महामारी की वर्तमान परिस्थितियों और उसके बाद के प्रभाव दूरगामी रहे हैं। विश्व स्तर पर, लाखों लोगों ने चिंता, तनाव, अवसाद, क्रोध और यहां तक कि आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का सामना किया है। ये आसन क्रोध जैसी नकारात्मक भावना को दूर करने एवं जीवन में सकारात्मकता और आशावाद उत्पन्न करने में मदद करेंगे। आर्थिक रूप से हो या स्वास्थ्य के लिहाज से कोरोना वायरस ने लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। दुनिया भर में लगाए गए लॉकडाउन के कारण कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है और आर्थिक और व्यक्तिगत नुकसान उठाना पड़ा है। इससे हताशा और असहायता की भावना बढ़ गई है जो क्रोध जैसी प्रतिकूल भावनाओं की ओर ले जाती है।
योग न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक अद्भुत उपाय है बल्कि यह अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। योग के लाभों के बारे में सैकड़ों और शायद हजारों अध्ययन भी किए गए हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे सरल और कारगर आसन जिसे आप बहुत ही आराम से कर सकते हैं, इसके लिए आपको कोई स्पेशल ट्रेनिंग की भी जरूरत नहीं है। तो आइए जानते हैं अक्षर योग के संस्थापक ग्रैंड मास्टर अक्षर (Master Akshar) जी से कि गुस्से पर काबू पाने और दिमाग को शांत रखने के लिए किन योगासनों का अभ्यास करना चाहिए। गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय
इस आसन को मोची आसन एवं तितली आसन के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन करना आसान है और सभी के लिए उपयुक्त है। बधा कोणासन कमर और भीतरी जांघों को फैलाता है। यह अक्सर घुटनों, टखनों, पैरों और कूल्हों के लचीलेपन के लिए वास्तव में सहायक आसन होता है। लचीलेपन से हमारे पीठ के मसलस को मजबूती प्रदान करता हैं और मन को शांति प्रदान करता हैं।
सलाह – किसी भी प्रकार के कमर दर्द, कूल्हे या हैमस्ट्रिंग की चोट से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
इस आसन को करने से शरीर को लचीलापन प्रदान करता हैं। मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव, चिंता और को दूर करने में मदद करता है। जिगर और गुर्दे को उत्तेजित करता है। जांघों को मजबूत करता है, पाचन में सुधार करता है। रजोनिवृत्ति के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। सिरदर्द और अनिद्रा को दूर करने में मदद करता है।
सलाह – किसी भी हैमस्ट्रिंग चोट से पीड़ित मनुष्य को यह आसन नहीं करना चाहिए। कृपया हाल ही में हुई सर्जरी के मामले में भी बचें।
जब पैर के जोड़ों, टखनों, पीठ, पीठ के निचले हिस्से आदि में लचीलेपन की बात आती है तो यह आसन बहुत अच्छा है। पीठ के साथ, यह हैमस्ट्रिंग, कूल्हे की हड्डियों और बगल की कूल्हे की हड्डियों के लिए एक बेहतरीन आसन है। सबसे अधिक तनाव पूर्ण मांसपेशियों को फैलाने के साथ-साथ, यह पूरे दिन एक अच्छी उत्पादक मनःस्थिति प्रदान करता हैं।
सलाह –
• यदि कंधों या कूल्हों में चोट लगी हो तो इस आसन को करने से बचना चाहिए।
• गठिया से पीड़ित लोगों को इस आसन को करने से बचना चाहिए।
• पीठ में दर्द या घुटनों से पीड़ित मनुष्य को इस आसन को करने से बचना चाहिए
ये पूरी तरह से हाथों पर संतुलन का आसन है, जो सीधे कलाई, ट्राइसेप, कंधे एवं रीढ़ को लक्षित करता हैं। हिप्स और हैमस्ट्रिंग को लचीलापन प्रदान करता हैं। इस आसन के अभ्यास से मन शांत और तनाव मुक्त होता है। वशिष्ठासन हार्ट चक्र को सक्रिय करने के लिए जाना जाता है। यह आसन एक शक्तिशाली आसन है जो आंतरिक शक्ति को विकसित करने में भी मदद करता है।
सलाह –
• यदि अभ्यास के शुरुआती चरणों में संतुलन बनाना मुश्किल है, तो ऊपरी पैर के घुटने को मोड़ सकते हैं और अतिरिक्त समर्थन के लिए पैर को जमीन पर नीचे रख सकते हैं जब तक कि आसन प्राप्त नहीं कर लेते
• जिन लोगों की कलाई में चोट लगी है, उन्हें इस आसन को करने से बचना चाहिए
बद्ध उत्थिता पार्श्वकोणासन को “बाउंड साइड एंगल पोज़” या “बधा पार्श्वकोणासन” के रूप में भी जाना जाता है। “बाइंड” से तात्पर्य है कि जिस तरह से आपकी भुजाएं आपके धड़ के चारों ओर मुद्रा में हैं। बद्धा पार्श्वकोणासन शांति प्रदान करने के साथ- साथ हमारी भावनाओं को भी नियंत्रित करता हैं।
सलाह – पीठ और कंधे की चोटों से पीड़ित लोगों को चोट के किसी भी तनाव से बचने के लिए इस आसन को करते समय अपने आराम के स्तर पर रहना चाहिए।
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