टीनएज में शुरू हुई मुंहासों की समस्या ज़िंदगी में लंबे समय तक परेशान करती है। तैलीय (ऑयली) त्वचा वाले लोग खासतौर पर इस समस्या से ग्रस्त रहते हैं। जीवनशैली, गलत आदतों, खानपान, खराब कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल, दवाइयों का सेवन करने आदि वजहों से मुंहासों की समस्या बेहद आम हो गई है। ये मुंहासे माथे, होंठों से लेकर चेहरे के किसी भी भाग में हो सकते हैं। हालांकि, अपनी त्वचा का ख्याल रखकर और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करके इस समस्या का इलाज (acne ka ilaj) किया जाता है। मुँहासे के लिए सबसे अच्छी क्रीम
Table of Contents
मुंहासे होने के कारण – Pimple Kyu Hote Hai
मुंहासे के लक्षण – Symptoms of Acne in Hindi
मुंहासों का इलाज – Acne Treatment in Hindi
मुंहासे हटाने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Cure Acne in Hindi
मुंहासे क्या हैं ? – What is Acne in Hindi?
चेहरे पर पिंपल्स या एक्ने (acne) होना बेहद आम बात है। मुँहासे क्यों होते है? ये अक्सर तब होते हैं, जब हमारी त्वचा के पोर्स में किसी तरह की गंदगी या ऑयल जमा हो जाता है। आमतौर पर ऑयली स्किन वाले लोग मुंहासों की समस्या से ज्यादा परेशान रहते हैं मगर ये किसी को भी हो सकते हैं।
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मूल रूप से मुंहासे त्वचा के नीचे मौजूद तेल ग्रंथियों से संबंधित एक विकार हैं। स्किन के रोम छिद्र (पोर्स) अंदर से तेल ग्रंथी वाली कोशिकाओं से जुड़े होते हैं, जिनके कारण सीबम ऑयल स्किन के रोम छिद्र में उत्पन्न होता है। सीबम खराब सेल्स को रोम छिद्र से बाहर लाने में मदद करता है, जिसके साथ ही नए सेल्स बनते रहते हैं। मगर कई बार असंतुलित हॉर्मोन के कारण यह सीबम तेल ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, जिससे रोम छिद्र बंद होने लगते हैं और मुंहासे या दाने होने लगते हैं। सीबम में बैक्टीरिया के बढ़ने से भी रोमछिद्र बंद होने लगते हैं, जिससे मुंहासों की समस्या आम हो जाती है। लिप्स इन्फेक्शन ट्रीटमेंट
मुंहासे होने के कारण – Pimple Kyu Hote Hai
चेहरे व पीठ पर मुंहासे या एक्ने के कारण बहुत से हैं। हम यहां आपको कुछ ऐसी आम वजहों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको पिपंल हो सकते हैं। अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर व थोड़ा ध्यान रखकर एक्ने की समस्या से बचा जा सकता है। जानिए, एक्ने क्या होता है (acne kya hota hai) और इसकी मुख्य वजह।
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हॉर्मोनल बदलाव – Hormonal Changes
बढ़ती उम्र के साथ शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव का असर चेहरे पर पिंपल के तौर पर नज़र आ सकता है। लड़कियों को अपने मासिक धर्म (पीरियड्स), गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) और रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के दौरान अक्सर इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
आनुवंशिकता – Genetic
अगर आपके परिवार में किसी को बार- बार एक्ने हो जाते हैं तो इस बात की बहुत आशंका है कि आपको भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
खानपान – Eating Habits
टीनएजर्स को बाहर का खाने- पीने के कारण भी पिंपल्स की समस्या से दो- चार होना पड़ता है।
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रिसर्च की मानें तो जंक फूड का सेवन करने, ऑयली चीजें खाने, डेयरी/ बेकरी प्रोडक्ट्स का रोज़ाना सेवन करने व हाई शुगर वाली ड्रिंक्स पीने से भी एक्ने की समस्या आम हो जाती है।
