अरबों लोग रोज़ाना पॉर्न वेबसाइट, क्लिप्स और फ़ोटोज़ देखते हैं। इन्हें दोस्तों से शेयर करते हैं, इनके बारे में बातें करते हैं और तो और ज्यादातर समय पॉर्न के बारे में ही सोचते भी हैं। रोज़ के इस रूटीन के चलते वे पॉर्न एडिक्ट हो जाते हैं, जिस वजह से पॉर्न देखे बिना उनका गुजारा नहीं होता। चाहे कितना भी जरूरी काम क्यों न आ जाए, वे पॉर्न के लिए हर रोज़ समय निकाल ही लेते हैं। यही आदत पॉर्न एडिक्शन कहलाती है।
इसी लत के चलते अकेलापन अच्छा लगने लग जाता है, सबसे दूरी होने लगती है, ऑफिस में दिन-ब-दिन परफॉर्मेंस खराब होती जाती है, छोटी-छोटी बातों पर मूड स्विंग होता है, सोशल लाइफ खत्म हो जाती है, सेहत खराब होती है, मेमोरी खराब होती है, चीजें भूलने लगते हैं, काम से फोकस हट जाता है, सेक्स लाइफ खराब होती है और पैसों की भी तंगी आने लगती है। सिर्फ एक प्लेज़र के लिए शख्स की पूरी लाइफ खराब हो जाती है। यह सब जानते हुए भी पॉर्न देखने की लत नहीं जाती। पॉर्न एडिक्शन से छुटकारा (porn dekhna kaise chhode) पाने के तरीकों के साथ-साथ जानिए उससे होने वाले नुकसानों के बारे में भी।
पॉर्न एडिक्शन क्या होता है? – What is Porn Addiction in Hindi?
पोर्न फिल्मों या सेक्स क्लिप्स को बार-बार देखने की लत पोर्न एडिक्शन है। पॉर्नोग्राफिक कंटेंट जैसे वीडियो, फोटो और सेक्सुअल एक्टिविटी के बारे में पढ़ना पोर्न एडिक्शन है। पोर्न एक्टिविटीज़ को देखते हुए पॉर्नोग्राफिक मटीरियल का इस्तेमाल करना भी इसी लत में शामिल है।
पॉर्न एडिक्शन के संकेत और लक्षण – Symptoms of Porn Addiction in Hindi
अलग-अलग लोगों में पॉर्न एडिक्शन के लक्षण भी अलग हो सकते हैं लेकिन इसके बावजूद कुछ बेहद ही कॉमन लक्षण भी दिखते हैं। कई बार ये लक्षण बाहर के लोगों को भी नज़र आने लगते हैं, जैसे :
1. बार-बार पॉर्न देखने से खुद को रोक नहीं पाना।
2. पॉर्न देखने के लिए पैसा और वक्त, दोनों हद से ज्यादा खर्च करना।
3. दिमाग में बार-बार पॉर्न देखने का ख्याल आना या फिर वे काम करना, जिससे पॉर्न आसानी से देखा जा सके।
4. पॉर्न के नेगेटिव इफेक्ट्स के बावजूद खुद को पॉर्न देखने से न रोक पाना।
5. परिवार, ऑफिस, बच्चे या फिर सभी जरूरी कामों को छोड़ पॉर्न देखना।
6. पॉर्न न देख पाने पर घबराहट या गुस्सा होना, काम में मन न लगना।
7. कुछ भी काम करने के बावजूद बार-बार पॉर्न देखने की इच्छा होना।
8. लाइफ में कुछ भी अप्स एंड डाउन्स हों, पॉर्न देखकर ही नॉर्मल महसूस करना।
9. हर बार नए-नए पॉर्न वीडियो और फोटोज़ देखने का मन करना।
10. फोन में या अपनी सीक्रेट जगह पर पॉर्न संबंधित मैसेज, फोटोज़ या वीडियोज़ रखना।
पॉर्न एडिक्शन के कारण – Causes of Porn Addiction in Hindi
किसी चीज़ की लत तभी लगती है, जब आप अपनी रेगुलर लाइफ से खुश या संतुष्ट होना बंद कर देते हैं। अब चाहे वह सोशल लाइफ हो या पर्सनल लाइफ, ह्यूमन बॉडी या मन, दोनों शांति और अच्छा महसूस करना चाहते हैं। लेकिन कई बार यह अच्छा महसूस करने की इच्छा और संतुष्टि, शख्स को गलत चीज़ों की तरफ बढ़ा देती है। ठीक इसी तरह पोर्न एडिक्शन भी है। दिमाग में गुस्सा, अनसैटिस्फाइड होना, स्ट्रेस, थकान, डिप्रेशन, लोगों का रिजेक्शन जैसी तमाम चीज़ों की वजह से लोग ड्रग्स, शराब या फिर पोर्न के आदि हो जाते हैं।
