अश्वगंधा को आयुर्वेद में बेहतरीन औषधियों में से एक माना गया है। आयुर्वेद में इसे खास स्थान हासिल है। यह केवल एक पौधा मात्र नहीं है, बल्कि कई बीमारियों को जड़ से खत्म करने की बेहतरीन औषधि भी है। यही वजह है कि इसकी जड़ों और पत्तियों से कई तरह की दवाएं बनाई जाती हैं। अश्वगंधा का इस्तेमाल दवा के रूप में, चूर्ण और कैप्सूल के रूप में भी किया जाता है (Ashwagandha ke Fayde)। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा है। आम बोलचाल में इसे अश्वगंधा के साथ-साथ इंडियन जिनसेंग और इंडियन विंटर चेरी भी कहा जाता है। इसके पौधे की लंबाई लगभग 35-75 सेमी. होती है। खास बात यह है कि इसकी जड़ और पत्तों की सुगंध अश्व के मूत्र के सामान होती है। यही वजह है कि इसे अश्वगंधा के नाम से पुकारा जाता है। मुख्य रूप से इसे सुखाने के बाद इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। यह पाउडर और कैप्सूल के रूप में ही सबसे अधिक लोकप्रिय है। अश्वगंधा लगभग छह हजार साल से भी पुरानी औषधि मानी गई है। आयुर्वेद में इसे विशेष स्थान दिया गया है। वेदों में भी अश्वगंधा के गुणकारी फायदे का वर्णन है। छोटी माता के घरेलू उपचार
गौरतलब है कि इसकी खेती भारत के सूखे इलाकों में होती है, जैसे मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में। इसके अलावा चीन और नेपाल में भी यह खूब पाया जाता है। पूरे विश्व में इसकी 10 और भारत में केवल दो ही प्रकार की प्रजातियां मानी जाती है। अश्वगंधा को कई बीमारियों में रामबाण की तरह माना गया है। इसके लाभों में बालों से लेकर त्वचा सहित संपूर्ण स्वास्थ्य से जुड़े अनेक लाभ शामिल हैं। यही वजह है कि आज हम आपको अश्वगंधा से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराएंगे।
अश्वगंधा स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक औषधीय पौधा है। यह इतनी बीमारियों का नाशक है कि इसे अपनी रोगनाशक और जीवनदायी औषधी के रूप में ख्यातिप्राप्त है। यह कई बीमारियों को जड़ से मिटाने की शक्ति भी रखता है। (Ashwagandha ke Fayde)
अश्वगंधा का इस्तेमाल कैंसर जैसी बीमारी में राहत ही नहीं, बल्कि छुटकारा तक पाने में किया जा रहा है। शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा में एंटी ट्यूमर गुण हैं, जो कैंसर को दूर करने में काफी मददगार होता है, इसलिए कई बार कैंसर के वैकल्पिक उपचार के रूप में भी अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है।
अगर आपको इम्युनिटी बढ़ाना है तो अश्वगंधा का सेवन ज़रूर करे। इसकी एक खूबी यह भी होती है कि यह बेहतरीन रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला पौधा है, जिसमें कई बीमारियों से लड़ने की ताकत होती है। (Ashwagandha ke Fayde) आयुर्वेद कहता है कि एनर्जी कैप्सूल लेने की जगह अगर अश्वगंधा का सेवन किया जाए तो शरीर में जमा विषैले तत्व व जीवाणु बाहर निकल जाते हैं और रोगों से लड़ने की ताकत भी आती है।
Ashwagandha ke Fayde
वर्तमान समय के लोगो में मानसिक तनाव के कई लक्षण नजर आते हैं। उन्हें तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अश्वगंधा का सेवन काफी लाभदायक है। यह औषधि एंटीस्ट्रेस वाली मानी जाती है। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि किन कारणों के कारण इसे एंटी स्ट्रेस माना जाता है, लेकिन यह सिद्ध हो चुका है कि इसके इस्तेमाल से तनाव में राहत जरूर मिलती है।
