जिस तरह से अब आए दिन दिल, यानी हार्ट से संबंधित बीमारियों के मामले बढ़-चढ़कर सामने आ रहे हैं, लोग इस बीमारी व अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी सतर्क हुए हैं और वे अपने कुकिंग ऑयल के चुनाव तक में सावधानी बरत रहे हैं। ऐसे में डायटीशियन से लेकर डॉक्टर्स तक सोयाबीन ऑयल को ही खाना बनाने में इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं। सोयाबीन कई मायनों में सेहत के लिए काफी अच्छा है। (soyabean ke fayde)
सोयाबीन आयल का वैज्ञानिक नाम ग्लाइसीन मैक्स है। इसके कई लाभ हैं। (soybean oil ke fayde) यह न सिर्फ आपके दिल के लिए, बल्कि आंखों के लिए, हड्डियों को मजबूत करने के लिए और साथ ही स्वास्थ्य को कई दूसरे तरीकों से लाभ पहुंचाने के लिए भी बेहतरीन विकल्प है। ऐसे में आप भी सोयाबीन को अपनी रेगुलर डाइट में शामिल कर सकती हैं।
तो आइए, जान लेते हैं सोयाबीन के तेल की खूबियों के बारे में। (soyabean ke fayde) साथ ही इसके इस्तेमाल में बरती जाने वाली सावधानियां, दूसरी जरूरी बातें और नुकसान तक के बारे में भी हम आपको विस्तार से बता रहे हैं। ऐसा माना जाता हा कि उन एशियाई महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना कम होती है, जो कि सोयाबीन के तेल का सेवन अपने नियमित खान-पान में करती हैं।
सोयाबीन का तेल क्या है ? – What is Soyabean Oil in Hindi
सोयाबीन का तेल (soybean oil in hindi) दरअसल एक वनस्पति तेल है, जिसे सोयाबीन के पौधे, जिसे ग्लाइसिन मैक्स कहते हैं, के बीजों से प्राप्त किया जाता है। सोयाबीन का उपयोग देशभर में खूब किया जाता है। अन्य तेलों की तुलना में यह अधिक स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है, इसलिए इसकी डिमांड भी खूब है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इसमें बहुत से आवश्यक फैटी एसिड मौजूद होते हैं और यही फैटी एसिड शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। सोयाबीन के तेल में एक नहीं, बल्कि कई प्लांट स्टेरॉल भी होते हैं और यह तेल सोयाबीन के बीजों से ही प्राप्त किया जाता है।
सोयाबीन तेल के इस्तेमाल (soybean oil in hindi) से पहले यह जानना भी बेहद जरूरी है कि इस तेल की तासीर बहुत ठंडी होती है और यह शरीर के लिए अच्छा होता है। यही वजह है कि अगर नियमित रूप से सोयाबीन आयल का सेवन किया जाए तो कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
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सोयाबीन तेल के पोषक तत्व – Soybean oil Nutrition in Hindi
सोयाबीन के तेल (soybean oil in hindi) में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जैसे विटामिन और खनिज पद्धार्थ अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इन्हें उपलब्ध कराने का यह अहम स्रोत है।
सोयाबीन आयल में थोड़ा फैट, जो कि मोनोअनसैचुरेटेड वसा है, वह मौजूद होता है। साथ ही अल्फा-लिनोलिक एसिड की लगभग 10 प्रतिशत मात्रा भी इसमें उपलब्ध होती है। इसके अलावा लिनोलिक एसिड, ओलेलिक एसिड, स्टीयरिक एसिड, पामिटिक एसिड भी इसमें पाया जाता है। इनके अलावा अन्य पोषक तत्वों में कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन सी, थायमिन, राइवोफ्लेबिन, फोलेट, आयरन, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, जिंक और मैंगनीज भी मौजूद होते हैं। इन सभी पोषक तत्वों के कारण ही सोयाबीन तेल (soybean in hindi)एक बेहतरीन खाद्य तेल बन जाता है।
सोयाबीन तेल के उपयोग के स्वास्थ्य लाभ – Health Benefits Of Soybean Oil in Hindi
सोयाबीन तेल के उपयोग से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। (soyabean ke fayde) आइए, इसके बारे में विस्तार से जान लें।
हृदय के लिए अच्छा
डॉक्टर्स भी सलाह देते हैं कि अगर आप अपने हृदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो सोयाबीन तेल को अपने आहार में जरूर शामिल करें, क्योंकि सोयाबीन के तेल (soybean in hindi) से मिलने वाले लाभ आपके हृदय को स्वस्थ और शक्तिशाली करते हैं। इसका प्रमुख कारण यही है कि इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं। बाकी वनस्पति तेलों के उपयोग की तुलना में यह खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर नहीं बढ़ाता है। खराब कोलेस्ट्रॉल ही रक्त वाहिकाओं को रोकता है, जिससे रक्त के संचरण में समस्या होती है और इसकी वजह से हृदय संबंधी रोग उत्पन्न होते हैं। साथ ही उच्च रक्तचाप भी एक कारण बन जाता है, जबकि सोयाबीन तेल (soybean in hindi) में ओमेगा 3 फैटी एसिड होने से खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर वहीं रुक जाता है और उच्च रक्तचाप भी कंट्रोल हो जाता है।
