हमारे यहां हमेशा से शादी के बाद प्रेगनेंसी को रिलेशनशिप के अगले पड़ाव के रूप में देखा जाता है। आज के आधुनिक दौर में भी किसी भी इंडीपेंट महिला के लिए प्रेगनेंसी लाइफ के एक सुखद पड़ाव की तरह है। आज महिलाएं शादी करें या न करें, वो अपनी फैमिली प्लानिंग को पर्सनल चॉइस की तरह देखती हैं और प्रेगनेंसी को अपने लिए किसी तरह की रुकावट नहीं मानती हैं। लेकिन वो इसे अपने हिसाब से देखते हुए ही प्लान करती हैं। ऐसे में ये जरूरी है कि सभी के पास प्रेगनेंसी से जुड़ी सही जानकारी हो और ये भी पता हो कि प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दिखते है?, प्रेगनेंसी से बचने के लिए क्या क्या कर सकते हैं (Pregnancy se Bachne ke Liye Kya kare) और ये भी कि क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है।
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जानिए क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है?
ऐसे तो आमतौर पर शादी के पहले कम ही लोगों को प्रेगनेंसी से जुड़ी जानकारी होती है, लेकिन जिनके पास जानकारी होती भी है वो भी ये कम ही जानते हैं कि ऐसी चीजे भी होती हैं जिन्हें खाने से गर्भ नहीं ठहरता है। अगर आपको भी ये नहीं पता कि प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए कैसे रहना चाहिए तो हम यहां कुछ जानकारी आपको दे रहे हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि क्या-क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है (kya khane se pregnancy nahi hoti )। कुछ लोगों को प्रेगनेंसी से बचने के लिए भी ये जानना चाहिए कि क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है (pregnancy se bachne ke liye kya kare)। पढ़िए-
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Pregnancy Symptoms in Hindi – बहुत सी महिलाओं को गर्भावस्था को लेकर सबसे पहले यही कंफ्यूजन होने लगती है कि प्रेगनेंसी के लक्षण क्या हैं।
1. रेड मीट|Red Meat
रेड मीट आमतौर पर मैमल्स (स्तनधारी जानवरों) के मांस को कहा जाता है जैसे मटन, लैंब, भेड़, सूअर आदि। रेड मीट में प्रोटीन और फैट, दोनों ही बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं और इसका सेवन अगर कम कुक किए हुए रेसिपी में किया जाए तो इसमें मौजूद बैक्टेरिया काफी नुकसान पहुंचा सकता है। फैट की अधिकता की वजह से रेड मीट को उन खाने की चीजों में शामिल किया गया है जिससे आसानी से गर्भ नहीं ठहरता है।
2. प्रोसेस्ड मीट| Processed Meat
डिब्बाबंद, कैन में प्रोसेस करके रखा गया कच्चा या आधा पका मीट जैसे लिवर, सॉसेज या हैम जैसी चीजों में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट की अधिकता होती है। इनसे फर्टिलिटी कम होने का डर बना रहता है। कच्चे और कम पके मीट के सेवन से इनमें रहने वाले परजीवी संक्रमण का कारण बन सकते हैं और इनसे टॉक्सोप्लाज़मोसिस नामक बीमारी होने का खतरा रहता है।
इतना ही नहीं एक शोध में ये बात सामने आई है कि प्रोसेस मीट से पुरुषों का स्पर्म काउंट और क्वालिटी दोनों प्रभावित होते हैं।
3. कुछ खास तरह के डेयरी प्रोडक्ट्स| Special Type Of Dairy Products
विशेषज्ञ मानते हैं कि स्किम्ड मिल्क या लो फैट मिल्क प्रेगनेंट होने के लिए अच्छे हैं, लेकिन फुल फैट मिल्क से भी स्पर्म की क्वालिटी प्रभावित होती है। कुछ शोध के अनुसार ज्यादा दूध और चीज से भी पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी पर असर पड़ता है।
4. कच्चा दूध | Milk That Is Not Pasteurized
ये भी कहा जाता है कि सीधे कच्चे दूध या बिना पाश्चराइजेशन किए गए दूध को पीने से भी या ऐसे दूध से बनी चीजें खाने से भी गर्भ आसानी से नहीं ठहरता है।
5. कैफीन | Caffeien
चाय, कॉफी के साथ-साथ ऐसे एनर्जी ड्रिंक्स और सोडा जिनमें कैफीन की मात्रा बहुत अधिक होती है प्रेगनेंट होने के लिए फायदेमंद नहीं माना जाता है। ज्यादा कैफीन के सेवन से भी पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है।
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Home Pregnancy Test in Hindi– यदि एक महिला ने गर्भधारण किया है, तो लगभग 10 दिनों के बाद, शरीर में इस हार्मोन का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है, जो घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट का सही रिजल्ट दे सकता है। घरेलू उपाय के अलावा आजकल मार्केट में प्रेगनेंसी टेस्ट किट भी उपलब्ध है।
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6. सोया | Soya
हालांकि सोया काफी सेहतमंद है, लेकिन अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं तो इसका सेवन ज्यादा न करने में भलाई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सोया में बड़ी मात्रा में आइसोफ्लेवोंस होते हैं जिनमें एस्ट्रोजेनिक प्रभाव होता है। इससे शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है और परिणामस्वरूप टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट आने लगती है। कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर तब स्पर्म (शुक्राणु) की गुणवत्ता के साथ-साथ गिनती पर असर डालने लगता है और पुरुषों की प्रजनन क्षमता को भी नेगेटिव तरीके से प्रभावित करता है।
