हर साल अक्टूबर के महीने में हर जगह ब्रेस्ट कैंसर को लेकर अवेयरनेस प्रोग्राम (breast cancer awareness month) चलते हैं। अब भारत में भी ब्रेस्ट कैंसर को लेकर एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया से लेकर स्कूल, कॉलेज और ऑफिस तक में महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी जानकारी दी जा रही है। लेकिन इसके बावजूद भी हमारी लाइफस्टाइल, तनाव, भागदौड़ और खुद के शरीर के प्रति लापरवाही के चलते ब्रेस्ट कैंसर ग्रामीण महिलाओं में कम जबकि शहरी महिलाओं में सबसे ज्यादा सामने आ रहा है। अगर वास्तव में महिलाएं अपने शरीर पर थोड़ा सा ध्यान दें और जागरुक हो जाएं तो इस बीमारी को पहचानना काफी आसान है। समय रहते डायग्नोसिस इस बीमारी को जल्द से जल्द खत्म करने में बेहद कारगर है।
आपको बता दें कि हमारे देश में ब्रेस्ट कैंसर की जांच (Breast Cancer in hindi) के लिए किया जाने वाला मेमोग्राम थोड़ा महंगा होता है, इसीलिए डॉक्टर ये कहते हैं कि महिलाओं को ब्रेस्ट सेल्फ एक्जामिनेशन जरूर करना चाहिए। एक्सपर्टस के बताए तरीकों से घर पर रहकर ही सभी महिलाओं को खुद ही महीने में एक बार स्तनों की जांच करें, इसे ब्रेस्ट सेल्फ एक्जामिनेशन (Breast self exam)कहते हैं। इससे समय रहते ब्रेस्ट कैंसर या अन्य किसी बीमारी का पता आसानी से लगाया जा सकता है। डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाने से पहले आप चाहें खुद ही अपने ब्रेस्ट की जांच कर शुरुआती लक्षणों को पहचान सकती हैं। ब्रेस्ट की जांच कैसे, कब करना चाहिए ? ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम करने का स्टेप बाई स्टेप तरीका यहां जानें –
ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम Self Examination Of Breast in Hindi
आमतौर पर माना जाता है कि अगर स्तन में कोई गांठ हो, स्किन पील हो रही हो, निप्पल्स में सूजन, स्तन के रूप- स्वरूप में कोई बदलाव हो या फिर निप्पल से किसी तरह का स्राव हो तो यह ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर के लक्षण होते हैं। ब्रेस्ट कैंसर ज्यादातर महिलाओं में होता है लेकिन यह आखिर होता क्यों है, इस बारे में अभी बहुत स्पष्ट रूप से कोई बात सामने नहीं आई है। यूं कहा जाता है कि महिलाओं का मोटापा, व्यायाम न करना, एल्कोहल का सेवन, मासिक धर्म रुकने के बाद हार्मोन थेरेपी, रेडिएशन, कम उम्र में पीरियड होना, देर से बच्चे पैदा होना या बच्चे पैदा न होना और पारिवारिक इतिहास जिम्मेदार होता है। लेकिन अगर ब्रेस्ट कैंसर से बचाव करना है तो ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम करना जरूरी है।
आखिर ये क्या हैं?? ये एक ऐसा तरीका है जिसमें ब्रेस्ट को ध्यान से देख कर और अच्छे से छूकर किसी भी बदलाव को पकड़ा जा सकता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर जल्दी (अर्ली स्टेज) डिटेक्ट हो जाता है और इसलिए आपके एकदम ठीक होने के चांसेस बहुत बढ़ जाते हैं। इसे करने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगता है और इसे महीने में एक बार (पीरियड्स के 1 हफ्ते बाद ) करना सही होता है। तो अब बिना देरी के जानते हैं कि ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम करते कैसे हैं!
