अगर किसी व्यक्ति को गुर्दे की पथरी या फिर पित्त की पथरी की समस्या (kidney stone in hindi) है तो उसे इस दौरान परहेज जरूर करना चाहिए। क्योंकि शरीर में पानी की कमी यूरिक एसिड और कुछ खनिजों को पतला नहीं होने देती है, जिससे गुर्दे की पथरी के निर्माण के लिए अनुकूल वातावरण बनता है। तो आइए जानते हैं कि पथरी में किन चीजों का परहेज करना चाहिए –
किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी आमतौर पर लोगों को सबसे ज्यादा होती है। किडनी और पेशाब की जगह पर छोटे-बड़े स्टोन हो जाते हैं। गुर्दे की पथरी में परहेज की बात करें तो ऐसे खाद्य पदार्थों को न खाएं जिसमें फैट तो ज्यादा है ही, साथ ही प्रोटीन भी बहुत ज्यादा हो। चिकन, मांस, वसा युक्त चीजें और फास्ट फूड आदि बहुत ज्यादा ही नुकसान करते हैं। इसी के साथ बहुत अधिक नमक का सेवन, एनिमल प्रोटीन का सेवन, प्यूरीन युक्त आहार, चीनी−मीठे फलों और शराब का सेवन न करें।
पित्ताशय में कभी-कभी कोलेस्ट्रोल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों के जमा होने से गॉल ब्लैडर स्टोन बन जाते है। धीरे-धीरे वो कठोर हो जाती हैं और पित्ताशय के अंदर स्टोन यानि पथरी का रूप ले लेती है। पित्ताशय की पथरी का परहेज में अधिक कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि तला हुआ भोजन, फ्राइड चिप्स से परहेज़ करना चाहिए। इसी के साथ लाल मांस और फुल क्रीम दूध से बनी हुई चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
पथरी का इलाज के लिए कई प्राकृतिक तरीके हैं तो पथरी तोड़ने की दवा आयुर्वेदिक के साथ-साथ होम्योपैथिक और एलोपैथी में भी उपलब्ध है। यहां हम आपको गुर्दे की पथरी की दवा (gurde ki pathri ka ilaj), पित्त पथरी की होम्योपैथिक दवा या पथरी तोड़ने की दवा के नाम तो जरूर बता रहे हैं लेकिन ये एक गंभीर समस्या है इसीलिए आपको अपने डॉक्टर की परमार्श के बाद ही पथरी की दवा का इस्तेमाल करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं पथरी तोड़ने की दवा के बारे में –
पथरी को तोड़ने या गलाने के लिए व पित्त पथरी की होम्योपैथिक दवा ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। पथरी की होम्योपैथिक दवा के नाम (Pathri ki Dawai) – कैंथारिस (Cantharis), कोकस कैक्टि (Coccus Cacti),बेलाडोना (Belladonna), डायोस्कोरिया विलोसा (Dioscorea Villosa), बर्बेरिस वल्गैरिस (Berberis Vulgaris), अर्जेंटम नाइट्रिकम (Argentum Nitricum), परेरा ब्रावा (Pareira Brava), सारसापरिला (Sarsaparilla) हैं। लेकिन इसकी कितनी खुराक कब तक लेनी है इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
किडनी की पथरी, पित्त की पथरी आदि में आयुर्वेदिक दवाएं बेहद कारगर साबित होती हैं। वरुणादि क्वाथ, गोक्षुरादि गुग्गुल, पुनर्नवा क्वाथ आदि पथरी तोड़ने की दवा आयुर्वेदिक में उपलब्ध हैं। इसके अलावा गोक्षरू, तृणपंचमूल, पुनर्नवा आदि औषधियों के द्वारा भी पथरी में लाभ मिलता है।
पेशाब की थैली में पथरी के लक्षण दिखते ही इसका इलाज तुरंत शुरू कर देना चाहिए। क्योंकि पेशाब की नली में पथरी का अटक जाना एक आपातकालीन समस्या है जिसमे तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह से फ्लोमैक्स (Flomax), हेट्रिन (Hytrin) कारडूरा (Cardura) आदि दवाएं ले सकते हैं। लेकिन पेशाब नली में पथरी अटकने पर ज्यादातर सर्जरी की ही सलाह दी जाती है।
पथरी की दर्द असहनीय होता है चाहे वो किडनी में हो या फिर पित्ताशय में, लेकिन पेशाब की थैली में पथरी का दर्द और भी ज्यादा होता है।
पथरी एक जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन समय रहते इसका इलाज बेहद जरूरी है। नहीं तो इसकी वजह से किडनी आदि खराब होने की समस्या हो सकती है।
पथरी के कारण पेशाब, किडनी और पाचन तंत्र संबंधित रोग हो सकते हैं। इसके अलावा जी मिचलाना और उल्टी आदि की भी शिकायत हो सकती है।
छोटी पथरी ज्यादा पानी पीने और होम्योपैथिक दवा से ही प्राकृतिक रूप से अपने आप पेशाब में निकल जाती है।
पथरी ज्यादा कैल्शियम लेने व बीजों वाली चीजें खाने से हो जाती हैं। इसीलिए आयुर्वेद में चबा-चबाकर खाना फायदेमंद बताया जाता है।
पथरी में अनार का जूस और अनार के दाने दोनों ही बेहद फायदेमंद होते हैं। इससे न सिर्फ डाइजेशन ठीक रहता है बल्कि किडनी के स्टोन को भी ठीक करने में मदद करता है।
पथरी की समस्या बिना ऑपरेशन के भी दूर हो सकती है। आमतौर पर मूत्र मार्ग से छोटी साइज की पथरी बाहर निकल जाती है। इस वजह पथरी के मरीजों को पानी खूब पीने की सलाह दी जाती है। एक्सपर्ट के अनुसार पथरी के मरीजों को रोजाना कम से कम 5 लीटर पानी जरूर से पीना चाहिए।
पथरी होने पर कैल्शियम अधिक मात्रा में लेने से बचें। दूध में कैल्शियम होता है इस वजह से पथरी के मरीजों को इससे परहेज करना चाहिए। यही नहीं दूध से बनी हुई चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति को पथरी की समस्या है तो उसे ऐसे खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए, जिसमें ऑक्सलेट हो। क्योंकि इससे पथरी ज्यादा होने का और साइज बढ़ने का भी खतरा रहता है। इसीलिए पथरी में पालक, टमाटर, अंगूर, चौलाई, आंवला, सोया मिल्क, सोयाबीन, चीकू , कद्दू, चॉकलेट, सूखे बींस, कच्चा चावल, उड़द की दाल, चना और सूखे मेवे नहीं खाने चाहिए।