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वर्तमान दौर में तनाव भरी जिंदगी के कारण सिर दर्द रहना आम बात हो गयी है। ऐसे में हम जल्द आराम पाने के लिए कई बार चाय और कॉफी या दवाइयों का सहारा ले लेते हैं लेकिन यह सिर दर्द का कोई स्थाई इलाज नहीं होता है। वैसे भी अत्यधिक कॉफी और चाय पीना या दवाइयां खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। कई बार सिर दर्द थकान या भूख की वजह से भी होता है लेकिन ध्यान रहे कि इसके पीछे की वजह अत्यधिक तनाव और आंखों की कमजोरी भी हो सकती है। सिर दर्द और आँखों में दर्द के कारण
यह सच है कि इन दिनों समय के अभाव के कारण हम थोड़ा भी समय अपने लिये नहीं निकाल पाते हैं। हालांकि, अगर नियमित रूप से हर दिन थोड़ा- थोड़ा समय भी हम खुद को देंगे तो हम तनाव को बाय- बाय कह सकते हैं। हम थोड़ा समय निकाल कर अगर कुछ योग कर लें तो इस दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सकता है। तो आइये आज आपको सिर दर्द के कारणों और उसे दूर करने के कुछ योग के बारे में विस्तार से बताते हैं।
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सिर दर्द के कारण – Sir Dard ke Karan
सिर दर्द के कारण कई हो सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण तनाव ही होता है। अधिक तनाव लेने की वजह से सिर में आये दिन दर्द की परेशानी रहती है। जब शरीर और मन में तनाव संभालना मुश्किल हो जाता है, तब ये सिरदर्द का रूप ले लेता है। ऐसे में एक्सपर्ट राय देते हैं कि अगर हर दिन 10 से 15 मिनट का ध्यान किया जाये, तो तनाव से राहत मिल सकती है। सिर दर्द का दूसरा प्रमुख कारण मन और शरीर की थकावट भी है। जी हां, व्यस्त दिनचर्या की वजह से अत्यधिक भागदौड़ करनी पड़ती है, जिससे थकावट बढ़ती है।
पेट खराब होने के कारण भी सिर दर्द की शिकायत हो सकती है। चूंकि हमारे शरीर के सारे अंग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसलिए एक अंग में किसी प्रकार का असंतुलन होने से भी दूसरे अंग में परेशानी हो सकती है। सिर में दर्द होने की एक बड़ी वजह नींद न पूरा होना भी है। वहीं आप जहां रहते हैं, वहां किस तरह का माहौल है और कितना शोर होता है, इस वजह से भी सिरदर्द हो सकता है।
शायद आप इन बातों को नजरअंदाज कर सकते हैं लेकिन यह भी सच है कि अगर आप हद से ज्यादा फोन पर बातचीत करती हैं तो भी आपको नियमित सिर दर्द की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा जरूरत से ज्यादा किसी चीज, व्यक्ति या बात के बारे में सोचना भी आपको सिरदर्द की परेशानी से जूझने के लिए मजबूर कर सकता है।
सिर दर्द दूर करने के लिए योगासन लाभदायक है – Yoga for Headache in Hindi
सिर दर्द के सारे कारणों से अवगत होने के बाद यह बेहद जरूरी है कि सिर दर्द से निजात पाने की कोशिश की जाये। सिर दर्द की दवाइयां लेने या चाय- कॉफी पीने से सिर दर्द स्थाई रूप से ठीक नहीं होगा। सिर के दर्द में योग से बेहतरीन उपचार और कुछ भी नहीं है। हर दिन कम से कम 15 मिनट तक ध्यान करने से भी सिर दर्द में काफी राहत मिलती है।
सिर दर्द के लिए योगासन क्यों है महत्वपूर्ण – Sir Dard ke Liye Yogasan
