खूबसूरत दिखने के लिए लड़कियां बहुत मेहनत करती हैं। अपनी त्वचा पर कई तरह के प्राकृतिक उपायों के साथ ही वे केमिकल ट्रीटमेंट्स के लिए पार्लर और डर्मेटोलॉजिस्ट के पास भी जाती हैं। शादी की लग्न के समय तो ब्यूटी पार्लर में भारी भीड़ लगी रहती है। कम उम्र से ही लड़कियां अब फेशियल आदि करवाने पर जोर देने लगी हैं। सामान्य क्लीन अप से लेकर मार्केट में फ्रूट फेशियल, चॉकलेट फेशियल, चारकोल फेशियल, गोल्ड फेशियल, डायमंड फेशियल (diamond facial ke fayde) तक बहुत सी ऐसी प्रक्रियाएं मौजूद हैं, जिनसे खूबसूरती को निखारने का दावा किया जाता है। इन फेशियल्स के अलावा आजकल ब्यूटी सेक्टर में माइक्रोकरंट फेशियल की भी काफी धूम है। अगर अभी तक आपने इसके बारे में कुछ नहीं सुना है तो आज जानिए माइक्रोकरंट फेशियल क्या है, इसकी प्रक्रिया, फायदे व अन्य ज़रूरी बातें।
0माइक्रोकरंट फेशियल के फायदे – Benefits Of Microcurrent Facial
माइक्रोकरंट फेशियल के अन्य फायदे – Other Benefits Of Microcurrent Facial
कैसे किया जाता है माइक्रोकरंट फेशियल – Miccrocurrent Facial Process
अभी तक आपने ऐसे कई फेशियल्स के बारे में सुना होगा, जिनसे आपके सौंदर्य को निखारा जा सकता है। आज हम बात कर रहे हैं एक नए तरह के फेशियल की, जिसे माइक्रोकरंट फेशियल कहते हैं। जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है, यह फेशियल एक ट्रीटमेंट सरीखा होता है। यह फेशियल स्किन को न सिर्फ खूबसूरत, जवां और बेदाग बनाता है, बल्कि हर स्किन टाइप पर सूट भी करता है। यह एक ऐसी फेशियल प्रक्रिया है, जो चेहरे के मसल्स को टोन करके टेक्सचर को बेहतर बनाती है। इससे त्वचा का ग्लो बढ़ जाता है और वह दमकने लगती है। यह एक एंटी एजिंग टेक्नोलॉजी (anti ageing technology) है, जिसमें लो इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल करके चेहरे की मांसपेशियों को फिर से जवां किया जाता है। अब माइक्रोकरंट टेक्नोलॉजी का चलन बेहद आम हो गया है और कई स्पा में फेशियल के तौर पर इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक तरह की लाइट थेरेपी है, जो कोलेजन और इलास्टिन के प्रोडक्शन को बढ़ाती है। इससे त्वचा जवां नज़र आने लगती है। कभी- कभी इस तकनीक को पील्स के साथ भी कंबाइन किया जाता है, जो एक तरह का एक्सफोलिएटिंग ट्रीटमेंट होता है। सबसे अच्छा फेशियल
आमतौर पर फेशियल करने के लिए फलों, मुल्तानी मिट्टी, बेसन, नीम,दाल/ चावल के पेस्ट, चॉकलेट, फूलों आदि का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि माइक्रोकरंट फेशियल एक केमिकल ट्रीटमेंट है, जिसमें केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स व उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इस पूरी फेशियल प्रक्रिया में व्यक्ति को बिल्कुल भी दर्द नहीं होता है। जहां साधारण फेशियल को आप किसी भी पार्लर में जाकर आसानी से करवा सकते हैं या खुद भी कर सकते हैं, वहीं माइक्रोकरंट फेशियल को सिर्फ प्रोफेशनल्स ही कर सकते हैं। बड़े शहरों में ऐसे कई डर्मेटोलॉजिस्ट हैं, जिनके सेंटर्स में अब माइक्रोकरंट फेशियल की सुविधा प्रदान की जाती है। साधारण फेशियल में सामान्य तौर पर स्किन टाइप व बजट के हिसाब से फेशियल किया जाता है, जबकि माइक्रोकरंट फेशियल में मैग्नीफाइंग लैम्प्स की मदद से स्किन की जांच कर पता लगाया जाता है कि आखिरकार त्वचा को किस चीज़ की ज़रूरत है।
आम फेशियल्स से तुलना करने पर माइक्रोकरंट फेशियल की कीमत कुछ ज्यादा लग सकती है मगर इस फेशियल को करवाने के बाद त्वचा का निखार उस कीमत को वसूल कर लेगा।
माइक्रोकरंट फेशियल कई स्टेप्स में किया जाता है। इस फेशियल की शुरुआत कंसल्टेशन से होती है। एस्थेटीशियन आपकी स्किन प्रॉब्लम और डाइट की पूरी जानकारी लेने के बाद ही ट्रीटमेंट शुरू करते हैं, जिससे कि वे सही गाइडेंस दे सकें और आपको भी कोई समस्या न हो।
क्लींज़िंग – Cleansing : कोई भी फेशियल करने से पहले चेहरे पर जमा गंदगी व मेकअप को हटाया जाता है। दूसरे फेशियल्स की ही तरह माइक्रोकरंट फेशियल में भी सबसे पहले क्लींज़िंग की जाती है। अगर आपने चेहरे पर कोई भी क्रीम, टोनर, मॉइश्चराइज़र या मेकअप लगा रखा है तो वह क्लींज़िंग के माध्यम से साफ हो जाता है।
