वो पहली बार…जब दो लोग इतने करीब आते हैं कि एक हो जाते हैं…वो पहली बार हर किसी के लिए अलग होता है…किसी के लिए अमेजिंग, किसी के लिए दर्द भरा, किसी के लिए कुछ खास, किसी के लिए कुछ आम सा..लेकिन मेरे लिए वो पहली बार सेक्स फनी था!! जी हां…हास्यास्पद..हंसाने वाली घटना! बचपन से ही मैं यह सपना देखते हुए बड़ी हुई थी कि मेरा फर्स्ट टाइम सेक्स किसी ऐसे खास के साथ होगा जिससे मैं बहुत बहुत प्यार करूंगी…कोई ऐसा जिसके प्यार में पागल होकर मैं उसके इतने करीब आ जाऊंगी..यह सपना सच ही हुआ। मैं उससे प्यार करती थी और मुझे यकीन था कि वो भी मुझसे प्यार करता है (कम से कम वो तो यही कहता था)। लेकिन जो मैं नहीं सोच पाई थी..एक टीनएजर होते हुए या बड़े होने पर भी..वो यह था कि जब एक वर्जिन दूसरे वर्जिन के साथ सोता है तो वह मौका कुछ अलग या कहें कि कुछ मुश्किल हो सकता है…।
तो वो ‘सब’ कुछ इस तरह हुआ- जो हुआ वो अचानक बिल्कुल नहीं था..हम दोनों काफी समय से इस मौके, इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और कुछ हद तक प्लानिंग भी। वो कंडोम्स खरीद चुका था और मैं इंटरनेट पर पहली बार सेक्स के डूज़ एंड डोनट्स (do’s and don’ts) के बारे में काफी कुछ पढ़ चुकी थी। हम दोनों ने साथ में कुछ पॉर्न (porn) फिल्में भी देख डाली थी ताकि हमें एक्चुअली सब कुछ पता हो और हमसे पहली बार में कोई भी गलती न हो। हम दोनों इस बारे में ढेर सारी बातें कर चुके थे…यहां तक कि हम दोनों जिस पॉइंट तक मौका मिला वहां तक जा चुके थे। हम दोनों एक दूसरे के सामने बिना कपड़ों के…
हम दोनों को बिल्कुल भी अजीब नहीं लगा और न ही हम शर्माए। और आखिर हमारा इंतजार भी खत्म हुआ..हमें अपने फर्स्ट टाइम सेक्स के लिए एकदम परफेक्ट मौका मिला जब उसके पेरेंट्स वीकेंड के लिए शहर से बाहर गए! मेरी मम्मी जानती थी कि मेरा एक बॉयफ्रेंड है और उन्हें इस बात से कोई एतराज नहीं था कि मैं उसके साथ बाहर घूमती-फिरती हूं..फिर भी सेफर साइड के लिए मैंने उन्हें बता दिया था कि हम दोनों किसी मॉल में एक के बाद एक फिल्में देखेंगे और हो सकता है मेरा फोन न लगे। मैं नहीं चाहती थी कि उस बीच उनका फोन आए और वो अनजाने में ही ‘कबाब में हड्डी’ बन जाएं! मैं ठीक सुबह 11 बजे उसके घर पहुंच गई। मैं नर्वस थी, एक्साइटेड थी…और भी पता नहीं क्या क्या फील कर रही थी। उसकी कुक ने दरवाजा खोला- ओह! ये अब तक यहां क्यों है?? इसे भी वीकेंड पर छुट्टी देने का प्लान किया था हमने तो!!