कई लोगों के जेहन में यह सवाल आता है कि सिर दर्द को दूर करने के लिए योग को ही क्यों महत्वपूर्ण माना गया है, तो इसके पीछे कई कारण हैं। पहला महत्वपूर्ण कारण है कि योग से आपको किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। अगर आप सिर दर्द को ठीक करने के लिए दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो आपको निश्चित तौर पर साइड इफेक्ट्स के लिए तैयार रहना चाहिए। योग करना कोई महंगा उपचार नहीं है। आपको सिर्फ अपने लिये समय निकालने की जरूरत है।
योग लगभग हर तरह की बीमारियों से छुटकारा दिलवा सकता है। ऐसा नहीं है कि अगर आप सिर दर्द के लिए योग कर रही हैं तो आपको बाकी फायदे नहीं होंगे, बल्कि शरीर के बाकी अंगों को भी फायदा पहुंचता है। साथ ही आप दिन भर ऊर्जावान भी रहते हैं। अनिद्रा की बीमारियों से भी निदान मिलता है। आप पूरी तरह से फिट रहते हैं और तनावमुक्त होने के बाद जाहिर है कि आपको सिर दर्द की परेशानियों से भी निदान मिलता है।
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सिर दर्द का योग – Sir Dard ke Liye Yoga
ऐसे कई सिर दर्द का योगासन हैं (headache ke liye yoga), जो खासतौर से सिर दर्द में जरूर किये जाने चाहिए। इससे सिर दर्द की तमाम परेशानियों से छुटकारा मिलता है। तो आइये, कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में जान लेते हैं।
आनंद बालासन- मिले आनंद ही आनंद
आनंद बालासन खासतौर से आपके दिमाग को शांत कर शारीरिक तनाव से मुक्ति दिलाता है और ऊर्जा का संचार करता है। लेकिन इससे मिलने वाले लाभों के लिए इसे करने की सही विधि आनी चाहिए वरना चोटिल होने की आशंका भी बनी रहती है। यह थोड़ा कठिन योगासन है। हालांकि इसे हैप्पी बेबी पोज भी कहा जाता है। आनंद बालासन करने के लिए कमर के बल लेट जायें, अब सांस को अंदर लेते हुए पैरों को ऊपर सीधा उठाएं, फिर अपने दोनों हाथों से पैरों की उंगलियों को पकड़ें।
अब अपनी कोहनियों और घुटनों को छाती तक लेकर आयें। अब आराम से अपने कूल्हों को फैलाएं, जिससे पैरों के बीच में जगह बन जाए। अपनी ठुड्डी को छाती की तरफ कर लें, लेकिन ध्यान रहे कि सिर और कमर पूरी तरह जमीन पर ही हों। अब अपनी टेलबोन और सेक्रेम हड्डी को जमीन की तरफ दबाएं और अपनी एड़ियां ऊपर की तरफ सीधी रखें। आराम से सांस लेती रहें और इसी अवस्था में 30 सेकंड तक रहें। अब सांस को बाहर छोड़ते हुए हाथों और पैरों को उल्टी प्रक्रिया में दोहरायें और कुछ देर जमीन पर सीधी लेटी रहें।
सावधानी बरतें
अगर आपकी गर्दन या कमर में चोट लगी हुई है तो यह आसन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं या मासिक धर्म में इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए। उच्च रक्तचाप के मरीजों को भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
शवासन – थकान और तनाव को भूल जायेंगी
शवासन करने से मानसिक तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द और थकान से राहत मिलती है। शवासन योग ऐसा एकमात्र आसन है, जिसमें सामान्य रूप से लेटना होता है, यह न केवल थकान मिटाता है, बल्कि कई बीमारियों को भी दूर भगाता है। शवासन दो शब्दों से बना है, शव और आसन। शव का अर्थ होता है मृत, यानी कि इस आसन में शरीर को मृत शरीर की तरह ही बनाना होता है। यह मन को शिथिल करने वाला आसन है। इसे हर आयुवर्ग के लोग कर सकते हैं। इसे करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।
सावधानी बरतें
इस आसन को करते समय शरीर को टाइट न रखें वरना परेशानी हो सकती है। शवासन करते समय अपने अंदर ऐसा कोई विचार न आने दें, जिससे आपको मानसिक तनाव हो।
