यह सभी जानते हैं कि तन और मन खुश रहेगा तो जिंदगी भी खुशनुमा रहेगी। लेकिन इस पर अमल बहुत कम लोग करते हैं। अगर जिंदगी को अच्छे तरीके से जीना और हर पल का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो खुद पर ध्यान दें, जिससे कि आप स्वस्थ और सुखी रह सकें। जिंदगी को खुशनुमा बनाने के लिए अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ- साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है।
अक्सर देखा जाता है कि हम अपने करीबी लोगों का ध्यान तो रख लेते हैं लेकिन जहां अपना ध्यान रखने की बात आती है, वहां हमें समय ही नहीं मिलता। यह समस्या खासतौर पर महिलाओं में देखी जाती है। वे अपने बच्चों और पूरे परिवार का तो बहुत ख्याल रखती हैं लेकिन अपनी देखभाल नहीं करतीं। अपने बिजी रुटीन के कारण आजकल उन्हें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। व्यस्त जीवन में महिलाओं ने परिवार को तो संभाल लिया है लेकिन खुदको नहीं संभाल पा रहीं। इसीलिए वे एनीमिया की शिकार हो रही हैं। इसमें खून में आयरन और विटामिन की कमी हो जाती है। वहीं पुरुषों को भी बढ़ती उम्र में शुगर और ब्लड प्रेशर की शिकायत रहने लगती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, स्वस्थ रहने के लिए कुछ छोटी- छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
कई बार आपने देखा होगा कि कुछ लोग बिना बात के जरूरत से ज्यादा हंसने लगते हैं। इन लोगों को ऐसी बातों पर भी हंसी आती है, जिन पर गुस्सा आना चाहिए। लेकिन कभी उन्हें अचानक ही गुस्सा भी आ जाता है। दरअसल यह असामान्य व्यवहार है। ऑफिस या घर, कहीं भी अगर आपके व्यवहार में असामान्यता दिखाई देती है तो इसका सीधा- सा अर्थ है कि आप मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं।
अगर आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को अनदेखा करते हैं तो आपको अवसाद, चिंता, पैनिक डिसऑर्डर, तनाव, एंग्जायटी जैसी कई मानसिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ये सभी समस्याएं आपके दिमाग में चल रहे विचारों पर निर्भर करती हैं। हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए, उसी तरह जैसे हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का रखते हैं। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति का दिमाग सफल और कामकाजी होता है, जो दूसरों के साथ अच्छे संबंध बनाने में मदद करता है और सामान्य परिस्थितियों में सामान्य रूप से व्यवहार करने में मदद करता है। वहीं दूसरी ओर, मानसिक बीमारियां डिसऑर्डर का कारण बनती हैं और स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती हैं। ये आपकी सोच, मूड, व्यवहार और आजीविका को बदलती हैं।
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हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी मानसिक परेशानियों का सामना करना ही पड़ता है। तनाव, नींद न आना, शारीरिक पीड़ा, किसी बात को लेकर दुखी होना, कोई काम न होने पर परेशानी, शादी या करियर की चिंता किसी को भी मानसिक रूप से बीमार कर सकती हैं। इसका असर हमारी जिंदगी के सभी आयामों पर पड़ता है। हर किसी के मन में एक ही ख्वाहिश होती है कि वो लम्बे समय तक जवां और खूबसूरत बना रहे और उसकी स्किन पर कोई झुर्रियां पड़ें। साथ ही सभी चाहते हैं कि उन्हें ऐसी कोई भी बीमारी न हो, जिसके कारण वे परेशान हों और परिवार में तनाव पैदा हो। अगर आप भी ऐसा चाहते हैं तो खुद को मानसिक रूप से खुश रखें क्योंकि अगर आपका मन खुश होगा तो आप सभी परेशानियों से दूर रहेंगे। जानिए खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के कुछ टिप्स।
