जब भी मौसम में कोई बदलाव होता है तो इसका सबसे अधिक प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसकी वजह से गले में खराश, खांसी, सर्दी-जुकाम और बुखार आम होना हैं। सर्दी या खांसी होने पर गले में खराश बहुत कष्टप्रद और दर्दनाक होती है। अगर आपको एलर्जी या बुखार है, तो आपको गले में खराश और दर्द हो सकता है। वहीं, मौसम में बदलाव से गले की समस्या जैसे सोर थोर्ट या गले में खराश (throat infection in hindi) होने का खतरा बढ़ जाता है। वैसे भी गले में किसी भी तरह की समस्या हो तो असहजता महसूस होती ही है। गले में खराश आपके आहार और आपकी पूरी दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है। गले में खराश या दर्द के लिए आयुर्वेद सबसे अच्छा उपाय है। घरेलू नुस्खे अपनाकर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। अगर आपके गले में खराश इतनी ज्यादा है कि आपसे दर्द सहन नहीं हो रहा है तो डॉक्टर के पास जाएं। हालांकि हल्की-फुल्की खराश, खिच-खिच या दर्द होने पर घरेलू नुस्खे इस समस्या को दूर कर सकते हैं। इसीलिए यहां हम आपको सोर थोर्ट यानि कि गले में खराश के कारण, गले में खराश के उपाय, गले में खराश के घरेलू उपाय (gale me kharash home remedies) के बारे में विस्तारपूर्वक बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप इस समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा पा सकते हैं।
सोर थ्रोट गले में होने वाली एक आम समस्या है। इसे आम बोलचाल की भाषा में गले की खराश या गले में इंफेक्शन होना कहता हैं। ऐसे कई वायरस हैं, जिनकी वजह से सोर थ्रोट होता है। रीनोवायरस, मीजल्स, इन्फ्लूएंजा और अन्य वायरस फैरिन्जाइटिस के स्रोत हैं। सोर थ्रोट में गले में दर्द और खराश की समस्या होती है। गले में दर्द सोर थ्रोट का सबसे पहले सामने आने वाला लक्षण होता है। गले में खराश का संबंधी सीधे हमारी श्वसन तंत्र में किसी गड़बड़ी के कारण होता है। जिसके कारण गले के अंदरुनी परत में इंफेक्शन (throat infection in hindi) हो जाता है। जिसके कारण गले में सूजन, खांसी, खरखराहट के साथ-साथ कई लोगों को सर्दी-जुकाम की समस्या हो जाती है। लाल और सूजा हुआ गला और टोनसिल्स में सूजन आना सोर थ्रोट के सामान्य लक्षणों में से एक है। जानिए छींक रोकने के घरेलू उपाय
टॉन्सिल होने के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार
सोर थ्रोट का सबसे सामान्य कारण वायरल इन्फेक्शन होता है। इसके अलावा भी कई ऐसे कारण है जो गले में खराश होने के लिए जिम्मेदार होते हैं। तो फिर आइए जानते हैं गले में खराश के कारण (gale me kharash) के बारे में, जोकि कुछ प्रकार हैं – प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ
बदलते मौसम के हिसाब से शरीर में कई बदलाव आते हैं। मौसम में अचानक आया बदलाव आपको बीमार और परेशान कर सकता है। वैसे तो गले में खराश होने के कई कारण होते हैं, लेकिन अगर आप अपच से पीड़ित हैं या आप नियमित रूप से शराब का सेवन कर रहे हैं तो अक्सर गले में खराश की समस्या (gale me kharash ho to kya kare) हो जाती है। इस समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। गले में खराश के बाद, दैनिक जीवन में संवाद करना बहुत मुश्किल हो जाता है। गले की खराश दूर करने के लिए आजमाएं ये घरेलू नुस्खे (gale mein kharash ke gharelu upay) –
सोर थोर्ट में सेंधा नमक आपके लिए बेहद फायदेमंद होता है। सेंधा नमक मुंह में जमा हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है और ये गले में खराश का भी इलाज (gale me kharash ka ilaj) करता है। इसके लिए गर्म पानी में एक चुटकी नमक डालकर गरारे करने से भी गले को आराम मिलता है। गले में इंफेक्शन होने की कई समस्याओं को इस उपाय से ठीक किया जा सकता है। लंग्स इन्फेक्शन के लक्षण
2 गिलास पानी में 2 टेबल स्पून अजवाइन डाल कर 10 मिनिट तक उबाल लीजिये। इसके बाद जब पानी गर्म हो जाए तो उसमें थोड़ा सा नमक डालकर रात को सोते समय और सुबह उठने के बाद गरारा करें। इससे गले की सूजन कम होती है और बेचैनी से तुरंत राहत मिलती है।
शहद का उपयोग प्राचीन काल से गले की खराश के लिए किया जाता रहा है। कई शोधों में पाया गया है कि शहद खांसी और गले की खराश के लिए अच्छा होता है। आप चीनी की जगह शहद को चाय/कॉफी में मिला सकते हैं। अगर आपका गला सूज गया है या दर्द हो रहा है तो आप शहद में अदरक का रस मिलाकर चाट भी सकते हैं।
फिटकरी को तवे पर गर्म करके उसका चूर्ण बना लें, आधा चम्मच चूर्ण 1 गिलास गर्म पानी में डाल कर गरारे करने पर आराम मिलता है। फिटकरी गले में हो रही खराश (gale me kharash home remedies) को सही करने में बेहद प्रभावी है।
