हर साल 14 नवंबर को World Diabetes Day मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1991 में की गई थी। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से यही है कि लोग इस बीमारी के बारे में जागरुक हों, इसके कारणों को समझें और इससे बचने के लिए उनके पास उचित जानकारी हो। हालांकि तेजी से बढ़ रही इस लाइफस्टाइल डिजीज के बारे में लोगों के मन में आज भी कई तरह के मिथ बसे हैं। लेकिन, यहां हमने इस कंडीशन से जुड़े मिथ के साथ फैक्ट भी डिसकस किए हैं और हमें उम्मीद है ये आपके लिए बहुत उपयोगी होंगे।
मिथ 1- मीठा खाने वालों को होती है डायबिटीज
फैक्ट- आम धारणा के विपरीत डायबिटीज सिर्फ उन लोगों को नहीं होती जिन्हें मीठा खाना पसंद है।जेनेटिक्स, जीवनशैली, स्ट्रेस, मोटापा और शारीरिक गतिविधि की कमी भी डायबिटीज होने के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अत्यधिक मीठा खाने से ब्लड में शुगर का स्तर अधिक होने का डर भी होता है, लेकिन ये इसका एकमात्र कारण नहीं होता है।
मिथ 2- डायबिटीज के मरीज नहीं खा सकते कॉर्ब
फैक्ट- लोगों को लगता है कि डायबिटीज के मरीजों को पूरी तरह से कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें नहीं खानी चाहिए। लेकिन, कार्बोहाइड्रेट संतुलित आहार के लिए जरूरी है और शरीर को एनर्जी देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
साबुत अनाज, फल और सब्जियों जैसे हेल्दी कार्बोहाइड्रेट का चूज करना और क्वांटिटी को नियंत्रित करके डायबिटीज के पेशन्ट भी कार्बोहाइड्रेट खा सकते हैं।
मिथ 3- डायबिटीज यानी जीवन भर का लिमिटेशन और रेस्ट्रिक्शन
फैक्ट- हालांकि डायबिटीज में आहार में कुछ बदलाव और जीवनशैली में कुछ आवश्यक एडजस्टमेंट जरूरी है, लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि आपकी लाइफ पूरी तरह से खत्म हो गई और आप लाइफ को एंजॉय नहीं कर सकते हैं। सही लाइफस्टाइल के साथ आप अपनी लाइफ को सही तरह से जी सकते हैं।
मिथ 4- इंसुलिन के बगैर नहीं कर सकते हैं मैनेज
फैक्ट- टाइप 2 डायबिटीज के लोगों को लाइफ में कई स्टेज में इंसुलिन की मदद चाहिए होती है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि इसपर आपकी लाइफ डिपेंडेंट है। आप खाने पीने में पोशन साइज का ध्यान रखकर और एक्टिव लाइफस्टाइल से इसे मैनेज कर सकते हैं।
मिथ 5- सिर्फ Obese लोगों को होती है डायबिटीज
फैक्ट- कई लोग मोटे लोगों को लेकर ये कहते दिख जाएंगे कि इन्हें डायबिटीज जरूर होगी, हालांकि ये सोचना कि सिर्फ अत्यधिक मोटापे की वजह से लोगों को डायबिटीज होती है, अपने आप में एक मिथ है।
अधिक वजन या मोटापा टाइप 2 मधुमेह के लिए रिस्क जरूर है, लेकिन इसके लिए जेनेटिक्स, जीवनशैली और तनाव जैसे कारण भी उतना ही बड़ा कारण है। बता दें, पतले व्यक्तियों को भी डायबिटीज हो सकता है।
मिथ 6: सिर्फ उम्र बढ़ने पर होती है डायबिटीज
फैक्ट- सच ये है कि डायबिटीज आपको किसी भी उम्र में हो सकता है। पहले लोग इसे 50 प्लस की बिमारी मानते थे, मगर अब ये 30 प्लस लोगों में कॉमन हो गया है। दुनियाभर में बच्चों के बारे में सोचा जाए तो टाइप 1 डायबिटीज के मामले भी बहुत अधिक संख्या में सामने आई है।
मिथ 7: ये सोचना की डायबिटीज एक माइल्ड बिमारी है
फैक्ट- आपको अपने आसपास ऐसे कई लोग मिल जाएंगे जो ये सोचते हैं कि डायबिटीज होना किसी भी दूसरी गंभीर बिमारी से बेहतर है। लेकिन, अगर इसे सही तरह से मैनेज न किया जाए तो ये किडनी फेल्योर, नर्व को क्षतिग्रस्त कर सकता है। ये आंखों की रोशनी के लिए भी घातक हो सकता है।
मिथ 8: हर मरीज के लिए सेम है नियम
फैक्ट- कई लोगों को लगता है कि हर डायबिटीज के मरीज का डाइट चार्ट से लेकर दवा तक एक जैसा होता है। लेकिन ये बातें लोगों की उम्र से लेकर उनके खानपान, लाइफस्टाइल आदि के अनुसार तय किया जाता है।
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