तनाव के कारण शरीर में कई हॉर्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है, जिनमें एड्रीनलिन और कार्टिसोल प्रमुख हैं। इनकी वजह से दिल का तेजी से धड़कना, पाचन क्रिया का मंद पड़ जाना, रक्त का प्रवाह प्रभावित होना, नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाना और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। हमारे समाज में सारा जोर शारीरिक स्वास्थ्य पर ही दिया जाता है। अगर किसी से कह भी दिया जाए कि वह मानसिक रूप से बीमार है, तो उसे लगता है कि सामने वाला उसे पागल कह रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि व्यक्ति को अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ- साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य की भी नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर मानते हैं कि अधिकतर वही लोग मानसिक रूप से बीमार होते हैं, जो तनाव में रहते हैं। इसलिए तनाव से बचने और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि अपनी निजी और प्रोफेशनल जिंदगी को अलग- अलग रखें। उन्हें आपस में न मिलाएं।
अगर आपको लग रहा है कि आप मानिसक रूप से सही नहीं हैं तो अकेले रहने के बजाय ज्यादा से ज्यादा उन लोगों के साथ रहने की कोशिश करें, जिनसे आप प्यार करते हैं और जो आपको प्यार करते हैं। वह परिवार हो सकता है या फिर दोस्त, जिन पर आप भरोसा करते हों। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि जो लोग अपने परिवार के करीब होते हैं, वो ज्यादा खुशहाल होते हैं। दोस्तों के साथ भी सक्रिय रहना अवसाद और तनाव से दूर रखता है। अपने बच्चों के साथ बैठें और उनसे दिन के बारे में चर्चा करें। परिवार के साथ डिनर या पिकनिक पर जाएं। इसके अलावा अधिक से अधिक खुश रहने की कोशिश करें और जीवन की अच्छी घटनाओं को ज्यादा याद रखें। अगर मन भारी हो तो दोस्तों के साथ उसे हल्का करें, रोने का मन करे तो रो भी सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि कभी- कभी रोने से भी मन हल्का होता है। अगर आप बहुत ज्यादा तनाव में हैं तो खुलकर रोएं।
जितना हो सके, खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें। कुछ नया काम करें या फिर वह काम करें, जिससे आपको खुशी मिलती है। इससे नई- नई चीजों को सीखने का अवसर मिलता है। मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए अपने शौक और पसंद को भी जिंदा रखें। सप्ताह या महीने में एकाध बार कहीं न कहीं घूमने जाएं।
खुद को स्वीकार करने का मतलब है कि आप जैसे भी हैं, उसे स्वीकार करें और खुद से प्यार करें। उससे आपको अच्छा महसूस होगा। अपने बारे में अच्छा महसूस करने का मतलब है कि आप भीतर या बाहर से जो भी हों, उसे प्यार करें। स्वयं को जानने तथा स्वीकार करने में कठिन परिश्रम और कुछ महत्वपूर्ण समायोजन करने पड़ते हैं। खुद को टाइम दें और किसी के साथ अपनी तुलना न करें।
कई बार ऐसा होता है कि मन की बात मन में रखने से घुटन महसूस होने लगती है और धीरे- धीरे वह मन में घर करने लगती है। इससे आप परेशान रहने लगते हैं और फिर कब मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं, आपको पता ही नहीं चलता। इसलिए जब भी आपको लगे कि आपको अपनी बात दूसरों के सामने रखनी चाहिए तो बात करें और आप क्या सोचते हैं, यह भी बताएं। इससे आपको अच्छा महसूस होगा और मन भी हल्का होगा।
अगर आप किसी से कुछ कहना चाहते हैं और ये सोच कर हिचकिचा रहे हैं कि वह क्या सोचेगा या फिर कैसे रिएक्ट करेगा तो यह न करें। आपके मन में जो भी बात है, उसे खुलकर बयां करें।
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शरीर को स्वस्थ रखे बिना व्यक्ति अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाता। रोगों के उपचार की अपेक्षा रोगों से बचना ज्यादा होशियारी का काम है। अगर हम प्रयत्न कर स्वास्थ्य संबंधी कुछ आवश्यक नियमों का पालन करें तो अनेक रोगों से बचकर जीवनपर्यन्त स्वस्थ रह सकते हैं। हर साल हम मन ही मन कुछ संकल्प लेने लगते हैं कि आने वाले साल में अपना वजन कम करेंगे, अपनी फिटनेस पर ध्यान देंगे, धूम्रपान या शराब छोड़ेंगे या अधिक पोषक भोजन का सेवन करेंगे आदि। लेकिन बहुत ही कम लोग अपने संकल्पों को पूरा कर पाते हैं। अब अपनी व्यस्त लाइफस्टाइल में से कुछ समय निकालकर अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की कोशिश करें। हम आपको कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आपका स्वास्थ्य बेहतर होगा।