पोर्न एडिक्टेड लोगों के साथ भी ऐसा ही है। लाइफ से असंतुष्टि और लोगों द्वारा रिजेक्शन पोर्न देखने की इच्छा को बढ़ाता है और दिमाग में इस इच्छा को बढ़ाने का काम करते हैं न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन, ऑक्सीटॉनिक, एड्रेनालाइन, सेरोटॉनिक और एंडोर्फिन्स जैसे बायोकेमिकल्स। पोर्न देखने की इच्छा को यही केमिकल तेज़ करते हैं।
पॉर्न देखने के साइड इफेक्ट्स – Side Effects of Watching Porn in Hindi
पॉर्न एडिक्शन (Porn Addiction) के कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कुछ इफेक्ट्स तो लंबे समय तक परेशान करते हैं। कई रिसर्च बताती हैं कि पॉर्न एडिक्शन से शराब और ड्रग्स की लत लग जाती है तो कई बार जुए की भी आदत हो जाती है और इनसे आसानी से पीछा छुड़ाना मुश्किल है। इतना ही नहीं, पॉर्न एडिक्शन दिमाग पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालता है। एक बार पॉर्न एडिक्शन लग जाए तो शख्स का लोगों से मिलना-जुलना बंद हो जाता है। शख्स दिन भर मोबाइल पर ही एक्टिव रहता है। ज्यादा वक्त मोबाइल पर बिताने और सामाजिक तौर पर लोगों से दूर होने पर वह डिप्रेशन का शिकार होने लगता है। यह नकारात्मक प्रभाव सिर्फ पॉर्न एडिक्टेड (addicted to porn) शख्स को ही नहीं, उसके आस-पास मौजूद लोगों पर भी बुरा प्रभाव डालता है।
पॉर्न एडिक्शन सिर्फ मेंटली और सोशली ही नहीं बल्कि इससे एक कदम आगे पैसों की तंगी, भी ला देता है। इस आदत में शख्स जरूरी चीज़ों पर पैसे खर्च न कर, पॉर्न को देखने के लिए पैसे उड़ाता है। इससे धीरे-धीरे उसका बिहेवियर गुस्सैल और चिड़चिड़ा हो जाता है। आगे चलकर पॉर्न देखने का लती व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगता है। कई बार अपने आस-पास मौजूद लोगों के साथ मार-पीट भी करता है।
पॉर्न एडिक्शन की वजह से लोग खुद के शरीर को भी काफी नुकसान पहुंचाते हैं। बार-बार मस्टरबेट करना और एडल्ट प्रोडक्ट्स का खुद पर इस्तेमाल करना, इन सबसे शरीर खराब होता है। कई बार उनकी सेक्स लाइफ भी पूरी तरह से खराब हो जाती है यानी सिर्फ एक पॉर्न एडिक्शन बाकी चीज़ों का नाश कर देता है।
पॉर्न को दिमाग से हटाने के तरीके
आसानी से उपलब्ध होने वाला इंटरनेट और साथ में मिलने वाला कॉम्प्लिमेंटरी फ्री डेटा। पॉर्न देखने का ज़रिया सस्ता और आसान होने से पॉर्न एडिक्शन बढ़ गया है। इस वजह से कई तरह की नेगेटिविटी देखी जा रही है, जिसका ट्रीटमेंट जरूरी हो गया है। जानिए वे आसान तरीके, जिनसे पॉर्न एडिक्शन (pornaddiction) से छुटकारा पा सकते हैं :
पॉर्न की लत किस हद तक है
इस लत से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले ये समझें कि यह एडिक्शन किस हद तक है। दिन में कितनी बार पॉर्न देखने का मन करता है, किस वक्त करता है, इसके क्या लक्षण हैं और कोई ऐसा काम या चीज़, जिसके बाद पॉर्न देखने का मन करता हो … जैसी तमाम चीज़ें पहले नोट कर लें। जब तक आप यह नहीं जानेंगे कि यह लत किस लिमिट तक है, तब तक आप इससे छुटकारा नहीं पा सकेंगे।
