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तेजस्वी प्रकाश बोधी वर्कआउट में हैं माहिर, जानिए क्या हैं इस एक्सरसाइज के फायदे

तेजस्वी प्रकाश बोधी वर्कआउट में हैं माहिर, जानिए क्या हैं इस एक्सरसाइज के फायदे

जब बात फिटनेस की आती है तो इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरत हमें इंस्पीरेशन और मोटीवेशन की होती है। अब ऐसे में अपनी फ्लेक्सिबिलिटी की लिमिट को टेस्ट करने से ज्यादा अच्छा क्या हो सकता है? है कि नहीं? तो अगर आप भी अपनी फ्लेक्सिबिलिटी लिमिट को टेस्ट करना चाहती हैं तो तेजस्वी प्रकाश की तरह बोधी वर्कआउट ट्राई कर सकती हैं। तेजस्वी प्रकाश तो इस वर्कआउट को प्रो की तरह करती हैं। इतना ही नहीं एक्ट्रेस की योगा ट्रेनर अनुष्का परवानी ने उनके बोधी वर्कआउट को करते हुए एक झलक भी सोशल मीडिया पर शेयर की है। लेकिन ये बोधी वर्कआउट आखिर है क्या और इसके क्या फायदे हैं? चलिए आपको बताते हैं।

बोधी वर्कआउट क्या है?

बोधी वर्कआउट, बोधी सस्पेंशन से जन्मा है जो एक यूनिक और वर्सटाइल एक्सरसाइज फॉर्म है। ये आपकी फ्लेक्सिबिलिटी, बॉडी बैलेंस, कोओर्डिनेशन और स्ट्रेंथ के लिए अच्छी होती है। बोधी वर्कआउट में स्प्लिट करना आजकल काफी पॉपुलर हो गया है।

बोधी सस्पेंशन सिस्टम

इस एक्सरसाइज में एडजस्टेबल रोप्स भी शामिल होती हैं, जिन्हें छत पर एंकर से अच्छे से सिक्योर किया गया होता है। इन रस्सियों की मदद से एक इंसान अपने बॉडी वेट को कंट्रोल कर पाता है और खुद को बैलेंस भी कर पाता है और कई सारी अलग-अलग एक्सरसाइज परफॉर्म कर पाता है।

बोधी सस्पेंशन सिस्टम में तीन बेसिक कंपोनेंट्स शामिल हैं –

  1. एंकरिंग प्वॉइंट – ये बोधी वर्कआउट के दौरान आपको स्टेबल रहने और सेफ रखने में मदद करता है। एक ओवरहेड एंकर प्वॉइंट इसके लिए बहुत अच्छा है।
  2. रस्सी और स्लिंग – ये आपकी बॉडी को सपोर्ट देती है ताकि आप रस्सी को पकड़ सकें।
  3. हेंडल और फुट लूप – पैर रखने के लिए फुट लूप जरूरी हैं ताकि आप आसानी से एक्सरसाइज कर सकें। वहीं हैंडल्स हाथों की ग्रिप को बनाए रखने में मदद करते हैं।

अगर आपको बोधी वर्कआउट में स्प्लिट करना है तो ये जरूरी है कि आप पहले अपनी बॉडी को वॉर्म-अप कर लें। वॉर्म अप के लिए आपको कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज करनी चाहिए जो आपके ब्लड फ्लो को बढ़ाने में मदद करती है। साथ ही आपको स्ट्रेचिंग भी करनी चाहिए ताकि आपकी बॉडी स्प्लिट के लिए फ्लेक्सिबल हो जाए।

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बोधी स्प्लिट के टाइप्स

  1. फ्रंट स्प्लिट – इसके लिए एंकर प्वॉइंट की ओर मुंह कर के खड़े हो जाएं और रस्सी को पकड़ लें। अब एक पैर सामने की खोल लें। अब धीरे-धीरे अपनी लोवर बॉडी को स्प्लिट पोजिशन में ले जाएं। रस्सियों की मदद से आप डीपर स्ट्रेच कर पाएंगे।
  2. साइड स्प्लिट – एंकर से सामने साइडवेज में खड़े हो जाएं और दोनों साइड रस्सियों को पकड़ लें। अब सपोर्ट की मदद से स्प्लिट करें। इस एक्सरसाइज को करने से आपकी इनर थाई फ्लेक्सिबल होती है।

बोधी स्प्लिट के फायदे

  1. फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाए – इससे आपकी ओवरऑल बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। नियमित रूप से बोधी वर्कआउट करने से आपकी बॉडी फ्लेक्सिबल होती है। साथ ही चोट लगने का खतरा भी कम होता है। इसमें स्ट्रेच होने वाली मेजर मसल्स में हैमस्ट्रिंग, हिप फ्लेक्सर और ग्रोइन मसल शामिल है।
  2. मजबूत कोर – स्प्लिट करने के लिए कोर को एक्टिवली एंगेज करना जरूरी होता है जो एब्डोमिनल और लोवर बैक मसल्स को मजबूत बनाने में मदद करता है। इससे आपको बेहतर बॉडी पोश्चर मिलता है और स्पाइन हेल्थ भी अच्छी होती है।
  3. स्ट्रेस रिलीवर – बोधी वर्कआउट, स्प्लिट एक्सरसाइज स्ट्रेस रिलीफ करने में मदद करती हैं। माइंडफुलनेस ब्रीथिंग और एक्सरसाइज से आपका स्ट्रेस कम होता है और मेंटल रिलेक्सेशन मिलती है।
  4. इंजरी का खतरा कम होता है – बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेंथ बढ़ने की वजह से बोधी वर्कआउट्स की मदद से आपको इंजरी होने का खतरा कम हो जाता है। इससे मसल फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
  5. माइंड-बॉडी कनेक्शन – बोधी वर्कआउट में माइंडफुलनेस की जरूरत होती है, खासतौर पर स्प्लिट करने के लिए। इससे माइंड और बॉडी कनेक्शन बेहतर होता है। इससे आपकी अवेयरनेस बढ़ती है और ओवरऑल मेंटल हेल्थ अच्छी होती है।
24 Nov 2023

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