मासिक धर्म आना किसी भी महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण दिन होता है। मासिक धर्म हर महीने कुछ महिलाओं के लिए दर्द रहित होता है और दूसरों के लिए बहुत दर्दनाक होता है। आमतौर पर लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान पेट, कमर और पैरों में तेज दर्द होता है। कुछ लोगों को चक्कर और बुखार भी आ जाता है। तो वहीं कई महिलाओं को लूज मोशन की समस्या भी हो जाती है। इस दौरान हर लड़की को अपना ख्याल रखना पड़ता है, लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि मासिक धर्म के बारे में सही जानकारी न होने के कारण लड़कियां इस दौरान गलतफहमियों के साथ काम करती हैं और स्थिति और खराब हो जाती है। ऐसे में मासिक धर्म से जुड़ी हर बातों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। खासतौर पर जिन्हें अभी-अभी पीरियड (periods meaning in hindi) आना शुरू है। तो आइए जानते हैं मासिक धर्म क्या है (menstruation meaning in hindi), मासिक धर्म आने के लक्षण, मासिक धर्म की समस्या और मासिक धर्म चक्र के चरणों और हार्मोन के कारण।
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Menstruation Meaning in Hindi | मासिक धर्म क्या है?
जिन्हें अभी-अभी पीरियड शुरू हुए हैं उनके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि मासिक धर्म क्या है? तो आपको बता दें कि हर महीने महिलाओं के अंडाशय से एक अंडा निकलता है। इस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहते हैं। इस दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है और गर्भाशय प्रेगनेंसी के लिए तैयार होता है। ओव्यूलेशन के समय जब अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है तो गर्भाशय की परत योनि से बहकर पीरियड ब्लड के साथ शरीर से बाहर निकलने लगती है। इसे पीरियड या मासिक धर्म (menstrual cycle meaning in hindi) कहते हैं। बहुत से लोगों को ये हर महीने 28 से 35 दिनों के अंतराल में आता है। आपका मासिक धर्म शुरू होता है और आपको 3 से 7 दिनों तक रक्तस्राव होता है। लेकिन चिंता न करें, आपके शरीर से केवल 20 से 60 मिलीलीटर रक्त बहेगा, जोकि 4 से 12 छोटे चम्मच के बराबर होता है।
Menstrual Cycle Meaning in Hindi | मासिक धर्म चक्र प्रक्रिया
मासिक धर्म क्या है? ये जानने के बाद अब आपको मासिक धर्म चक्र (menses meaning in hindi) प्रक्रिया के बारे में जान लेना चाहिए कि कैसे महावारी आती है और उसके बाद क्या होता है। मासिक धर्म की प्रक्रिया को चार चरणों में बांटा गया है, जोकि कुछ इस प्रकार हैं –
पहला चरण (1 से 7 दिन) – महावारी आने के पहले दिन को मासिक धर्म का पहला दिन काउंट किया जाता है। यह लगभग तीन दिन से हफ्ते भर तक चल सकता है। जब गर्भाशय की लाइनिंग योनि से रक्त्तस्त्राव के साथ बाहर निकल जाती है, तो खून आना भी बंद हो जाता है। ये मासिक धर्म चक्र का पहला चरण होता है।
दूसरा चरण (8-14 दिन) – पीरियड (menstrual period meaning in hindi) जब भी खत्म होता है उस दिन के बाद से अगला यानि कि दूसरा चरण शुरू हो जाता है। इसे फॉलिक्यूलर फेज कहा जाता है। इस बीच महिला की ओवरी से 5 से 20 फॉलिकल निकलते हैं, जिनमें एक-एक अंडा होता है। इनमें से एक फॉलिकल का अंडा आगे जाकर मैच्योर होता है और स्पर्म के साथ मिलकर अगले चरण में गर्भावस्था का कारण बन सकता है। इस फेज से ही गर्भाशय की लाइनिंग मोटी होना शुरू हो जाती है।
