पुदीना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। यह इसलिए भी काफी खास है, क्योंकि अनेक औषधीय गुणों से भरा पुदीना बाजार में आसानी से उपलब्ध भी है और महंगा भी नहीं होता है। गुण तो इसमें इतने हैं कि इससे न सिर्फ रोग दूर रहते हैं, बल्कि त्वचा की देखभाल में भी काफी मदद मिलती है। पुदीना का वैज्ञानिक नाम मेंथा है। पुदीना की वैज्ञानिक तौर पर 24 से ज्यादा नस्लें और 100 से अधिक प्रजातियों होती हैं। इसे सैकड़ों वर्षों से औषधीय गुणों के कारण नियमित दिनचर्या में लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है। बाज़ार में मिंट की कई दवाएं और उत्पाद तो उपलब्ध हैं ही, इसकी कैंडीज, मंजन, इनहेलर, चाय के अलावा और भी कई रूपों में यह मौजूद है। आइए जानते हैं, पुदीना के अनेक लाभों के बारे में, साथ ही इसके सेवन से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में भी।
Table of Contents
- पुदीना के पोषक तत्व – Nutrients in Mint Leaves in Hindi
- सेहत के लिए पुदीने के फायदे – Pudina Benefits in Hindi
- पुदीने से होने वाले सौंदर्य लाभ – Beauty Benefits of Mint Leaves in Hindi
- पुदीने के तेल के फायदे – Mint Oil Benefits in Hindi
- पुदीने का सेवन – How to Consume Mint Leaves in Hindi?
- पुदीना के नुकसान – Pudina ke Nuksan
- पुदीने के सेवन को लेकर पूछे गए सवाल और जवाब – FAQ’s
पुदीना के पोषक तत्व – Nutrients in Mint Leaves in Hindi
सेहत के लिए पुदीने के फायदे – Pudina Benefits in Hindi
पुदीना के स्वास्थ्य लाभ की बात करें तो इसमें ऐसे कई गुण मौजूद हैं, जो शरीर को शक्तिशाली बनाने में मदद करते है। आइए, एक नजर डालते हैं पुदीना खाने के फायदे पर (pudina khane ke fayde)।
लीवर के लिए
पुदीना लीवर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इस बारे में कम लोगों को ही जानकारी होती है, लेकिन यही सच है कि पुदीने में मौजूद पोषक तत्वों के कारण लीवर बेहतरीन तरीके से काम करता है, इसलिए पुदीने का सेवन नियमित रूप से किया जाना चाहिए।
मुंह/सांसों की बदबू के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार
पाचन तंत्र
पुदीना पाचन प्रणाली को शक्तिशाली बनाने में काफी मदद करता है, जिससे कि पाचन के सभी कार्य ठीक से हो सकें। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि अगर पेट खराब हो तो पुदीने की चाय पीने से राहत मिलती है। वर्षों से घरेलू नुस्खे के रूप में पुदीने की चाय हमें नानी-दादी पिलाती आ रही हैं, क्योंकि उससे पाचन तंत्र दुरुस्त होने में राहत मिलती है। पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नींबू और शहद के साथ समान मात्रा में लेने से पेट की ज़्यादातर बीमारियों में आराम मिल जाता है।
तेज़ याददाश्त
कैंसर
यह भी हैरानी वाली बात है, मगर सच है कि कैंसर से बचाने तक में पुदीना मदद करता है। इसमें अनेक ऐसे औषधीय गुण मौजूद हैं, जिनका असर कैंसर तक पर देखने को मिलता है। चूंकि पुदीने के पत्तों में विभिन्न प्रकार के एंजाइम होते हैं, जिनकी वजह से इस बीमारी को रोकने में पुदीने को मददगार पाया गया है।
सर्दियों में लाभदायक
आप गौर कीजिएगा कि जब भी आपको सर्दी लगती है तो आपकी मां की जबान पर सबसे पहले पुदीने का ही नाम आता है। इसकी वजह ये है कि पुदीना सर्दी दूर भगाने में बहुत अधिक लाभदायक है। इसकी तेज़ गंध बंद नाक पर तेज़ी से असर दिखा कर उसे खोलती है और आराम से श्वास लेने में मदद करती है। यह कफ़ निकालने में मदद करता है। जब आप खांसी या सर्दी से पीड़ित होते हैं तो इसके एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लामेंट्री गुण सांस लेने संबंधी परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ सूजन को दूर करने में भी मदद करते हैं। खांसी में आराम के लिए पुदीने के पत्तों को या फिर उसके रस को गर्म पानी में डाल कर भाप लें। पहले नाक से भाप में सांस लेकर फिर उसे वापिस छोड़ें। ऐसा कई बार करें। इससे गले और नाक दोनों की ही तकलीफ़ में राहत मिलती है। साथ ही पुदीने की चाय से भी इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
