हमारे देश के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है दिवाली, जिसे दीपावली भी कहते हैं। दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। हिंदू मान्यता के अनुसार धनतेरस (धनतेरस कब है) का पौराणिक महत्व है। धनतेरस के मौके पर लोग अपने घर में सुख-समृद्धि के लिए अलग-अलग चीजें खरीदे हैं और ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए आप यहां घर में खुशहाली के लिए धनतेरस पर क्या खरीदें के बारे में जान सकते हैं। वहीं धनतेरस क्यों मनाया जाता है और इस पर क्या खास होता है यह जानने के लिए आप इस लेख को अंत तो पढ़ें।
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धनतेरस क्यों मनाया जाता है | Dhanteras Kyu Manaya Jata hai?
धनतेरस क्यों मनाया जाता है? शायद आपके मन में भी कई बार यह सवाल आया होगा और इसलिए हम आपको इसके बारे में डिटेल में बताने वाले हैं। धनतेरस को धनत्रयोदशी और धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इसके नाम में ही इसकी तारीख और अहमियत छिपी है। ‘तेरस’ यानी 13 और ‘धन’ का मतलब है, ‘पैसा।’ धनतेरस दिवाली के 5 दिनों के त्योहार का सबसे पहला दिन होता है। यह हिन्दू कैलेंडर, जिसे हम ‘विक्रम संवत’ कहते हैं , के मुताबिक हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि, यानी 13 तारीख को मनाया जाता है। हमारे समाज में एक कहावत प्रचलित है- ‘पहला सुख निरोगी काया’, मतलब दुनिया का पहला सुख एक स्वस्थ शरीर है। इसी इच्छा के साथ भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है।
धार्मिक आस्था है कि जिस समय समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि प्रकट हुए, उस दिन कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि थी, इसलिए इस तिथि को भगवान धनवंतरि की पूजा कर आरोग्य और स्वास्थ्य धन की प्रार्थना की जाती है। वैदिक ज्योतिष और कथाओं में अश्विनी कुमार देवताओं के वैद्य कहे जाते हैं और मान्यता है कि अश्विनी कुमार आयुर्वेद विधि से ही सभी के रोग और दर्द दूर करते हैं। धनवंतरि जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी और धन्वंतरि देव की उत्पत्ति हुई थी। इस संसार को धन, दौलत, संपत्ति और स्वास्थ्य का अमृत और ज्ञान मिला, इसलिए इस दिन देवी लक्ष्मी और धन्वंतरि देव की पूजा की जाती है।
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धनतेरस कितनी तारीख की है | Dhanteras Kab Hai, kya hai tarikh?
साल 2022 में धनतेरस (धनतेरस कब की है) का त्योहार 23 अक्टूबर (धनतेरस कितनी तारीख की है) को मनाया जाएगा। बता दें कि 23 अक्टूबर को रविवार है और इसी के साथ दिवाली के त्योहार की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद 24 अक्टूबर 2022 को छोटी दिवाली और फिर 25 अक्टूबर 2022 को बड़ी दिवाली मनाई जाएगी। दिवाली का त्योहार 5 दिन का होता है और इसकी शुरुआत हमेशा धनतेरस के मौके से ही होती है।
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धनतेरस का मुहूर्त कब है | Dhanteras ka Muhurat kab hai 2022
हिंदी पंचाग के मुताबिक कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धनतेरस (धनतेरस का मुहूर्त कब है) मनाया जाता है। इस साल त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 2 मिनट पर शुरू होगी और 23 अक्टूबर की शाम को 5 बजकर 44 मिनट पर खत्म हो जाएगी। ऐसे में धनतेरस पर सुबह से लेकर शाम को 5 बजकर 44 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।
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क्या खास होता है धनतेरस पर?
हिंदू धर्म को मानने वाले लोग इस दिन को सुुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और आरोग्य से जोड़कर देखते हैं। साथ ही ये भी मान्यता है कि इस दिन कुछ खरीदारी करना शुभ होता है। धनतेरस पे क्या ख़रीदे और क्या नहीं यह नहीं पता तो यहां जान लें। विशेष रूप से लोग शुद्ध धातु यानी सोना, चांदी, तांबा और कांसा खरीदते हैं। समृद्धि को उजाले के साथ जोड़कर देखा जाता है, इसलिए इस दिन दीप प्रज्वलन का भी विशेष महत्व है। साथ ही यम को दीपदान किया जाता है। धनतेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है।
समुद्र मंथन की कथा भी इस दिन से जुड़ी है। इस दिन आयुर्वेद के जनक धनवंतरि देव की जयंती भी विशेष रूप से मनाई जाती है। धनवंतरि देव को चार भुजाधारी दिखाया जाता है। इनके एक हाथ में आयुर्वेद ग्रंथ, एक हाथ में औषधि कलश, एक हाथ में जड़ी-बूटी और एक हाथ में शंख होता है। ये लोगों पर कृपा कर उन्हें स्वास्थ और आरोग्य प्रदान करते हैं, इसलिए धनतेरस पर स्वास्थ्य प्राप्ति के लिए के लिए भी पूजा की जाती है।
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कैसे मनाए धनतेरस 2022, धनतेरस के दिन क्या करना चाहिए?
