सुखी जीवन के लिए योग बहुत जरूरी है। स्वस्थ्य रहने और शरीर के विभिन्न लाभों के लिए योग का अभ्यास किया जाता है। योग द्वारा सिखाई गई सांस लेने की तकनीक एकाग्रता और मन को बेहतर बनाने में मदद करती है। योग में पांच तत्वों को हमारे शरीर के मुख्य फोकस बिंदु मानें जाते हैं, जैसे – जल, पृथ्वी, आकाश, वायु, और अग्नि। इन तत्वों के कारण होने वाले असंतुलन के परिणामस्वरूप बीमारियां और स्वास्थ्य का खराब होना आदि समस्याएं भी हो सकती हैं। आज हम बात करेंगे अग्नि मुद्रा (agni mudra) के बारे में। अग्नि मुद्रा को सूर्य मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है।
आए दिन शरीर में कोई न कोई दिक्कतें लगी रहती हैं कभी मौसम के बदलाव के कारण तो कभी गलत खान-पान की वजह से। सर्दी-जुकाम से लेकर मोटापा बढ़ने तक ये सारी समस्याएं शरीर में अग्नि-तत्व की कमी का परिणाम है। अग्नि मुद्रा इस कमी को पूरा कर शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखती है। यह योग मुद्रा का एक प्रकार अग्नि देवता से जुड़ा है और विभिन्न तरीकों से इसका उपयोग किया जाता है। इस मुद्रा को करना शरीर में अग्नि ऊर्जा को सक्रिय करता है और शरीर के अग्नि संतुलन को बनाएं रखने में मदद करता है। तो आइए जानते हैं अग्नि मुद्रा करने की विधि और इसके फायदे के बारे में।
सबसे पहले आरामदायक आसान में बैठ जाएं। फिर अनामिका उंगली को मोड़ लें और अंगूठे के निचले क्षेत्र पर अनामिका उंगली को ले आएं। अपनी बाकी की उंगलियां सीधा रखें। अंगूठे से अनामिका उंगली को हल्का सा दबाएं। इस मुद्रा को खाली पेट सुबह-सुबह करें। अग्नि मुद्रा को रोजाना 15 मिनट जरूर दोहराएं।
अग्नि मुद्रा कैसे करें सीखने के बाद, आइए जानते हैं कि इसके क्या फायदे हैं –
नोट – अगर आप बदहजमी या एसिडिटी की समस्या से पीड़ित हैं तो इस आसन को न करें।
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