‘आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने। आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते॥’ अर्थात जो लोग प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है। सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यूं तो सूर्य नमस्कार (surya namaskar) सदियों से लोग करते आ रहे हैं और इसे सभी योगासनों में बेस्ट भी माना जाता है। लेकिन इसके फायदे बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, सूर्य नमस्कार 12 मुद्राओं में किया जाने वाला योग है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी होता है। इन मुद्राओं में शरीर को कमर से पूरी तरह आगे और पीछे की ओर स्ट्रेच किया जाता है। इन मुद्राओं को करते समय 12 मंत्रों का उच्चरण किया जाता है। इससे पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार होता है और रक्त प्रवाह अच्छा होता है और मोटापे के लिए सूर्य नमस्कार का भी काफी फायदा होता है। सूर्य नमस्कार करने से कई रोगों से छुटकारा मिलता है। अगर आप भी हेल्दी और फिट रहने के लिए सूर्य नमस्कार का अभ्यास (surya namaskar ke fayde) करने की शुरुआत करना चाहते हैं या फिर करने की सोच रहे हैं तो ये लेख इसमें आपकी मदद करेगा। यहां हम आपको सूर्य नमस्कार के आसन, सूर्य नमस्कार के लाभ (surya namaskar ke fayde in hindi), सूर्य नमस्कार कैसे करें, सूर्य नमस्कार की विधि सब कुछ विस्तार में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं सूर्य नमस्कार के फायदे, इसे करने का सही तरीका और सावधानियों के बारे में।
Table of Contents
Surya Namaskar Kya Hai | सूर्य नमस्कार क्या है
सूर्य नमस्कार एक बेहद ही सरल शब्द है जिसका अर्थ है सूर्य के लिए प्रार्थना। पुराने समय से, लोग सुबह जल्दी उठते हैं और सूर्य की प्रार्थना करते हैं। साथ ही यह माना जाता है कि यदि सूर्य नमस्कार योग के साथ दिन की शुरुआत की जाए तो ये हमारे तन-मन दोनों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। प्रतिदिन हम अगर केवल सूर्य नमस्कार (surya namaskar karne ke fayde) का ही अभ्यास कर लें तो, पूरे शरीर के सभी अगों का अच्छा व्यायाम हो जाता है। इस सूर्य नमस्कार योग की प्रक्रिया लगभग 12 चरणों में पूरी होती है और प्रत्येक चरण में एक आसन होता है। इन 12 योगासनों की क्रिया को सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) कहा जाता है। इसका प्रतिदिन अभ्यास हमें ऊर्जावान, तेजस्वी, निरोगी बनाता है तो चलिए यहां आपको डिटेल में सूर्य नमस्कार के फायदे और नुकसान के बारे में बताते हैं।
Surya Namaskar Mantra in Hindi | सूर्य नमस्कार मंत्र
सूर्य नमस्कार में बारह मंत्र बोले जाते हैं। प्रत्येक मंत्र में सूर्य (सूर्य नमस्कार मंत्र) का भिन्न नाम लिया जाता है। हर मंत्र का एक ही सरल अर्थ है – सूर्य को (मेरा) नमस्कार है। सूर्य नमस्कार की शुरुआत करने से पहले या आसन के दौरान प्रत्येक चरण में इन सूर्य मंत्रो के उच्चारण से विशेष लाभ होता है, वे सूर्य नमस्कार मंत्र (Surya Namaskar Mantra) कुछ तरह हैं-
Benefits of Surya Namaskar in Hindi | सूर्य नमस्कार के फायदे
सूर्य नमस्कार करने के फायदे (surya namaskar ke kya fayde hain) एक नहीं बल्कि अनेक हैं। यदि आप अपने शरीर को अच्छे आकार में रखना चाहते हैं, तो आपको नियमित रूप से सूर्य नमस्कार (सूर्य नमस्कार योग के फायदे) करना चाहिए। योगासनो में सबसे असरदार और लाभदायक सूर्य नमस्कार है। सूर्य नमस्कार करने से कई रोगों से निजात मिलता है। तो चलिए जानते हैं कि सूर्य नमस्कार करने से कौन-कौन से फायदे होते हैं –
सूर्य नमस्कार के फायदे वजन घटाने के लिए
अगर आप अपना वजन घटाना चाहते हैं लेकिन आपका वजन कम होने का नाम नहीं ले रहा है तो रोजाना 10 बार सूर्य नमस्कार (सूर्य नमस्कार के फायदे इन हिंदी) के आसन करें। क्योंकि सूर्य नमस्कार वेट लॉस के लिए सबसे बेस्ट एक्सरसाइज है। जी हां, स्पीड में करने से ये कार्डियोवास्कुलर वर्काउट के तौर पर कार्य करते हैं। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और पेट के आसपास जमे एक्स्ट्रा फैट को कम करने में मदद मिलती है।
