जब भी आपको एन्जाइटी या फिर डिप्रेशन होता है तो एक्सरसाइज करने के बारे में शायद ही आपके माइंड में आता है। वहीं दूसरी ओर एक्सराइज करने से आपको अच्छा और मॉटिवेटिड महसूस होता है। कई स्टडी में पाया गया है कि जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं उनमें डिप्रेशन होने का खतरा कम होता है। इसके अलावा एक बार एन्जाइटी और डिप्रेशन से ठीक हो जाने के बाद भी एक्सरसाइज आपको दोबारा से इसमें ना फंसने से बचाती है।
इस वजह से हम यहां आपको 4 वर्कआउट के बारे में बताने वाले हैं जो डिप्रेशन को कम करने में मदद करती हैं।
- मूड बूस्ट करने के लिए करें रनिंग
रनिंग करने से आपका डिप्रेशन पूरी तरह से तो नहीं जाएगा लेकिन ये आपमें दिखने वाले डिप्रेशन के लक्षणों को मैनेज करने में मदद करता है। आप मसल बिल्ड करते हैं, आपके दिल का स्वास्थ्य अच्छा होता है और साथ ही आप जोगिंग करते हुए अपने दिमाग का भी ख्याल रख सकते हैं। जब आप भागते हैं तो आपकी दिल की धड़कन बढ़ जाती हैं और बॉडी में ब्लड पंप होता है। इससे आपका दिमाग हार्ड जॉब के लिए तैयार होता है क्योंकि आपका रेस्पिरेट्री सिस्टम इसे हार्ड वर्क करने के लिए कहता है। इस मेंटल स्टेट से आपको डिप्रेशन को ऑवरकम करने में मदद मिलती है और मेंटल हेल्थ बेहतर होती है।
- वेट लिफ्ट करने से अपने मूड को लिफ्ट करें
वेट ट्रेनिंग मेडिटेटिव एक्सरसाइज होती है और जब आप वेट ट्रेनिंग कर रहे होते हैं तो आपका पूरा ध्यान आपके टास्क पर होता है और आप किसी दूसरी चीज के बारे में नहीं सोच रहे होते हैं। इसके अन्य फायदों में ग्रेटर मसल डेफिनेशन, हाइयर ब्लड फ्लो, हार्ड एफर्ट आदि शामिल है जो आपको सेंस ऑफ सेटिस्फेक्शन देता है और गोल्स को पूरा करने में मदद करता है।
- योगा
योगा एक प्रकार की फिजिकल एक्सरसाइज है, जो आपके बॉडी पॉजिशन, ब्रीथिंग मेथड और मेडिटेशन पर काम करती है। डिप्रेशन और इसके लक्षण की वजह से आपको अपने अंदर कम एनर्जी महसूस होती है और अगर आप इसे अन्य थेरेपी के साथ करते हैं तो इससे आपको मदद मिलती है। चाहे योगा आपको पसंद ना हो लेकिन फिर भी मेडिटेशन और फिजिकल मूवमेंट से आप उदासी से खुद को बाहर निकाल सकते हैं। मेडिटेशन करने से आप खुद को आज में लाते हैं और अपने दिमाग को साफ कर पाते हैं।
- सनलाइट
गार्डनिंग, किकिंग बॉल या फिर कार को धोना आदि जैसी छोटी-छोटी चीजों को करने से भी आप अपने मूड को लिफ्ट कर सकते हैं। सनलाइट आपमें सेरोटोनिन के प्रोडक्शन को बढ़ाती है जो एक मूड को अच्छा बनाने वाला ब्रेन केमिकल है। डार्कर, कोल्डर महीनों में सेरोटोनिन की मात्रा के गिरने को कुछ मामलों में सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर भी कहते हैं।
अगर आपको लगता है कि आपमें डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं तो आपको एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए और साथ ही आपको खुद के लिए इजी-टू-फॉलो रूटीन बनाना चाहिए और फिटनेस प्रोग्राम शुरू करना चाहिए।