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लू के खतरे से इस तरह करें अपना बचाव – How To Prevent Heat Stroke?

लू के खतरे से इस तरह करें अपना बचाव – How To Prevent Heat Stroke?

गर्मी के मौसम में गर्म हवा और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर धूप में निकलने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए लोग लू से बचने के लिए कई तरह के उपाय करते है फिर भी लू लग ही जाती है। लू लगने की सबसे बड़ी वजह है शरीर में पानी की कमी होना, इसलिए गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। इस मौसम में चलने वाली लू से बचने के लिए घर से बाहर निकलने से पहले विशेष सावधानी बरतनी जरूरी है। इसके अलावा जानलेवा चिलचिलाती गर्मी में लू से बचने के लिए घरेलू उपाय काफी कारगर साबित होते हैं।

लू लगने के कारण – Heat Stroke Causes

 

लू लगने का प्रमुख कारण शरीर में नमक और पानी की कमी होना है। पसीने के रूप में नमक और पानी का बड़ा हिस्सा शरीर से निकलकर खून की गरमी को बढ़ा देता है और लू लग जाने का कारण बनता है। हम आपको बता रहे हैं कि ऐसे और भी कौन से कारण हैं, जिनसे लू लग जाती है। शरीर की गर्मी दूर करने के उपाय

 

  1. लू के कारण शरीर में जरूरी पानी और नमक की कमी हो जाती है, जिससे रक्तसंचार में बाधा पहुंचने लगती है।
  2. जब शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है तो भी लू लगने के चांस भी ज्यादा होते हैं।
  3. अधिक पसीना आने के कारण निर्जलीकरण हो जाता है और लू लग जाती है। शरीर में तापमान का उतार-चढाव सहन करने की पर्याप्त क्षमता होती है, लेकिन यह एक तय सीमा तक ही हो पाता है। जब बहुत अधिक गर्मी में शरीर वातावरण के अनुकूल अपने को एडजस्ट नहीं कर पाता है तो वह लू का शिकार हो जाता है।  
  4. ज्यादा देर तक गर्मी में खड़े रहने से, तेज धूप में निकलने से व सीधे धूप में मेहनत करने से भी लू लग जाती है।
  5. हर व्यक्ति समान रूप से लू से प्रभावित नहीं होता है। यह प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक शक्ति, उम्र और प्रतिरोधक क्षमता निर्भर करता है।
  6. शरीर के थर्मोसेटिंग सिस्टम में असंतुलन होने के कारण भी लू लगती है।

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लू लगने पर ऐसे करें उपचार – Treatment Of Heat Stroke

कई बार लाख सावधानियों के बाद भी लू लग जाती है और शरीर कमजोर पड़ जाता है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो और शरीर में गर्मी अधिक बढ़ जाने पर आप बीमार महसूस करें तो ये उपाय आपको जरूर अपनाने चाहिए। लू लगने पर सिर में भारीपन मालूम होने लगता है, नाड़ी की गति बढ़ने लगती है, खून की गति भी तेज हो जाती है। सांस की गति भी ठीक नहीं रहती तथा शरीर में ऐंठन-सी लगती है। बुखार काफी बढ़ जाता है। हाथ और पैरों के तलुओं में जलन-सी होती रहती है। आंखें जलती हैं। इन सब से अचानक बेहोशी व अंततः रोगी की मौत तक भी हो सकती है, इसलिए लापरवाही न करें और फौरन डॉक्टर की सलाह लें।

