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खाने का जायका बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए काली मिर्च के फायदे – Kali Mirch ke Fayde

Deepali Porwal  |  Feb 26, 2019
Black Pepper Benefits in Hindi

प्रमुख भारतीय मसालों में से एक काली मिर्च (black pepper) का इस्तेमाल खाने का स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है और इसे देश के विभिन्न कोनों में अलग- अलग नामों से जाना जाता है। काली मिर्च का वैज्ञानिक नाम पाइपर निग्राम (piper nigram) है, जिसका इस्तेमाल दवा और मसाले, दोनों के तौर पर किया जाता है। इसमें मौजूद पिपेरिन (piperine) के कारण इसका स्वाद काफी तीखा होता है। काली मिर्च में कई तरह के खनिज और विटामिन (vitamin) पाए जाते हैं। यह विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के और विटामिन बी 6 से भी भरपूर है। इन विटामिंस के अलावा इसमें राइबोफ्लेविन, थायामिन, पोटैशियम, सोडियम, फोलेट, बेटेन और नियासिन भी पाए जाते हैं। इन वजहों से यह स्वाद के साथ ही सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी है। जानिए, गुणकारी काली मिर्च (black pepper) के सभी फायदे और नुकसान। काली मिर्च की तासीर बेहद गर्म होती है और इसीलिए इसके तमाम फायदे होने के बावजूद इसका इस्तेमाल सीमित तौर पर ही करना चाहिए।

काली मिर्च के फायदे – Benefits Of Black Pepper 

काली मिर्च के नुकसान – Side Effects of Black Pepper

काली मिर्च का उपयोग कैसे करे – Kali Mirch ka Upyog

काली मिर्च के औषधीय गुण

स्वाद में कड़वी काली मिर्च का उपयोग कई तरह के रोगों को खत्म करने के लिए किया जाता है।

भूख बढ़ाए

भोजन का स्वाद बेहतर करने के साथ ही काली मिर्च भूख बढ़ाने का काम भी करती है। अपनी खुशबू के माध्यम से काली मिर्च लोगों की भूख को बढ़ाती है। भूख कम लगती हो तो आधी चम्मच काली मिर्च और गुड़ का मिश्रण तैयार कर लें। प्रतिदिन इसका सेवन करें।

हर्बल टी के फायदे और नुकसान

कैंसर से बचाव

काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) पाए जाते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर (cancer) से लड़ने में सहायक होते हैं। काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन कई तरह के कैंसर से लड़ने में मदद करता है। प्रोस्टेट कैंसर में उपयोग की जाने वाली कीमोथेरेपी दवा में भी पिपेरिन पाया जाता है।

काली मिर्च खाने के फायदे – Kali Mirch Khane ke Fayde

बढ़ाए पाचन शक्ति – Enhanced Digestive System

काली मिर्च टेस्ट बड्स को उत्तेजित करती है और पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्त्राव को भी बढ़ाती है। इससे बेहतर और स्वस्थ पाचन क्रिया में मदद मिलती है। पाचन में सुधार करके काली मिर्च पेट में सूजन, पेट के फूलने, अपच, पेट में गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाती है।

तनाव के कारण

टेंशन होगी दूर – Reduces Tension

काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन में एंटी डिप्रेसेंट गुण पाए जाते हैं। इसीलिए काली मिर्च के सेवन से तनाव और डिप्रेशन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

गैस और एसिडिटी को कहें बाय – Relief From Gas And Acidity

कुछ लोगों को अक्सर पेट में गैस बनने या एसिडिटी होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो नींबू के रस में काला नमक और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर उसका चुटकी भर सेवन करें। दर्द में तुरंत आराम मिलेगा।

कैल्शियम की कमी के कारण

मसूड़ों की कमजोरी हो दूर

अगर आपके मसूड़ों में दर्द रहता हो तो काली मिर्च आपके लिए रामबाण उपाय है। काली मिर्च, माजूफल और सेंधा नमक को बराबर मात्रा में मिला लें। अब इस चूरन को सरसों के तेल में मिलाकर दांतों और मसूड़ों में लगाएं और आधे घंटे बाद मुंह साफ कर लें।