दवाइयों का अत्यधिक सेवन – Overdose of Medicines
अगर आप स्ट्रेस या मिर्गी की दवाइयों का सेवन करते हैं तो एक्ने (acne) निकलना आम बात है। किसी मानसिक बीमारी के लिए लंबे समय तक दवाइयों का सेवन करना भी सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है। एलोपैथी दवाइयों का ज्यादा सेवन भी एक्ने का कारण बन जाता है।
कॉस्मेटिक – Cosmetics
जो महिलाएं पूरा दिन मेकअप लगा कर रखती हैं या रात में भी बिना मेकअप हटाए ही सो जाती हैं, उन्हें भी पिंपल्स की समस्या रहती है। इसीलिए सौंदर्य निखारने के लिए घरेलू उपायों व नैचुरल संसाधनों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
धूल- प्रदूषण – Environmental Factors
आजकल छोटे- बड़े, हर शहर में धूल- मिट्टी व प्रदूषण की समस्या काफी आम हो गई है। बाहर निकलते समय हम खुद को कितना भी कवर क्यों न कर लें, कुछ कमी रह ही जाती है। खराब वातावरण में रहने के कारण चेहरे पर गंदगी जमा होने लगती है, जिसकी वजह से पिंपल्स की समस्या बढ़ जाती है। मौसम के बदलने का असर भी एक्ने प्रोन स्किन पर जल्दी पड़ता है।
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गलत आदतें – Bad Lifestyle Habits
कुछ ऐसी आदतें हैं, जो न चाहते हुए भी हमारे अंदर बस जाती हैं। कॉफी या चाय का ज्यादा सेवन करने से सीबम बनने लगता है, जो बाद में पिंपल्स को जन्म देता है। उसके अलावा ज्यादा धूम्रपान करने या शराब पीने से भी चेहरे पर मुंहासे हो सकते हैं।
स्किन टाइप – Skin Type
ड्राई स्किन वालों की अपेक्षा ऑयली स्किन वालों को मुंहासों की समस्या से ज्यादा जूझना पड़ता है। तैलीय त्वचा वाले लोगों को अपने चेहरे की सफाई का खासतौर पर ख्याल रखना चाहिए।
धूप – Sun
फील्ड जॉब वाले लोग या जो भी व्यक्ति धूप में ज्यादा समय बिता रहा है, उसे दूसरों की तुलना में मुंहासों की समस्या से ज्यादा जूझना पड़ता है। दरअसल, सूरज की तेज़ किरणें त्वचा पर सीधा प्रभाव डालती हैं, जिसकी वजह से पिंपल्स होने लगते हैं।
बार- बार चेहरा धोना – Using Excess Face Wash
यह बात सही है कि चेहरे को हमेशा साफ रखना चाहिए पर अगर आप दिन में कई बार फेसवॉश या साबुन से अपने चेहरे की सफाई कर रहे हैं तो वह स्किन के लिए ठीक नहीं माना जाता है।
बेहतर होगा कि स्किन पर फेसवॉश या साबुन का प्रयोग ज्यादा न किया जाए।
मुंहासे के लक्षण – Symptoms of Acne in Hindi
आमतौर पर मुंहासे निकलने से पहले कोई लक्षण नज़र नहीं आते हैं पर अपनी लाइफस्टाइल को ढंग से समझने वाले लोगों को कभी- कभी पिंपल्स के निकलने का पहले से आभास हो जाता है।
1. जहां पिंपल निकलने वाला हो, कभी- कभी वहां पहले से दर्द होने लगता है।
2. अगर कई दिनों से पेट संबंधी कोई परेशानी हो तो भी पिंपल्स हो सकते हैं।
3. ज्यादा तनाव वाले माहौल में रहने से भी एक्ने की समस्या हो सकती है।
मुंहासों का इलाज – Acne Treatment in Hindi
आजकल की जीवनशैली को देखते हुए मुंहासे या पिंपल (pimple) होना कोई बड़ी बात नहीं है। इसके बारे में सोचकर स्ट्रेस लेने के बजाय एक्ने का इलाज पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे कई पिंपल हटाने के तरीके हैं (acne hatane ka tarika), जिनसे मुंहासे की समस्या से निजात पाई जा सकती है।
होम्योपैथी – Homeopathy – किसी भी बीमारी का इलाज जब होम्योपैथी के द्वारा किया जाता है तो उस समस्या की मूल वजह को हटाने पर जोर दिया जाता है। इस उपचार विधि में मुंहासे के ब्रेकआउट से राहत पाने में मदद प्रदान की जाती है। होम्योपैथी के किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेकर आप इसकी दवाई ले सकते हैं।
