भारत में ऐसे लोगों की जनसंख्या बहुत अधिक है, जो सुबह- शाम चाय ज़रूर पीते हैं। चाय के बिना न तो उनके दिन की शुरुआत होती है और न ही शाम की। एक दिन भी अगर उन्हें चाय न मिले तो कभी उनका सिर चकराने लगेगा तो कभी उनका किसी भी काम में मन नहीं लगेगा। अगर आप भी चाय पीने के बेहद शौकीन हैं और अब तक बस वही दूध, पानी, चीनी और चायपत्ती से बनी चाय पीते आ रहे हैं तो अब हम आपको बताने जा रहे हैं हर्बल चाय के बारे में। औषधीय गुणों से भरपूर हर्बल टी स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभप्रद मानी जाती है। इसे पीकर आपकी दिन भर की थकान तो दूर हो ही जाएगी, यह आपके शरीर को नुकसान भी नहीं पहुंचाएगी। जानिए, हर्बल टी क्या है, इसे बनाने की विधि (herbal tea kaise banaye) और हर्बल टी पीने के फायदे।
हर्बल टी के फायदे - Herbal Tea Benefits in Hindi
ग्रीन टी बनाने की विधि - How to Make Green Tea in Hindi?
हर्बल चाय बनाने की विधि - Herbal Tea Recipes in Hindi
हर्बल टी के प्रकार - Types of Herbal Tea in Hindi
हर्बल टी के नुकसान - Side Effects of Herbal Tea in Hindi
भारतीय आयुर्वेद के अनुसार, हर्बल टी को वैदिक चाय के तौर पर जाना जाता है। यह बेहद स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व न सिर्फ शरीर में तरल पदार्थों की पूर्ति करते हैं, बल्कि यह दूसरी चाय से भिन्न भी होती है। दरअसल, इसमें कैफीन की मात्रा नहीं होती है, जबकि दूसरी चाय व कॉफी में कैफीन की अधिक मात्रा होने से शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याओं का जन्म होता है। कई प्रकार में पाई जाने वाली हर्बल चाय के फायदे भी अलग- अलग होते हैं। आप अपनी ज़रूरत के अनुसार उसका सेवन कर सकते हैं। इस खास तरह की चाय को फूलों, पत्तियों, जड़ों व बीजों आदि से तैयार किया जाता है। आइए इसे घर पर बनाने के लिए इसके इंग्रेडिएंट्स (herbal tea ingredients in hindi) को जानें।
कैल्शियम की कमी के लक्षण और कारण
घरेलू जड़ी- बूटियों से बनाई जाने वाली हर्बल चाय को आप घर में भी आसानी से बना सकते हैं (how to make herbal tea at home in hindi)। 1 कप यानि कि 100 ग्राम हर्बल चाय में 0.005 ग्राम तक सैचुरेटेड फैट (संतृप्त वसा), 0.012 ग्राम मोनोअनसैचुरेटेड फैट, 0.002 ग्राम पॉलीअनसैचुरेटेड फैट, 2 मिलीग्राम सोडियम और 21 मिलीग्राम पोटैशियम पाया जाता है। हर्बल चाय में कोलेस्ट्रॉल, फाइबर और शुगर नहीं होती है, जबकि विटामिन ए और विटामिन सी की मात्रा सही होती है।
आजकल की व्यस्त और अनियमित जीवनशैली के कारण बहुत से लोग कम उम्र से ही मोटापे का शिकार होने लगे हैं। बढ़ते मोटापे के कारण हृदय रोग से लेकर मधुमेह तक, कई समस्याएं हो सकती हैं। वजन घटाने और मोटापा कम करने के लिए ग्रीन टी को काफी लाभदायक माना जाता है। ग्रीन टी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैलोरी को जलाने और वजन को कम करने के लिए मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को ठीक करता है।
हरी चाय एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो उम्र से संबंधित बीमारियों से शरीर की रक्षा करते हैं। यह कैंसर से लड़ने में मददगार साबित होती है और इससे प्रतिरक्षा भी मजबूत होती है।
1. पानी को उबाल लें।