कोलेस्ट्रॉल की बात की जाए तो हाल के दौर में इस बीमारी से काफी लोग जूझ रहे हैं। हालांकि कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए कई एलोपैथी टैबलेट भी दी जाती हैं, लेकिन आयुर्वेद में अश्वगंधा को इसके लिए सर्वोपरि माना जाता है। चूंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद हैं, जिसके कारण यह हृदय से जुड़ी तमाम समस्याओं को दूर करने में सहायक है। इसके सेवन से हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में हाइपोलिपिडेमिक भी पाया जाता है, जो रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद करता है।
अश्वगंधा अनिद्रा को भगाने में भी माहिर है। अश्वगंधा के पत्तों में ट्राएथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक पाया जाता है, जो नींद को गहरा करने में मदद करता है, इसलिए अनिद्रा से परेशान व्यक्ति इसका सेवन कर सकते हैं।
आयुर्वेद में डायबिटीज के इलाज के लिए अश्वगंधा को एक बड़ा सहायक पौधा माना जाता है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। अश्वगंधा के पत्ते अथवा इसका चूर्ण खाने से काफी हद तक डायबिटीज की समस्या से छुटकारा मिलता है।
अश्वगंधा थायराइड की परेशानी को भी दूर करने में सहायक है। अगर हार्मोंस असंतुलित होते हैं तो शरीर का वजन तेजी से बढ़ता है। साथ ही अन्य परेशानियां भी होती हैं। अश्वगंधा हार्मोंस को कंट्रोल करने और उसे सुव्यवस्थित करने में सहायक होता है, जिसकी वजह से थायराइड की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
यह भी प्रमाणित हो चुका है कि अश्वगंधा के सेवन से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और याददाश्त पर अच्छा असर पड़ता है। अश्वगंधा के सेवन से नींद अच्छी आती है, जिससे मस्तिष्क को आराम मिलता है, मस्तिष्क शांत रहता है और इसका प्रभाव स्मरण शक्ति पर सीधे पड़ता है। स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय में से एक है अश्वगंधा का नियमित रूप से सेवन।
Ashwagandha Benefits in Hindi
आयुर्वेद मानता है कि अगर आप हृदय रोगी हैं तो अश्वगंधा के नियमित सेवन से कार्डियो एपोप्टोसिस के असर को कम किया जा सकता है, जिसके कारण जरूरी सेल्स नष्ट होने लगते हैं। साथ ही दिल के मजबूत व स्वस्थ टिश्यू मायोकार्डियम को भी फिर से क्रिया में लाने में इससे बहुत लाभ उठाया जा सकता है।
बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को एंटी एजिंग से गुजरना पड़ता हैं जिससे चेहरा देखने में अच्छा नहीं लगता। मगर समय से पहले एंटी एजिंग आने से रोका जा सकता है। अश्वगंधा में एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पायी जाती है, जो उम्र बढ़ने के लक्षणों जैसे; काले धब्बे, झुर्रियां, लाइन्स को रोक सकते हैं। अश्वगंधा में पाए जाने वाले तत्व स्किन कैंसर होने से भी रोकते है।
आजकल की महिलाओं में मेनोपॉज की परेशानी आम बात हो गयी है। इसके लिए आप तरह-तरह के घरेलू नुस्खें अपनाते हैं ऐसे में अश्वगंधा आपके लिए कारगर साबित होगा। यह अश्वगंधा के लिए सबसे असरदार और फायदेमंद ओषधि मानी जाती है। कई शोधकर्ताओं ने भी इस बात बात का दावा किया हैं कि मेनोपॉज में अश्वगंधा कारगर है। यह मेनोपॉज में, विशेष रूप से तनाव और चिंता से संबंधित विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए प्रभावी है।
महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ
वेजाइनल इंफेक्शन के लिए भी अश्वगंधा बहुत कारगर माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण वेजाइना में होने वाले इंफेक्शन को कम करता है। कई हद तक यह वेजाइना के सूजन और खुजली से भी राहत दिलाने में मददगार साबित होता है। इसके अलावा अश्वगंधा वेजाइना से आने वाली दुर्गंध को भी कम करने में मदद करता है। अगर आपको किसी प्रकार एलर्जी या कोई और वेजाइनल प्रॉब्लम हैं तो अश्वगंधा के इस्तेमाल से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह ले लें।