ब्रेस्ट कैंसर की जांच स्वयं से कैसे करें | step by step guide Self Examination Of Breast
सबसे पहले एक अच्छी रोशनी वाली जगह पर कांच के सामने खड़ी हो जाएं और अपने ब्रेस्ट को ध्यान से देखें। घबराएं नहीं अगर दोनों ब्रेस्ट एक जैसे शेप या साइज के ना हों क्योंकि ज़्यादातर महिलाओं में ये एक जैसे नहीं होते हैं। अब फॉलो करें ये आसान 5 स्टेप्स और हर स्टेप में ऊपर बताये स्तन कैंसर के साइन और लक्षणों को अच्छे से चेक करें-
स्टेप 1
अपने हाथों को साइड में रिलेक्स्ड रखें और ब्रेस्ट और निप्पल्स के शेप, आकार या त्वचा को ध्यान से देखें। अगर आपको ऑरेंज पील स्किन, डिम्पलिंग या पकेरिंग, लम्प्स या फिर डिस्चार्ज वगैरह है तो डॉक्टर को दिखाएं।
स्टेप 2
अपने कंधे सीधे रखें और हाथों को हिप्स पर रखें ताकि ब्रेस्ट के नीचे के चेस्ट मसल टाइट हो जाएं। अब ध्यान से ब्रेस्ट और निप्पल्स पहले की तरह ही देखें। अच्छे से देखने के बाद दोनों तरफ (लेफ्ट और राइट) घूमें और दोनों साइड भी ब्रेस्ट कैंसर के सिम्पटम्स के लिए चेक करें।
स्टेप 3
अब अपने बाज़ुओं को ऊपर कर के खड़े हो जाएं और ध्यान से देखें कि कहीं डिस्चार्ज एक या दोनों निप्पल्स से तो नहीं निकल रहा है। डिस्चार्ज पानी जैसा (वाटरी), दूधिया (मिल्की), पीला या खून भरा भी हो सकता है। इसके साथ बाकी सभी स्तन कैंसर के सिम्पटम्स को भी ज़रूर चेक करें।
स्टेप 4
अब नीचे लेट जाएं और अपना दायां हाथ सर के नीचे रखें। आप चाहें तो दाएं कंधे के नीचे छोटा तकिया या तौलिये को फोल्ड करके रख सकती हैं। अब अपने बाएं हाथ से दाएं ब्रेस्ट को छूते हुए अच्छे से एक्सामिन करें। इसके लिए उंगलिओं को एकसाथ रख कर फिंगरटिप्स यानि उंगली के आगे वाले भाग को हल्के लेकिन फर्म हाथों से दबाते हुए पूरा ब्रेस्ट चेक करें। आपको पूरा ब्रेस्ट- ऊपर से नीचे और दोनों तरफ से, कालरबोन से लेकर नीचे (टॉप ऑफ़ एब्डोमेन) और आर्मपिट से लेकर क्लीवेज तक सारा एरिया अच्छे से चेक करना है।
इसे आप दो तरह से कर सकते हैं- निप्पल्स से शुरू करते हुए सर्कुलर मोशन में दबाते हुए चेक करें या ऊपर से नीचे आते हुए ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण के लिए चेक करें। आप जैसे भी करें ध्यान रखें कि ब्रेस्ट का हर टिश्यू आप फील करें।
- स्किन और उसके नीचे के टिश्यू = हल्के प्रेशर से दबाएं।
- ब्रेस्ट के बीच के टिश्यू = मीडियम प्रेशर से दबाएं।
- पीछे के डीप टिश्यू = फर्म प्रेशर से दबाएं। जब आप डीप टिश्यू तक पहुचेंगे तो आपको अपना रिब केज भी फील होना चाहिए।
- ऐसा दोनों तरफ के ब्रेस्ट के लिए करें।
स्टेप 5
शॉवर में खड़े होकर या बैठ कर जैसा स्टेप 4 में बताया है वैसे ही अच्छे से छूकर दोनों ब्रेस्ट का पूरा एरिया स्तन कैंसर के साइन के लिए अच्छे से चेक करें। स्टेप 4 के मुकाबले इसमें चेक करना ज़्यादा आसान होता है क्योंकि त्वचा गीली और स्लिपरी होती है। आप चाहें तो 4 और 5 दोनों स्टेप्स कर सकती हैं या कोई भी एक कर सकती हैं अपनी सुविधानुसार।
ये एरिया भी करें चेक
ब्रेस्ट कैंसर के लिए सिर्फ ब्रेस्ट ही नहीं बल्कि आर्मपिट की जांच भी जरूरी है ।ध्यान रहे कि ब्रेस्ट एरिया के साथ-साथ आपको आर्मपिट, कॉलरबोन के नीचे दाहिनी ओर भी अच्छे दबाकर चेक करना चाहिए कि कही कोई लम्प्स यानि कि गांठ तो नहीं है। अक्सर यहां की गांठ पेनफुल, हार्ड टू टच होती है। इस तरह के मामले में बिल्कुल भी देरी न करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
ब्रेस्ट कैंसर के कुछ-कुछ लक्षण जैसे कि बंप्स, बढ़ती नसें, छिलती त्वचा, डिंपल पड़ना, पानी जैसा स्राव होना और लाली आना, ये जानकर आपको एक छोटा से एग्जाम करके आपको कितना फायदा हो सकता है। अगर एक छोटी सी आदत आपको स्वस्थ और सुरक्षित रख सकती है तो उसे अपनाने में ही समझदारी है। ब्रेस्ट कैंसर के विषय में खुद भी जागरूक रहिये और दूसरों को भी जागरूक करिए!!!