इस दिन शाम के समय में लक्ष्मी पूजन के बाद मिट्टी के दीये जलाने का रिवाज है। भजन, कीर्तन, संगीत द्वारा देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है। धन्वंतरि देव (धनतेरस के दिन क्या करना चाहिए) को भी विशेष रूप से पूजा जाता है।
ऐसा प्रचलन है कि इस दिन तक घर की धुलाई, साफ सफ़ाई और रंग-रोगन वगैरह करवा लिया जाता है ताकि दिवाली पूजन की तैयारी की जा सके। दरअसल साफ-सफाई के प्रचलन के पीछे सीधा सा वैज्ञानिक कारण स्वास्थ्य से जुड़ा है, क्योंकि जहां साफ-सफाई होगी, वहां अच्छा स्वास्थ्य और आरोग्य अपने-आप पनपने लगता है और जहां घर में सभी की सेहत अच्छी रहेगी, वहां समृद्धि भी आएगी और वैभव भी, क्योंकि सभी में कार्य करने की ऊर्जा, सकारात्मक शक्ति से भरा मन और दिमाग होगा। जब घर साफ-सुथरा हो तो उसे सजाने का मन अपने-आप ही करने लगता है, इसलिए सभी लोग अपनी-अपनी सामर्थ्य के अनुसार अपने घर को सजाते-संवारते हैं। विशेष रूप से घर के मुख्य द्वार को खूबसूरती से सजाया जाता है।
शाम के समय धन की देवी लक्ष्मी और आरोग्य के देवता धन्वंतरि का पूजन (धनतेरस पूजा विधि) किया जाता है और फिर दीप जलाए जाते हैं। इसके विषय में प्रचलित मान्यता में विविधता है, पर अधिकांश जगहों पर लगभग पांच दीये जलाए जाते हैं। एक दीया लक्ष्मी देवी का, एक दीया धन्वंतरि देव का, एक दीया तुलसी पर, एक घर की चौखट पर और एक दीया कूड़ेदान के पास जलाने का रिवाज़ है।
इसकी अगली रात को यानी नरक चतुर्दशी पर यम दीपदान किया जाता है। यम दीप घर की चौखट पर जलाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय टल जाता है। सुख समृद्धि घर में वास करती है, ऊर्जा का नवीकरण होता है।धनतेरस पर खरीदारी करना एक प्रतीक है कि आप इस दिन अपने घर में नआ ऊर्जा की स्थापना करते है। अपने घर की समृद्धि में, संपत्ति में, धन में वृद्धि करते है। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है। घर की शुभता (धनतेरस पर धनिया क्यों खरीदना चाहिए) में बढ़ोतरी होती है।
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धनतेरस के दिन क्या खरीदना चाहिए | Dhanteras ke din kya kharidna chahiye
ज्योतिष और वास्तु के मुताबिक अगर सोने या चांदी से बनी कोई वस्तु आप खरीद लेते है तो वह साक्षात् धन लक्ष्मी का प्रतीक है। अगर बर्तन खरीदना चाहें तो ब्रास या कॉपर के खरीदना (धनतेरस में क्या खरीदना चाहिए) शुभ रहता है।
स्टील के बर्तन खरीदना अवॉयड करें। लोहे का सामान जैसे तवा या कढ़ाई नहीं खरीदने चाहिए। इस दिन कांच का सामान खरीदने से भी बचना चाहिए।
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धनतेरस पर कितने दीपक जलाते हैं और कहां जलाना चाहिए| Dhanteras par kitne dipak jalate hai?
धनतेरस के मौके पर आपको शाम के वक्त कम से कम 5 दीपक जलाने चाहिए। इन दीपकों को आपको घरों के कोनों या फिर घर के बाहर ऐसे कोनों में रखना चाहिए, जहां से रोशनी हो और जहां अंधकार रहता है वहां उस दिन अंधकार न रहे। दिवाली, रोशनी का पर्व है और इस वजह से दीप जलाने का अहम महत्व माना जाता है।
धनतेरस पर कितने झाड़ू खरीदनी चाहिए | Dhanteras par ktne jhadu kharidne chahiye?
