निश्चित तौर पर आप लोगों ने बोटॉक्स के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आप लोगों ने कभी फ्रोटॉक्स नाम के किसी ब्यूटी ट्रीटमेंट के बारे में सुना है? क्रायोथेरेपी को ही काफी लोग फ्रोटॉक्स नाम से भी जानते हैं। अब आप सोच रही होंगी कि यह क्रायोथेरेपी क्या है (what is cryotherapy in hindi) तो आप लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि क्रायोथेरेपी फेशियल एक ऐसा ट्रीटमेंट है, जिसमें आपकी स्किन को सब जीरो तापमान के संपर्क में लाया जाता है। इस समय का यह सबसे हॉट स्किन केयर ट्रीटमेंट है, जिसकी मदद तमाम सेलिब्रिटीज ले रहे हैं।
किस तरह काम करता है क्रायोथेरेपी फेशियल? - How Cryotherapy Facial Works?
क्या होता है क्रायोथेरेपी सेशन में - Cryotherapy Session
स्किन के लिए क्रायोथेरेपी फेशियल के लाभ - Cryotherapy Benefits For Skin
क्रायोथेरेपी के अन्य लाभ - Other Benefits Of Cryotherapy
क्रायोथेरेपी फेशियल का मतलब है- कोल्ड थेरेपी। (cryotherapy meaning in hindi) यह एक ऐसा ट्रीटमेंट है, जिसमें आपके शरीर या आपके शरीर का एक हिस्सा कुछ मिनटों के लिए सब जीरो तापमान के संपर्क में आता है। इस तकनीक को 1978 में पहली बार जापान में जापानी रयूमेटोलॉजिस्ट डॉ. तोशिमा यामागुची द्वारा विकसित किया गया था। उन्होंने रयूमेटॉयड आर्थराइटिस के इलाज के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया था। लेकिन जल्दी ही क्रायोथेरेपी का प्रयोग आर्थराइटिस के अलावा अन्य लाभों के लिए भी किया जाने लगा। इंफ्लेमेशन (सूजन), सोरायसिस, टिश्यू के दर्द और स्किन को रीवाइटलाइज करने के लिए यह लाभकारी सिद्ध हुआ है।
क्रायोथेरेपी को आपके पूरे शरीर या शरीर के किसी एक हिस्से पर भी किया जा सकता है। जब इसे चेहरे पर किया जाता है तो इसे क्रायोथेरेपी फेशियल कहा जाता है और जब इसे पूरे शरीर पर किया जाता है तो इसे होल बॉडी क्रायोथेरेपी (cryotherapy in hindi) कहा जाता है। इसका इस्तेमाल किस तरह किया जाएगा, यह शरीर के उस खास हिस्से पर निर्भर करता है, जिस पर यह किया जा रहा है।
होल बॉडी क्रायोथेरेपी में आपके शरीर को एक छोटे चेंबर में बंद कर दिया जाता है। आपको एक ऐसे चेंबर में खड़ा होना पड़ता है, जो सिर्फ आपके शरीर को घेरे रहता है और आपका सिर खुला रहता है। एक बार आपका शरीर चेंबर के अंदर चला गया तो इसका तापमान -200 से -300 डिग्री फारेनहाइट तक गिर जाता है। एस्थेटिशियन ठंडी हवा के झोंके को चलाता है, जो वैपोराइज्ड लिक्विड नाइट्रोजन का बना होता है। आपका शरीर कुछ मिनटों के लिए इस तापमान में ही रहता है।
बहुत ठंडे तापमान के संपर्क में आने पर आपका शरीर यह सोचता है कि वह जमने वाला है। यह आपके शरीर के नैचुरल हीलिंग मैकेनिज्म को ट्रिगर करता है। यह आपके शरीर को गर्म रखने के लिए शरीर के मूल में खून जमा करता है। यह आपकी कैपिलेरीज (कोशिकाओं) का विस्तार करता है और व्हाइट ब्लड सेल्स आपकी रक्षा के लिए तेजी से काम करना शुरू कर देते हैं। उन कुछ मिनटों के दौरान आपका मस्तिष्क आपके अंगों को उत्तेजित करने के लिए एड्रेनलाइन और एंडॉर्फिन जैसे हॉर्मोन्स भी रिलीज करता है। इस प्रक्रिया से सेल रेजुवनेशन होता है, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली दुरुस्त होती है और शरीर अपने आप हील होने लगता है। क्रायोथेरेपी फेशियल में आपको किसी चेंबर में जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