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  1. लू लगने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर को दिखाने के पूर्व कुछ प्राथमिक उपचार करने पर भी लू के रोगी को राहत महसूस होने लगती है।
  2. लू लगने के बाद तेज बुखार आता है। ऐसे में रोगी को ठंडी, खुली हवा में आराम करवाना चाहिए।
  3. शरीर में पानी की कमी होने से बार-बार प्यास लगती है, इसलिए प्यास बुझाने के लिए मिट्टी के घड़े अथवा सुराही के पानी में नींबू का रस मिला कर लू के रोगी को सेवन करवाना चाहिए। अगर उसे प्यास न महसूस हो रही हो, तब भी ये पानी उसे जरूर पिलाएं। रोगी को बर्फ या बर्फ का पानी नहीं पिलाना चाहिए, क्योंकि इससे लाभ की बजाय हानि हो सकती है।
  4. कैरी का पना विशेष लाभदायक होता है। कच्चे आम को गरम राख पर मंदी आंच पर या फिर अंगारे पर भुनकर, ठंडा होने पर उसका गूदा निकालकर, उसमें पानी मिलाकर मसलना चाहिए। इसमें जीरा, धनिया, शक्कर, नमक, कालीमिर्च डालकर पना बनाना चाहिए। यह पना को लू के रोगी को थोड़ी-थोड़ी देर में दिया चाहिए।
  5. ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, जिससे पसीना आने से शरीर का तापमान नियमित हो सके तथा शरीर में पानी की कमी न हो सके। अधिक गर्मी में मौसमी फल, फलों का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना पिएं या आम की चटनी खाएं।
  6. अपनी पॉकेट में छोटा सा प्याज रखें। यह शरीर को लू नहीं लगने देता और सारी गर्मी खुद सोख लेता है।
  7. 104 डिग्री से अधिक बुखार होने पर बर्फ की पट्टी सिर पर रखनी चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 
  8. रोगी को तुरंत प्याज का रस शहद में मिलाकर देना चाहिए। रोगी के शरीर को दिन में चार-पांच बार गीले तौलिए से पोंछना चाहिए। चाय-कॉफी आदि गर्म पेय का सेवन अत्यंत कम कर देना चाहिए।
  9. मरीज के तलवे पर कच्ची लौकी घिसें। इससे सारी गर्मी लौकी खींच लेगी और लू के मरीज को तुरंत राहत मिलेगी। लौकी कुम्हला जाए तो समझ लें कि रोगी के शरीर से लू की गर्मी उतर रही है। यह क्रिया बार-बार दोहराएं।
  10. जौ का आटा व पिसा हुआ प्याज मिलाकर शरीर पर लेप करने से लू से तुरंत राहत मिलती है। जब रोगी को बाहर ले जाएं तो उसके कानों में गुलाबजल में भिगो कर रुई के फाहे लगाएं।

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लू से बचने के तरीके – Heat Stroke Prevention

वैसे तो गर्मी, धूप और लू से बचने के प्रति आप कई तरह से सतर्क रहते हैं और इनसे बचने का पूरा प्रयास भी करते हैं, लेकिन फिर भी कभी-कभी लू लग ही जाती है। अगर लू से पूरी तरह से बचना है तो ये उपाय आपको जरूर आजमाने चाहिए –
  1. खुले शरीर, यानी शरीर के खुले हिस्सों, जैसे- बांहें, सिर, गर्दन वगैरह को भी पूरी तरह से ढके बिना धूप में न निकलें। अगर निकलना ही पड़े तो सबसे पहले पूरे शरीर को अच्छी तरह से कवर जरूर कर लें।
  2. आंखों पर सनग्लासेस लगाएं और हो सके तो सफेद या हल्के रंग के कॉटन के कपड़े ही पहनें।
  3. गर्मी में मौसमी फलों का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना जैसे तरल पदार्थों का सेवन निरंतर करते रहें, ताकि पानी  में पानी की कमी न हो।
  4. गर्मी के दिनों में हल्का व शीघ्र पचने वाला भोजन करना चाहिए। बाहर जाते समय खाली पेट नहीं जाना चाहिए।
  5. पानी में नींबू व नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू नहीं लगती।
  6. गर्मी में  यदि लू से खुद को पूरी तरह से बचाना है तो ठंडाई का सेवन नियमित करना चाहिए। इससे शरीर में जरूरी ठंडक बनी रहती है और बाहरी गर्मी का प्रभाव नहीं पड़ता।
  7. ऐसे फल, जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा हो, उनका प्रयोग खासतौर पर करें। साथ ही मौसमी फलों का सेवन भी लाभदायक रहता है, जैसे- खरबूजा, तरबूज, अंगूर इत्यादि।
  8. लू से बचने के लिए खाने में कच्ची प्याज के कुछ टुकड़े नियमित रूप से शामिल करने चाहिए। प्याज से लू नहीं लगती।
  9. इमली के बीज को पीसकर उसे पानी में घोलकर कपड़े से छान लें। इस पानी में शक्कर मिलाकर पीने से लू से बचा जा सकता है।
  10. पानी में ग्लूकोज मिलाकर पीते रहना चाहिए। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है, जिससे आपको थकान कम महसूस होगी।

