आजकल की भागदौड़ भरी, बेहद व्यस्त और तनावपूर्ण जीवनशैली के चलते हम अक्सर अपनी सेहत का सही तरह से ध्यान नहीं रख पाते, जिसके कारण कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं। खासतौर पर महिलाएं पूरा परिवार का बहुत अच्छे ढंग से ख्याल रख लेने के बावजूद अपनी सेहत के प्रति उपेक्षित ही रहती हैं। अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं अपनी सेहत संबंधी कोई समस्या होने पर भी उसकी तब तक अनदेखी करती रहती हैं, जब तक कि उसकी तकलीफ उनकी सहनशक्ति से बाहर न चली जाए या फिर डॉक्टर के पास जाने के अतिरिक्त कोई रास्ता न बचे। उनके लिए अपने से जुड़ी अधिकांश बीमारियों के नुस्खे घरेलू कामचलाऊ नुस्खों में ही मौजूद होते हैं। ऐसी ही बीमारियां हैं PCOS (polycystic ovary syndrome) तथा PCOD (polycystic ovarian disease)।
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पीसीओएस क्या है – What is PCOS in Hindi
आजकल हर दस में से एक महिला पीसीओएस या पीसीओडी की शिकार होती है, लेकिन हैरानी की बात है कि स्वयं महिलाएं ही इसके लक्षण को देखने के बावजूद इसे नज़रअंदाज़ करती रहती हैं। PCOS तथा PCOD क्या है (what is pcod in hindi) इसके बारे में जागरुकता व जानकारी, दोनों का ही होना बेहद ज़रूरी है। सो आज इसी बारे में हम जानने का प्रयास करते हैं।
PCOS तथा PCOD के लक्षण क्या होते हैं?
PCOS तथा PCOD होने के कारण क्या होते हैं?
PCOS तथा PCOD होने पर क्या करें?
PCOS तथा PCOD से बचने के लिए ज़रूरी सावधानियां
PCOS PCOD को दूर करने के घरेलू उपाय
PCOS PCOD के संबंध में पूछे जाने वाले सवाल और जवाब
पीसीओडी क्या है? – PCOD Kya Hai
“पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (pcos in hindi)” और “पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (pcod in hindi)” एक ऐसी मेडिकल कंडिशन है, जो आमतौर पर रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance) के कारण पाई जाती है। इसमें महिला के शरीर में मेल हॉरमोन – “androgen” – का लेवल बढ़ जाता है व ओवरीज़ पर एक से ज़्यादा सिस्ट हो जाते हैं। यहां इस बारे में जागरुक होना बहुत ज़रूरी है कि ये दो अलग बीमारियां हैं, जिन्हें अक्सर एक ही मानने की गलती की जाती है। साथ ही शुरू से ही इस बात पर ध्यान देने की ज़रूरत है कि महिलाओं की बहुत सी समस्याएं ऐसी होती हैं, जिनके लक्षण अक्सर मिलते-जुलते से होते हैं। ऐसे में किसी भी रोग के लक्षण दिखने या स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर, केवल अपने अनुमान के आधार पर न तो उसे कोई घोषित रोग मान लेना चाहिए और न ही अपने-आप उसका उपचार करना चाहिए। यह करने की विशेषज्ञता एक पेशेवर डॉक्टर के पास होती ही होती है, इसलिए उसे आप अपना काम करने दें। आपके रोग के निदान और पूरी तरह से ठीक होने की दिशा में यह पहला कदम होता है। आइए, अब जानते हैं PCOS तथा PCOD रोग के सिम्टंस, यानी लक्षणों के बारे में।
PCOS के लक्षण – PCOS Symptoms in Hindi
- वज़न बढ़ना
- अनियमित पीरियड्स
- शरीर व चेहरे पर एक्सट्रा हेयर ग्रोथ होना
- मुहांसों व तैलीय त्वचा की समस्या
- बालों का बहुत अधिक झड़ना
- कंसीव करने में समस्या आना
- pelvic pain होना
कई बार PCOS तथा PCOD रोग के लक्षण केवल बाहरी तौर पर नज़र आ जाते हैं और साफ तौर पर पता तक नहीं चलते हैं। इन्हें सामान्य दिनचर्या की लापरवाही से हो रही छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्या ही मान लिया जाता है।
PCOD के लक्षण – PCOD Symptoms in Hindi