स्किन एनालिसिस – Skin Analysis : स्किन के साफ हो जाने के बाद मैग्नीफाइंग लैम्प्स के ज़रिये स्किन की जानकारी ली जाती है, जिससे कि अगले स्टेप से पहले वे आपकी त्वचा और उसकी ज़रूरत को अच्छे तरीके से समझ सकें। स्किन व उसकी ज़रूरतों को समझे बगैर इस प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। स्किन टाइप और कंडीशंस को देखने के बाद प्रोडक्ट्स और ट्रीटमेंट का चयन किया जाता है।
स्टीम – Steam : सामान्य फेशियल की ही तरह माइक्रोकरंट फेशियल में भी स्टीम दी जाती है। इससे स्किन रिलैक्स और नर्म हो जाती है। फेशियल से पहले स्टीम देने से त्वचा के पोर्स भी खुल जाते हैं।
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एक्सफोलिएशन – Exfoliation: स्टीम देने के बाद डर्मेटोलॉजिस्ट मैकेनिकल या केमिकल एक्सफोलिएंट की मदद से त्वचा के डेड सेल्स को हटाते हैं। इसमें चेहरे की मसाज भी की जाती है, जिससे कि फेशियल मसल्स रिलैक्स होकर सांस ले सकें।
मास्क – Mask : इस प्रोसेस में एक्सपर्ट पील ऑफ मास्क की एक लेयर चेहरे पर लगाते हैं। यह मास्क आपके स्किन टाइप व उसकी ज़रूरतों को देखकर ही चुना जाता है। इसे 20 मिनट तक चेहरे पर लगाकर रखा जाता है। मास्क के सूख जाने के बाद उसे चेहरे से हटा दिया जाता है।
टोनर – Toner: फाइनल स्टेप में डर्मेटोलॉजिस्ट आपके चेहरे पर टोनर लगाकर छोड़ देते हैं। माइक्रोकरंट फेशियल करवाने के बाद कम से कम 1 दिन चेहरे पर किसी भी चीज़ का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है।
केमिकल तरीके से किए गए इस माइक्रोकरंट फेशियल के कई फायदे होते हैं। (facial ke fayde) जानिए इस फेशियल के सभी फायदे।
माइक्रोकरंट फेशियल त्वचा के टेक्सचर को बेहतर बनाता है। यह फेशियल जॉलाइन को डिफाइन और आईब्रोज़ को अपलिफ्ट भी करता है। इससे फाइन लाइंस और झुर्रियों जैसे एंटी एजिंग के साइंस कम हो जाते हैं।
इसे एंटी एजिंग फेशियल कहा जाता है क्योंकि इस फेशियल में त्वचा के पोर्स को टाइट किया जाता है। महीने में एक बार इस फेशियल को करवाने से त्वचा जवां नज़र आने लगती है।
इस फेशियल से त्वचा में कोलेजन का स्तर बढ़ने के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जिससे त्वचा दमकती हुई नज़र आती है।
माइक्रोकरंट फेशियल त्वचा को डिटॉक्स करके सभी टॉक्सिंस को बाहर निकाल देता है, जिससे स्किन हमेशा स्वस्थ बनी रहती है।
इस फेशियल से स्किन पर हो रही एक्ने (acne) और पिंपल्स की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है। इसकी मदद से चेहरे की मृत त्वचा निकल जाती है और बंद पोर्स भी खुल जाते हैं।
इस फेशियल को नियमित तौर पर करवाने से चेहरे की रंगत एक समान हो जाती है और चेहरे पर निखार साफ तौर पर नज़र आता है।
ऊपर बताए गए फायदों के अलावा भी इस फेशियल के कई अन्य फायदे हैं। जानें, उनके बारे में।
1. यह फेशियल फाईब्रोब्लास्ट सेल्स की ऐक्टिविटी बढ़ाता है। कनेक्टिव टिश्यू में पाए जाने वाले ये सेल्स कोलेजन और इलास्टिन नामक प्रोटीन बनाते हैं।
2. माइक्रोकरंट फेशियल से ब्लड सर्कुलेशन के साथ ही लिम्फ सर्कुलेशन भी बढ़ता है।
3. यह एडेनोसाइन ट्राई फॉस्फेट सिंथेसिस को बढ़ाता है, जिससे त्वचा की कोशिकाओं को एनर्जी मिलती है।
4. यह प्रोटीन सिंथेसिस और सेल मेम्ब्रेन ट्रांसपोर्ट को भी बढ़ाता है।
माइक्रोकरंट फेशियल करवाने से पहले कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। इसे एंटी एजिंग फेशियल (anti ageing facial in hindi) के तौर पर भी जाना जाता है, जिसका मतलब है कि इसे हर उम्र के लोगों को नहीं करवाना चाहिए। जानिए, ऐसी ही कुछ बातें, जिनका ख्याल रखना ज़रूरी है।
1. यह फेशियल मैच्योर स्किन के लिए है इसलिए इसे 20 साल की उम्र से पहले न करवाएं।
2. इस फेशियल को करवाने के बाद चेहरे पर फेसवॉश या साबुन का इस्तेमाल न करें।
3. इस फेशियल में केमिकल प्रोडक्ट्स व मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को यह फेशियल नहीं करवाना चाहिए।
4. माइक्रोकरंट फेशियल करवाने के बाद कुछ दिनों तक स्किन को एक्सफोलिएट भी न करें।
5. एक्सपर्ट की सलाह मानें तो यह फेशियल करवाने के बाद मेकअप बिल्कुल भी न करें।
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