2. दो कप चाय बनाने के लिए उसमें 1 टी स्पून अच्छी क्वॉलिटी वाली ग्रीन टी की पत्तियां डालें। फिर 5 मिनट के लिए ढककर रख दें।
3. अब इसे छानकर पी लें। आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
4. रोजाना ग्रीन टी के 2-3 कप पिए जा सकते हैं।
5. ध्यान रहे कि पत्ती डालने के बाद पानी को न उबालें।
हर्बल टी में एनाल्जेसिक हर्ब्स (analgesic herbs) होते हैं। ये हर्ब्स उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं, जिन्हें अक्सर बेचैनी होती हो या शरीर में दर्द बना रहता हो। कई बार किसी गंभीर चोट, सर्जरी, किसी बीमारी या बुखार के कारण लोगों के शरीर में लंबे समय तक दर्द की शिकायत बनी रहती है। इलाज के बावजूद यह दर्द बना रह जाता है। अगर आप भी ऐसे किसी दर्द से परेशान हैं तो हर्बल टी आपके लिए किसी औषधि का काम कर सकती है। स्पेशल एनाल्जेसिक चाय बनाने के लिए चाय ऑलस्पिस (इस मसाले में जायफल, लौंग और दालचीनी की खुशबू होती है), कैमोमाइल, नलगिरी और कवा रूट चाय का उपयोग किया जा सकता है।
शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन हो तो अदरक आपके काफी काम आ सकता है। अदरक की चाय (जिंजर टी) पीने से न सिर्फ सर्दी- खांसी में राहत मिलती है, बल्कि गठिया के दर्द और सूजन को भी कम किया जा सकता है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि अदरक कोशिकाओं की सूजन को कम करने की ताकत रखता है। इसके अलावा इस चाय से पेट को ठीक रखना भी आसान होता है। सिर्फ इतना ही नहीं, अदरक वाली चाय पीने से तनाव और मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन को भी कम किया जा सकता है। इससे भूख नियमित रहती है और ब्लड शुगर का लेवल संतुलित रहता है।
1. एक पैन में अदरक का टुकड़ा और 2 कप पानी डालें।
2. पानी को लगभग 10 मिनट तक उबालें।
3. अब इसे छान कर इसमें थोड़ा शहद और कुछ बूंद नींबू का रस डालकर अच्छी तरह से मिला लें। अदरक की हर्बल चाय तैयार है।
4. इसका सेवन दिन भर में 2 से 3 बार किया जा सकता है।
बच्चे हों या बड़े, बदलती जीवनशैली का शिकार सभी हो रहे हैं। किसी भी तरह की टेंशन हो या कोई बीमारी, हर चीज़ का असर सबसे पहले व्यक्ति की नींद पर पड़ता है। अनिद्रा या नींद संबंधी किसी भी समस्या से लड़ने के लिए हर्बल टी काफी मददगार साबित हो सकती है। कैमोमाइल (chamomile) के सेवन से नींद को बढ़ाया जा सकता है।
कैमोमाइल टी के फायदे और नुकसान
इसमें फ्लेवोनॉयड एपिजेनिन पाया जाता है, जो नींद के लिए प्रभावी होता है।
कैमोमाइल टी (chamomile tea) पीने से सिरदर्द से राहत मिलती है, मांसपेशियों का दर्द कम होता है, स्ट्रेस कंट्रोल में रहता है, वजन कम होता है, पेट संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है और प्रतिरक्षा भी बढ़ती है।
1. एक कप गर्म पानी में 1 चम्मच सूखे कैमोमाइल या 2 चम्मच ताज़े कैमोमाइल फूल डालें।
2. 5 मिनट तक ढककर रखने के बाद इसे छान लें।
3. अब इसमें शहद मिलाकर इसे गर्मागर्म पी लें।
भारत में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है और औषधीय तुलसी से कई बीमारियों का इलाज भी किया जाता है। तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो मुंह के अंदर गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। हर्बल तुलसी की चाय का सेवन करने से पायरिया और मसूड़ों की अन्य समस्याओं को रोका जा सकता है। तुलसी की पत्तियों को चबाने से मुंह की दुर्गंध को कम कर सकते हैं। तुलसी की चाय पीने से तनाव कम होता है, मूड ठीक रहता है, भूख में सुधार होता है और अपच से भी राहत मिलती है। हर्बल चाय की बात तुलसी की चाय के बिना अधूरी रह जाती है।