इनके अलावा हाइ ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ व दूसरे हॉर्मोन्स का असंतुलन भी इसके बढ़ने पर हो सकते हैं। अगर ये समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो किसी भी महिला के लिए कंसीव करना एक बड़ी समस्या बन जाता है और ये दुखद है कि ये स्थिति अब आम हो गई है। ये कुछ ऐसे संकेत हैं, जो इस बीमारी की तरफ इशारा करते हैं – वज़न बढ़ना, अनियमित पीरियड्स, शरीर व चेहरे पर एक्सट्रा हेयर ग्रोथ होना, यानी अनचाहे बाल आना, acne, मुहांसों व तैलीय त्वचा की समस्या अचानक से होना, बालों का बहुत अधिक झड़ना, गर्भधारण, यानी कंसीव करने में समस्या आना, pelvic pain होना, ओवरी पर कई सिस्ट होना पीसीओएस (pcos symptoms) तथा पीसीओडी (pcod symptoms) के लक्षणों में शामिल है।
पीसीओएस तथा पीसीओडी के कारण – Cuases Of PCOS & PCOD
- खराब जीवनशैली
- खान-पान की भारी लापरवाही
- व्यायाम या शारीरिक मेहनत नहीं करना
- सही पोषण के प्रति लापरवाही बरतना
- वज़न के बहुत तेज़ी से बढ़ना
- मासिक चक्र के बार-बार असंतुलित होना
जैसाकि हम पाते हैं कि किसी भी रोग का कभी कोई एक ही ठोस कारण नहीं होता। कई सारे कारण मिलकर उस रोग की जड़ बन जाते हैं, ठीक उसी तरह से पीसीओएस (pcos causes) तथा पीसीओडी (pcod causes) समस्या के भी लक्षण स्पष्ट रूप एक ही नहीं हैं। अभी तक इसका कोई ठोस कारण पता नहीं चला है, लेकिन खराब जीवनशैली, खान-पान की भारी लापरवाही, व्यायाम या शारीरिक मेहनत का काम बिल्कुल भी न करना, अपने सही पोषण के प्रति लापरवाही बरतना, वज़न के बहुत तेज़ी से बढ़ने, मासिक चक्र के बार-बार असंतुलित होने जैसी स्थितियां इस रोग के होने की तरफ इशारा करती हैं। साथ ही ये रोग जैनेटिकली, यानी आनुवंशिक भी हो सकती है। इस बात पर ध्यान देने की खास ज़रूरत है कि वज़न के बढ़ने को हम सभी बहुत सामान्य सी समस्या मान लेते हैं। यहां तक कि हमने काफी हद तक ये समझ लिया कि एक उम्र के बाद तो वज़न अपने-आप ही बहुत ज्यादा हो जाता है। ये समझने की जरूरत है कि ये पूरी तरह से गलत धारणा है। ज़्यादा वज़न होने पर भी PCOS तथा PCOD होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। pcos causes
वज़न के साथ ही एक और ऐसी समस्या है, जो खराब जीवनशैली के चलते आज आम हो चुकी है, लेकिन इस रोग के लक्षणों में से एक है और वह है तनाव का बहुत ज्यादा होना। जहां तक बात है तनाव की तो आज इससे किसी भी उम्र या वर्ग का व्यक्ति शायद ही बचा हो, लेकिन महिलाओं में तनाव की स्थिति कितनी ज्यादा और कितनी गंभीर हो चुकी है, इसकी झलक हमें PCOS तथा PCOD के बढ़ते मामलों को देखकर मिल ही जाती है।
पीसीओएस होने पर क्या करें – PCOS Treatment in Hindi
हमारी आपको पहली सलाह तो यही है कि अगर आपको यहां बताए गए लक्षण अपनी सेहत पर भी नज़र आ रहे हैं तो घबराने या फिर उसका इलाज खुद ही शुरू कर देने की बजाय तुरंत किसी योग्य गाइनेकोलॉसिस्ट से मिलना चाहिए, ताकि सबसे पहले यह बात साफ हो जाए कि आपको जो लक्षण नजर आ रहे हैं, वह निश्चित रूप से PCOS तथा PCOD के ही हैं। उसी के बाद, आपकी स्थिति के अनुसार तुरंत अपना इलाज शुरू करवा दें। इसमें PCOS Treatment तथा PCOD Treatment के साथ-साथ डायबिटीज़ व थायरॉयड टेस्ट भी जरूर करवा लें, क्योंकि PCOS तथा PCOD की शिकार महिलाओं में इन रोगों के होने की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है।
पीसीओडी होने पर क्या करें – PCOD Treatment in Hindi
इसके अलावा अगर इंसुलिन का लेवल भी हाई है तो ओवरीज़ ज़्यादा मात्रा में मेल हार्मोंस बनाने लग जाती है, जो कारण बनता है- हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल व दिल की बीमारियां होने का।
