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Benefits of Sitting on the Floor while Eating in Hindi

डायनिंग टेबल पर नहीं बल्कि जमीन पर बैठकर खाना खाने के हैं जबरदस्त फायदे

आजकल के मॉडर्न लाइफस्टाइल में सभी चीजें हमारे शरीर के लिए आराम को देखते हुए बनाई गई है, जिसमें से एक है डायनिंग टेबल। जी हां, ये वो जगह है जहां हम सब कुर्सी पर बैठकर खाना खाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि यही आराम हमारे शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। भले ही आपको आज के हिसाब से लगे कि जमीन पर बैठकर भोजन करने में शर्मिदगी महसूस होती है, लेकिन ये तरीका आपको ढेरों हेल्थ बेनिफिट्स दे सकता है।

Benefits of Sitting on the Floor while Eating in Hindi | जमीन पर बैठकर खाना खाने के फायदे

जमीन पर बैठकर खाने का पुराना भारतीय तरीका खाने का सबसे वैज्ञानिक और सही तरीका है। जब हम खाना खाने बैठते हैं तो आमतौर पर पालथी मारकर बैठते हैं, जिसे सुखासन या पद्मासन भी कहा जाता है। आयुर्वेद में भी यह बताया गया है कि भोजन सुखाआसन की मुद्रा में बैठकर ही करना चाहिए। क्योंकि जब हम आगे की ओर झुक कर खाने को मुंह में लेते हैं तो हमारा गट खाने का सही जगह पहुंचाने में बेहतर तरीके से काम करता है। आज यहां हम आपको जमीन पर बैठकर खाना खाने के फायदे बता रहे हैं, जो आपकी बेहतर हेल्थ पाने में बहुत मदद करेगा।

वेटलॉस में हेल्प करता है

उठने और बैठने से शरीर की गति तेज होती है। जमीन पर बैठकर खाना खाने से आपको जल्द ही पेट भरा हुआ महसूस होने में भी मदद मिलती है, इससे आप एक्सट्रा खाना नहीं खाते हैं। कुर्सी पर बैठने की बजाय चटाई बिछा लें, पैरों को क्रॉस कर लें और पीठ को सीधा रखें। यदि आप मोटापा कम करना चाहते हैं तो नियमित रूप से इस पैटर्न को फॉलो करें। यह पोजीशन आपके दिमाग को आराम देने में भी प्रभावी है और इसलिए, आपको ज्यादा खाने नहीं देती है। यह थकान और शरीर की कमजोरी को कम करने में भी मदद करता है।

बॉडी पॉश्चर में आता है सुधार

अन्य सभी योग आसनों की तरह, सुखासन में बैठने से आपको एक अच्छी मुद्रा बनाए रखने में मदद मिलती है और आपको मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। यह आपको लचीलापन देता है, आपकी पीठ को सीधा रखता है और आपके पैरों को ताकत प्रदान करता है। कुछ अध्ययन यह भी दावा करते हैं कि जो लोग इस आदत का अभ्यास करते हैं, उनकी जीवन प्रत्याशा उन लोगों की तुलना में अधिक होती है जो ऐसा नहीं करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बिना किसी सहारे के उठने की कला का अभ्यास करने के लिए मूल शक्ति और फुर्ती की आवश्यकता होती है। इसीलिए खाना खाते समय जमीन पर पलथी मारकर बैठने को बेस्ट पॉश्चर माना जाता है।

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पाचन में मदद करता है

फर्श पर पैरों को क्रॉस करके बैठना (सुखासन) हमारी पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। अपनी थाली को जमीन पर रखें, और खाने के लिए अपने शरीर को थोड़ा सा आगे की ओर ले जाएं और वापस अपनी मूल स्थिति में आ जाएं। इस बार-बार होने वाली क्रिया के परिणामस्वरूप पेट की मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं, जिससे पेट के एसिड का स्राव बढ़ जाता है और भोजन को तेजी से पचाने में मदद मिलती है।

बॉडी की स्ट्रेचिंग बेहतर होती है

जब हम कुर्सी पर बैठकर खाते हैं तो हिप्स टाइट और स्ट्रॉग हो सकते हैं जबकि जमीन पर बैठकर खाने से हिप्स के फ्लेक्सर्स को आसानी से स्ट्रैच सकते हैं।

ब्लड सर्कुलेशन को तेज करता है

जमीन पर पलथी मारकर बैठकर खाना खाने से हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है। क्योंकि यह नसों को शांत करता है और इसमें तनाव को दूर करता है। जब हम बैठे होते हैं तो यह हृदय को स्वस्थ रखता है; हमारे शरीर और हृदय पर कम दबाव पड़ता है। सुखासन में रक्त प्रवाह पूरे शरीर में समान रूप से वितरित होता है। यही वजह है कि हार्ट पेशेंट के लिए भी जमीन पर बैठकर खाना हेल्‍दी माना जाता है।

जमीन और परिवार से जोड़ता है

बैठने से न केवल तत्काल स्वास्थ्य लाभ होता है, बल्कि यह कई मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कारकों में भी मदद करता है। अपना खाना खाने के लिए बैठने से हम विनम्र और अधिक जमीन से जुड़े होते हैं। यह परिवार को भी आपस में जोड़ता है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप अपना भोजन अपने परिवार और प्रियजनों के साथ फर्श पर बैठकर खाना शुरू करें और भोजन के दौरान टेलीविजन या मोबाइल चलाने से बचें।

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