1. एक कप में दो चम्मच तुलसी के सूखे पत्ते डालें।
2. अब इन पत्तों पर उबला हुआ पानी डालें।
3. इस चाय को 10- 15 मिनट तक ढककर रखें।
4. एक दिन में तुलसी की चाय के 2- 3 कप पिए जा सकते हैं। आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
हर्बल चाय में गुड़हल (hibiscus) की चाय का भी काफी महत्व है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में काफी फायदेमंद मानी जाती है। गुड़हल में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने में मदद करते हैं, जिससे हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव किया जा सकता है। अगर उच्च रक्तचाप की समस्या शुरुआती चरण में हो तो गुड़हल की चाय से उससे निजात पाई जा सकती है। गुड़हल की चाय उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही पाचन में सुधार करती है, लीवर को स्वस्थ रखती है और कैंसर के खतरे को भी कम करती है। लंबे समय तक इसका सेवन करने से वजन भी कम हो सकता है।
1. 2 कप पानी में गुड़हल की 2 चम्मच सूखी पत्तियां डालें।
2. 10 मिनट तक इसे उबालें।
3. अब इसे छान लें और स्वाद बढ़ाने के लिए शहद और थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर पी लें।
4. इसका सेवन भी दिन में 2- 3 बार किया जा सकता है।
शरीर की स्वस्थ कार्यप्रणाली के लिए लीवर का स्वस्थ और स्वच्छ रहना बहुत ज़रूरी होता है। सिंहपर्णी एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो लीवर को स्वस्थ, स्वच्छ और शुद्ध रखती है। यह लीवर के काम करने की क्षमता बढ़ाती है और टॉक्सिक पदार्थों को बाहर भी निकालती है। सिंहपर्णी (dandelion) की चाय पीने के कई लाभ हैं। इससे वजन कम होता है, सूजन से लड़ने में मदद मिलती है, हाई ब्लडप्रेशर नियंत्रित रहता है और ब्लड शुगर का लेवल संतुलित रखा जा सकता है। इसमें आयरन, पोटैशियम और बीटा कैरोटीन जैसे ज़रूरी खनिजों के साथ ही विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन डी भी पाया जाता है।
1. एक कप पानी में 2 चम्मच सिंहपर्णी की जड़ का चूरन डालें।
2. अब इसे 2 मिनट तक उबालें।
3. 10 मिनट तक ठंडा होने दें और फिर छानकर पी लें।
हर्बल टी में ऐसे कई गुण पाए जाते हैं, जिनसे अंदरूनी और बाहरी तौर पर शरीर की सफाई की जा सकती है। शरीर में मौजूद अशुद्धियों को इसके सेवन से काफी हद तक दूर किया जा सकता है। इससे त्वचा का संक्रमण खत्म होता है और वह त्वचा स्वस्थ भी होती है। अगर नियमित तौर पर हर्बल चाय का सेवन किया जाए तो मुंहासों की समस्या से भी निजात पाई जा सकती है। यह सोरायसिस और एक्जिमा का ट्रीटमेंट करने में भी फायदेमंद है। त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पहाड़ी पुदीना (spearmint), ग्रीन टी और कैमोमाइल टी जैसी हर्बल चाय का सेवन किया जा सकता है।