7. कुछ खास तरह की मछलियां| Some Types Of Fishes
साल्मन, ट्राउट जैसे स्मोक्ड फिश के शौकीन हैं तो बता दें कि इन मछलियों के सेवन से भी उन लोगों को परेशानी हो सकती है जो प्रेगनेंसी प्लान कर रहे हैं। इन मछलियों से संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है।
इसके अलावा टूना, शार्क, स्वोर्डफिश, किंग मैकरेल और टाइलफिश जैसी मछलियों को नियमित खाने से शरीर में मरकरी का स्तर बढ़ने सकता है। अगर प्रेगनेंसी प्लान कर रहे हैं तो इन मछलियों को बहुत कम या न के बराबर खाएं। साथ ही इस बात का ध्यान दें कि किसी भी तरह के कच्ची या कम पके हुई मछली की रेसिपी ट्राय न करें।
8. प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट| Processed Carbohydrates
व्हाइट ब्रेड, पास्ता, मैदा, बेक की हुए चीजें जैसे कुकीज. केक आदि प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट की श्रेणी में आते हैं। इसमें पैक्ड स्नैक्स भी शामिल है। प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेस का ग्लाइसेमिक स्तर ज्यादा होता है जिसका मतलब ये है कि इनके सेवन के बाद इनमें मौजूद शुगर शरीर में ज्यादा जल्दी घुल जाते हैं और शरीर का ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ जाता है। इससे कुछ लोगों को प्रेगनेंसी प्लान करने में काफी दिक्कत आती है।
9. मीठा| Sweets
शोध ये बताते हैं कि जो लोग लगातार मीठा खाते हैं या मीठी चीजें खाना बहुत पसंद करते हैं उनमें भी फर्टिलिटी धीरे-धीरे कम होने लगता है और इल लोगों को प्रेगनेंसी प्लान करने में काफी दिक्कत आती है। अगर प्रेगनेंसी प्लान कर रहे हैं तो मीठे सोडा और मीठी ड्रिंक्स से तुरंत दूरी करनी चाहिए।
10. अल्कोहल| Alcohol
अल्कोहल का अत्यधिक सेवन पुरुषों की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है और महिलाओं में भी मिसकैरेज के चांस बढ़ा देता है। कुछ शोध ये कहते हैं कि जरूरत से ज्यादा अल्कोहल के सेवन से पुरुषों में स्पर्म का निर्माण प्रभावित होता है और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन भी कम बनता है।
टीवी या फिल्मों में प्रेगनेंसी या अनचाही प्रेगनेंसी, दोनों को ही बड़ा बढ़ा चढाकर दिखाया जाता है। लेकिन असल जीवन में एक हेल्दी रिलेशनशिप को एंजॉय करते हुए भी प्रेगनेंसी से बचे रहने के लिए जरूरी है कि आपके पास क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है, किन चीजों को प्रेगनेंसी प्लान करते हुए खाने से बचना है(food to avoid when trying to get pregnant) जैसी जानकारी हो।
Kya Khane se Pregnancy Nahi Hoti | क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है से जुड़ें कुछ सवाल – FAQ’s
1. गर्भ कब नहीं ठहरता है?
जब किसी तरह की बीमारी जैसे थायरॉइड या पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या खराब जीवनशैली औऱ कभी-कभी अत्यधिक एक्सरसाइज की वजह से महिला ओव्युलेट नहीं कर पाती है तब उसे गर्भ नहीं ठहरने की समस्या आती है। इसके अलावा कई बार खान-पान से जुड़ी कुछ चीजें प्रेगनेंसी को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करती हैं।
2. बच्चा कब ठहरता है?
जब महिला का शरीर फर्टाइल होता है उस वक्त उनके मासिक धर्म की साइकिल 28-32 दिन होती है और ओवुलेशन आमतौर पर इस चक्र के 10वें और 19वें दिन के बीच होता है। ओवुलेशन के समय ओवरी यानि अंडाशय से अंडा बाहर निकलता है। शरीर के इसी समय को गर्भधारण के लिए सबसे सही माना जाता है। इन्हीं दिनों में पुरुष शुक्राणु के मिलने के बाद फर्टिलाइजेशन शुरु होता है गर्भ ठहरता है। किसी भी मासिक चक्र के दौरान केवल छह दिन होते हैं जब महिला गर्भवती हो सकती है, ओवुलेशन के पहले 5 दिन और ओवुलेशन के बाद 24 घंटे. ऐसा इसलिए क्योंकि पुरुष के शुक्राणु महिला के शरीर में 5 दिनों तक रह सकते हैं और महिला का अंडा 12-24 घंटों के लिए ही रहता है।
3. प्रेग्नेंट ना होने के घरेलू उपाय?
असुरक्षित यौन संबंध के बाद अनचाहा गर्भ होने का खतरा कम करना है तो इसके लिए कई तरह के घरेलू उपाय हैं जैसे 5 दिनों तक हर रोज 4 बार अदरक को पानी में उबालकर चाय बनाकर पीने से पीरियड शुरु हो जाता है। इसी तरह ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें खाने से पीरियड्स शुरू हो जाते हैं और आप प्रेगनेंट होने से बच सकते हैं।
4. माहवारी के कितने दिन बाद गर्भ नहीं ठहरता है?
आखिरी पीरियड के शुरू होने के 10-19वें दिन के बाद यदि आप सेक्स करती हैं तो आपके प्रेगनेंट होने चांस सबसे अधिक होते हैं। इस समय के पहले या इसके बाद सेक्स करने से गर्भधारण करना संभव नहीं होता है। इसके अलावा अगर रेड मीट, अलकोहल जैसी चीजें अगर जीवनशैली में शामिल हो तो ये भी गर्भ को ठहरने नहीं देते हैं।