लू से बचने में लाभदायक खान-पान – Food To Prevent Heat Stroke

गर्मी के मौसम में बाहरी तापमान बढ़ने से हमारे शरीर का ताप भी बढ़ जाता है, जिससे शरीर डि-हाइड्रेड हो जाता है, इसलिए इन दिनों में शरीर को जितना भी हो सके, डि-हाइड्रेडशन से बचाएं और हेल्दी खाना खाएं। साथ ही जब भी कहीं बाहर निकलें, तब भी अच्छी तरह से खाना खाकर ही जाएं, यानी खाली पेट घर से बिल्कुल न निकलें, क्योंकि इससे लू लगने की आशंका बढ़ जाती है। गर्मी के मौसम में पांच रंगों के फल खाने चाहिए, जैसे- संतरा, जामुन, लीची, केला, अंगूर। टमाटर, तरबूज, खीरा, ककड़ी और प्याज का उपयोग भी लू के प्रभाव से बचने में काफी लाभप्रद है। इन चीजों से पेट की सफाई होती है और अंदरूनी गर्मी शांत होती है। साथ ही इनसे लू नहीं लगती। फलों में मौसमी, तरबूज, खरबूजा आदि इस मौसम में काफी फायदेमंद हैं।
लू से बचने के लिए हो सके तो इस मौसम में नॉनवेज का सेवन कम कर देना चाहिए। दरअसल, नॉनवेज में ज्यादा तेल-मसाला डाला जाता है और उससे पेट में ज्यादा गर्मी पैदा होती है, जो हानिकारक होती है। इसके अलावा तरल पदार्थ जैसे- नींबू पानी, नारियल पानी और छाछ आदि का सेवन अच्छी मात्रा में करना चाहिए। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं। चाय-कॉफी का सेवन बहुत कम कर दें।

कपड़ों का चयन – Selection Of Clothes

गर्मियों के दिनों में हमेशा ऐसे कपड़े पहनें, जिनसे आपका शरीर पूरा ढका हुआ हो और लू आप पर प्रभाव न डाले। खासकर सिर को हमेशा ढककर रखें। गर्मियों के दिनों में  हल्के रंग के कपड़ों का विकल्प चुनें, क्योंकि वे कम गर्मी को अवशोषित करते हैं। अगर आप वर्किंग हैं और धूप में जाना आपकी मजबूरी है तो शरीर पर सनलोशन क्रीम लगाना न भूलें। कहीं बाहर जाने के लिए ढीले-ढाले कपड़े पहनें, ताकि आपकी त्वचा आसानी से सांस ले सके।

लू से बचने के घरेलू नुस्खे – Home Remedies To Prevent Heat Stroke

लू से बचने के लिए किसी प्रकार की दवा लेते रहने की जगह आसान घरेलू नुस्खों को अपनाएं। यह असरकारी नुस्खे गर्मियों में आपको लू से बचाने में काफी मदद करते हैं।

