नाना पाटेकर बॉलीवुड के सबसे वर्सटाइल एक्टर्स में से एक हैं। ‘अब तक छप्पन’ एक्टर ने सन् 1978 में फिल्म ‘गमन’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। और तब से लेकर आज तक उन्होंने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। नाना पाटेकर ने सिर्फ हिंदी फिल्मों में ही नहीं बल्कि कई मराठी फिल्मो में भी काम किया है। उन्हें कई बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। तिरंगा, क्रांतिवीर, यशवंत ऐसी कई फिल्में हैं जिनमें नाना पाटेकर का सिर्फ अभिनय ही नहीं बल्कि उनका एक-एक डायलॉग कहने का अनदाज भी शानदार था। कहना गलत नहीं होगा कि एक्टिंग के अलावा फैंस नाना की फिल्में उनके दमदार डायलॉग्स की वजह से ही देखने जाते हैं। इसलिए हम आपके लिए नाना पाटेकर की क्रांतिवीर, तिरंगा फिल्म के डायलाग के साथ-साथ उनके करियर की बेस्ट मूवीज से नाना पाटेकर के बेहद चर्चित डायलॉग आए हैं। आप चाहें तो अन्य बालीवुड फिल्मों के डायलॉग भी यहां देख सकते हैं।
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नाना पाटेकर के डायलॉग- Famous Dialogues of Nana Patekar
“भगवान का दिया सबकुछ है… दौलत है… शोहरत है… इज्जत है…” बॉलीवुड एक्टर नाना पाटेकर की एक्टिंग में अलग किस्म का जादू है। उनके बोले हुए डायलॉग दर्शकों ने हमेशा ही पसंद किए हैं। आज भी उनकी तरह डायलॉग बोलने वाला बॉलीवुड में दूसरा कोई नहीं है। डायलॉग चाहे धमकी भरा हो या किसी को चेतावनी देनी हो या बाॅलीवुड फनी डायलॉग हो Nana Patekar Ke Dialogue बोलने का अंदाज दिल को छू जाता है। पढ़िए नाना पाटेकर की बालीवुड फिल्मों के डायलॉग। अगर आपको इस तरह के डायलॉग्स पसंद हैं तो यहां दिए गए शोले फिल्म के दमदार डायलॉग भी आपको जरूर पसंद आएंगे। बाॅलीवुड के एटीट्यूड डायलाॅग
हम भले ही ऊपर वाले को अलग अलग नाम से पुकारते हैं, लेकिन हमारा धर्म एक है मजहब एक है…इंसानियत – क्रांतिवीर
आ गए मेरी मौत का तमाशा देखने – क्रांतिवीर
अपना तो उसूल हैं …पहले लात ,फिर बात ,उसके बाद मुलाक़ात – तिरंगा
धंधे में कोई किसी का भाई नहीं ,कोई किसी का बेटा नहीं – परिन्दा
बेहतर हैं तू अपना इरादा बदल दें …नहीं तो मैं तेरा नक्शा बदल दूंगा – गुलाम -ए मुस्तफा
सौ में से अस्सी बेईमान ..फिर भी मेरा देश महान – यशवंत
इस देश के गद्दारों को अंजाम तक पहुंचाना है, यही मेरी ज़िंदगी का मकसद है – कोहराम
एक मच्छर साला आदमी को हिजड़ा बना देता है – यशवंत
ऊपर वाला भी ऊपर से देखता होगा तो उसे शर्म आती होगी, सोचता होगा मैंने सबसे खूबसूरत चीज बनाई थी, इंसान, नीचे देखा तो सब कीड़े बन गए…कीड़े! – क्रांतिवीर
भगवान का दिया सबकुछ है… दौलत है… शोहरत है… इज्जत है – वेलकम
बीवी भी एक अजीब तरह की पहेली है, साल भर मिया को परेशान करके जीने नहीं देते, और करवा चौथ का व्रत रख के मरने नहीं देती – वेलकम बैक
भाई मत बोल…इमोशनल हो जाता हूं मैं – ब्लफमास्टर
तुझे ऐसी मौत मारूंगा कि तेरी पापी आत्मा अगले सात जन्म तक किसी दूसरे शरीर में घुसने से पहले कांप उठेगी – तिरंगा
राजनीति में हमेशा जीत को मान मिलता है – राजनीति
दुनिया में दो ही चीजों की कीमत होती है, एक जमीनों की, दूसरी कमीनों की – वेलकम बैक