पॉर्न करें ब्लॉक – Block all Porn Sites
पॉर्न के सभी सोर्सेज़ को खत्म कर दें। जैसे पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क या फिर मोबाइल फाइल, सभी से पॉर्न डिलीट कर दें। पॉर्न वेबसाइट पर न जाएं या फिर उन्हें हमेशा के लिए ब्लॉक कर दें। एंटी पॉर्न सॉफ्टवेयर डाल लें ताकि भविष्य में कभी उससे संबंधित ऐड्स भी आपके सामने न आ पाएं।
बिज़ी रहें – Keep yourself Busy
जितना टाइम आप अकेले बिताएंगे, उतना आपका फिर से पॉर्न देखने का मन करेगा। इसलिए अकेले न रहें, खुद को जितना हो सके, बिज़ी रखें। फैमिली के साथ टाइम बिताएं, दोस्तों से बातें करें, फ्रेंड्स बनाएं या फिर खुद को बिज़ी रखने के लिए पॉर्न के अलावा जो भी आपको पसंद हो, वह एक्टिविटी करें।
मोबाइल से दूरी – Maintain Distance from Mobile
पॉर्न देखने का ज़रिया मोबाइल या कम्प्यूटर ही है, जहां आप पॉर्न वेबसाइट्स पर जाकर इन्हें देख सकते हैं। कुछ लोग सोशल मीडिया पर सेक्स रिलेटेड प्रोडक्ट्स, फोटोज़ या मीम्स देखने लग जाते हैं, जो उन्हें पार्न वीडियो देखने पर मजबूर करते हैं। इससे बचने के लिए मोबाइल और कम्प्यूटर से दूरी बनाएं।
नई-नई एक्टिविटीज़ में हिस्सा लें – Participate in New Activities
किसी भी आदत से पीछा छुड़ाने का सबसे बेस्ट तरीका है कि नई-नई एक्टिविटीज़ में हिस्सा लिया जाए। नई चीजें सीखी जाएं ताकि आपको पॉर्न की याद ही न आए और धीरे-धीरे इन नई एक्टिविटीज़ में आपका मन लगने लगेगा। आप डांस, सिंगिंग, कुकिंग, पेंटिग जैसी अपनी पसंद की तमाम चीज़ें सीख सकते हैं।
खुद पर ध्यान दें – Focus on Yourself
दुनिया में सबसे कीमती चीज़ आपकी हेल्थ है। इस पर ध्यान दें, खुद को शीशे में देखें। पुराने बेस्ट मोमेंट्स की तस्वीरों को खंगालें। देखें कि आप पहले कैसे थे और अब कैसे हो गए हैं। दिमाग में इस बात को बिठा लें कि आज से नहीं बल्कि अभी से आपको खुद को बदलना है। पॉर्न को फिर से दिमाग में नहीं लाना है। खुद के शरीर को पहले जैसा हेल्दी करना है। सिर्फ बाहर से ही नहीं बल्कि खुद में अंदरूनी भी बदलाव लाना है।
क्या कहती है स्टडी – Studies related to Watching Porn
पोर्न एडिक्शन से जुड़ी कई रिसर्च हो चुकी हैं, जिनमें हर बार चौंकाने वाले खुलासे होते हैं जैसे :
1. 40 मिलियन लोग रोज़ाना पोर्न वेबसाइट देखते हैं।
2. इन्हीं में से 10 प्रतिशत लोग पोर्न के एडिक्ट हो जाते हैं।
3. 17 प्रतिशत महिलाएं पोर्न साइट देखती हैं।
4. 20 प्रतिशत पुरुष ऑफिस में पोर्न साइट देखते हैं।
5. वहीं, 13 प्रतिशत महिलाएं ऑफिस में पोर्न देखती हैं।
पॉर्न एडिक्शन का ट्रीटमेंट – Porn Addiction Treatment
पॉर्न एडिक्शन (pornaddiction) को छुड़ाना बेशक आसान नहीं है लेकिन पॉर्न की लत को छुटकारा दिलाना इतना मुश्किल भी नहीं है। इस आदत से मुक्ति दिलाने के लिए तमाम ट्रीटमेंट्स मौजूद हैं :
थेरेपी – Therapy