ब्लू लाइट – Blue Light – मुंहासे का इलाज करने की यह सबसे नई विधि है। लाल मुंहासों या सूजन वाले मुंहासों का इलाज ब्लू लाइट के ज़रिये किया जा सकता है। मुंहासों के लिए प्रीपेयोनिबैक्टीरियम एकनेस नाम के बैक्टीरिया को जिम्मेदार माना जाता है। खास बात है कि त्वचा की तेल ग्रंथियों में रहने वाला यह बैक्टीरिया नीली रोशनी के संपर्क में आते ही नष्ट हो जाता है। नीली रोशनी की गर्मी से तेवचा की तेल ग्रंथियां भी सिकुड़ने लगती हैं, जिससे सीबम कम मात्रा में बनता है।
लेजर – Laser – यह एक मॉडर्न प्रोसेस है, जिसमें मुंहासे में मौजूद बैक्टीरिया को मारने के लिए स्पंदित लेजर किरणों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे भविष्य में भी मुंहासे होने की आशंको को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
हर्बल – Herbal – आमतौर पर इस विधि से किए गए उपचार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह इलाज घर या घर के आसपास पाई जाने वाली सामग्रियों से किया जाता है। मुलतानी मिट्टी, हल्दी, नीम आदि मुंहासे के इलाज में काफी कारगर माने जाते हैं।
मुंहासे हटाने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Cure Acne in Hindi
अगर आप किसी डॉक्टर या स्किन स्पेशलिस्ट से सलाह या दवाइयां लेने से पहले खुद घरेलू उपायों (acne home remedies in hindi) से पिंपल हटाना चाहते हैं तो यह एक अच्छा आइडिया है। त्वचा पर ऐसे ही किसी भी चीज का इस्तेमाल करने के बजाय चेहरे से कील मुंहासे हटाने के उपाय की तरफ ध्यान देना चाहिए (acne treatment at home in hindi)।
टूथपेस्ट – Toothpaste
सफेद टूथपेस्ट में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इनसे पिंपल के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को कम करने में मदद मिलती है।
क्या चाहिए – सफेद टूथपेस्ट और रुई
कैसे लगाएं – पिंपल का आकार घटाने के लिए रुई में थोड़ा सा टूथपेस्ट लेकर पिंपल पर लगाएं। ध्यान रहे कि टूथपेस्ट सफेद ही हो, जेल वाला नहीं।
टिप – रात में यह नुस्खा आज़माने के बाद सुबह साफ पानी से मुंह धो लें।
बर्फ – Ice
पिंपल निकलने की शुरुआत होते ही अगर उस पर बर्फ रगड़ ली जाए उसकी सूजन कम हो जाती है और वह धीरे- धीरे ठीक हो जाता है। यह बहुत अच्छा एक्ने ट्रीटमेंट (acne treatment in hindi) है।
क्या चाहिए – बर्फ का टुकड़ा और साफ कपड़ा
कैसे लगाएं – एक साफ कपड़े में बर्फ का छोटा टुकड़ा लपेट लें। अब पिंपल के ऊपर धीरे- धीरे उस टुकड़े को रगड़ें। ध्यान रहे कि बहुत देर तक बर्फ को पिंपल पर न रगड़ें।
टिप – इस प्रक्रिया को दो- तीन मिनट तक ही करें।
एलोवेरा – Aloevera
एलोवेरा में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं, जिनसे मुंहासों के कारण त्वचा पर होने वाली जलन और सूजन कम होती है।
क्या चाहिए – एलोवेरा… एलोवेरा को तोड़ने पर उसके अंदर से जेल जैसा एक एक द्रव्य निकलता है। मुंहासे के इलाज के लिए उसी जेल का प्रयोग करना होता है।
कैसे लगाएं – एलोवेरा के इस प्योर जेल को सीधे पिंपल पर लगाएं।
टिप – एलोवेरा जेल को 10- 15 मिनट तक पिंपल पर लगाए रखने के बाद चेहरा धो लें।
टी ट्री ऑयल – Tea Tree Oil
टी ट्री ऑयल में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इस तेल को मुंहासे के इलाज में बेहद कारगर माना जाता है।
क्या चाहिए – दो से तीन बूंद टी ट्री ऑयल, एक चम्मच जैतून का तेल
कैसे लगाएं – एक कटोरी में टी ट्री ऑयल और ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल) को मिला लें। अब तेल के इस मिश्रण को रुई या उंगली की मदद से पिंपल पर लगाएं।