अपना तो उसूल है पहले लात फिर बात उसके बाद मुलाकात – तिरंगा
जान मत मांगना… इसकी बाजार में कोई कीमत नहीं है – गुलाम -ए मुस्तफा
डेस्टिनी बहुत बेरहम होती है,ये अपने दोस्तों से मुंह फेरने पर और दुश्मनों से बात करने पर मजबूर कर देती है – वजूद
आजकल के रिश्ते इस आइस क्यूब की तरह हैं, पानी में गिरे और अपना वजूद खो बैठते हैं – वेडिंग एनिवर्सरी
ये दुख नाम की बीमारी का इलाज किसी डॉक्टर के पास नहीं, इसका इलाज खुद ढूंढना पड़ता है…दुख को भूलना पड़ता है- परिंदा
सीनियर ऑफिसर मौसम की तरह होता है, बदलते रहते हैं – अब तक छप्पन
मराठा मरता है या मारता है- तिरंगा
कंट्रोल उदय…कंट्रोल – वेलकम
यादें अंत में किसका हाथ पकड़कर जाती हैं मालूम? …मौत का – यात्रा
ये शरीफ लोग बहुत बदमाश होते हैं… शराफत की जुबां नहीं समझते हैं – वेलकम
उसने रुलाया है…वो ही हसाएगा – गुलाम -ए मुस्तफा
ये मेरा पसीना नहीं मेरा खून है जो पानी बनकर बहता है मेरे बदन से – यशवंत
बेहतर है तू अपने इरादे बदल दे, नहीं तो मैं तेरा नक्शा बदल दूंगा – गुलाम -ए मुस्तफा
जिंदगी का हर पर आखिरी समझकर जीना चाहिए, तब जिंदगी का असली मजा आता है – वेडिंग एनिवर्सरी
मौत से बढ़कर कोई दोस्त नहीं है…हमेशा मेरे साथ चलती है – गुलाम -ए मुस्तफा
फोर्स किसी के बाप की जागीर नहीं है, फोर्स की अपनी एक डिग्निटी है … उस डिग्निटी को बरकरर रखना हमारी जिम्मेदारी है – अब तक छप्पन
औरतों पर कभी यकीन मत करना, मर्दों के लिए वो मौत होती है, कुबूल करे तो शोहर बनाकर मारती है, ठुकरा दे तो दीवाना बनाकर – वजूद
साला खुद मरना है तो मर ना, दूसरे की काइको वाट लगता है – टैक्सी न. 9211
ये मुसलमान का खून, ये हिंदू का खून…बता इसमें से मुसलमान का कौन सा, हिंदू का कौन सा बता – क्रांतिवीर
दुनिया में सबसे ज्यादा सम्मान करता हूं मैं अपना … आरती उतरता हूं रोज खुद की – ब्लफमास्टर
सड़क पर तमाशा करने वाला और देखने वालाल दोनों की तकदीर खराब है – राजू बन गया जेंटलमैन
कमबख्त ये नींद की गोली सुला तो देती है, पर लोरी नहीं सुनाती – हम दोनों
जिंदगी के एक मोड़ पर जाकर लोग अक्सर यही सोचते हैं काश… जिंदगी फिर से जीने मिल जाती – यात्रा
पिछले पचास सालों में हमारे देश ने सिर्फ मंत्री और मिनिस्टर पैदा किए हैं… एक नेता पैदा नहीं किया – हु तू तू
ज़ख्म मैंने दिए हैं मरहम भी मैं ही लगाऊंगा – अग्नि साक्षी
जिंदगी बरसात की सड़क की तरह होती है… कभी फिलसन, कभी ठोकर – वेडिंग एनिवर्सरी
कुत्ते की तरह जीने की आदत पड़ी हैं सबको – क्रांतिवीर
पन्द्रह सौ की नौकरी करने वाला एक दिन तुझे डेढ़ सौ का कफन पहनायेगा- तिरंगा
हमें उम्मीद है कि आपको नाना पाटेकर के डायलॉग (Nana Patekar Ke Dialogue) पर हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसमें आपको नाना पाटेकर की फिल्म के सीरियस, व्यंगात्मक और फनी डायलॉग शामिल है। नाना पाटेकर क्रांतिवीर और तिरंगा फिल्म के डायलाग तो आज भी फैंस की जबान पर चढ़े हुए हैं। यहां दिए गए नाना पाटेकर के कुछ डायलॉग तो हमारी जिंदगी में बिल्कुल फिट बैठते हैं। जिन्हें आप अपने फेसबुक, व्हाट्सएप स्टेटस पर भी लगा सकते हैं।
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