जिन लोगों को पॉर्न एडिक्शन की वजह से हर वक्त घबराहट, डिप्रेशन और ODC (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर) होता है, उन्हें थेरेपी दी जाती है। इस थेरेपी में थेरेपिस्ट काउंसलिंग करते हैं, एडिक्टेड लोगों से सेशंस के जरिए बात करते हैं। पहले थेरेपिस्ट मरीज़ की इस लत को पूरी तरह समझते हैं, फिर इसका इलाज करते हैं।
बात करना
जी हां, पॉर्न एडिक्शन से पीड़ित लोगों के ट्रीटमेंट में उनसे बात करना भी शामिल है। इसमें मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल, सपोर्ट ग्रुप और इसी परेशानी से जूझ रहे दो लोगों की आपस में बात करना शामिल है।
मेडिकेशन – Medication
पॉर्न एडिक्टिडेट डिप्रेशन या ओसीडी से पीड़ित लोगों को थेरेपी और बातचीत में व्यस्त रखने के अलावा दवाइयां भी दी जाती हैं या फिर कभी-कभी तीनों चीज़ों को एक साथ भी किया जाता है। यानी थेरेपी, बात और दवाई, मरीज़ को ये तीनों चीज़ें एक समय में दी जाती हैं।
पॉर्न देखने से खुद को रोकने से जुड़े सवाल और उनके जवाब – FAQ’s
लोगों के मन में पोर्न से जुड़े कई सवाल हमेशा रहते हैं, जिनके जवाब उन्हें कहीं नहीं मिलते। दरअसल वे इस टॉपिक पर शायद ही किसी से खुलकर बात करते हैं। यहां जानिए ऐसे ही सवालों के जवाब।
सवाल- क्या पोर्न देखना हेल्दी है?
जवाब- इस विषय पर कई बार रिसर्च हो चुकी है और चल भी रही है लेकिन पक्का जवाब किसी के पास नहीं है। कई एक्सपर्ट बताते हैं कि पोर्न देखने से लाइफ में नेगेटिव इफेक्ट्स ही आते हैं। वहीं, कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि एक लिमिट में अगर पोर्न देखा जाए तो इससे कोई नुकसान नहीं है। हालांकि वह लिमिट आपको पहचाननी होगी, जब भी आप पोर्न देखने के बाद चिड़चिड़ापन महसूस करें तो इसे देखना छोड़ दें।
सवाल- पोर्न एडिक्शन और सेक्स एडिक्शन एक ही हैं?
जवाब- नहीं, पोर्न एडिक्शन और सेक्स एडिक्शन, दोनों अलग-अलग चीज़ें हैं। सेक्स एडिक्शन में बार-बार सेक्स करने का मन करता है या किया जाता है। लेकिन पोर्न एडिक्शन में सिर्फ पोर्न फिल्म देखने की लत लग जाती है, जिसका असर लाइफ की बहुत सारी चीज़ों पर पड़ता है।
सवाल- क्या कभी-कभी पोर्न देखने का मन करना भी पोर्न एडिक्शन है?
जवाब- नहीं, ज्यादातर लोग पोर्न देखते हैं। ज़रूरत से ज्यादा पोर्न देखना पोर्न एडिक्शन है। पोर्न देखने की आदत न छुड़ा पाना भी पोर्न एडिक्शन है।
सवाल- अगर पोर्न देखने की लत खत्म नहीं हुई तो?
जवाब- पोर्न एडिक्शन शख्स की पूरी जिंदगी खराब कर सकता है। अगर ट्रीटमेंट के बावजूद इसमें कमी नहीं आई या फिर यह लत पूरी तरह ठीक नहीं हुई तो शख्स का कॉन्फिडेंस खत्म हो जाता है, फिर से कभी रिलेशनशिप नहीं बना पाता या फिर उसकी सेक्स लाइफ से संतुष्टि खत्म हो जाती है।
सवाल- किस हद तक खतरनाक है पोर्न एडिक्शन?
जवाब- मूड स्विंग्स, घबराहट या ओसीडी के आगे बढ़कर देखा जाए तो पोर्न एडिक्ट किसी को भी सेक्सुअली और फिज़िकली, दोनों तरीकों से नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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