स्वस्थ शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स (antioxidants) काफी महत्वपूर्ण होते हैं। हर्बल चाय के नियमित सेवन से शरीर की यह ज़रूरत काफी हद तक पूरी होती है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हर्बल चाय के गुण पुरानी बीमारियों और कैंसर के खतरे को कम करते हैं। पेपरमिंट (peppermint), नेटल और थाइम टी (thyme tea) उन कुछ हर्बल चाय में से हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। ये चाय तनाव कम करने में भी मददगार साबित होती हैं।
बहुत कम लोग जानते हैं कि हर्बल चाय के नियमित सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा भी बढ़ाई जा सकती है। इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होने से शरीर को विभिन्न बीमारियों और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो हर्बल टी के सेवन से उसके प्रभाव को कम कर सकते हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए सामान्य चाय के बजाय हर्बल गुणों से भरपूर हर्बल चाय को ही प्राथमिकता दें। इसको पीने से शरीर तो स्वस्थ रहता ही है, दिल और दिमाग ताज़गी से भी भरपूर रहता है।
सामान्य चाय की ही तरह हर्बल टी को भी बनाया जाता है, बस इसमें प्रयोग की जाने वाली सामग्री अलग होती है। तो ऐसे में आपको हर्बल टी रेसिपीज (herbal chai banane ki vidhi) पता होनी चाहिए। जहां सामान्य चाय में पानी, दूध, चीनी, चायपत्ती और स्वादानुसार अदरक या इलायची डाली जाती है, वहीं हर्बल चाय में हर्बल टी इन्ग्रेडिएन्ट्स जैसे पत्तियों, फूलों, जड़ी बूटियों और औषधीय बीजों को गर्म पानी में उबाला जाता है। इस आयुर्वेदिक चाय के बहुत सारे फायदे होते हैं और इसमें कैफीन बिलकुल भी नहीं होता है। आमतौर पर अगर आप जड़ी बूटियों या औषधीय बीजों का सेवन करेंगे तो वे आपको स्वादिष्ट नहीं लेंगे, अगर उन्हीं चीज़ों के पोषक तत्वों को चाय के द्वारा शरीर में इनटेक किया जाए तो वे स्वादिष्ट भी लगेंगे और फायदेमंद भी साबित होंगे। हर्बल टी बनाने के दौरान इसमें उपयोग किए जाने वाले उत्पादों की मात्रा से इसकी गुणवत्ता प्रभावित होती है। विशेषज्ञों की सलाह मानें तो फायदेमंद हर्बल टी में 3 भाग सक्रिय घटक, 2 भाग सहायक घटक और 1 भाग उत्प्रेरक घटकों का मिश्रण डाला जाना चाहिए। इस हर्बल टी बनाने की विधि से हर्बल टी स्वादिष्ट, प्रभावकारी और संतुलित बनती है।
औषधियों से भरपूर हर्बल टी कई प्रकार की होती है। हर चाय का अपना गुण होता है और आप अपनी ज़रूरत के अनुसार उसका सेवन कर सकते हैं।
ग्रीन टी के फायदे (green tea ke fayde) तो हमारे जीवन में बहुत ही लाभदायक हैं। वजन कम करने में सहायक ग्रीन टी को नियमित तौर पर पीने से बुढ़ापा जल्दी नहीं आता है। यह कैंसर से बचाव करती है और हड्डियों को भी मजबूत करती है। ग्रीन टी यानि कि हरी चाय का सेवन कभी भी खाली पेट नहीं किया जाना चाहिए। दोपहर में लंच के बाद भी ग्रीन टी पीने की आदत डाल सकते हैं। ग्रीन टी के कुछ और फायदे (green tea benefits in hindi) यह हैं कि यह कैंसर, डायबिटीज और दिल से जुड़े रोगों के रिस्क को कम करती है।
इस चाय का नियमित तौर पर सेवन करने से पाचन क्रिया तंदरुस्त होती है। इसके प्रयोग से पुराने दर्द और बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। जिन लोगों को भूख कम लगती हो, वे इसका सेवन कर अपनी भूख बढ़ा सकते हैं।
यह हर्बल चाय कैमेलिया सिनेसिस प्लांट से बनती है। इसमें एंटी एजिंग गुण पाए जाते हैं, जिनसे त्वचा हमेशा स्वस्थ और जवां नज़र आती है। व्हाइट टी को रोज़ाना पीने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और हृदय भी स्वस्थ रहता है।