सूर्य नमस्कार के फायदे ब्यूटी के लिए
सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) करने से शरीर को प्रयाप्त मात्रा में विटामिन डी मिलता हैं, जोकि त्वचा को निखरी और बेदाग बनाता हैं। इसके अलावा इससे सिर के बाल भी स्वस्थ और मजबूत होते हैं। योग एक्सपर्ट्स के मुताबिक योग ऐसी क्रिया है, जो चिंता को दूर कर मन को शांत रखने में सहायक साबित हो सकती है। इस कारण यह माना जा सकता है कि सूर्य नमस्कार (surya namaskar karne ke fayde in hindi) के अंतर्गत अलग-अलग चरणों में आने वाले अलग-अलग 12 योगासनों का नियमित अभ्यास चिंता और तनाव जैसी समस्या को दूर कर बालों को मजबूती प्रदान करने के साथ त्वचा संबंधित कई समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे मांसपेशियों और हड्डियों के लिए
सूर्य नमस्कार (surya namaskar ke fayde hindi mein) में कई आसन शरीर को अधिक ताकत देते हैं। इनमें से कई योगासन शरीर से जुड़ी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाने का काम भी करते हैं। इसका शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे तनाव के लिए
हमारे पास बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें तनाव से राहत की सख्त जरूरत है। कई बीमारियां घर में लगातार काम और तनाव के कारण होती हैं। सूर्य नमस्कार के योग (Surya namaskra mantra in hindi) में ध्यान भी हो जाता है और मन को एकाग्र करने की शक्ति भी मिलती है। इसकी वजह तनाव हमारे दिमाग से कोसों दूर रहता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और आपकी दृष्टि को सकारात्मक बनाए रखने में भी मदद करता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे अनियमित पीरियड्स के लिए
बहुत सी महिलाओं में पीरियड्स अनियमित होते हैं। इस तरह की समस्या रोजाना सूर्य नमस्कार (surya namaskar ke fayde kya hai) करने से ठीक हो सकती है। क्योंकि इस दौरान किये जाने वाले आसनों से अंसुतलित हार्मोन बैलेंस होते हैं और पीरियड्स रेगुलर होने लगते हैं।
सूर्य नमस्कार के फायदे डायबिटीज के लिए
रोजाना 3 से 4 मिनट सूर्य नमस्कार (surya namaskar ke fayde bataiye) करने से भी आप काफी हद तक डायबियीज को कंट्रोल कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार से ना सिर्फ अतिरिक्त शुगर की ख़पत होती है, बल्कि यह पेन्क्रियाज़ को भी क्रियाशील बनाता है और पूरे शरीर को हेल्दी और फिट रखने में मदद करता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे शरीर को डिटॉक्स करने के लिए
हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने के लिए सूर्य नमस्कार (surya namaskar ke fayde hindi) से बढ़कर अन्य कोई योग नहीं है। इस योग के दौरान आप सांस खींचते और छोड़ते हैं, जिससे हवा आपके फेफड़ों तक और ऑक्सीजन खून तक पहुंचती है। इससे आपके शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड और बाकी जहरीली गैस निकल जाती है और आपकी बॉडी डिटॉक्स हो जाती है।
सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम और विधि
रोजाना सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) करने से एक नहीं अनके फायदे होते हैं, ये तो आपने जान लिया है। लेकिन किसी भी प्रकार का योग या व्यायाम करें, लेकिन इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि उसे सही तरीके से करें। सूर्य नमस्कार एक आसन न होकर 12 योग आसनों का एक क्रमबद्ध तरीके से किया जाने वाला योग है। इसके 2 चरण किये जाते हैं तब पूर्ण सूर्य नमस्कार पूरा होता है। तो आइए जानते हैं तस्वीरों के जरिए सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम और विधि के बारे में (surya namaskar steps in hindi) –
स्टेप 1 – प्रणाम मुद्रा (Pranamasana – The Prayer Pose)