घाव में राहत

अगर किसी तरह का घाव हो गया हो या खून न रुक रहा हो तो काली मिर्च को पीसकर उस पर लगा लें। काली मिर्च एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक और दर्द निवारक होती है, जिससे घाव जल्दी भर जाता है।

पेट के कीड़े हों दूर

खाने में काली मिर्च के पाउडर का इस्तेमाल करने से पेट में कीड़ों की समस्या दूर होती है। काली मिर्च के साथ किशमिश खाने से भी इस समस्या से निजात मिलता है।

वजन होगा कम – Lose Weight

काली मिर्च की आउटर लेयर में फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो वसा कोशिकाओं को तोड़ने में मदद करते हैं। यह शरीर से टॉक्सिक तत्वों और अधिक पानी को निकालने में मदद करती है, जिससे वजन कम करना आसान हो जाता है।

सर्दी से राहत

काली मिर्च के इस्तेमाल से कफ कम होता है और भरी हुई नाक व कंजेशन को साफ करने में भी मदद मिलती है। इसमें रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं, जिसकी वजह से सर्दी- जुकाम की स्थिति में काली मिर्च का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

गठिया का इलाज – Arthritis

काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन (piperine) में एंटी- इंफ्लेमेट्री और एंटी- गठिया गुण पाए जाते हैं, जिनसे गठिया के इलाज में काफी फायदा मिलता है। काली मिर्च का तेल त्वचा को गर्माहट देता है, गठिया के दर्द से पीड़ित लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

त्वचा रोग हों दूर – Get Rid of Skin Diseases

काली मिर्च से विटिलिगो (त्वचा रोग), चेहरे पर महीन लाइन, सिकुड़न व अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

डैंड्रफ हो खत्म

अगर आपके सिर में डैंड्रफ यानि कि रूसी की समस्या हो गई है तो दही में 1 चम्मच पिसी काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सिर की त्वचा में लगाएं। आधे घंटे तक लगाए रखने के बाद सिर को पानी से धो लें। अगले दिन अपने बालों को शैंपू से साफ कर लें।

मुहांसे हों दूर

काली मिर्च के 20 दानों को गुलाबजल के साथ पीसकर रात को सोने से पहले चेहरे पर लगाएं और सुबह गर्म पानी से चेहरा साफ कर लें। इससे कील- मुहांसे व झुर्रियों की समस्या खत्म होती है और चेहरा साफ हो जाता है।

त्वचा और बालों का ख्याल रखें इस ब्यूटी गाइड से

हिस्टीरिया – Hysteria

इस रोग से पीड़ित स्त्री को 1 ग्राम काली मिर्च और 3 ग्राम मीठी बच को खट्टे दही में मिलाकर खाली पेट दिन में कम से कम तीन बार खाना चाहिए।

जी मिचलाना

अगर किसी को अक्सर जी मिचलाने की समस्या हो तो उस व्यक्ति को काली मिर्च चबानी चाहिए। इससे जी मिचलाने की समस्या से निजात मिलती है।

चक्कर आना

चीनी और घी में काली मिर्च का चूर्ण मिला लें, इसका सेवन करने से सिर का चकराना कम होता है।

अकड़न

कभी- कभी अचानक शरीर के अकड़ जाने पर शरीर को हिलाने- डुलाने में भी परेशानी होती है। ऐसे में काली मिर्च को ठंडे पानी में बारीक पीस लें और फिर रोगी के पूरे शरीर पर इस लेप को लगा दें।

बुखार – Fever

पुराने बुखार से पीड़ित रोगी को काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पिलाना चाहिए। वहीं, मलेरिया (malaria) से पीड़ित व्यक्ति को काली मिर्च के चूरन और तुलसी के रस को शहद में मिलाकर पीना चाहिए। इससे मलेरिया जैसे बुखार से ठीक होने में मदद मिलती है।