धनतेरस के मौके पर आपको 2 झाड़ूं खरीदनी चाहिए। धनतेरस पर 2 झाड़ू खरीदना काफी शुभ माना जाता है और माना जाता है कि इससे घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
धनतेरस पर दीप दान विधि और मंत्र | Dhanteras deep dan vidhi aur mantra
धनतेरस पर दीपदान करने के लिए उसकी सही विधि जानना जरूरी होता है, ताकि आप अपनी पूजा विधि-विधान से संपन्न कर सकें। सबसे पहले घर के प्रमुख द्वार की चौखट पर किसी भी अन्न (साबूत गेहूं या चावल ) की ढेरी बनाकर रखें। फिर उस पर एक अखंड दीपक जलाकर रखें। मान्यता है कि इस तरह दीपदान करने से यम देवता के पाश और नरक से मुक्ति मिलती है। वैसे आजकल की व्यस्त दिनचर्या में सभी के पास समय का बहुत अभाव देखने को मिलता है, इसलिए अगर आप पूरी प्रक्रिया न कर सकें तो इनमें से कोई एक भी कर सकते हैं।
यम पूजन के 3 तरीके :
* घर के मुख्य द्वार यानी पर यम पूजन के लिए किसी भी अनाज की, जैसे कि चावल या गेंहू की ढेरी बनाकर उसके ऊपर आटे का दीपक बनाकर रखें।
* रात को दक्षिण दिशा में घर की महिलाएं एक बड़े से दीपक में चार बत्तियों वाली जोत जलाएं। इस काम के लिे चौमुखा दीया सबसे अच्छा रहता है।
* एक दीपक घर के मंदिर में जलाकर जल, रोली, चावल, गुड़, फूल, वगैरह से यम का पूजन कर लें।
यमराज का मंत्र :
‘मृत्युना दंडपाशाभ्याम् कालेन श्यामया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रयतां मम।
धनतेरस पर पढ़ें ऋग्वेद का धन प्राप्ति मंत्र –
धनतेरस के दिन इस मंत्र का पाठ करने से माना जाता है कि आर्थिक संकट दूर होते हैं। बाद में इस मंत्र को नियमित रूप से सुबह रोज़ एक दीया जलाकर सामने रखकर जाप करने से गहरे आर्थिक संकटों में भी राहत मिलती है, ऐसी मान्यता है।
`ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर।
भूरिरेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्।
आ नो भजस्व राधसि।।´
ऋग्वेद (4/32/20-21)
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मंत्र का मतलब :
हे लक्ष्मीपते ! आप दानी हैं, साधारण दानदाता नहीं, बहुत बड़े दानी हैं। आप्तजनों से सुना है कि संसार भर से निराश होकर जो याचक आपसे प्रार्थना करता है, उसकी पुकार सुनकर उसे आप आर्थिक कष्टों से मुक्त कर देते हैं, उसकी झोली भर देते हैं। हे भगवान, मुझे अर्थ संकट से मुक्त कर दो। धनतेरस के दिन इस मंत्र का पाठ करने से हर तरह के आर्थिक संकट दूर होते हैं।
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धनतेरहस के बारे में किए जाने वाले सवाल और उनके जवाब
1. इस धनतेरस पर ख़ास ज्योतिषीय संयोग क्या है?
इस साल शुक्र गुरु के विशाखा नक्षत्र में होकर केंद्र में स्थित है, जो कि लाभ की स्थिति को दर्शाता है।
2. क्या धनतेरस पर नया बर्तन खरीदना ज़रूरी है?
ज्योतिष और वास्तु के मुताबिक इस दिन शुभ धातु खरीदना अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है। वास्तु के अनुसार अग्नि तत्त्व मज़बूत होता है, परंतु कुछ भी करने की बाध्यता के बारे में कहीं कोई नियम नहीं है। यह सभी की यथाशक्ति पर निर्भर करता है।
3. क्या धनवंतरि का उल्लेख पुराणों में मिलता है?
भारतीय पुराणों में समुद्र मंथन का उल्लेख है। साथ ही आयुर्वेद के देवता धनवंतरि का भी उल्लेख मिलेगा।
4. क्या है सही तरीका धनतेरस मनाने का?
आप अपने घर की साफ-सफाई करके उसको सजाएं। अपनी शक्ति और सामर्थ्य के अनुसार कोई नई वस्तु खरीदें, जो कि धातु की ही हो। साथ ही संध्या समय में मां लक्ष्मी और धनवंतरि देवता के पूजन के बाद दीपदान अवश्य करें।
5. धनतेरस की शुरुआत कब हुई ?
धनतेरस का उल्लेख हमें पुराणों में मिलना शुरू होता है। ऐसा माना जाता है कि देवों और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था और समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले, जिनमें से धन की देवी लक्ष्मी और आयुर्वेद के देवता धनवंतरि भी थे। सुख-समृद्धि के साथ ही स्वास्थ्य और आरोग्य की इच्छा से धनतेरस मनाने का उल्लेख बहुत पुराना है।
6. धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना चाहिए या नहीं
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है और इस वजह से धनतेरस पर आपको झाड़ू जरूर खरीदनी चाहिए।
7. धनतेरस के दिन दीपक कहां जलाना चाहिए
धनतेरस के मौके पर आपको घर के बाहर ऐसी जगहों पर दीप जलाने चाहिए, जहां कम रोशनी होती है ताकि वहां भी उस वक्त अंधकार ना रहे और सब जगह रोशनी हो।
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