आमतौर पर भांग का सेवन कम से कम किया जाना चाहिए मगर इससे बनी चाय पीने से पुराने दर्द, पेट की ऐंठन, सूजन और सिरदर्द जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
स्टार अनीस एक तरह का मसाला है और इससे चाय भी बनाई जा सकती है। स्टार अनीस चाय का सेवन करने से कब्ज, उल्टी, दस्त, एसिडिटी और पेट संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। दिन में 1 कप स्टार अनीस चाय पीने से पाचन तंत्र में सुधार भी होता है।
गुलाब के पत्तों से बनने वाली इस चाय का सेवन करने से चेहरे पर निखार आता है और पेट की परेशानियां खत्म होती हैं। इसमें पाए जाने वाले विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन बी 3 और विटामिन डी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
इस खास तरह की चाय का सेवन गैस, पेट की समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जाता है। पेपरमिंट एक किस्म का पुदीना होता है और यह आपके शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में भी मददगार होता है।
हर सिक्के की तरह हर चीज़ के भी दो पहलू होते हैं। कोई भी चीज़ आपके लिए जितनी फायदेमंद साबित हो सकती है, कभी- कभी उतनी ही नुकसानदेह भी। जानिए, हर्बल टी के नुकसान।
1. अगर आप गर्भधारण करने के कोशिश कर रही हैं तो कैमोमाइल टी पीने से बचें।
2. गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गुड़हल की चाय का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. व्हाइट टी को ज्यादा पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
4. भांग एक मादक पदार्थ है इसलिए इसकी चाय का सेवन भी कम से कम किया जाना चाहिए।
5. जड़ी बूटियों से बनाई जाने वाली हर्बल चाय हर किसी के लिए फायदेमंद साबित हो, यह ज़रूरी नहीं है। बेहतर रहेगा कि किसी डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए। अगर आपको किसी जड़ी बूटी से एलर्जी है तो उससे बनी चाय का सेवन करने से बचें।
1. क्या हर्बल टी को घर पर बना सकते हैं?
जी हां, आप हर्बल टी को आसानी से घर पर बना सकते हैं। इसके लिए आप चाहें तो मार्केट से टी बैग ले आएं वर्ना घर पर हर्बल टी बनाने वाली सामग्री रखें।
2. क्या हर्बल टी का सेवन कोई भी कर सकता है?
हर उम्र के लोग हर्बल टी का सेवन कर सकते हैं। आप हर हर्बल टी के फायदे व उसमें उपयोग की जाने वाली सामग्री के बारे में पता करने के बाद ही उसका सेवन करें।
3. हर्बल टी से कोई नुकसान तो नहीं होता है?
आमतौर पर हर्बल टी हर किसी को फायदा करती है। फिर भी किसी तरह की शंका हो तो यह आपको पता करना पड़ेगा कि आपको उसमें डाली जाने वाली किसी सामग्री से कोई एलर्जी तो नहीं है।
4. क्या गर्भवती महिलाएं भी हर्बल टी का सेवन कर सकती हैं?
जी, गर्भवती महिलाएं भी हर्बल टी का सेवन कर सकती हैं। हालांकि, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हर्बल टी का सेवन करते वक्त कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। उन्हें कुछ विशेष चीज़ें नुकसान पहुंचा सकती हैं।
5. हर्बल टी से वजन कम हो सकता है?
ग्रीन टी का नियमित तौर पर सेवन करने से वजन कम होता है व मोटापा घटता है।
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