तीसरा चरण (15-25 दिन) – मासिक धर्म चक्र का तीसरा चरण प्रेगनेंसी प्लान कर रही महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इस दौरान ओव्युलेशन होता है और महिला के गर्भवती होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। लगभग 15वें दिन ओवरी से एक मैच्योर अंडा निकलता है। यह अंडा ओवरी से निकल कर फैलोपियन ट्यूब तक जाता है। वहां यह लगभग 24 घंटे तक सक्रिय रह सकता है। अगर इस दौरान वह फैलोपियन ट्यूब में स्पर्म से मिलता है, तो महिला गर्भवती हो सकती है। वहीं, अगर यह नहीं मिलता है, तो 24 घंटे बाद वह खत्म हो जाता है।
चौथा चरण (25-28 दिन) – मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle in hindi) के इस चरण को ल्यूटियल फेस भी कहा जाता है। इस दौरान अगर ओव्युलेशन में अंडा फर्टिलाइज हो जाता है, तो शरीर में प्रोजेस्टेरोन और थोड़ी-सी मात्रा एस्ट्रोजन नामक हॉर्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। ये दोनों हॉर्मोन प्रेगनेंसी को रोकने का काम करते हैं। वहीं अगर अंडा फर्टिलाइज नहीं होता, तो इस चरण में प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है। परिणामस्वरूप गर्भाशय की लाइनिंग पहले की तरह सामान्य होने लगती है। इसके बाद 28 वें दिन से लेकर 35वें दिन के बीच में पीरियड आ जाता है। तो इस तरह माहवारी का एक चक्र पूरा हो जाता है और इसके बाद शरीर के दूसरे चक्र की शुरुआत होने लगती है।
Menstruation Kab se Shuru Hota Hai | मासिक धर्म कब शुरू होता है?
मासिक धर्म की उम्र के बारे में बात करें तो बहुत से लोग का मानना है कि पीरियड (periods in hindi meaning) आने का संबंध प्यूबर्टी से है। लेकिन आमतौर पर लड़कियों में 12-13 वर्ष की उम्र से हार्मोंस में बदलाव होने पर माहवारी शुरू होती है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि सभी का मासिक धर्म इसी उम्र से शुरू हो। यह सिर्फ औसत उम्र है। ये 8 साल से 15 वर्ष के बीच कभी भी शुरू हो सकते हैं। जोकि हर महीने 21 से 35 दिनों बाद महिला को पीरियड होता है जो 2 से 7 दिन तक रहता है। इसे सामान्य पीरियड कहा जाता है। शुरूआत के कुछ सालों तक मासिक धर्म चक्र प्रक्रिया लंबी होती है लेकिन उम्र बढ़ने पर छोटी और नियमित हो जाती है। इस दौरान हल्की या तेज ब्लीडिंग के साथ दर्द होता है। जो आमतौर पर सामान्य माना जाता है।
Periods Symptoms in Hindi | पीरियड्स आने के लक्षण
महावारी में योनि से रक्तस्त्राव मुख्य लक्षण है। लेकिन इसी के साथ और पीरियड (meaning of periods in hindi) आने से 1-2 दिन पहले से ही कुछ लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द, जी मिचलाना, उल्टी या दस्त और चिड़चिड़ापन का अनुभव होता है। इस अवधि के दौरान होने वाली समस्याएं उम्र के साथ बदलती रहती हैं। किशोरावस्था से लेकर रजोनिवृत्ति तक विभिन्न मासिक धर्म की समस्या दिखाई देती हैं। आइए जानते मासिक धर्म आने के लक्षण यानि कि उन संकेतों के बारे में जो कि पीरियड (periods symptoms in hindi) आने से पहले हमें हमारा शरीर देने लगता है –
- पेल्विक एरिया में दर्द या ऐंठन
- स्तन में दर्द
- मुंहासे
- बैचेनी
- वजन बढ़ना
- पेट फूलना
- सिरदर्द/पीठ दर्द
- चिड़चिड़ापन
- पैरों में नीचे की तरफ ज्यादा दर्द होना
- खाने की तीव्र इच्छा/अधिक खाना
- थकान
- मूड स्विंग
- बात-बात पर रोना आना
Menstruation Kab Khtam Hota Hai | मासिक धर्म कब खत्म होता है?