लहसुन में प्राकृतिक जीवाणुरोधी गुण होते हैं। शोध के अनुसार लहसुन का नियमित सेवन संक्रमण से होने वाली सर्दी से बचाव करता है। आप लहसुन के छिलके या ताजा लहसुन के पत्तों को कच्चा खा सकते हैं या फिर लहसुन के तेल में भूनकर भी खा सकते हैं। लहसुन के इस्तेमाल से आप गले की खराश से राहत पा सकते हैं।
एप्पल साइडर विनेगर (ACV) का उपयोग कई घरेलू उपचारों में भी किया जाता है। कई शोधों ने इसके जीवाणुरोधी गुणों को दिखाया है। सेब का सिरका अपने क्षारीय प्रकृति के कारण गले में बैक्टीरिया को मारता है। अगर आप गले में खराश और गले में खराश से परेशान हैं तो एक कप पानी में एक से डेढ़ चम्मच सिरके को मिलाकर इससे गरारे कर लें। ऐसा हर दो घंटे में करें। लेकिन इस उपाय के दौरान खूब पानी पिएं।
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गले की खराश के घरेलू उपाय के तौर पर आप मेथी दाना या मेथी की चाय पी सकते हैं। शोध से पता चला है कि मेथी गले की खराश से राहत (gale me kharash ho to kya kare) दिलाने के लिए अच्छी होती है। यह गले में बैक्टीरिया को मारता है और इसके एंटीफंगल गुण गले की सूजन और सूजन को कम करते हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
गले की खराश से बचने के लिए एक गिलास पानी में 2 चम्मच सेंधा नमक व कच्ची हल्दी घिस कर 10 मिनट तक पानी को उबालें। इसे छानकर निगल लेना चाहिए। इस प्रकार हर सुबह पानी घूंट-घूंट कर पीने से गले की खराश से छुटकारा (gale ki kharash ka ilaj) मिल जायेगा।
एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी और अदरक का पाउडर मिलाकर पीने से गले की खराश दूर होती है। साथ ही इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है।
एक कप पानी में 4-5 काली मिर्च, तुलसी की कुछ पत्तियां, थोड़ा सा गिलोय,शहद, दालचीनी, हल्दी आदि डालकर उबाल लें और इसका काढ़ा बनाकर पिएं। इससे गले की खराश (gale ki kharash ke liye) में तुरंत राहत मिलेगी।
आप पहले घरेलू उपचार में बताए अनुसार गले में खराश को शांत करने के लिए नमक के पानी का उपयोग कर सकते हैं। इसे और प्रभावी बनाने के लिए आप इसमें बेकिंग सोडा भी मिला सकते हैं। बेकिंग सोडा घरेलू उपचार के रूप में उपयोगी है। जिससे आपको गले में खराश और गले में सूजन की समस्या दोनों ही नहीं होगी।
गिलोय का उपयोग वात-पित्त और कफ को ठीक करने में मददगार होता है। गिलोय नुकसानदायक बैक्टीरिया को खत्म करती है। इसके लिए गिलोय के रस को रोज सुबह-शाम खाली पेट पिएं या फिर गिलोय को पानी में उबाल कर छान लें और इस गुनगुने पानी का सेवन करें।
कैमोमाइल टी की भाप गले की खराश को कम कर सकती है और सर्दी के लिए एक उपाय है। अगर आपको गले में खराश है तो नियमित चाय की बजाय कैमोमाइल टी का सेवन करें। जो आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है और गले के इन्फेक्शन (gale ki kharash kaise dur kare) से लड़ने में मदद करता है। गले में खराश का इलाज करते समय इसे बिल्कुल आजमाएं।
हर बार जरूरी नहीं है कि गले में हो रहा दर्द खराश (throat infection in hindi) की वजह से हो। अगर गले की नसों में दर्द हो रहा है तो इसका एक कारण टॉन्सिल का बढ़ना भी होता है या गले के भीतर की हड्डी का बढ़ना भी होता है। हड्डी बढ़ने से गले की नसों पर दबाव पड़ता है और दर्द होता है।
गले में खराश की समस्या है तो ठंडी चीजों का सेवन न करें। जहां तक हो सकते गरम चीजों को ही खाये। ऐसा करने से गले में आई सूजन में भी आराम मिलेगा और खराश में भी राहत होगी।
गले की खिच-खिच को दूर करने (gale me kharash) का सबसे आसान उपाय है, सेंधा नमक का गरारा करना। सेंधा नमक आपके गले में इंफेक्शन फैलानेवाले बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करता है।
आमतौर पर गले में सूजन आने की वजह इंफेक्शन हो सकता है। जो ज्यादातर मामलों में वायरस और कुछ मामलों में बैक्टीरिया का कारण होता है। इसकी वजह से गले में मौजूद लिंफ नोड्स में सूजन आ जाती है और दर्द होने लगता है।
स्ट्रेप थ्रोट और सोर थ्रोट दोनों ही जीवाणुओं से होने वाला एक संक्रमण है। ले में दर्द सोर थ्रोट का सबसे पहले सामने आने वाला लक्षण होता है जबकि स्ट्रेप थ्रॉट गले में बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से होता है। इसमें भी गले में खराश (gale ki kharash) की समस्या होती है। स्ट्रेप थ्रॉट सोर थ्रॉट के मुकाबले कम पाया जाता है।
अगर आपके गले में दर्द और खराश (gale me kharash home remedies) होता है तो ऐसे में आप शहद को बतौर दवाई के तौर पर ले सकते हैं। आप चाहें तो शहद के साथ नींबू को मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।
गले में जमा कफ को निकालने के लिए गरारे करना बेहद फायदेमंद है। इसके लिए एक ग्लास पानी गर्म करें उसमें एक दो से तीन चुटकी नमक मिलाएं अब इससे गरारे करें। सुबह और शाम दोनों बार गरारे करने से आप कुछ ही दिनों में कफ से छुटकारा पा सकते हैं।