पादंगुष्ठासन- है स्ट्रेस बस्टर
सिर दर्द से राहत दिलाने में पादंगुष्ठासन का भी अहम योगदान होता है। यह एक ऐसा योगासन है, जिसकी वजह से दिमागी तौर पर स्ट्रेस खत्म हो जाता है और तनाव से भी मुक्ति मिलती है। तनाव खत्म होने पर जाहिर है कि आपको सिर दर्द की परेशानी से भी छुटकारा मिलेगा। इसलिए इसे नियमित रूप से किया जाना चाहिए। इस योग को करने के लिए आपको ताड़ासन की मुद्रा में खड़ा होना है। फिर अपने दोनों हाथों और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और अपने दोनों पैरों के बीच कम से कम छह इंच की दूरी रखें।
अब सांस छोड़ते हुए अपने धड़ यानी शरीर के ऊपरी हिस्से को सीधा रखे हुए कूल्हों के जोड़ से नीचे की ओर झुकें। ध्यान रखें कि आपको कमर से नहीं झुकना है। अपने माथे को पैरों से लगाने का प्रयास करें और दोनों हाथों से पैर के अंगूठे को पकड़ लें, जिसमें आपकी पकड़ मजबूत होनी चाहिए। सांस लें और धड़ को ऊपर उठाएं और अपने हाथों की कोहनी को सीधा करें, इस आसन में आप 30 से 90 सेकंड तक रुक सकती हैं। फिर अपने दोनों हाथों को मोड़ें और अंगूठे को छोड़ कर सीधे हो जायें।
सावधानी बरतें
यह एक सरल योग आसन है लेकिन इसे प्रमाणित योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में ही करें। अगर आपकी गर्दन में दर्द हो तो इस आसन को न ही करें। खास कर जिन लोगों की पीठ के निचले हिस्से में दर्द है, उन लोगों को इस आसन को करने से बचना चाहिए। घुटनों में दर्द हो, तब भी यह आसन नहीं किया जाना चाहिए।
अर्धपिंच मयूरासन करें सिरदर्द को छू मंतर
अर्धपिंच मयूरासन को डॉल्फिन पोज भी कहते हैं। इसे करने से शरीर को कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, जिनमें सिर दर्द से लेकर पैरों को मजबूत बनाने तक में मदद मिलती है। अर्धपिंच मयूरासन को सुबह खाली पेट करना ज्यादा फायदेमंद होता है। इस योगासन को करने से लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जायें। फिर फोरआर्म को फर्श पर रखें। इसे करते समय ध्यान रखें कि आपके कंधे और कोहनी एक ही लाइन में होने चाहिए। उसके बाद अपनी कमर, कूल्हे और घुटनों को ऊपर की तरफ ले जायें।
इस समय आपके पैरों की उंगलियां और पैर बिल्कुल सीधे होने चाहिए। अब गर्दन को आराम देते हुए कंधों को कान से दूर, ऊपर की तरफ लेकर जायें। इसके बाद अपने हाथों की तरफ चलें। इसे करते समय गहरी सांस लें और कुछ समय के लिए इसी मुद्रा में रहें। इस आसन को करने से दिमाग तो शांत होता ही है, तनाव और डिप्रेशन जैसी बीमारियों से भी निजात मिलती है। साथ ही सिर दर्द और नींद की समस्या से भी राहत मिलती है।
सावधानी बरतें
अगर आपके कंधे या गर्दन में चोट लगी हो तो इस योगासन को करने से बचना चाहिए।
प्रसारित पादोत्तासन सिर दर्द का देसी इलाज
इस योगासन को सिर दर्द का देसी इलाज माना गया है। यह तनाव और थकान को दूर करने के साथ ही दिमाग को भी शांत रखता है। प्रसारित पादोत्तासन करने के लिए सबसे पहले ताड़ासन वाली मुद्रा में खड़े हो जायें। सांस अंदर लें और अपने कद के अनुसार पैरों को तीन से 4.5 फीट तक खोल लें। हाथों को कमर पर रख लें और ध्यान रखें कि आपकी एड़ियां सीधी हों। फिर धीरे से सांस छोड़ते हुए कूल्हों के जोड़ों से झुकना शुरू करें, जब तक आपकी हथेलियां जमीन पर न टिकी हों। हथेलियों में कंधों जितनी दूरी होनी चाहिए। हाथ और टांग बिल्कुल सीधे होने चाहिए। सांस अंदर लेते हुए सिर को उठा कर सामने की तरफ रखें। फिर सांस छोड़ते हुए कूल्हों के जोड़ों से नीचे झुकें।