कफ वाली खांसी

काली मिर्च और मिश्री को बराबर मात्रा में पीस लें, अब इसे देसी घी में मिलाकर बेर के आकार की गोलियां बना लें। दिन में 3- 4 बार 1- 1 गोली चूसने से गीली खांसी दूर होती है और कफ भी निकल जाता है।

रतौंधी (रात में दिखाई न देना)

इस रोग से पीड़ित लोगों को काली मिर्च के बारीक चूर्ण को दही के पानी में मिलाकर सुबह- शाम आंखों में काजल की तरह लगाना चाहिए। कुछ महीनों तक इसका प्रयोग करते रहने से रतौंधी की समस्या दूर हो जाती है।

हिचकी होगी बंद – Hiccups will Stop

हिचकी से परेशान लोगों को काली मिर्च के चूर्ण को शहद (honey) के साथ मिलाकर चाटना चाहिए। अगर अक्सर ही बहुत ज्यादा हिचकी आती हो तो काली मिर्च को तवे पर जलाकर उसका धुआं सूंघें। इससे हिचकी को दूर करने में मदद मिलती है।

काली मिर्च के नुकसान – Kali Mirch ke Nuksan

माना कि काली मिर्च के स्वास्थ्य लाभों से इनकार नहीं किया जा सकता है मगर इसको अधिक मात्रा में खाने से यह नुकसानदेह भी साबित हो सकती है। जानिए, काली मिर्च के नुकसान के बारे में।

1. काली मिर्च की तासीर गर्म होती है, इसके ज्यादा सेवन से पेट में जलन हो सकती है। यह जलन स्थायी होती है और कुछ समय बाद अपने आप ही ठीक हो जाती है।

2. सुबह- सुबह काली मिर्च को सूंघने से सांस की जलन व अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

3. काली मिर्च का ज्यादा सेवन करने से पेट खराब हो सकता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं भी शुरू हो सकती हैं।

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4. काली मिर्च से एलर्जी होने की स्थिति में यह त्वचा में खुजली, सूजन और लालिमा जैसे लक्षण भी उत्पन्न कर सकती है।

5. गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को काली मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान शरीर मसालों के प्रति काफी संवेदनशील होता है और स्तनपान के दौरान काली मिर्च की गर्माहट से शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

6. गर्मी के मौसम में काली मिर्च के अत्यधिक सेवन से नाक से खून निकलने की समस्या हो सकती है।

7. पेशाब में जलन होने की स्थिति में इसके सेवन से बचें।

8. काली मिर्च का अत्यधिक इस्तेमाल फेफड़ों को अवरुद्ध कर सकता है। सांस लेने में दिक्कत होती हो तो इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें।

9. काली मिर्च के पाउडर का ज्यादा सेवन करने से गले में खराश और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

10. काली मिर्च को आंख के सीधे संपर्क में आने से बचाना चाहिए। इससे आंखों में जलन हो सकती है।

काली मिर्च का उपयोग कैसे करे – Kali Mirch ka Upyog

काली मिर्च का इस्तेमाल खाने- पीने की कई चीज़ों में किया जा सकता है।

1. सूप को ज़ायकेदार बनाने के लिए उस पर ऊपर से काली मिर्च का पाउडर (black pepper powder) डाला जाता है।

2. घर पर बनाए गए बर्गर या सॉस जैसी चीज़ों में भी काली मिर्च पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है।

3. अगर आप नॉन वेजिटेरियन खानपान के शौकीन हैं तो खाना पकाने से पहले मांस, मुर्गी और मछली पर भी काली मिर्च का पाउडर छिड़क सकते हैं।

4. ऑमलेट व पनीर के व्यंजनों में भी काली मिर्च का उपयोग किया जाता है।

5. व्रत के लिए बनाए गए आलू व दूसरे व्यंजनों में भी काली मिर्च पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है।

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