आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगों में तनाव की समस्या काफी हद तक बढ़ गई है। हर छोटी- बड़ी बात की टेंशन लेने का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसी वजह से हर उम्र के लोगों में सिरदर्द की समस्या काफी आम हो गई है। सिर में रहने वाला दर्द अक्सर कई बार माइग्रेन (migraine) का विकराल रूप ले लेता है। यह एक न्यूरोलॉजिकल (neurological) समस्या है, जिसमें सिर के आधे हिस्से में तेज़ दर्द होने के साथ ही उल्टी भी आने लगती है। माइग्रेन की समस्या (mygrain problem in hindi) आमतौर पर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। जानें, माइग्रेन के असहनीय दर्द की वजह, लक्षण, माइग्रेन में परहेज, माइग्रेन के लिए योग व माइग्रेन दूर करने के सभी उपाय (migraine treatment at home in hindi)।
माइग्रेन क्यों होता है - Causes of Migraine in Hindi
माइग्रेन के लक्षण - Symptoms of Migraine in Hindi
माइग्रेन के घरेलू उपाय - Home Remedies of Migraine in Hindi
माइग्रेन में ये तरीके भी आज़माएं - Other Migraine Treatment in Hindi
माइग्रेन से बचने के उपाय - Sir Dard ka Ilaj
माइग्रेन में ऐसी हो आपकी डाइट - Migraine Diet in Hindi
योगा टिप्स से करें माइग्रेन का इलाज - Yoga for Migraine in Hindi
माइग्रेन के दर्द को बढ़ाते हैं ये आहार - Food to avoid in Migraine in Hindi
माइग्रेन सिरदर्द (headache) की ऐसी बीमारी है, जिसमें आमतौर पर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है। यूं तो यह दर्द आता- जाता है पर कभी- कभी पूरे सिर में भी हो सकता है। यह दर्द कुछ मिनटों से लेकर कुछ दिनों तक जारी रह सकता है। माइग्रेन को एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति माना जाता है, जिसमें व्यक्ति को उलटी आती है, जुकाम हो जाता है और चेहरे के आसपास हलचल महसूस होती है।
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कई बार सामान्य स्थिति से अचानक तनाव भरे माहौल में पहुंचने से सिर में दर्द होने के साथ ही ब्लड प्रेशर भी हाई हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही ढंग से पता चल सकता है कि यह माइग्रेन है या नहीं क्योंकि हर सिरदर्द माइग्रेन नहीं होता है। माइग्रेन की समस्या का कारण हर किसी के लिए अलग होता है। माइग्रेन को आनुवांशिक माना जाता है और यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। माइग्रेन दो तरह का होता है, क्लासिकल माइग्रेन और नॉन क्लासिकल माइग्रेन। क्लासिकल माइग्रेन होने की स्थिति में व्यक्ति को सिरदर्द शुरू होने से पहले कुछ चेतावनी भरे लक्षण दिखने लगते हैं। वहीं, नॉन क्लासिकल माइग्रेन में समय- समय पर बहुत तेज़ सिरदर्द होने लगता है पर इसके कोई दूसरे लक्षण नज़र नहीं आते हैं। हालांकि, दोनों ही प्रकार के माइग्रेन में डॉक्टर के परामर्श अनुसार दवाइयां लेना उचित होता है। माइग्रेन के दर्द में अपनी मर्ज़ी से कोई भी पेन किलर लेने से बचना चाहिए।
माइग्रेन में होने वाले सिरदर्द के कई कारण हो सकते हैं। कई बार यह दर्द तेज़ रोशनी, कोई खास तरह की खुशबू, अत्यधिक तनाव या शोर के कारण भी उठ सकता है। जानें, माइग्रेन के दूसरे कारण।
हर किसी में माइग्रेन का दर्द उठने का कारण अलग होता है। इलाज शुरू करवाने से पहले बेहतर रहेगा कि आप उस दर्द की वजह को जान लें।
ज्यादातर बीमारियों में बीमारी के शुरू होने से पहले उसके लक्षण नज़र आने लगते हैं, जिससे उसके बचाव के तरीके और निवारण के उपाय समझ में आने लगते हैं। जानिए, माइग्रेन के लक्षण और उपाय।
वैसे तो माइग्रेन का दर्द उठने की स्थिति में डॉक्टर को दिखा लेना बेहतर होता है पर अगर आप कुछ होम रेमेडीज फॉर माइग्रेन को भी ध्यान में रखना चाहते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। जानें, माइग्रेन का दर्द दूर करने के घरेलू उपाय (migraine treatment in hindi at home)।
माइग्रेन के असहनीय दर्द को दूर भगाने के लिए रोज़ाना शुद्ध देसी घी की 2- 2 बूंदें नाक में डालें।
सिर में बहुत तेज़ दर्द हो रहा हो तो लौंग पाउडर में नमक मिलाकर दूध के साथ पिएं।
माइग्रेन से जल्दी छुटकारा पाने के लिए रोज़ सुबह खाली पेट सेब का सेवन करें।
दर्द को मिनटों में गायब करने के लिए पालक और गाजर का जूस पिएं।