जहां तक हो सके, सिर और पीठ को एक सिधाई में रखें। इस मुद्रा में आपके हाथ मुड़े होंगे लेकिन टांगे सीधी ही रहेंगी। अगर आप में इतना लचीलापन हो, तो हथेलियों और पैरों को एक रेखा में रखें। ऐसा करने से कूल्हों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। इसे लगभग 30 से 60 सेकंड तक पांच बार करें। अब सांस अंदर करते हुए सिर और पीठ को एक साथ उठाएं। हाथों को जमीन पर से उठा कर दोबारा कमर पर रख लें और पैरों को वापस अंदर ले जायें। आसन को ताड़ासन मुद्रा पर खत्म करें।
सावधानी बरतें
यह आसन उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जिन्हें पीठ के निचले हिस्से में दर्द की परेशानी हो, साथ ही जिनमें अधिक शारीरिक क्षमता भी न हो।
वीरासन ध्यान वाले आसन
वीरासन का नाम वीर शब्द पर रखा गया है। यह ध्यान करने वाले आसनों में से एक है। इसे आमतौर पर सुबह के समय करना चाहिए। वीरासन करने से सिर दर्द जैसी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसे करने के लिए व्रजासन में बैठ जायें, अपने दाहिने टखने को पकड़ कर दाहिने पंजे को नितंब के नीचे से निकाल कर दाहिनी जांघ से बाहर की तरफ रख दें। फिर बायीं टांग के साथ भी यह करें। ऐसा करने पर नितंब जमीन को छूने चाहिए। हाथ को घुटनों पर टिका लें। जितनी देर आराम से बैठ सकें, इस आसन में बैठी रहें।
सावधानी बरतें
जिन लोगों को हृदय की किसी भी तरह की समस्या है, उन्हें वीरासन नहीं करना चाहिए। साथ ही अगर आपके घुटने या टखने में चोट है, तब भी यह आसन न करें।
पश्चिमोत्तानासन किया तो फिर क्या चिंता
पश्चिमोत्तानासन करने से सिर दर्द की परेशानी से निजात मिलती है। यह तनाव को दूर करने में सहायक होता है। इसे करने से पूरे शरीर के साथ- साथ सिर और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है और इसके कारण यह आसन तनाव, चिंता और मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। साथ ही यह क्रोध और चिड़चिड़ापन को भी दूर करता है और दिमाग को शांत रखता है।
इसे करने के लिए जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधा फैला कर बैठ जायें। दोनों पैरों के बीच में दूरी न रहे, जितना संभव हो पैरों को सीधा रखें। इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें। इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों पर रखें। अपने सिर और धड़ को धीरे से आगे की ओर झुकाएं और अपने घुटनों को बिना मोड़े हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें। इसके बाद गहरी सांस लें और धीरे से सांस को छोड़ें। अपने सिर और माथे को दोनों घुटनों से छूने की कोशिश करें। बांहों को झुकाएं और कोहनी से जमीन को छूने की कोशिश करें। फिर कुछ सेकंड के बाद वापस पहली वाली मुद्रा में आ जायें। सांस लें और इस आसन को तीन- चार बार दोहरायें।
सावधानी बरतें
गर्भवती महिलाओं को यह योग नहीं करना चाहिए। स्लिप डिस्क, साइटिका, अस्थमा और अल्सर जैसे रोगों से पीड़ित लोगों को भी यह आसन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अगर आपके शरीर में सर्जरी हुई है, तब भी इसे नहीं करना चाहिए। पीठ दर्द और कमर के दर्द के साथ भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
वज्रासन कर लिया तो समझो सबकुछ ठीक