बाद में मुझे पता चला कि गीता दीदी सिर्फ हम दोनों के खाना खाने का इतंजार करने के लिए रुकी थी। हम दोनों ने सोचा कि सबसे पहले फटाफट खाना खा लेते हैं ताकि वो जल्दी से जल्दी घर से चली जाएं। हम दोनों ने चुपचाप खाना खाया…सच कहूं तो मैं बात तो करना चाहती थी लेकिन मेरे दिमाग में ‘होने वाले पहली बार सेक्स’ को लेकर इतना कुछ चल रहा था कि लगा कहीं मेरे मुंह से कुछ ऐसा न निकल जाए जिससे गीता दीदी ही घबरा जाएं!! खाना खाने के बाद हम दोनों को एक और घंटा इंतजार करना पड़ा क्योंकि गीता दीदी बर्तन धो रही थी। हम दोनों उन्हें दिखाने के लिए टीवी देख रहे थे…हम दोनों सिर्फ साथ बैठे थे..दोनों में से किसी का भी ध्यान टीवी पर नहीं था। हम दोनों ही फर्स्ट टाइम सेक्स को लेकर घबराए हुए थे। आखिरकार गीता दीदी घर से गई!! जाने से पहले वो उसे बताना नहीं भूली कि फ्रिज में खाना रखा है और वो वीकेंड पर क्या क्या खा सकता है।
जैसे ही दरवाजा बंद हुआ। हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया। हम दोनों को जोर से हंसी आ गई। इसके बाद हम दोनों सोफे से बेड की तरफ गए और बेसब्री के साथ एक दूसरे के कपडे उतारे..। “चलो शुरू करते हैं!” उसने कहा। “हां!” मेरे भी मुंह से निकला। और इसी के साथ कुछ अजीब सी बातें होने लगी…
सबसे पहले तो कंडोम निकालते हुए ही उसके हाथ से वो फिसल कर बेड के किनारे की तरफ गिर गया..हम दोनों को टार्च की मदद से उसे निकालना पड़ा। जैसे ही हम शुरू हुए..मुझे दर्द होने लगा और मेरे मुंह से हल्की चीखें निकलने लगी “आह आह आह!” मेरी इस आवाज़ से वो भी घबरा गया और…! उसका सारा अराउज़ल ही खत्म हो गया। तो हमें ‘सब कुछ’ दुबारा शुरू करना पड़ा…एकदम शुरू से!! लेकिन फिर मेरी चीख निकल गई और फिर वही सब हो गया..!!
जब तक हमने इस पूरे प्रोसेस को तीसरी और चौथी बार शुरू करते, मैं दर्द के बारे में सोचकर ही इतना घबरा जाती थी- जैसे कोई नया नया ड्राइवर डर के मारे खाली सड़क पर भी, बिना किसी इंसान, बिना किसी ट्रैफिक, बिना किसी ट्रैफिक सिग्नल के भी बार बार हार्न मारता है- मेरी चीख निकल जाती थी और वो मुझे दर्द पहुंचाने के ख्याल से ही घबरा जाता था। और जब तक वो दोबारा मूड में आता था, मेरा मूड ऑफ हो चुका होता था…यह बात आज से दस साल पहले की है जब आप भारत में आसानी से सेक्स के दौरान लगाया जाने वाला कोई स्टफ यहां तक कि लुब्रिकेटेड कंडोम्स नहीं खरीद सकते थे..कम से कम मेरे उस छोटे से होमटाउन में तो नहीं! हमने सोचा कि हम वेसलीन या ऑलिव ऑयल का ही इस्तेमाल कर लेते हैं लेकिन हमने पढ़ा था कि इन दोनों ही चीजों से कंडोम में छेद हो सकते हैं। इसलिए हमने ये आइडिया छोड़ दिया। हम दोनों बेड पर बेवकूफों की तरह बैठे थे…
जिन्हें वैसे तो फर्स्ट टाइम सेक्स के बारे में बहुत कुछ पता है लेकिन प्रैक्टिकली कुछ भी नहीं पता। बहुत सोचने के बाद हम दोनों ने बाथरूम जाकर पानी को एक लुब्रीकेंट की तरह इस्तेमाल करने का फैसला किया। इसके बाद हम दोनों को सिर्फ ये सोचना था कि हम उसके पेरेन्ट्स को क्या जवाब देंगे जब वो पूछेंगे कि बेड गीला क्यों है? शॉवर के नीचे एक कम्फ़र्टेबल पोज़ीशन हम दोनों के लिए ही मुमकिन नहीं थी। बाथरूम में खड़े होकर सेक्स करने की गुंजाइश नहीं थी क्योंकि पानी का नल या शॉवर कभी भी आपको घायल कर सकते थे..खासतौर से तब जब आप पहली बार सेक्स करने की ‘कोशिश’ कर रहे हो और दोनों ही लोग पहले से ही काफी घबराए हुए हों। अचानक उसे एक नया आइडिया आया। हम दोनों उसके पेरेंट्स के बाथरूम में गए और वहां के बाथ टब को ही अपना बेड बनाने की सोची। सोचने में तो यह बहुत ठीक आइडिया था लेकिन असल में….