जहां अश्वगंधा कई मायनों में बेहतरीन औषधि है, वहीं इससे जुड़े कई नुकसान भी हैं और उनके बारे में भी जानना बहुत जरूरी है। कई बार अश्वगंधा का अत्यधिक सेवन नुकसानदेह हो सकता है। चूंकि अगर आप अधिक मात्रा में इसका सेवन कर रहे हैं तो हो सकता है कि आपके शरीर का तापमान कम हो जाए और छाती में दर्द होने लगे या जुकाम बढ़ जाए। इसके कई और दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। यही नहीं, अश्वगंधा को मूत्रवर्धन भी माना गया है। यह कुछ मामलों में किडनी पर भी असर डाल सकता है।
अश्वगंधा के नुकसान
इसके अधिक सेवन से दस्त की समस्या भी हो सकती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर आपकी कोई सर्जरी होनी है तो इसका सेवन बिल्कुल न करें। खास कर कोई व्यक्ति अगर एड्स जैसी बीमारी से जूझ रहा है तो उसके लिए अश्वगंधा घातक हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। चूंकि इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या हो सकती है। मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित मरीजों को भी हरगिज इसका सेवन नहीं करना चाहिए। कई बार इसके अत्यधिक सेवन से रक्तचाप के असंतुलित होने की भी समस्या हो जाती है, इसलिए इसका कितना सेवन किया जाए, कब किया जाए, इसकी सलाह डॉक्टर से ली जानी चाहिए।
बिल्कुल, मेनोपॉज में तो अश्वगंधा के सेवन के फायदे ही बताए गए हैं। चूंकि महिलाओं को मेनोपोज के दौरान तनाव और चिंता संबंधी परेशानी होती है। ऐसे में अश्वगंधा के सेवन से इससे लड़ने में मदद मिलती है। हां, बस इतनी सावधानी आपको जरूर बरतनी है कि इसका सेवन कब, कितना और कैसे करना है, ये किसी विशेषज्ञ से बातचीत के बाद ही तय कीजिएगा।
नहीं, बिल्कुल नहीं। एक तो अगर महिला गर्भवती है तो उसे अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार ही किसी भी चीज का सेवन करना चाहिए। इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या भी हो सकती है। साथ ही गर्भाशय में बच्चे को वह पोषक तत्व नहीं मिलते, जिसकी जरूरत उन्हें होती है। इस समय पूरी तरह से अपने डॉक्टर की सलाह पर निर्भर रहें, क्योंकि आपके केस में क्या सही रहेगा और क्या नहीं, ये वही बेहतर जानता है।
अश्वगंधा का अत्यधिक सेवन भी नुकसानदेह होता है, इसलिए बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए। आमतौर पर चार से पांच ग्राम अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है। अगर आप अधिक मात्रा में इसका सेवन कर रहे हैं तो हो सकता है कि आपके शरीर का तापमान कम हो जाए, छाती में दर्द होने लगे और जुकाम बढ़ जाए। फिर इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। यही नहीं अश्वगंधा को मूत्रवर्धक भी माना गया है। यह कुछ मामलों में किडनी पर भी असर डाल सकता है।
हां, यह सही है कि अश्वगंधा वजन घटाने और बढ़ाने, दोनों में ही सहायक होता है। ऐसे में इसकी मात्रा, समय और तरीके का सही ज्ञान जरूरी है। ये भी जरूरी है कि आप पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें। जैसे शहद के साथ पाउडर के रूप में सुबह-सुबह इसके सेवन से वजन कम होता है। वहीं दूध के सेवन के साथ वजन बढ़ाया जा सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है।
जी हां, बिल्कुल। यह एक बेहतरीन स्किन टोनर भी होता है। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट वाले गुण होते हैं, जो कि शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ सकते हैं। साथ ही इसका सेवन करने के साथ-साथ इसके पैक का इस्तेमाल बालों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है। सावधानी बस सेवन के सही तरीके और मात्रा से जुड़ी रखनी है, जो भी विशेषज्ञ बताएं।
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