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एयर पॉल्यूशन के गंभीर परिणामों से खुद को बचाने के लिए अपनाएं ये कुछ नेचुरल रेमेडीज

एयर पॉल्यूशन के गंभीर परिणामों से खुद को बचाने के लिए अपनाएं ये कुछ नेचुरल रेमेडीज

आजकल  प्रदूषण जनित बीमारियों से कई लोग बीमार हो रहे हैं। मुख्य लक्षण खांसी, सर्दी और छींक हैं। स्वस्थ लोगों पर प्रदूषण का गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। वायु प्रदूषण हमारे लिए काफी खतरनाक होता है। ये व्यक्ति की स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि एयर पॉल्यूशन से अपना बचाव किया जाये।

वायु प्रदूषण से बचाव के घरेलू उपाय Home Remedies to Fight Air Pollution Health Tips in Hindi

आजकल वैसे भी एयर पॉल्यूशन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इसके चलते बच्चों को ही नहीं, बुजुर्गों को भी सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। आपने पढ़ा या सुना भी होगा कि दिल्ली में सांस लेने मतलब एक दिन में 50 सिगरेटों का धुआं शरीर के अंदर लेने जैसा हो गया है। बढ़ते वायु प्रदूषण से सुरक्षित रहने के लिए आप नीचे दिये गये कुछ घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं। यह फेफड़ों को साफ करेगा, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देगा और आपके शरीर को डिटॉक्स करेगा। तो आइए जानते हैं वायु प्रदूषण से बचाव के घरेलू उपाय के बारे में –

हल्दी दूध का सेवन

हल्दी में शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। हल्दी को सुपरफूड माना जाता है। जो फ्लू, बुखार, अस्थमा का इलाज कर सकता है। हल्दी ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज के लिए बहुत अच्छी है। सोने से पहले एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध पिएं। इससे गले की खराश दूर होगी और साथ ही आपको अंदर से भी स्ट्रांग रखने में मदद करेगा

तुलसी की चाय

अगर आप प्रदूषण संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं या अपने फेफड़ों को साफ रखना चाहते हैं तो आप तुलसी की चाय भी ले सकते हैं। ऐसा करने के लिए एक बर्तन में 5-6 तुलसी के पत्ते पानी के साथ रखें। उबाल पर लाना। फिर 15 मिनट के लिए आंच धीमी कर दें और इसे उबलने दें और फिर छान कर एक कप में पियें। आप इसमें शहद और गुड़ भी मिला सकते हैं।

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बीटा कैरोटीन

प्रदूषित हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने से सिरदर्द हो सकता है। अगर आपको यह समस्या है तो आपको अपने आहार में बीटा कैरोटीन को शामिल करना चाहिए। इनमें शकरकंद, गाजर, पत्तेदार सब्जियां, बटरनट स्क्वैश, केंटालूप, लेट्यूस, पेपरिका, खुबानी, ब्रोकली और मटर शामिल हैं। ये पदार्थ आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएंगे और सभी संक्रमणों को दूर रखेंगे।

सरसों का तेल

सरसों का तेल मुख्य रूप से किचन में इस्तेमाल ही होता है। सरसों के तेल का सेवन पोषक तत्वों के अलावा जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण भी होते हैं। सरसों के तेल और लहसुन का थोड़ा सा मिश्रण पैरों और माथे पर मलने से सिर दर्द और सर्दी से राहत मिलती है।

देशी घी

अपने दैनिक आहार में घी को शामिल करें। घी प्रदूषकों के दुष्प्रभाव को कम करता है। आप थोड़े से गर्म तेल से अपने नथुने और पैरों की मालिश भी कर सकते हैं।

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17 Nov 2021

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