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  1. बहुत कम लोग जानते हैं कि तुलसी लू से बचाने में भी काम आती है। लू से बचने के लिए तुलसी के पत्तों का रस निकालें और इसमें थोड़ी सी चीनी मिलाएं। अब इस घोल को पी जाएं। इससे शरीर का तापमान नॉर्मल बना रहेगा।
  2. लू से बचने के लिए रोजाना एलोवेरा जूस पीएं। यह हीट स्ट्रोक के लिए सबसे आसान प्राकृतिक घरेलू उपचारों में से एक है।
  3. नारियल का दूध भी लू लगने से बचाने में बहुत काम आता है। इसके लिए नारियल के दूध में पीस कर काली मिर्च का पेस्ट तैयार करें। इस ठंडे मिश्रण को शरीर पर लगाने से हीट स्ट्रोक का प्रभाव कम होता है। लू के इलाज में इस्तेमाल होने वाला यह एक लाभदायक घरेलू उपाय है।
  4. गर्मी में पानी की ठंडक हीट स्ट्रोक के कारण बढ़े तापमान को कम करने में बहुत मदद करती है। यह कोल्ड बाथ ट्रीटमेंट कहलाता है। यह एक प्राथमिकता चिकित्सा उपाय है और इसका इस्तेमाल लू से पीड़ित रोगी को अस्पताल ले जाने से पहले किया जा सकता है।
  5. लू से बचने के लिए गुलाब की पंखड़ियों का घरेलू नुस्खा बहुत अच्छा माना जाता है। इसके लिए आपको 2 ग्राम गुलाब की पंखुड़ियां और 2 ग्राम जावा के फूल को मिलाकर पीसना है। अब इसमें थोड़ा दूध और चीनी मिला लें और थोड़ी-थीड़ी देर में इसका सेवन करते रहें।

आयुर्वेद के अनुसार लू का उपचार – Ayurvedic Tips For Heat Stroke

आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों के दिनों में ठंडी तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। ठंडी तासीर वाली चीजों के सेवन से लू का खतरा काफी कम हो जाता है। अगर घरेलू या आयुर्वेदिक उपायों से कोई आराम नहीं मिल रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज करवाएं।

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चंदनासव— आयुर्वेद में चंदनासव सबसे लाभदायक होता है। इसकी तासीर भी बहुत शीतल होती है। लू के कारण शरीर में जलन होती है और गर्मी का एहसास होता है। ऐसे में चंदनासव से बहुत आराम मिलता है। चंदनासव को दिन में तीन बार पानी में मिलाकर दे सकते हैं, लेकिन इसकी सही मात्रा का ध्यान रखें।
गिलोय का जूस— गिलोय में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की शक्ति होती है, इसलिए इसे लू के रोगी को दिया जाता है। गिलोय की पत्तियों में अधिक मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस तथा इसके तने में स्टार्च पाया जाता है। साथ ही इसमें एंटीबायोटिक और एंटीवायरल जैसे तत्व भी पाएं जाते हैं, जो शरीर की रक्षा कई बीमारियों से करते हैं।
सेब का सिरका— सेब में कई सारे गुण होते हैं, इसलिए लू लगने पर दो चम्मच सेब का सिरका सुबह-शाम पीने से आराम मिलता है।
बेल का शर्बत- गर्मी के दुष्प्रभाव और सेहत पर लू संबंधी हर तरह की हर समस्या के लिए बेल का प्रयोग रामबाण है। यह न केवल शरीर में ठंडक पैदा करेगा, बल्कि ऐसे स्वास्थ्य लाभ देगा, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। लू का उपचार करने के लिए दिन में दो बार खाना खाने से पहले बेल का शर्बत पीने से काफी जल्दी आराम मिलता है।

लू को लेकर पूछे जाने वाले सवाल-जवाब – FAQ’s

सवाल – हीट स्ट्रोक, यानी लू लगने पर ठीक होने में कितने दिन लग जाते हैं?
शुरू में हीट स्ट्रोक से उबरने में 1-2 दिन लगते हैं। उसके बाद रिकवरी इस बात पर निर्भर करती है कि लक्षण कितने गंभीर थे और प्राथमिक चिकित्सा व उपचार कितनी जल्दी दिया गया था।
सवाल – लू लगने पर सबसे ज्यादा किस चीज का ध्यान रखना चाहिए?
लू लगने पर जितना हो सके, खाने में नमक की मात्रा कम कर दें और शरीर को ठंडा रखें, क्योंकि नमक सोडियम से समृद्ध है। अतिरिक्त सोडियम शरीर में पसीने के नियमित उत्पादन को बाधित कर सकता है, जो बदले में इस गर्मी की बीमारी के बढ़ने के जोखिम को बढ़ाता है।
सवाल – क्या गुड़ खाना भी लू लगने पर लाभदायक होता है?
लू लगने से बचने के लिए खाना खाने के बाद गुड़ हमेशा खाएं। इससे लू लगने का डर कम होता है।

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27 Aug 2019

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