नींबू के छिलके को धूप में सुखाकर उसका पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को माथे पर लगा लें, दर्द में जल्दी आराम मिलेगा।
1 चम्मच अदरक के रस में शहद मिला लें। इस मिक्सचर को पीने से जल्दी फायदा मिलता है। माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए चाय में अदरक डालकर पिएं या अदरक का टुकड़ा मुंह में रख लें। अदरक का किसी भी रूप में सेवन करने से फायदा मिलता है।
खीरे की स्लाइस को सिर पर रगड़ने या सूंघने से भी माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है।
ताज़े अंगूर को पानी के साथ पीस लें। दर्द से राहत पाने के लिए इस जूस को दिन में दो बार पिएं। इसमें फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी के साथ कार्बोहाइड्रेट भी काफी मात्रा में पाया जाता है।
यह एक ऐसा मसाला है, जो खाने का टेस्ट बढ़ाने के साथ ही माइग्रेन का सफल इलाज (how to cure migraine permanently in hindi) भी करता है। दालचीनी को पानी के साथ पीसकर आधे घंटे तक माथे पर लगाए रखें। जल्दी आराम मिलेगा।
तेल को हल्का गर्म कर लें। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो, वहां पर हल्के हाथों से मालिश करवा लें। हेड मसाज के साथ ही हाथ- पैर, गर्दन व कंधे की मालिश भी करवाएं।
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ऊपर बताए गए घरेलू उपायों के अलावा कुछ और भी माइग्रेन से बचने के उपाय हैं (migraine ka ilaj in hindi), जिनसे माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
1. आइस पैक - एक साफ तौलिए पर बर्फ के कुछ टुकड़े रखें और उससे सिर, माथे और गर्दन के पीछे 10- 15 मिनट तक सिकाई करें। आप बर्फ पर पेपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदें भी डाल सकते हैं।
2. तिल का तेल - माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए तिल के तेल में एक टुकड़ा दालचीनी और 1- 2 इलायची डालकर गर्म कर लें। इस तेल से मालिश करने पर सिरोटोनिन बढ़ता है, जिससे दर्द कम होता है।
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3. पेपरमिंट - इसका फायदा है कि यह सूजन को कम करके शांति और स्थिरता का भाव देता है। माइग्रेन के दर्द में पेपरमिंट की चाय पिएं या आधे ग्लास पानी में पेपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदें और शहद मिलाकर भी पी सकते हैं। पेपरमिंट ऑयल से 20- 25 मिनट तक सिर और माथे की मालिश भी की जा सकती है।
4. सेब का सिरका - एक ग्लास पानी में एक छोटा चम्मच सेब का सिरका (एपल लाइडर विनेगर) और एक चम्मच सहद मिलाकर पिएं। जब भी माइग्रेन का दर्द हो या लगे कि दर्द शुरू होने वाला हो तो इस 2- 3 चम्मच पी लें।
5. माइग्रेन अटैक - दर्द शुरू हो जाने की स्थिति में मरीज को बेड पर लिटा दें। सिर के जिस भाग में दर्द हो रहा हो, उस तरफ की नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डालें और मरीज को ज़ोर से सांस को ऊपर की ओर खींचने को कहें।
6. कपूर - गाय के दूध से बने देसी घी में थोड़ा सा कपूर मिलाकर सिर की मालिश करने से भी सिरदर्द कम हो जाता है।
7. पानी - माइग्रेन होने की स्थिति में व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए।
8. बंदगोभी - माइग्रेन का दर्द शुरू होने पर बंदगोभी की पत्तियों को पीसकर उसका पेस्ट अपने माथे पर लगाएं।
9. भूखे न रहें - माइग्रेन का दर्द होने की स्थिति में ज्यादा देर तक भूखे रहने से बचना चाहिए। थोड़ी- थोड़ी देर में कुछ- कुछ खाते रहें।
10. भरपूर नींद - माइग्रेन का दर्द होने पर किसी खाली कमरे में लेट कर शांत मन से सोने की कोशिश करें।
माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी इसका अटैक पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में हमेशा उन उपायों (maigren ke upay) पर गौर फरमाना चाहिए, जिनसे आप माइग्रेन के अटैक से अपना बचाव कर सकते हैं।
1. तेज़ धूप होने की स्थिति में घर से बाहर निकलने से बचें।
2. तेज़ खुशबू वाले परफ्यूम या डियो न लगाएं।
3. तेज़ रोशनी से दूर रहें। सोते समय भी कमरे की लाइट बंद करके सोएं।
4. अपनी नींद में किसी तरह की कमी या खलल न पड़ने दें। शांत वातावरण में पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें।
5. तनाव के कारण भी माइग्रेन हो सकता है। माइग्रेन से बचने के लिए मेडिटेशन, योग व एक्सरसाइज़ को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करें।