वैसे मासिक धर्म बंद होना यानि कि जिसे मेनोपॉज कहते है, वो महिला के स्वास्थ्य, हार्मोन और उसके भौगोलिक क्षेत्र पर भी निर्भर करता है। विश्वभर में महिलाओं को मेनोपॉज होने की औसतन उम्र 51 होती है। अगर भारत की बात करें तो यहां 40 से 50 उम्र के बीच महिलाओं की महावारी बंद हो जाती है। हर महिला को 45 साल से लेकर 50 की आयु में मेनोपॉज का सामना करना ही पड़ता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। 45 की उम्र से ही महिलाओं में मासिक धर्म (menstruation hindi meaning) बंद होने के लक्षण नजर आने लगते हैं। आमतौर पर महिलाओं में 45 से 50 साल के बाद मेनोपॉज आ ही जाता है।
हम उम्मीद करते हैं कि मासिक धर्म के बारे में आपको हमारे इस लेख में सभी जरूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी। हमने अपने इस लेख में मेंस्ट्रुअल साइकिल क्या होती है? पीरियड साइकिल का क्या अर्थ होता है आदि सवालों के जवाब दिए हैं।
मासिक धर्म से जुड़े सवाल-जवाब FAQs
मासिक धर्म को कैसे ट्रैक करें?
पीरियड यानि कि मासिक धर्म को ट्रैक (menstrual cycle in hindi) करने के लिए सबसे पहले ये देखें कि आपका महीना कितने दिन अधिक या कम होकर आता है। मासिक धर्म आने के लक्षण जैसे कि कमर दर्द, पैर दर्द या फिर मूड स्विंग होने लगता है, इस बात पर भी ध्यान दें।
पीरियड ठीक से न आये तो क्या करे?
पीरियड लाने के लिए कच्चे पपीते का सेवन करें। कच्चा पपीता में ऐसा तत्व होता है जो यूटरस में कसाव पैदा करता है। कसाव के कारण पीरियड्स जल्दी आ जाते हैं। कच्चे पपीते का जूस बनाकर पिएं या अपने मासिक चक्र के बीच में रोज पपीता खाएं। पीरियड 2-3 में आ जायेगा।
मासिक धर्म चक्र से जुड़ी समस्याओं के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं?
मासिक धर्म की समस्या अगर समय रहते हल न की गई तो ये विकारल रूप ले सकती हैं। अगर पीरियड्स के दौरान आपको बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, दर्द होता है या फिर समय से पीरियड नहीं आ रहे हैं तो आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श ले लेनी चाहिए।
पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से क्या होता है?
पीरियड के दौरान शारीरिक सम्बन्ध बनाना एक आम बात है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। पीरियड्स के दौरान सेक्स करना लगभग सुरक्षित है। अगर महिला को किसी तरह की दिक्कत महसूस हो रही हैं तो नहीं करना चाहिए।
कैसे पता करे की पीरियड आने वाला है?
पीरियड आने से पहले बहुत सी महिलाओं का शरीर उन्हें संकेत देने लगता है कि कुछ ही दिन में उनकी महावारी शुरू होने वाली है। कमर दर्द, पिंपल्स का होना, पैरों और स्तन में भी दर्द होना, थकावट महसूस होना आदि मासिक धर्म आने के लक्षण हैं।
माहवारी कितनी उम्र तक आती है?
भारत की बात करें तो यहां 40 से 50 के बीच महिलाओं को मेनोपॉज हो जाता है। यानि कि कुछ महिलाओं को 45 साल से पहले और उसके बाद तक भी महावारी आती है।
पीरियड कितना लेट हो सकता है?
आमतौर पर पीरियड साइकिल 21 से 35 दिन का होता है। अगर आपके पीरियड 35 दिनों के बाद आते हैं तो जान लें कि आप भी पीरियड की ऐसी ही समस्या से गुजर रही हैं।
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