क्रायोथेरेपी के लिए अलग- अलग डॉक्टर विभिन्न प्रक्रियाओं का पालन कर सकते हैं लेकिन कुल मिलाकर सबके करने का तरीका लगभग एक समान ही होता है। ट्रीटमेंट से पहले आपके चेहरे को अच्छी तरह से साफ करने के बाद मसाज की जाती है। इस तरह से लिंफैटिक ड्रेनेज और आपके फेशियल मसल्स से टॉक्सिंस और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। संभव है कि आपका चेहरे भाप के संपर्क में आए। अगर आपके चेहरे पर किसी तरह का ब्रेकआउट है तो उन्हें माइक्रोडर्माब्रोशन के क्विक सेशन के साथ निकाल दिया जाता है। चेहरे के कुछ हिस्से मरम्मत, बैक्टीरिया को मारने और कोलेजन निर्माण को दुरुस्त करने के लिए विभिन्न लाइट फ्रीक्वेंसीज के संपर्क में आ सकते हैं। इसके बाद ही क्रायोथेरेपी सेशन की शुरुआत की जाती है।
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क्रायोथेरेपी सेशन में सबसे पहले आपकी आंखों को सुरक्षात्मक चश्मे से ढक दिया जाता है। क्रायोथेरेपी मशीन से जुड़ी ट्यूब का प्रयोग करके आपके चेहरे पर लिक्विड नाइट्रोजन को पंप की मदद से छोड़ा जाता है। ट्यूब के नोजल में लेजर होते हैं, जो आपकी स्किन के तापमान को लगातार मापते रहते हैं। ट्यूब आपके पूरे चेहरे पर घूमता रहता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपके चेहरे का कोई एक हिस्सा बहुत ठंडा न हो जाए।
एक क्रायोथेरेपी फेशियल सेशन सिर्फ दो से तीन मिनट तक चलता है। एक बार यह प्रक्रिया खत्म हुई तो आपके चेहरे से चश्मे को हटा दिया जाता है। कुछ जगहों पर क्रायोथेरेपी सेशन के बाद अन्य स्पा फेशियल ट्रीटमेंट भी किए जाते हैं। आप अपनी स्किन के स्वास्थ्य को दुरुस्त करने के लिए रेड एलईडी लाइट थेरेपी (स्किन के रेडियंस को बढ़ाने के लिए), फेशियल मसाज और हाइड्रेटिंग मास्क का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। इस प्रक्रिया के बाद आप तुरंत महसूस करेंगी कि आपकी स्किन में कसाव आ गया है और यह स्मूद हो गई है।
आप क्रायोथेरेपी ट्रीटमेंट चाहे सिर्फ अपने चेहरे के लिए कराएं या पूरे शरीर के लिए, इसके कई लाभ हैं।
क्रायोथेरेपी फेशियल के बारे में आपने जाना और आपको पता चला कि यह आपके चेहरे को हेल्दी बनाता है। क्रायोथेरेपी के स्किन के लिए अन्य कई लाभ भी हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है।
2008 में एटॉपिक डर्मेटाइटिस के लक्षणों को कम करने के लिए क्रायोथेरेपी की प्रभावशीलता पर अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में 18 वयस्कों को शामिल किया गया, जिन्हें हल्के से मध्यम स्तर तक एटॉपिक डर्मेटाइटिस थी। अधिकांश प्रतिभागियों ने अपनी स्थिति में सुधार का अनुभव किया। हालांकि उनमें से तीन ने हल्के फ्रॉस्टबाइट की शिकायत की, जो उनके नाक और कान में थी। लेकिन कुल मिलाकर सबने इस प्रक्रिया को सुखद माना और इस ट्रीटमेंट को कराने के लिए तैयार भी थे।
क्रायोथेरेपी मुंहासों को कम करने में मददगार है, एक अध्ययन में इसका पता चला है। अध्ययन में पाया गया है कि -8 डिग्री सेल्सियस में जब सीबैसियस ग्लैंड्स संपर्क में आते हैं तो सेबोसाइट्स की संख्या कम हो जाती है और इस तरह से अतिरिक्त सीबम निर्माण रुक जाता है।
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जब आप क्रायोथेरेपी फेशियल कराते हैं तो ठंडी तेज हवा आपके चेहरे पर आती है, जो आपके ब्लड वेसल्स को सिकोड़ देती है और फिर विस्तार देती है। इस तरह से आपकी स्किन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और स्किन हेल्दी और रेडियंट दिखने लगती है।
क्रायोथेरेपी का ठंडा तापमान आपकी स्किन के रोमछिद्रों में कसाव लाता है। यह आपके रोमछिद्रों में गंदगी और बैक्टीरिया के जमाव को रोकता है।
स्किन से इतर क्रायोथेरेपी के अन्य लाभ भी हैं।
क्रायोथेरेपी का प्रयोग एथलीट भी करते हैं, जो अपनी मांसपेशियों की ऐंठन और चोट के इलाज में इसकी मदद लेते हैं। जब आपका शरीर ठंडे तापमान के संपर्क में होता है तो यह परेशान नर्व को सुन्न कर देता है और तीव्र चोट एवं सूजन को राहत प्रदान करने में मदद करता है। ठंड इंफ्लेमेशन (सूजन) को कम करने में मददगार है, इस तरह से यह चोट और मोच के इलाज में कारगर है।