वज्रासन एक ऐसा आसन है, जिससे कई बीमारियां दूर हो जाती हैं। इसे करना भी आसान होता है। इसे करने के लिए पैरों को घुटने से मोड़ते हुए बैठ जायें। फिर दोनों पंजों के अंगूठों को मिला कर रखें, साथ ही अपनी कमर सीधी रखें। हाथों को जांघों के ऊपर रखें और किसी प्रकार का दबाव न डालें। सामने की ओर देखें। कुछ देर गहरी लंबी सांस लेते हुए इसी पोश्चर में रहें। अंत में वापिस आने के लिए दोनों हाथों को नीचे रखें और दोनों पैरों को सीधा आगे की ओर खोलें।
सावधानी बरतें
इस आसन को हर व्यक्ति आसानी से कर सकता है। हालांकि अगर आपको घुटनों की शिकायत रहती है, तो जमीन के स्थान पर तकिये के ऊपर इसका अभ्यास करें। वहीं आर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
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सिर दर्द के लिए योगासन को लेकर पूछे गये सवाल – जवाब – FAQ’s
अगर आप किसी भी प्रकार के दर्द से परेशान हैं तो जरूरी है कि सबसे पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह लें। तभी कुछ निर्णय लें। चूंकि ये सारे आसन शरीर के किसी हिस्से के लिए अच्छे होते हैं तो कुछ हिस्सों के लिए नहीं भी होते हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप सलाह लेकर ही उनका अभ्यास करें। आमतौर पर जिन्हें पीठ में दर्द की शिकायत होती है, उन्हें यह आसन नहीं करने की सलाह दी जाती है।
व्रजासन के साथ सबसे अच्छी बात यही है कि इसे करने का कोई समय नियत नहीं होता है। हालांकि इसे सुबह करना सबसे बेहतर होता है। इस आसन को आप खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं। इससे खाना पचाना आसान हो जाता है। लेकिन अगर आपके घुटनों में तकलीफ है तो इसे करने से बचें और अपने डॉक्टर की सलाह लेकर ही इस पोज को करें।
गर्भवती महिलाओं के लिए दरअसल, अलग तरह के योगासन होते हैं, जो कि उनकी डॉक्टर ही उन्हें सलाह देती हैं और उसके आधार पर ही उन्हें चलना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के सिर में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें इस तरह के सिर दर्द को भगाने वाले आसन करने से पहले इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि वे कौन- कौन से योगा के पोजेज हैं, जो वह गर्भधारण के बाद नहीं कर सकती हैं। आनंद बालासन जैसे योग नहीं करने चाहिए। हालांकि डॉक्टरी सलाह पर प्राणायाम किया जा सकता है।
जी हां, बिल्कुल। सिर दर्द को मिटाने के लिए शवासन भी एक बेहतरीन आसन है। दरअसल, यह काफी आसान आसन है, इसलिए लोगों को लगता है कि इस आसन से कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन इस बात में सच्चाई नहीं है। शवासन से काफी फर्क पड़ता है। शवासन योग ऐसा एकमात्र आसन है, जिसमें सामान्य रूप से लेटना होता है, यह न केवल थकान मिटाता है, बल्कि कई बीमारियों को भी दूर भगाता है।
हृदय के मरीजों को अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही योग करना चाहिए। हालांकि कई योग ऐसे हैं, जिनसे हृदय रोगियों को भी काफी आराम मिलता है। मगर जहां तक बात है सिर दर्द मिटाने वाले योगासन की तो जिन लोगों को हृदय की किसी भी तरह की समस्या है, उन्हें वीरासन नहीं करना चाहिए। चूंकि इस योग को करते हुए जिस तरह के मूवमेंट होते हैं, उनसे हृदय रोगियों को परेशानी हो सकती है।
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