यहां हम अपनी बात को दोहराएंगे कि यदि आपको यहां बताए लक्षण अपनी सेहत पर भी नज़र आ रहे हैं तो घबराने या फिर उसका इलाज खुद ही शुरू कर देने की बजाय तुरंत किसी योग्य गाइनेकोलॉसिस्ट से मिलना चाहिए, ताकि सबसे पहले यह बात साफ हो जाए कि आपको जो लक्षण नजर आ रहे हैं, वह निश्चित रूप से PCOS तथा PCOD के ही हैं। उसी के बाद, आपकी स्थिति के अनुसार तुरंत अपना इलाज शुरू करवा दें। हम आपको सचेत कर रहे हैं कि अपने-आप से न तो कोई फैसला लें, न ही अपना इलाज खुद शुरू कर दें।
पीसीओएस तथा पीसीओडी से कैसे बचें
जैसाकि अधिकांश डॉक्टर्स आज इस बात पर ज़ोर देते हैं कि महिलाओं के लिए ज़रूरी है कि वे किसी भी हालत में अपनी सेहत के प्रति उपेक्षा न बरतें और न ही अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को हल्के में लें। वज़न बढ़ना या मासिक चक्र का अनियमित हो जाना, बहुत अधिक खून या खून के थक्के आना जैसे लक्षण देखकर उसकी अनदेखी न करें और तुरंत डॉक्टर से मिले, जिससे इसका सही इलाज समय से शुरू हो सके। चाहे आपकी जीवनशैली कितनी ही ज्यादा भागदौड़ भरी और बिज़ी क्यों न हो, अपनी सेहत के लिए आपको समय निकालना ही है। नियमित रूप से थोड़ा सा किया गया व्यायाम भी आपकी सेहत पर बड़ा असर डाल सकता है। अपनी पीरियड्स की डेट को भी हमेशा फॉलो करें कि आपका मासिक चक्र कब शुरू होता है, कितने दिन चलता है, यह नियमित है या नहीं, बार-बार पीरियड्स मिस तो नहीं होते हैं, खून बहुत ज्यादा या थक्कों में तो नहीं जाता, ये सभी सावधानियां आपके रोग के इलाज में बहुत कारगर साबित हो सकती हैं। साथ ही सही खान-पान की और अपने लिए जरूरी पोषण की अनदेखी हर्गिज़ न करें।
पीसीओएस के घरेलू उपाय – Home Remedies of PCOS in Hindi
PCOS तथा PCOD रोग को अपनी जीवनशैली में सुधार करके ही काफी हद तक काबू किया जा सकता है, जैसे- समय पर संतुलित और पौष्टिक भोजन लेना, बाहर के जंक फूड को न कहना, नियमित रूप से व्यायाम वगैरह। इसी के साथ ही अपने डॉक्टर की सलाह व दवाइयां लेने के साथ ही ये उपाय घर पर भी किए जा सकते हैं। इससे आपको PCOS तथा PCOD में राहत महसूस हो सकती है।
दालचीनी
ये आपके अनियमित पीरियड की समस्या को दूर करने में बड़ी मददगार होती है। एक टीस्पून दालचीनी का पाउडर गरम पानी में मिला कर पी लें। आप चाहें तो इसे अपने सेरेलेक, ओटमील, दही या चाय में मिला कर भी पी या खा सकती हैं। इसका सेवन तब तक रोज़ करें, जब तक कि आपको रिज़ल्ट न मिलने लगें।
अलसी
अलसी यानी flaxseed शरीर में androgen के स्तर को कम करने के साथ ही, कोलेस्ट्रॉल, बीपी को भी कम करती है व दिल की बीमारियों को होने से रोकती है। 1-2 टेब्लस्पून ताज़ी पीसी हुई अलसी को पानी में मिला कर पी लें। इसे भी नियमित रूप से इस्तेमाल करें।
मेथीदाना
ये होर्मोंस को संतुलित करने, कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है और साथ ही वज़न कम करने में भी कारगर होता है। तीन टीस्पून मेथीदाने को पानी में 7-8 घंटे के लिए भिगो दें। फिर सुबह खाली पेट एक टीस्पून भीगा हुआ मेथीदाना शहद के साथ मिलाकर खा लें। इसी तरह से एक-एक टीस्पून लंच व डिनर के 10 मिनट पहले खा लें। इस उपाय को कुछ महीने तक करें, जब तक आपको मनचाहे नतीजे न मिलें।
Apple Cider Vinegar
ये PCOS तथा PCOD से लड़ने में बहुत असरदार होता है, क्योंकि ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, जिससे इंसुलिन कम बनता है और हॉर्मोनल असंतुलन भी नहीं होता है। इसके अलावा ये वज़न कम करने में भी सहायता करता है। दो टीस्पून apple cider vinegar को एक ग्लास पानी में मिलाकर रोजाना सुबह खाली पेट व लंच और डिनर से पहले पिएं। इसे तब तक करें, जब तक आपको बीमारी से छुटकारा ना मिल जाए।