वजन बढ़ाने का बेहतरीन विकल्प
आमतौर पर जिन लोगों को कम वजन की वजह से समस्याओं का सामना करना पड़ता है और वे अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए सोयबीन का तेल (soya bean in hindi) एक बड़ी मदद साबित हो सकता है। आमतौर पर देखने में आता है कि वे वज़न बढ़ाने के लिए खूब ज्यादा घी खाते हैं, जबकि कम ही लोगों को यह जानकारी होती है कि वजन बढ़ाने और संतुलित रखने में सोयाबीन का तेल बहुत सहायक होता है। जो लोग कम वजन या कुपोषण के शिकार होते हैं, उन्हें यह तेल नियमित रूप से इस्तेमाल में लाना चाहिए, क्योंकि सोयाबीन तेल (soya bean in hindi) में सही वसा होने के साथ-साथ पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड भी है। साथ ही इसमें स्टार्च और फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं, जो कि डाइट के लिए बिल्कुल सही है।
हड्डियों को करे मजबूत
महिलाओं में हड्डियां कमजोर होने की शिकायत आमतौर पर पाई जाती है। चूंकि एस्ट्रोजन की कमी के कारण ही हड्डियां कमजोर होती हैं। ऐसे में यह तेल हड्डियों में आने वाले विकार को रोकने में सहायक होता है। अगर आप ऑस्टियोपीनिया से ग्रसित हैं, तब तो आपको यह तेल जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। इस तेल में आइसोफ्लेवोन्स नामक फाइटोस्टेरॉल होता है। यह आपके शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाने और हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है। नियमित रूप से सोयाबीन तेल का सेवन (soya bean in hindi) करने से आप हड्डियों से जुड़ीं कई बीमारियों से राहत पा सकती हैं।
स्वस्थ मस्तिष्क के लिए
आप अपनी डाइट में किस तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं, इस बात का भी आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पूरा असर पड़ता है, इसलिए भी आपको सोयाबीन ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। इस तेल में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-के होता है, इसलिए यह मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए बेस्ट है। इसके साथ ही सोयाबीन के तेल में अच्छे फैटी एसिड जैसे लिनोलेनिक और लिनोलिक एसिड होते हैं, जो ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे डीएचए और ईपीए और ओमेगा-6 एसिड बनाने में सहायक होते हैं। इन फैटी एसिड में शक्तिशाली न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जिन्हें पाने के लिए आपको उचित आहार की आवश्यकता होती है। यह भी एक मजबूत कारण है, जिसके चलते आप अपने आहार में सोयाबीन के तेल को जरूर शामिल कर सकते हैं।
इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए
सोयाबीन के तेल की खासियत होती है कि इस तेल में उच्च वनस्पति प्रोटीन होता है। यह प्रोटीन मनुष्यों में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में प्रभावी होता है, इसलिए सोयाबीन के तेल का उपयोग अपनी प्रतिरक्षा शक्ति, यानी इम्यून सिस्टम को तेज करने के लिए भी कर सकते हैं। इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करने से शरीर में प्रोटीन का स्तर बढ़ता है, जिससे आपका शरीर जल्दी थकता नहीं है। यही नहीं, शरीर की कोशिकाओं के उत्पादन, विकास और स्वास्थ्य में भी प्रोटीन का अहम योगदान होता है।
आंखों के लिए
सोयाबीन का तेल आपकी आंखों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बेहतरीन विकल्प है। वह इसलिए, क्योंकि सोयाबीन के तेल में बायोफ्लेवोनाइड्स और विटामिन ई की काफी अच्छी मात्रा होती है। नियमित रूप से इन पोषक तत्वों का सेवन करने से मोतियाबिंद और रेटिना संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। इस तरह से इस तेल का इस्तेमाल आपकी आंखों के लिए भी बेहतरीन है।
स्वस्थ दांतों के लिए