पुदीने के पत्तों में कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन सी,डी, ई और विटामिन बी कॉम्पलेक्स की थोड़ी मात्रा होती है। माना जाता है कि ये सारी चीजें इम्युनिटी को बूस्ट करने, यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती हैं। इन सभी के कारण बीमारियों से शरीर का ज़्यादा से ज़्यादा बचाव होता है, उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है और शरीर संक्रमण और सूजन से भी सुरक्षित रहता है।
तनाव कम करने के लिए
पुदीने के पत्तों में तनाव कम करने के भी सारे गुण हैं। चूंकि इसमें मौजूद मेंथॉल मांसपेशियों को आराम देता है और प्राकृतिक एंटी स्पास्मोडिक होने के कारण पुदीने की चाय के सेवन से मानसिक तनाव में खूब आराम मिलता है।
सांसों में ताजगी लाने के लिए
पुदीने के औषधीय गुण फेफड़ों में जमे बलगम, यानी कफ़ को शरीर से बाहर करने में बहुत मददगार होते हैं, इसलिए सांसों में ताजगी लाने के लिए मिंट के कई प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है। पुदीने को सुखा कर, कूट कर, कपड़े से छान कर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का एक चम्मच दिन में दो बार सादे पानी के साथ लेने से सांसों से संबंधित परेशानियों से राहत मिलती है। इसके अलावा बहुत से टूथपेस्ट में भी पुदीने की पत्तियों का काफी इस्तेमाल होता है, क्योंकि यह ताजगी देती है। पुदीना मुंह में बैक्टेरिया को पूरी तरह से खत्म करने के अलावा दांतों और जीभ की गंदगी को भी दूर करता है, जिसके कारण सांसों में भी ताजगी बनी रहती है।
वज़न घटाने में सहायक
पुदीने से होने वाले सौंदर्य लाभ – Beauty Benefits of Mint Leaves in Hindi
पुदीना न सिर्फ सेहत के लिए चमत्कारी गुणों से भरा हुआ है, बल्कि सौंदर्य संबंधी समस्याओं से भी निदान दिलाने में सहायक है। इससे कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं तक ठीक हो जाती हैं।
मुंहासों से निजात
पुदीने के नियमित सेवन से मुंहासों से छुटकारा मिलता है। पुदीने में मौजूद एंटी इंफ्लामेंट्री और एंटी बैक्टेरियल गुण मुंहासों के अलावा त्वचा के गड्ढों को भी भरने में मदद करता है, इसलिए इसका इस्तेमाल कई तरह की ब्यूटी क्रीम्स और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है। यह त्वचा की कोशिकाओं को नई ऊर्जा प्रदान करता है। साथ ही त्वचा की नमी खोने नहीं देता है। एंटी सेप्टिक होने के कारण इसका प्रयोग साबुन और बॉडी वॉश के रूप में भी किया जाता है।
फेस पैक में इस्तेमाल
पुदीने के तेल के फायदे – Mint Oil Benefits in Hindi
कम लोगों को ही इस बात की जानकारी होती है कि पुदीने का तेल भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। कई प्रकार के दर्द वाले बाम में पुदीने के तेल का इस्तेमाल होता है। अगर चोट लग जाए या दर्द हो रहा हो तो इसका तेल लगाने से आराम मिलता है। यही नहीं, इसके तेल का इस्तेमाल दांतों से संबंधित बीमारियों में भी किया जाता है। यह तंत्रिकाओं और मासपेशियों को शांत करता है, जिससे पूरे शरीर को आराम पहुंचता है। अगर शरीर में या फिर सिर में लगातार दर्द सा बना रहता हो तो इस समस्या में भी पुदीने के तेल की का इस्तेमाल लाभ पहुंचाता है।
पुदीने का सेवन – How to Consume Mint Leaves in Hindi?
पुदीना के नुकसान – Pudina ke Nuksan
यूं तो पुदीने का इस्तेमाल शरीर में बीमारियों को घर नहीं करने देता है, लेकिन इसके उपयोग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानना भी जरूरी है। यदि आपको गैस्ट्रोएफेजील रिफलक्स रोग है तो पाचन समस्या को शांत करने के प्रयास में पुदीने का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अगर पुदीने के तेल का उपयोग अधिक मात्रा में किया जा रहा है तो भी हानिकारक हो सकता है। शिशु या बहुत छोटे बच्चों के चेहरे पर भी पुदीना ऑयल नहीं लगाना चाहिए। ये उनके सांस लेने में परेशानी का कारण बन सकता है। इसके अलावा पित्त की पथरी होने पर भी पुदीने के उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए।
पुदीने के सेवन को लेकर पूछे गए सवाल और जवाब – FAQ’s
आयुर्वेद के अनुसार लू का उपचार