6. कहीं रोशनी कम होने की स्थिति में किसी भी तरह का बारीक काम करने से बचें।
7. हर रोज़ 12- 15 ग्लास पानी पिएं। रात को तांबे के बर्तन में पानी रखें और सुबह खाली पेट पी लें।
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8. तापमान में तेज़ बदलाव से बचें, मसलन एसी से अचानक गर्म माहौल में न जाएं या धूप से आकर ठंडा पानी न पिएं।
9. बरसात या उमस के मौसम में ऐसी चीज़ों का सेवन करने से बचें, जिनसे पसीना ज्यादा निकलता हो, मसलन चाय या कॉफी।
10. गर्भनिरोधक गोलियां लेने से बचें क्योंकि ओरल पिल्स में प्रोजेस्टेरॉन (projesterone) की मात्रा अधिक होती है, जिससे हॉर्मोन असंतुलित हो जाते हैं। हॉर्मोन (hormone) के असंतुलित होने से माइग्रेन की आशंका बढ़ जाती है।
माइग्रेन व किसी भी बीमारी का इलाज डाइट में सुधार करके किया जा सकता है। दवाइयों पर निर्भर रहने के बजाय हमेशा पहले उन उपायों पर ध्यान देना चाहिए, जिन्हें हम खुद अपनी सहूलियत के हिसाब से आज़मा सकते हैं। माइग्रेन के लक्षण (migraine symptoms in hindi) नज़र आने या घर में किसी को माइग्रेन होने की स्थिति में ऐसी होनी चाहिए आपकी डाइट।
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1. डाइट में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड शामिल करें, जैसे कि सूप, नींबू पानी, छाछ, लस्सी, नारियल पानी आदि।
2. नमक की मात्रा कम से कम कर दें।
3. डाइट में फल और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां बढ़ा दें।
4. चाय, कॉफी व कोल्ड ड्रिंक ज्यादा लेने से माइग्रेन बढ़ सकता है।
5. माइग्रेन होने की स्थिति में ज्यादा तला- भुना खाने से बचें।
6. माइग्रेन में व्रत रखना भी काफी कष्टदायी हो सकता है।
7. कुछ विशेष तरह के चीज़, प्रोसेस्ड मीट और बहुत ज्यादा नमक वाला खाना खाने से भी माइग्रेन होने की आशंका बढ़ती है।
8. प्रोसेस्ड व डिब्बाबंद फूड आइटम्स खाने से बचें।
9. पिज्जा, बर्गर, भटूरे व कुकीज़ जैसे खमीर वाले कुछ फूड आइटम्स भी नुकसान कर सकते हैं।
10. उचित व संतुलित खानपान के साथ ही पानी की मात्रा को भी बढ़ा दें।
योग व मेडिटेशन (meditation) करने से मन शांत रहता है और तनाव कम होता है। माइग्रेन होने की स्थिति में रोज़ाना 30 मिनट योगासन और प्राणायाम ज़रूर करें। 10 मिनट मेडिटेशन करना भी काफी कारगर साबित हो सकता है। आप चाहें तो सिर दर्द के लिए योगासन (migraine ke liye yoga) करके भी दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
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माइग्रेन एक बेहद आम बीमारी हो गई है और इसका दर्द असहनीय होता है। बदलती जीवनशैली व कुछ गलत आदतों के कारण ही हम माइग्रेन से पीड़ित हो जाते हैं। हमारी डाइट (diet) में कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जो जाने- अनजाने माइग्रेन के दर्द को बढ़ावा देती हैं। जानें, उनके बारे में।
1. बीन्स (Beans) - मटर की फली, इटैलियन बीन्स, टोफू, सोया सॉस व बीन्स खाने से माइग्रेन का दर्द बढ़ सकता है।
2. पनीर - माइग्रेन होने पर पनीर व उससे बनी कोई भी चीज़ खाने से बचना चाहिए।
3. ऑलिव ऑयल (Olive Oil) - माना जाता है कि माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को जैतून का तेल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
4. अचार - ऐसी स्थिति में अचार या कुछ भी खट्टा खाने से बचें।
5. मिर्ची - माइग्रेन अटैक (Migraine Attack) पड़ने पर ज्यादा तला- भुना या मिर्ची वाला भोजन न खाएं।
6. सूखा मेवा - अखरोट, मूंगफली, बादाम, काजू व किशमिश जैसे सूखे मेवों में सल्फाइट्स पाए जाते हैं, जिनसे माइग्रेन के दर्द को बढ़ावा मिल सकता है।
7. एवोकैडो और आलूबुखारा - माइग्रेन के दौरान लाल आलूबुखारा और एवोकैडो (avocado) भी उसके दर्द को बढ़ा सकते हैं।
8. पिज्जा (Pizza) - कई फास्ट फूड में से पिज्जा भी एक है, जो इस दर्द को बढ़ा सकता है।
9. शराब - माइग्रेन का दर्द होने की स्थिति में शराब (alcohol) पीकर दर्द को कम करने की कोशिश न करें क्योंकि इस दर्द के दौरान शराब का सेवन करने से दिमाग में रक्त का संचार ठीक ढंग से नहीं हो पाता है।
10. खट्टे फल - संतरा जैसे खट्टे फल व केले का सेवन करने से भी बचें।
खुश रहें, स्वस्थ रहें!
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