स्वस्थ दांतों के लिए भी सोयाबीन का तेल एक बेहतरीन विकल्प साबित होता है। दांत हमारे शरीर का अभिन्न अंग हैं। सभी जानते हैं कि दांतों का सबसे मजबूत हिस्सा उसका ऊपरी भाग होता है। इसी ऊपरी सुरक्षा परत को इनामल भी कहते हैं। इसे स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन की आवश्यकता होती है। सोयाबीन के तेल में कैल्शियम और प्रोटीन दोनों की अच्छी मात्रा होती है, जिसके कारण सोयाबीन का सेवन करना आपके दांतों के स्वास्थ्य को बढ़ाता है। इस तरह से आप अपने दांतों को स्वस्थ रखने के लिए इस तेल को अपने आहार में नियमित रूप से शामिल कर सकते हैं।
एनीमिया से छुटकारा
एनीमिया, यानी शरीर में आवश्यक मात्रा में खून की कमी हो जाने की समस्या से छुटकारा पाने में भी यह तेल बहुत अच्छा है। एनीमिया शरीर में आयरन की कमी के कारण होता है। खासतौर से शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों के साथ यह समस्या अक्सर होती है, क्योंकि उनके आहार में आयरन की पर्याप्त मात्रा नहीं होती है। सोयाबीन के तेल में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, इसलिए इसके सेवन से शरीर में रक्त की कमी होने की संभावना न के बराबर होती है। यही नहीं, इस तेल में आयरन फेरिटिन के रूप में होता है, जो कि शरीर के लिए फायदेमंद होता है। (soybean oil ke fayde)
ब्लड प्रेशर कंट्रोल
डॉक्टर्स हमेशा ब्लड प्रेशर के मरीजों को सलाह देते हैं कि वे कम से कम तेल का सेवन करें। ऐसे में उन मरीजों के लिए यह तेल बेहतरीन विकल्प है। यह शरीर में उचित रक्त आपूर्ति को दर्शाता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों का संतुलन बना रहता है। तेल में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
ब्रेस्ट कैंसर
सोयाबीन के तेल में फाइटोएस्ट्रोजन होता है। यह शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है। इसकी वजह से स्तन और पेट के कैंसर से बचा जा सकता है।
सोयाबीन के तेल से होने वाले नुकसान – Side Effects of Soybean Oil in Hindi
हालांकि सोयाबीन ऑयल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है और इसमें कोई संदेह नहीं है। फिर भी सोयाबीन तेल के फायदे और नुकसान के बारे में जान लेना भी जरूरी है।
इस तेल के अत्यधिक प्रयोग से कुछ लोगों को एलर्जी या पेट और सीने में जलन की समस्या हो सकती है। चूंकि कुछ लोग बचपन से जो ऑयल खाते रहते हैं, उन्हें उसी की आदत हो जाती है। ऐसे में अगर सोयाबीन ऑयल से आपकी सेहत मेल न खाए तो आपको इस तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा स्त्री रोग की शिकार महिलाओं, मूत्राशय और मोटापे से ग्रसित लोगों को भी इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। मधुमेह के रोगियों को भी सोयाबीन ऑयल का प्रयोग नहीं चाहिए। साथ ही अगर आप किसी खास बीमारी की दवा ले रहे हैं तो अपने चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही सोयाबीन के तेल का सेवन करें।
सोयाबीन तेल से जुड़ें सवाल और जवाब – FAQ’s
मेनोपोज, यानी रजोनिवृत्ति के दौरान हड्डियां कमजोर होने और एस्ट्रोजेन की कमी होने जैसी परेशानियां होती हैं। ऐसे में सोयाबीन ऑयल का सेवन जरूर और नियमित रूप से करना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद तत्व हड्डियों को स्ट्रांग बनाते हैं और त्वचा की नमी को बनाए रखने में भी सहायक होते हैं।
सोयाबीन के तेल में विटामिन ई की भरपूर मात्रा होती है और यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है। साथ ही यह त्वचा को मुक्त कणों के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है। विटामिन ई त्वचा की रंगत को निखारता है, मुंहासे के निशान कम करता है और सनबर्न से त्वचा की रक्षा करता है।
जी हां, सोयाबीन में मौजूद एमिनो एसिड और केराटिन ऐसे अणुओं को बढ़ा सकता है, जिससे बालों की जड़ों को मजबूत बनाया जा सकता है। यही कारण है कि कई शैंपू में सोया डेरिवेटिव या सोयाबीन ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है।
सोयाबीन ऑयल में मौजूद फैटी एसिड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा अन्य फैटी एसिड, जैसे स्टीयरिक एसिड, पाल्मिटिक एसिड और ओलेइक एसिड भी संतुलित मात्रा में पाया जाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में मदद मिलती है।
जी हां, यह लीवर को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। इस तेल में लेसीथीन पाया जाता है, जो लीवर के लिए काफी अच्छा होता है।
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