गले में इंफेक्शन को थ्रोट इंफेक्शन (gale me infection ke lakshan) के नाम से भी जाना जाता है। गले में इंफेक्शन, बैक्टीरिया या फिर वायरस की वजह से हो सकता है। आमतौर पर गले में इंफेक्शन की समस्या छोटे बच्चों में और उन लोगों में देखी जाती है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर होती है। इस वजह से हम यहां गले में इन्फेक्शन के लक्षण के बारे में डिटेल में बताने वाले हैं। इतना ही नहीं आप यहां यहां पर सोर थ्रोट या गले में खराश के घरेलू उपाय भी जान सकते हैं।
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गले में इन्फेक्शन के लक्षण | Gale Me Infection Ke Lakshan
गले में इंफेक्शन (गले में इन्फेक्शन के लक्षण और उपाय) होने पर आपको कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं या फिर महसूस हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-
- गले में दर्द और खराश होना
- खाने की चीजों को निगलने में दर्द महसूस होना
- टॉन्सिल में दर्द या फिर सूजन हो जाना
- गले का काफी अधिक सूखना
- जबड़े और गर्दन में दर्द महसूस होना
- सिर में दर्द होना
- जुबान और मुंह में लाल दाने होना
- बुखार आना
- गले और टॉन्सिल में सफेद परत का जम जाना
- टॉन्सिल का आकार बढ़ना
- ठंड लगना
- कम भूख लगना
- खांसी होना और गले का लाल हो जाना, आदि।
गले में चुभन के कारण | Gale Mai Chubhan Ke Karan
अगर आपको नियमित रूप से गले में चुभन महसूस हो रही है तो इसका मतलब हो सकता है कि आपको खांसी आने जैसा महसूस हो। गले में चुभन, गले में खराश से काफी अलग होती है और यह स्थिति मरीज को बहुत परेशान भी कर सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि गले में चुभन होने पर आपको लग सकता है कि खांसी आएगी या फिर गले में कुछ फंस गया है। गले में चुभन के कारण काफी सारे हो सकते हैं, जिनके बारे में हम यहां बता रहे हैं-
- गले का केंसर
- एसिड रिफ्लक्स
- एलर्जी
- सर्दी जुखाम
गले का केंसर – मेडिकल भाषा में इसे फेरिंजाइटिस कहा जाता है। इसमें फेरिंक्स (पेट में खाना औन तरल पदार्थ पहुंचाने वाली नली) में सूजन आ जाती है। यह बीमारी अक्सर वायरस या फिर बैक्टीरिया की वजह से होती है।
एसिड रिफ्लक्स – पेट के अम्लीय पदार्थों की वजह से भी आपको गले में चुभन महसूस हो सकती है। एसिड रिफ्लक्स में पेट का अम्लीय पदार्थ वापस गले की नली में चला जाता है और नली और गले में समस्याएं उत्पन्न करता है। ऐसा मुख्य रूप से तब होता है जब नली खुलने और बंद होने का काम सही प्रकार से ना कर रही हो।
एलर्जी – कई अलग-अलग प्रकार की एलर्जी के कारण गले में चुभन हो सकती है। एलर्जी अक्सर तब होती है जब शरीर किसी खास बाहरी पदार्थ से खुद को बचाने के लिए एंटीबायोटिक बनाता है।
सर्दी जुखाम – आपको इसकी वजह से भी गले में चुभन महसूस हो सकती है। जुखाम एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन होता है, जिसकी वजह से ऊपरी श्वसन तंत्र और गले में समस्या हो सकती है। जुखाम के जिस लक्षण की वजह से गले में चुभन की समस्या होती है, उसे पोस्ट नेजल ड्रिप कहा जाता है।
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गले की नसों में दर्द होना कारण | Gale Ki Naso Ka Dard Ka Karan
गले की नसों में दर्द होना के कई कारण हो सकते हैं। इन्ही में से कुछ कारणों के बारे में हम यहां बता रहे हैं-
– लंबे वक्त तक एक ही मुद्रा में बैठे रहने की वजह से भी गले में दर्द हो सकता है। कई बार गर्दन की मांसपेशियों और हड्डियों से भी नसों पर दबाव पड़ता है और इसकी वजह से दर्द हो सकता है।