सबसे पहले स्टेप में दोनों हाथों को जोड़कर (नमस्कार की पोजिशन में) सीधे खड़े हो जाएं। अपना पूरा वजन दोनों पैरों पर समान रूप से डालें। फिर अपनी आंखों को बंद करके तथा मन को शांत और एकाग्र चित करके अपने कन्धों को ढीला छोड़ें फिर दोनों हाथो को उठाकर सामने लाये और सांस छोड़ते हुए हथेलियों को आपस में जोड़कर अपनी छाती या वक्षस्थल के सामने नमस्कार मुद्रा में लाएं और सूर्य नमस्कार श्लोक का आवाहन करें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की ऐसी स्थिति को ही कहते हैं प्रणाम मुद्रा।
स्टेप 2 – हस्तउत्तानासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
सूर्य नमस्कार के अब दूसरे स्टेप में गहरी सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और पीछे कानों की ओर से ले जाते हुए कमर के पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान अपने पूरे शरीर को एड़ियों से लेकर हाथों की उंगलियों तक सभी अंगों को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करने की कोशिश करें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की इस स्थिति को कहा जाता है, हस्तउत्तानासन।
स्टेप 3 – हस्तपाद आसन या पाद-हस्तानासन (Padahastasana – Standing Forward Bend)
सूर्य नमस्कार के अब तीसरे स्टेप में सांस को बाहर निकालते हुए धीरे-धीरे आगे की और झुकना है। हाथों को सीधे रखते हुए आगे की ओर झुकाएं और दोनों हाथों को पैरों के दाएं-बाएं करते हुए जमीन को टच करें। ध्यान रखें कि इस दौरान रीढ़ की हड्डी और घुटने सीधे रहें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की इस स्थिति को कहा जाता है, हस्तपाद आसन।
स्टेप 4 – अश्व संचालन आसन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
सूर्य नमस्कार के अब चौथे स्टेप में सांस भरते हुए जितना संभव हो सके अपना दायां पैर पीछे की ओर ले जाएं। फिर दाएं घुटने को जमीन पर रखें और नजरें ऊपर आसमान की ओर रखें। इस दौरान ये कोशिश करें कि आपका बायां पैर दोनों हथेलियों के बीच में ही रहे। इस आसन में थोड़ी देर रूके। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की इस स्थिति को कहा जाता है, अश्व संचालन आसन।
स्टेप 5 – दंडासन ( Dandasana – Staff Pose)
सूर्य नमस्कार के अब पांचवें स्टेप में सांस भरते हुए बाएं पैर को पीछे ले जाएं और पूरे शरीर को सीधी रेखा में ही रखें। इस दौरान आपके हाथ जमीन के लंबवत होने चाहिए। दोनों एड़ियों को आपस में सटाकर रखें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की इस स्थिति को कहा जाता है, दंडासन।
स्टेप 6 – अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose)
सूर्य नमस्कार के अब छठे स्टेप में आराम से अपने दोनों घुटने जमीन पर लाएं और सांस बाहर की ओर छोड़ें। अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए पूरे शरीर को आगे की ओर खिसकाएं। इस स्थिति में अपनी कहानियों को थोड़ा ऊपर ही रखना है परंतु छाती, दोनों हथेलियां,और ठोड़ी (chin) यह जमीन से टच करती रहेंगी। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की ऐसी स्थिति को ही कहते हैं अष्टांग नमस्कार।
स्टेप 7 – भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose)
सूर्य नमस्कार के अब सातवें स्टेप में सांस भरते हुए अपने शरीर के ऊपरी भाग को गर्दन पीछे करते हुए उठाएं। ऐसा करते समय थोड़ी देर के लिए इसी स्थिति में रुकें और कंधे कानों से दूर, नजरें आसमान की ओर रखें। यह स्तिथि भुजंग यानी की cobra से मिलती-जुलती लगती है। दोनों पैरों को आपस में जोड़कर रखेंगें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की ऐसी स्थिति को ही कहते हैं भुजंगासन।
स्टेप 8 – पर्वत आसन (Parvat Aasan – Mountain Pose)
सूर्य नमस्कार के अब आठवें स्टेप में सांस बाहर की ओर छोड़ते हुए कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को ऊपर की ओर उठाएं। चेस्ट को नीचे झुकाकर एक उल्टे वी (˄) की तरह शेप में आ जाएं। इस दौरान एड़ियों को ज़मीन पर ही रखने का प्रयास करें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की ऐसी स्थिति को ही कहते हैं पर्वत आसन।
स्टेप 9 – अश्वसंचालन आसन (Ashwa Sanchalan Asana)