अक्सर हम अपने बच्चों और परिवार के हिसाब से डेली रुटीन बनाते हैं लेकिन अब ऐसा न करें। अब अपने लिए सोने से जागने तक का एक नियमित चक्र बनाएं। अगर हर दिन एक निश्चित समय पर सोएंगे और जागेंगे तो आप अधिक ऊर्जावान और तरोताजा अनुभव करेंगे। अगर आप अपने स्लीप पैटर्न को बदलना चाहते हैं तो धीरे- धीरे 15 मिनट का बदलाव करके बदलें। इसी तरह से खाने का भी एक नियत समय बना लें, जिससे आपका शरीर उस समय तक ऊर्जा का स्तर बनाए रखने का आदी हो जाएगा।
आज की तेज रफ्तार जिंदगी से तालमेल बैठाने के लिए स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर होना जरूरी है। इसके लिए एक्सरसाइज से बेहतर क्या हो सकता है। इससे न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में सहायता मिलती है, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। आपको बता दें कि हर दिन केवल 15 से 30 मिनट की एक्सरसाइज भी आपके जीवनकाल को 3 साल बढ़ा सकती है। इसलिए खुद से वादा करें कि अब से आप रोज 30 मिनट का समय लेकर वर्कआउट करेंगे और खुद को स्वस्थ रखेंगे।
दूसरों के बारे में चिंता करने से पहले अपने बारे में सोचें और अपना डाइट प्लान तैयार करें। पहले अपना ख्याल रखेंगे, तभी तो दूसरों का ख्याल रख पाएंगे।
हमारे देश में लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का इतना अभाव है कि अधिकतर लोग स्वस्थ दिखने पर तो क्या बीमारी के लक्षण नजर आने पर भी चेकअप के लिए नहीं जाते, जब तक कि हालात नियंत्रण से बाहर न हो जाएं। मेडिकल टेस्ट जरूरी हैं ताकि लक्षण नजर आने से पहले उनकी पहचान हो सके। अधिकतर लोग सोचते हैं कि वो पूरी तरह फिट और स्वस्थ हैं। उनके साथ कोई समस्या नहीं है। उनके लिए हेल्थ चेकअप समय और पैसे की बर्बादी से ज्यादा कुछ नहीं है। कई गंभीर बीमारियों के लक्षण प्रथम चरण में नजर नहीं आते। मेडिकल टेस्ट जरूरी हैं ताकि बीमारियों की पहचान समय रहते कर ली जाए या कई बीमारियों की आशंका को जीवन शैली में बदलाव, खानपान पर नियंत्रण और हल्की एक्सरसाइज द्वारा ही खत्म किया जा सके। इसलिए रूटीन चेकअप अवश्य कराएं।
घर में बड़े- बूढ़े कहते हैं कि भोजन को ही दवा बना लेना चाहिए। इसका मतलब ये है कि अगर आप नियमित रूप से संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करेंगे तो न केवल बीमारियों से बचेंगे, बल्कि स्वस्थ और ऊर्जावान भी बने रहेंगे। अपने भोजन में फल, सब्जियों, साबुत अनाज और तरल पदार्थो को उचित मात्र में शामिल करें। दिन में तीन बार मेगा मील खाने के बजाय छह बार मिनी मील खाएं। दिन की शुरुआत करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए ब्रेकफास्ट ऐसा करें, जिससे आपको एनर्जी मिले क्योंकि ब्रेकफास्ट ही आपके शरीर को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा उपलब्ध कराता है। ब्रेकफास्ट को हमारे दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता है। सुबह ब्रेकफास्ट के लिए समय नहीं मिलता तो ट्रेन, बस या अपनी गाड़ी में रास्ते में खा सकते हैं।
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1. आजकल की लाइफस्टाइल में तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है। इसके लिए क्या करें?
तनाव का कारण करियर, परिवार की जिम्मेदारियां, काम का बोझ, वक्त की कमी, रिश्तों के बीच बढ़ती दूरियां या अकेलापन हो सकता है... इसलिए खुद पर इन्हें हावी न होने दें।
2. लगातार काम करने से दिमाग काफी थक जाता है। ऐसे में क्या करें कि स्वास्थ्य पर उसका प्रभाव न पड़े?
लगातार काम के बीच में कुछ मिनट अपनी पसंद की कोई किताब पढ़ें। इससे आपका मूड फ्रेश होगा और अच्छा भी महसूस होगा।
3. स्वस्थ शरीर के लिए कितने घंटे सोना चाहिए?
हमें कम से कम छह से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। हर व्यक्ति के शरीर में नींद की बायोलॉजिकल क्लॉक होती है। जब यह क्लॉक असंतुलित होती है तो परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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