कोई भी नुस्खा आज़माने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह ले लें।
वज़न कंट्रोल करें
अगर आपका वज़न ज़्यादा है तो उसे काबू में करें, क्योंकि ओवरवेट लोगों में PCOS की समस्या आसानी से हो जाती है। वज़न कम करने से androgen का लेवल व दूसरी समस्याएं भी कम होंगी और पीरियड भी नियमित रूप से आने लगेंगे। अगर आपको कंसीव करने में समस्या हो रही है तो वज़न कम करने से ये भी दूर हो सकती है, इसलिए वज़न कम करना बेहद ज़रूरी है।
नियमित एक्सरसाइज़ करें
वॉक, स्विमिंग, जोगिंग, साइकिलिंग वगैरह किसी भी तरह की कसरत नियमित रूप से करें। इसके अलावा स्ट्रैस-फ्री होने के लिए आप प्राणायाम व मेडिटेशन भी कर सकती हैं। वज़न कम करने के साथ ही ये शरीर को सेहतमंद व तनाव मुक्त रखेंगे।
सही लाइफ स्टाइल का चुनाव करें
सिगरेट, शराब, बहुत अधिक कोल्ड ड्रिंक्स, जंक फूड जैसी आदतें शरीर को सिवाय नुकसान पहुंचाने के और कोई काम नहीं करती हैं। सो थोड़ी देर की मौज-मस्ती अगर आपकी सेहत पर इतनी भारी पड़ रही है तो हमारी सलाह है कि इन सभी चीजों से दूर रहें। समय से सोना और जागना अच्छी सेहत की शुरुआत है।
खान-पान का रखें ध्यान
खाने में ओमेगा 3 फेटी एसिड्स से भरपूर चीज़ें शामिल करें, जैसे- अलसी, फिश, अखरोट वगैरह। इसके साथ ही अपनी डाइट में विटामिन B (खासकर विटामिन B2, B3, B5 व B6) को ज़रूर शामिल करें। साथ ही मेवे, ताज़े फल-सब्जियां, दलिया और भरपूर मात्रा में पानी पीने को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लीजिए।
अब इस बीमारी से घबराने की जगह ये छोटे-छोटे बदलाव अपनी लाइफस्टाइल में लाएं और इसका डट कर मुक़ाबला करें।
PCOS PCOD के सवाल और जवाब – FAQ’s
1. क्या PCOS PCOD का इलाज वैकल्पिक चिकित्सा में भी उपलब्ध है?
जी हां, क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है, जिसकी शुरुआत ही खराब और लापरवाही भरी जीवनशैली से होती है तो इसे दूर करके PCOD और PCOS जैसी बीमारी को भी दूर किया जा सकता है। इतनी सावधानी ज़रूर बरतिएगा कि आप इलाज का जो भी रास्ता चुनें, वह किसी विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करें।
2. ये रोग हमारे शरीर के लिए किस प्रकार से घातक है?
सामान्य से दिखने वाले लक्षणों पर आधारित PCOD और PCOS महिलाओं के लिए एक खतरनाक रोग साबित हो सकता है। इसके चलते न सिर्फ उन्हें हर महीने मासिक चक्र से जुड़ी कई तरह की समस्याओं और दर्द का सामना करना पड़ता है, बल्कि गर्भधारन न कर पाने के चलते भी उन्हें भारी तनाव से जूझना पड़ता है।
3. क्या इस रोग के लक्षण किसी और रोग से भी मिलते-जुलते हो सकते हैं?
जी हां, ऐसा बिल्कुल हो सकता है, इसीलिए हमारी सलाह है कि यहां बताए लक्षणों के महसूस होते ही तुरंत गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलें।
4. इस रोग के कारण बढ़े वज़न को भी सामान्य तरीके से ही घटाया जा सकता है या इसकी भी अलग से चिकित्सा करानी पड़ती है?
इस रोग के कारण बढ़े वज़न को भी आप अपनी दिनचर्या और खान-पान की आदतों में बदलाव करके आसानी से कम कर सकती हैं।
5. यदि इस रोग में चेहरे पर बाल निकल आएं तो उनका समाधान क्या हो सकता है?
चेहरे पर बाल निकल आने पर कोई भी दवा खुद लेने की बजाय तुरंत अपनी गाइनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
(यह लेख जानी-मानी गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर अरुणा कालरा से बातचीत पर आधारित है।)