बाथ टब में खुद को उसके ऊपर सेटल करने के चक्कर में मेरा हाथ साबुन पर गया, साबुन टब में गिरा, साबुन पर मेरा पैर पड़ा और मैं सीधा उसके ऊपर गिरी…मेरी कोहनी ठीक उसके उस सेंसिटिव पार्ट पर लगी जहां बिल्कुल बिल्कुल नहीं लगनी चाहिए थी!! हमने टब को गुनगुने पानी से भरा और करीब आधा घंटा उसमें बैठे। अब तक हम दोनों पूरी तरह हिले हुए थे। मैं रो चुकी थी, वो अपना प्राइवेट पार्ट पर चोट लगवा चुका था, मैं इमोशनल तौर पर अभी भी घबराई हुई थी, वो अभी भी दर्द महसूस कर रहा था…।
कुछ देर बाद हम दोनों बेड पर वापस आ गए। मैंने इस बार अपना मुंह अच्छी तरह बंद किया और चादर से अपना चेहरा छुपा लिया ताकि उसे मेरे एक्सप्रेशन नजर ही न आएं। इसके बाद आखिरकार हमने पहली बार सेक्स किया!! जाहिर तौर पर मुझे दर्द हुआ, मेरे पसीने छूट गए और मैं चुप नहीं रह पाई…चादर के अंदर से ही उसे मेरे चीखने की आवाज भी सुनाई दे गई और…..वो फिर अपना अराउज़ल खो बैठा। इस बार वो बेड से निकला और सीधा किचन में जाकर उसने मेरे लिए चाय बनाई।
मेरा दर्द और चीखना चिल्लाना सुनने के बाद यह जानकर आप भी हैरान होंगे कि मुझे कोई ब्लीडिंग नहीं हुई। और वो सब इतना ज्यादा दर्दनाक था कि मैं दर्द के अलावा कुछ और महसूस ही नहीं कर रही थी। मैं स्कूल में एथलीट थी और मेरा मानना था कि मैं बहुत पहले अपना हाइमेन ब्रेक कर चुकी थी इसलिए ब्लीडिंग का तो सवाल ही नहीं उठता था। इसके अलावा यह उसके लिए भी पहली बार था, उसे सेक्स का कोई अनुभव नहीं था, ये भी नहीं पता था कि सेक्स करते हुए असल में कैसा महसूस होता है इसलिए हम दोनों में से कोई भी यह बताने की स्थिति में ही नहीं था कि असल में हमारे बीच फर्स्ट टाइम सेक्स हुआ भी है या नहीं!!! तो इस पूरे ड्रामा के बाद हम दोनों ही ये नहीं जान पाए कि जिस चीज का हमें इतना इंतजार था वो हुई भी है या नहीं…हमारे बीच पहली बार सेक्स हुआ भी है या नहीं। चाय पीते हुए
हम दोनों ही इस फैसले पर पहुंचे कि हम दुनिया के सबसे बेवकूफ कपल होंगे क्योंकि हमें यही नहीं पता था कि हम दोनों ने अपनी वर्जिनिटी एक साथ, एक दूसरे के साथ खोई है या नहीं। कई घंटों के बाद जब शाम हुई तो हमने कुछ खाने की सोची और उसके बाद वो मुझे घर छोड़ देगा। जैसा लंच हुआ था वैसा ही डिनर हुआ। हम दोनों ने चुपचाप डिनर किया और हमें नहीं समझ आ रहा था कि एक दूसरे से क्या कहना है। अगर हम अपने दोस्तों को यह बात बताते तो या तो वो हम पर हंसते या शायद हम पर यकीन ही नहीं करते। हम दोनों का वो फेलियर एक साथ होते हुए भी हमारा प्राइवेट फेलियर था। वापस घर आकर मैं बेड पर कई घंटों तक करवटें बदलती रही। मम्मी पापा ने उन फिल्मों के बारे में पूछा जो मैंने सारा दिन देखी…मैंने कहा कि सब बकवास थी। आधी रात को जब मैं बाथरूम गई तो मैंने देखा कि मुझे ब्लीडिंग हो रही है…मैंने फौरन उसे फोन मिलाया। “सुनो,” मैंने फुसफुसाकर कहा, मेरी आवाज बाथरूम में गूंज रही थी, मुझे डर था कि कहीं मेरे पेरेंट्स को मेरी आवाज न आ जाए…मैंने खुश होकर उसे बताया। “यानी…हमने सच में फर्स्ट टाइम सेक्स कर ही लिया, huh?” उसने कहा। “हां” “कूल! बहुत थकाया लेकिन जो हुआ बहुत सही था।” मेरी जोर से हंसी निकल गई। मैंने सुना उसे भी हंसी आ गई। उसने कहा, “उम्मीद है अगली बार हम ठीक से करेंगे।” तो यह था मेरा वो ‘फर्स्ट टाइम सेक्स’!!
कैसे और क्यों करे खुद से प्यार