टिप – तेल के इस मिश्रण को चेहरे पर लगाने से पहले हाथ पर लगा लें। अगर किसी तरह की एलर्जी महसूस हो तो इसका इस्तेमाल करने से बचें। अगर इससे एलर्जी न हो रही हो तो हर कुछ घंटों में इसे पिंपल पर लगाएं।
लहसुन – Garlic
लहसुन में ऐसे एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो मुंहासों के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं।
क्या चाहिए – दो- तीन लहसुन की कलियां और पानी
कैसे लगाएं – लहसुन की कलियों का पेस्ट बनाकर उसमें थोड़ा सा पानी मिला दें। लहसुन के रस को पानी में पूरी तरह से घुलने दें। फिर इस पेस्ट को डायरेक्ट पिंपल पर लगाएं।
टिप – इस पेस्ट को 5- 10 मिनट तक चेहरे पर लगाए रखने के बाद चेहरा धो लें।
शहद – Honey
यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, जो पिंपल को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है। इसमें मौजूद हाइड्रेटिंग गुण से त्वचा स्वस्थ भी बनती है।
बालों के लिए बेहद फायदेमंद है शहद
क्या चाहिए – शहद
कैसे लगाएं – एक कटोरी में थोड़ा सा शहद लें। अपनी उंगली से शहद को पिंपल पर लगाएं।
टिप – शहद को पिंपल पर लगाने के बाद 20- 25 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दें। फिर पानी से पिंपल वाली जगह को साफ कर लें।
गुलाब जल – Rose Water
गुलाब जल एंस्ट्रिंजेंट और स्किन टोनर का काम करता है। यह दाग- धब्बों को मिटाने के साथ ही त्वचा को नमी भी प्रदान करता है।
क्या चाहिए – दो चम्मच गुलाब जल और दो चम्मच चंदन पाउडर
कैसे लगाएं – चंदन पाउडर में गुलाब जल मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को उंगली से पिंपल पर लगाएं।
टिप – पेस्ट के सूख जाने के बाद उसे पानी से धो लें। इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर भी लगा सकते हैं।
नारियल तेल – Coconut Oil
यह ठंडा होने के साथ ही त्वचा को नर्म भी रखता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ ही एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं।
क्या चाहिए – नारियल तेल
कैसे लगाएं – एक या दो चम्मच नारियल तेल को हल्का गुनगुना कर लें। अब उंगली की मदद से इस तेल को पिंपल पर लगाएं।
टिप – नारियल तेल को हर कुछ घंटों में लगाते रहें।
चेहरे की खूबसूरती के लिए बेहद फायदेमंद है नारियल का तेल
हल्दी – Turmeric
इसे एक एंटीसेप्टिक औषधि माना जाता है। हल्दी से त्वचा पर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है और त्वचा की कोशिकाएं भी जल्दी ठीक होती हैं।
क्या चाहिए – हल्दी और पानी
कैसे लगाएं – हल्दी में पानी मिलाकर उसका पेस्ट तैयार कर लें। फिर पेस्ट को मुंहासे पर लगाएं।
टिप – 10- 15 मिनट तक इस पेस्ट को लगाए रखें। उसके सूखने के बाद चेहरे को पानी से धो लें।
इन वजहों से हल्दी का है इतना महत्व
नीम – Neem
नीम एक नैचुरल एस्ट्रिंजेंट है, जिसकी पत्तियों में एंटीफंगल और ऐएंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। नीम की पत्तियों से खून भी साफ रहता है।
क्या चाहिए – नीम के कुछ पत्ते, एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल
कैसे लगाएं – नीम के पत्तों को धूप में अच्छी तरह सुखाकर उनका पाउडर बना लें। अब एक चम्मच नीम के पाउडर में बराबर मात्रा में मुल्तानी मिट्टी और थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पिंपल पर लगाकर सूखने दें।
टिप – इस पेस्ट को 10- 15 मिनट तक लगाए रखने के बाद धो लें।
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