– गले की नसों में दर्द होने का अन्य कारण नसों में ब्लॉकेज या फिर ब्लड सर्कुलेशन का ठीक ना होना भी हो सकता है। ऐसा तब होता है जब आपकी नसों में ब्लड फ्लो सही से नहीं होता है और इस वजह से रक्त एक ही जगह रुक कर जमने लग जाता है। इस वजह से नसें सूजने (गले की नसों में सूजन) लग जाती हैं। गले की नसों में होने वाला दर्द सिर और कंधों तक भी पहुंच जाता है।
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गले की नसों में खिंचाव का इलाज | Gale Ki Infection Ka Ilaj
यदि आपको भी अपने गले की नसों में खिंचाव महसूस होता है तो हम यहां आपके लिए 5 घरेलू नुस्खें लेकर आए हैं, जिनकी मदद से आप भी अपनी इस समस्या को कम कर सकते हैं।
गले को स्ट्रेच करें
यदि आपके गले में दर्द होता है या फिर मांसपेशियों में अकड़न रहती है तो इससे आपकी नसें भी प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में स्ट्रेचिंग करने से नसों और मांसपेशियों दोनों को स्ट्रेच करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसके लिए आपको अपनी गर्दन को आगे-पीछे, दाएं-बाएं चारों दिशाओं में स्ट्रेच करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे आपकी नसों को आराम मिलता है।
हल्दी खाएं
हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और इस वजह से सूजन से लड़ने में काफी लाभकारी होता है। साथ ही यह शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर करने में भी मदद करती है। साथ ही इससे ब्लॉकेज खोलने में भी मदद मिलती है। इसके लिए आप हल्दी वाले दूध, सब्जियों में हल्दी या फिर गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
ब्लड फ्लो को बढ़ाने वाली चीजों को खाएं
यदि आप ब्लड फ्लो बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करते हैं तो इससे भी आपकी नसों में ब्लॉकेज को खोलने में मदद मिलती है। साथ ही इससे नसों में दर्द की समस्या भी दूर होती है। हल्दी के अतिरिक्त आप अनार, प्याज, लहसुन, अदरक आदि का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इनसे ब्लड फ्लो बढ़ता है।
मालिश करें
बाजार में ऐसे बहुत से आयुर्वेदिक तेल हैं, जिन्हें कई दर्द निवारक आयुव्रेदिक औषधियों से तैयार किया जाता है। हालांकि, आप घर पर भी हल्दी, लहसुन आदि को डालकर गर्म निवारक तेल बना सकते हैं। इसके लिए सरसो का तेल भी बहुत ही अच्छा ऑप्शन है।
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Conclusion
हम उम्मीद करते हैं कि गले में इंफेक्शन के बारे में हमारे इस लेख में आपको सभी जरूरी जानकारी मिली होगी।
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FAQ
- गले में एलर्जी के क्या कारण हो सकते हैंं?
नाक में खुजली होना, ज्यादा छींकें आना, नाक बहना, नाक बंद रहना, सूंघने की शक्ति कम होना, आंखों से पानी आना, कान भारी होना आदि गले में एलर्जी के लक्षण हो सकते हैं।
- गले में इंफेक्शन क्यों होता है?
गले में इंफेक्शन बैक्टीरिया और वायरस की वजह से होती है। पहले से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी आपको गले का इंफेक्शन हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो वायरस और बैक्टीरिया हवा के जरिए हमारे शरीर में आ जाता है।
- गले में इंफेक्शन होने पर क्या करें?
गले के संक्रमण से बचने के लिए आपको ये उपाय करने चाहिए-
- गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने से गले की परेशानी से आराम मिलता है।
- आधा गिलास गर्म पानी में आधे नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
- ग्रीन टी पिएं।
- लौंग, तुलसी, अदरक और काली मिर्च का पानी पिएं।