ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अपने जीवन में कभी न कभी कमर दर्द की समस्या का सामना करते हैं और यह एक ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है, इसका उनका अधिक वजन या फिर उनकी सेहत का खराब होना आदि कुछ भी हो सकता है लेकिन आमतौर पर महिलाओं में कमर दर्द की समस्या अधिक देखी जाती है। यहां तक कि इस वजह से महिलाओं को कमर (महिलाओं में कमर दर्द) में अधिक दर्द रहता है। यहां तक कि 50 से 70 प्रतिशत महिलाओं (Kamar Dard ka Ilaj) को गर्भावस्था के दौरान भी कमर में दर्द की समस्या होती है। कीवी के फायदे और नुकसान
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महिलाओं के कमर दर्द के कारण – Kamar Dard Ka Karan
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है, महिलाओं में पुरुषों की तुलना कमर दर्द (महिलाओं के कमर दर्द के कारण) की अधिक समस्या रहती है। साथ ही इसके पीछे अलग-अलग कारण भी होते हैं। दरअसल, ऐसे बहुत से कारण हैं, जिनकी वजह से महिलाओं में कमर दर्द (Kamar Dard ka Upay) की समस्या होती है। तो चलिए आपको इन कारणों के बारे में थोड़ा विस्तार से बताते हैं-
पीएमएस के कारण
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या फिर पीएमएस, ऐसी स्थिति है जो पीरियड से पहले कई लड़कियों और महिलाओं को महसूस होती है। पीएमएस के लक्षणों में सिरदर्द, थकान, पेट का फूलना, मूड स्विंग होना, चिंता या फिर बेचैनी आदि है। इन्ही में से एक लक्षण कमर में तेज दर्द (महिलाओं में कमर दर्द के कारण) होना भी है। पीएमएस की स्थिति पीरियड्स से कुछ दिन पहले शुरू होती है और मासिक धर्म शुरू हो जाने के एक दो दिन बाद ठीक हो जाती है। लिकोरिया का घरेलू उपचार
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पीएमडीडी के कारण
पीएमडीडी, पीएमएस का गंभीर रूप है। इसके लक्षण आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। इसके शारीरिक और भावनात्मक लक्षण पीएमएस जैसे ही होते हैं। लेकिन पीएमडीडी के लक्षण आपको पीएमएस के मुकाबले अधिक प्रभावित कर सकते हैं। अगर आपको डिप्रेशन या फिर मूड स्विंग आदि समस्याएं होती हैं या फिर इसका पारिवारिक इतिहास रहा है तो आपको इसका अधिक खतरा हो सकता है। पीएमडीडी से पीड़ित लड़कियों में कमर दर्द की अधिक समस्या होती है।
एंडोमेट्रिओसिस के कारण
एंडोमेट्रिओसिस ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भाशय को लाइन करने वाला ऊतक, इसे एंडोमेट्रिओसिस ऊतक के नाम से जाना जाता है, ये गर्भाशय के बाहर बढ़ता जाता है। एंडोमेट्रिओसिस का सबसे सामान्य लक्षण दर्द होना है। कमर के निचले हिस्से और पेल्विक में तेज दर्द या फिर मासिक धर्म के दौरान पेशाब के समय तेज दर्द होना एंडोमेट्रिओसिस का लक्षण है।
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गर्भावस्था
गर्भावस्था के समय कमर में दर्द होना बहुत ही सामान्य बात है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रेगनेंसी के समय गुरुत्वाकर्षण का केंद्र बदल जाता है और आपका वजन बढ़ जाता है और आपके हार्मोन लिगामेंट्स को डिलिवरी की तैयारी के लिए रिलेक्स करने लगते हैं। अधिकतर महिलाओं को कमर में दर्द प्रेगनेंसी के पांचवे से सातवे महीने के बीच होता है लेकिन ये पहले भी शुरु हो सकता है। यदि आपको पहले से कमर दर्द (Kamar Dard Ke Gharelu Upay) की समस्या है तो गर्भावस्था के दौरान कमर में दर्द होने की संभावना बढ़ जाता है।
स्पाइनल ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण
रीढ़ के जोड़ को कनेक्ट करने वाले जॉइंट में घिसाई या फिर टूट-फूट से जुड़ी आर्थराइटिस को ऑस्टियोआर्थराइटिस कहते हैं और यह महिलाओं में अधिक सामान्य है। उम्र और वजन के बढ़ने के साथ इस समस्या का खतरा भी बढ़ जाता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस की वजह से कमर के ऊपरी हिस्से में, निचले हिस्से में, नितंब में, जांघ में और पीठ में जकड़न आदि समस्याएं हो सकती हैं।
कमर दर्द का इलाज महिलाओं के लिए – Kamar Dard ka Ilaj
महिलाओं में कमर दर्द की समस्या बहुत ही सामान्य है। इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं। हालांकि, महिलाओं को कमर में होने वाले इस दर्द को इग्नोर नहीं करना चाहिए क्योंकि आगे चलकर इससे उन्हें काफी अधिक परेशानी हो सकती है। इस वजह से हम यहां आपके लिए कमर दर्द (महिलाओं में कमर दर्द के घरेलू उपचार) के लिए कुछ इलाज ( कमर दर्द का इलाज) लाए हैं। इसमें योग से लेकर एक्यूप्रेशर और एक्सरसाइज तक शामिल है।
कमर दर्द के लिए योग
कमर दर्द के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट
कमर दर्द के लिए एक्सरसाइज
महिलाओं में कमर दर्द के घरेलू उपचार से जुड़े सवाल और जवाब
महिलाओं में कमर दर्द पुरुषों के मुकाबले अधिक होता है। इसका कारण ये है कि महिलाओं में मौजूद एक जीन संस्करण कमर दर्द को बढ़ा देते हैं, वहीं यह जीन पुरुषों में दर्द को दबा देते हैं। इसके अलावा पीरियड से पहले या फिर पीरियड के दौरान भी कमर में दर्द हो सकता है।
यदि आपकी कमर की नस दब जाए तो इसकी जानकारी आपको एमआरआई कराने के बाद ही होगी और इस दर्द को दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है।
पीठ पर सूजन, कमर में हल्का या फिर तेज दर्द होना, ज्यादा देर तक खड़े होने या फिर बैठे रहने से अधिक दर्द होना, पीठ और नितंबों के आसपास सुन महसूस होना। या कुछ मामलों में इस दर्द का पैरों या फिर घुटनों तक महसूस होना।
पीरियड आने से पहले कमर में दर्द पीएमस की वजह से होती है।
यदि आपकी कमर में बहुत अधिक दर्द हो तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
कमर और पैर में यदि आपके रोजाना या फिर बहुत अधिक दर्द हो रहा है तो इसे नजरअंदाज ना करें और जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें।
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Archana Chaturvedi