अपना वजन कम करने की लालसा में आज के समय में ज्यादातर लोग घी, जिसे प्योर फैट भी कहा जा सकता है, खाना पूरी तरह से छोड़ देते हैं जबकि जानीमानी सेलिब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट रुजुता दिवेकर घी को डाइट का आवश्यक हिस्सा मानती हैं और कहती हैं कि इससे वजन बढ़ता नहीं, बल्कि घटता है। ऐसे में यहां हम आपको घी से संबंधित 8 सवालों पर रुजुता दिवेकर के जवाब पेश कर रहे हैं, जिनसे आपको घी खाने के फायदे के साथ यह भी पता लग जाएगा कि घी खाना आज भी कितना जरूरी है।
बता दें कि रुजुता दिवेकर देश की प्रसिद्ध सेलिब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट और फिटनेस डायटीशियन हैं जिन्हें एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी ने न्यूट्रीशन अवॉर्ड से नवाजा है और पीपल मैगजीन ने 2012 में 50 मोस्ट पावरफुल पीपल में इन्हें शामिल किया था। रुजुता देश की पहली सेलिब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट हैं जो अनिल अम्बानी जैसे बिजनसमैन से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ करीना कपूर, करिश्मा कपूर, अनुपम खेर और रिचा चड्ढा की पर्सनल न्यूट्रीशनिस्ट भी हैं। घी खाने के फायदे और नुकसान
पहला सवाल
मुझे कोलेस्टेरॉल / हाई ट्राइग्लिसरॉइड्स / फैटी लिवर / बीपी समस्या है। क्या मैं घी खा सकता हूं ?
रुजुता का जवाब
हां, बिलकुल। घी आपके मेटाबॉलिज्म में लिपिड्स को बढ़ाकर कोलेस्टेरॉल को रेगुलेट करता है। बस आपको अपनी डाइट से बिस्किट आदि पैकेज्ड प्रोडक्ट्स कम करने होंगे। एल्कोहॉल से परहेज करें, घी से नहीं क्योंकि घी सुरक्षित है।
दूसरा सवाल
मेरा वजन काफी ज्यादा है और साथ में डाइबिटीिज़ और पीसीओडी भी है। क्या मैं घी खा सकती हूं?
रुजुता का जवाब
हां आप भी घी खा सकती हैं। घी में जरूरी फैटी एसिड्स पाए जाते हैं जो फैट लॉस यानि वजन घटाने में सहायक होते हैं। यहां तक कि यह ब्लड शुगर को भी रेगुलेट करते हैं (जिससे ओबेसिटी यानि मोटापा और संबंधित बीमारियों का खतरा कम होता है।)
तीसरा सवाल
हम पूरा खाना घी में ही बनाते हैं, क्या हमें ऊपर से और ज्यादा घी का इस्तेमाल करना चाहिए ?
रुजुता का जवाब
ये तो आपकी इच्छा पर निर्भर करता है। आप यह सुनिश्चित कर लें कि हर व्यक्ति एक दिन में करीब 3-6 चम्मच घी की खाए। बस इतने घी का इस्तेमाल करें कि जिससे भोजन का फ्लेवर बढ़े, खाने को घी से मास्क नहीं करना है।
चौथा सवाल
हम अपना भोजन तेल में पकाते हैं, क्या हमें खाते वक्त ऊपर से घी डालना चाहिए?
रुजुता का जवाब
हां, आपको बिलकुल ऊपर से कुछ घी डालने की जरूरत है।
पांचवा सवाल
क्या बाजार से लाया गया घी सही होगा,अगर हम घर पर घी न बना सकें ?
रुजुता का जवाब
हां, लेकिन यह जरूर चेक कर लें कि यह देसी गाय के दूध से बना हो। बड़े कॉरपोरेशन्स से छोटी गौशाला और छोटे महिला संगठनों के प्रोडक्ट ज्यादा अच्छे होते हैं।
छठा सवाल
अगर देसी गाय का घी उपलब्ध न हो तो क्या भैंस का घी भी वही काम करेगा ?
रुजुता का जवाब
हां, आप भैंस के दूध से भी घी बना सकते हैं, कम से कम यह बाजार से घी खरीदने से तो बेहतर होता है।
सातवां सवाल
भारत से बाहर क्या- क्या विकल्प उपलब्ध हैं ?
रुजुता का जवाब
भारत से बाहर के देशों में हेल्थ फूड स्टोर्स पर कल्चर्ड व्हाइट ऑर्गेनिक बटर मिलता है या फिर क्लैरिफाइड बटर मिलता है। वहां आप फ्री ग्रेजिंग, ग्रास फेड मिल्क प्रोडक्ट्स भी तलाश कर सकते हैं।
आठवां सवाल
हम यह कैसे पता लगाएंगे कि अपने हर मील में हमें कितना घी डालना है?
रुजुता का जवाब
यह इस पर निर्भर करता है कि आप क्या खा रहे हैं और यह आपके परिवार की फूड हैबिट्स पर भी निर्भर करता है। दाल- चावल, खिचड़ी, रोटी- सब्जी को पूरनपोली, दाल- बाटी, बाजरा रोटी के मुकाबले कम घी की जरूरत होती है। अगर अब भी आपको स्पष्ट नहीं है तो अपनी दादी मां से पूछें।
अंत में रुजुता दिवेकर कहती हैं कि शास्त्रों की बात करें या दादी- नानी की, सत्य और घी की हमेशा जीत होती है इसलिए बिना डरे, बिना किसी झिझक के और बिना किसी शक के घी खाएं।
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