एक अध्ययन में यह पाया गया है कि कोल्ड थेरेपी माइग्रेन के लक्षणों को प्रभावी ढंग से कम कर सकती है। अध्ययन में 101 रोगी (जिनमें से केवल 55 प्रतिभागियों को डाटा एनालिसिस में शामिल किया गया था) शामिल थे, जिनको माइग्रेन था। विभिन्न समय के अंतराल पर रिकॉर्डिंग की जाती थी, जैसे- दर्द के समय, दर्द के 15 मिनट बाद, दर्द के 30 मिनट बाद, दर्द के एक घंटे बाद। इनमें से 77 फीसद प्रतिभागियों ने माना कि कोल्ड थेरेपी ने उनके दर्द को कम करने में मदद की है। इस अध्ययन का यह दावा है कि क्रायोथेरेपी माइग्रेन को ठीक करने में मददगार है।
क्रायोथेरेपी फेशियल के कुछ दिनों बाद तक आपको अपनी स्किन का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। जिस दिन क्रायोथेरेपी फेशियल कराया है, उसके चौबीस घंटे बाद तक चेहरे को धोने से परहेज करें। कुछ दिनों तक चेहरे पर मेकअप भी नहीं लगाएं। स्किन की एक्सफोलिएशन से बचना भी जरूरी है। यह जान लें कि स्किन पर आई लालिमा सामान्य है। ढेर सारा पानी पीना आपके लिए अच्छा है। संभव है तो सूरज की तेज किरणों में एक्सपोज होने से खुद को रोकें। स्किन को मॉयश्चराइज करना जरूरी है।
क्रायोथेरेपी फेशियल के कई लाभ हैं लेकिन इसके कुछ जोखिम भी हैं। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की वैज्ञानिक अन्ना घम्बरियन का कहना है कि पूरे शरीर में क्रायोथेरेपी से उत्पन्न होने वाला सबसे प्रमुख खतरा है सांस लेने में दिक्कत महसूस करना। वह बताती हैं कि एक बंद चेंबर में साइट्रोजन की मात्रा से ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। इससे हाइपोक्सिया (दम घुटना) होने और व्यक्ति के बेहोश तक हो जाने की आशंका रहती है। अन्य संभावित खतरों में फ्रॉस्टबाइट (शीतदंश), आइस बर्न, सुन्न पड़ जाना, झुनझुनी या सनसनी महसूस होना, लालिमा की समस्या हो सकती है।
अगर आपको सांस और दिल संबंधी बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, दौरे पड़ना, आपके शरीर में मेटल इंप्लांट, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, एनीमिया है तो आपको क्रायोथेरेपी से परहेज करना चाहिए। प्रेगनेंट महिलाओं को भी इससे दूर रहने की सलाह दी जाती है।
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क्रायोथेरेपी ट्रीटमेंट स्किन से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है और अतिरिक्त लिक्विड को कम करता है। इससे आपके चेहरे को खूबसूरत लुक मिलता है। यह ट्रीटमेंट स्किन में कसाव भी लाता है, जिससे लटकने वाली त्वचा को लिफ्ट मिलती है और आपको आत्मविश्वास।
हाल के सालों में क्रायोथेरेपी को वजन घटाने और झुर्रियों को कम करने के लिए बढ़िया बताया गया है। होल बॉडी क्रायोथेरेपी में जब शरीर को दो से चार मिनट के लिए -250 डिग्री फारेनहाइट तक चेंबर में खड़ा किया जाता है तो इसका असर झुर्रियों पर भी पड़ता है और ये कम हो जाती हैं।
क्रायोथेरेपी फेशियल ट्रीटमेंट के बाद आपके स्किन पोर्स पहले से खुले होते हैं। ऐसे में फेशियल के तुरंत बाद मेकअप लगाने से स्किन की सेंसिटिविटी पर असर पड़ता है। अगर आपको किसी पार्टी में जाना है तो कम से कम तीन दिन पहले क्रायोथेरेपी फेशियल कराना सही रहता है।
क्रायोथेरेपी कराने के अगले 24 घंटे बाद तक चेहरे पर पानी डालने से परहेज करना चाहिए।
शुरुआत में क्रायोथेरेपी थोड़ी असहज लग सकती है लेकिन धीरे- धीरे आपका शरीर कम तापमान में खुद को एडजस्ट करना सीख लेता है। हालांकि यह पूरी तरह से सुरक्षित है लेकिन फिर भी क्रायोथेरेपी ट्रीटमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लेना सही रहता है।