सूर्य नमस्कार के अब नौवें स्टेप में आपको सांस भरते हुए दायां पैर दोनों हाथों के बीच ले जाना है और बाएं घुटने को जमीन पर रखना है। इस दौरान सिर और चेहरा ऊपर की तरफ रखें और पीछे देखने का प्रयत्न करें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की ऐसी स्थिति को ही कहते हैं अश्वसंचालन आसन।
स्टेप 10 – हस्तपाद आसन (Hastapadasana – Standing Forward Bend)
सूर्य नमस्कार के अब दसवें स्टेप में सांस बाहर की ओर छोड़ते हुए बाएं पैर को आगे लाएं और हथेलियों को जमीन पर रखें। धीमे-धीमे अपने घुटनों को सीधा करें। हथेलियों को ज़मीन पर लगाकर रखें और सर नीचे की तरफ रहेगा और घुटनों को थोड़ा मुड़ा भी रहने दे सकतें हैं। अगर संभव हो तो अपनी नाक को घुटनो से छूने का प्रयत्न करें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की ऐसी स्थिति को ही कहते हैं हस्तपाद आसन।
स्टेप 11 – हस्तउत्थान आसन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
सूर्य नमस्कार के अब ग्यारहवें स्टेप में सांस लेते हुए रीढ़ की हड्डी को धीरे से ऊपर की ओर लाएं और हाथों को ऊपर और पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान आपने कूल्हों को आगे की ओर धकेलें। दोनों हाथ कानों को स्पर्श करेंगे और खींचाव ऊपर की ओर महसूस करें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की ऐसी स्थिति को ही कहते हैं हस्तउत्थान आसन।
स्टेप 12 – प्रणाम मुद्रा (Pranamasana – The Prayer Pose)
सूर्य नमस्कार के अब बारहवें स्टेप में सांस बाहर की ओर छोड़ते हुए पहले शरीर सीधा करें, फिर हाथों को नीचे लाएं और पहले जैसी प्रणाम की स्थिति में आ जायें। इस दौरान एकचित्त होकर शरीर में हो रही हलचल को महसूस करें। सूर्य नमस्कार (surya namaskar aasan) की ऐसी स्थिति को ही कहते हैं प्रणाम मुद्रा।
सूर्य नमस्कार सावधानी
किसी भी चीज की अति बुरी होती है। इसी तरह सूर्य नमस्कार (surya namaskar ke kya fayde hote hain) को गलत तरीके से करने और क्षमता से अधिक करने पर कई बार इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। सूर्य को नमस्कार करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सूर्य नमस्कार के आसन (surya namaskar ke fayde in marathi) करने के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि सूर्य नमस्कार (surya namaskar ke fayde hindi me) को सुबह ताज़ी हवा में खाली पेट करना चाहिए। खाना खाने के बाद या फिर रात में इस योग को करने से आपको काफी नुकसान हो सकता है। हर्निया और उच्च रक्तचाप वाले लोगों को भी सूर्य नमस्कार (surya namaskar ke fayde batao) से दूर रहना चाहिए। शुरुआत में सूर्य नमस्कार के आसन धीरे-धीरे करने चाहिए। तेजी से करने व गलत करने से झटका लग सकता है और आपके अंग इससे प्रभावित भी हो सकते हैं। सूर्य नमस्कार (सूर्य नमस्कार के फायदे मराठी) पूरे हो जाने के बाद कुछ देर शव-आसन करें। क्योंकि इससे सांसें सामन्य हो जाती हैं।
सूर्य नमस्कार कैसे करें से जुड़े सवाल और जवाब FAQs
सूर्य नमस्कार करने के क्या क्या फायदे होते हैं?
सूर्य नमस्कार करने के कई फायदे होते हैं और इनमें से कुछ फायदों के बारे में हमने अपने इस लेख में बताया है।
सूर्य नमस्कार कितनी बार किया जाता है?
सूर्य नमस्कार हर एक व्यक्ति अपनी क्षमता के मुताबिक 5 से 10 बार के बीच कर सकता है।
सूर्य नमस्कार करने का अच्छा समय क्या होता है?
सूर्य नमस्कार हमेशा खाली पेट करना चाहिए। आप चाहें तो सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार कर सकते हैं या फिर शाम में खाली पेट भी इसे किया जा सकता है। बस ध्यान रखें कि आप सूर्य नमस्कार के सभी योग धीरेृ-धीरे करें।
सूर्य नमस्कार सुबह कितने बजे करना चाहिए?
सूर्य नमस्कार आप सुबह किसी भी वक्त खाली पेट कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि सूर्य नमस्कार के अद्भुत फायदे के बारे में हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा। सूर्य नमस्कार हर व्यक्ति के लिए बहुत ही अच्छा योग है। इसके अलावा आप यहां Benefits of Yoga in Hindi भी जान सकते हैं।
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