आदित्य और मैं करीब एक साल से एक-दूसरे को डेट कर रहे थे। हम एक-दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताना चाहते थे, problem ये थी कि मैं हॉस्टल में रहती थी और वहां लड़के allowed नहीं होते हैं। इसलिए मैंने तय किया कि अब मैं एक फ्लैट में रहूंगी। मैंने फेसबुक पर देखा कि पूजा नाम की एक लड़की flatmate ढूंढ रही थी। उसे मेरे बॉयफ्रेंड के वहां आने से भी कोई प्रॉब्लम नहीं थी, मैं वहां शिफ्ट हो गई। जल्दी ही एक दूसरी लड़की – रिचा भी वहां शिफ्ट हो गई। हम तीनों लड़कियां और आदित्य अक्सर ही फ्लैट पर पार्टी करते थे, खूब मस्ती होती थी और मूवी देखते थे। मेरी flatmates भी आदित्य के साथ काफी घुल-मिल गई थीं। वो कहती थीं कि मैं बहुत लकी हूं जो मुझे आदित्य जैसा बॉयफ्रेंड मिला है। इन सारे frequent get-togethers की वजह से मुझे आदित्य के साथ कम ही पर्सनल टाइम मिल पाता था। एक रात को मैंने उससे कहा कि वो सिर्फ़ हम दोनों के लिए ही ड्रिंक्स लाए। हम दोनों ने 9 बजे ही पूजा और रिचा को गुडनाइट विश कर दिया और मेरे कमरे में चले आए। अब हम मूवी देखते हुए ड्रिंक कर रहे थे, तभी हमारे बीच बहस हो गई। मुझे याद नहीं है कि क्या बात थी। आदित्य को इतना गुस्सा आ गया कि उसने कुर्सी पर पैर मारा और वह कुर्सी किनारे जाकर गिरी। तब हमें एहसास हुआ कि हम बहुत शोर मचा रहे थे। मेरे flatmates रात में न डिसटर्ब हों इसलिए हमने सोचा कि हमें सो जाना चाहिए। इसके थोड़ी देर बाद मैं उठी, कोई बहुत ज़ोर से दरवाज़ा खटखटा रहा था। जब मैंने खोला तो मेरे मकान मालिक, उनकी वाइफ़ और चार पुलिस वाले वहां खड़े थे। पूजा और रिचा भी खड़ी थीं और वो बहुत परेशान थीं। मुझे कुछ समझ ही नहीं आया कि हुआ क्या है। दरअसल कुर्सी की तेज़ आवाज़ और उसके बाद एकाएक सन्नाटा सुनने के बाद मेरी flatmates ने ये सोच लिया था कि आदित्य ने मेरा मर्डर कर दिया है। उन्होंने मुझे यही कहानी बताई, पता नहीं ये कितना सच था और कितना झूठ। उन लोगों ने घबरा कर मकान मालिक को बताया और उन्होंने पुलिस बुला ली। उस वक्त मेरा मकान मालिक बहुत गुस्से में था क्योंकि आदित्य भी मेरे कमरे में था। उसने मुझसे अगले ही दिन कमरा खाली करने को कहा और मेरे पैरेंट्स को सब कुछ बता दिया। हालांकि किसी का मर्डर नहीं हुआ था इसलिए पुलिस कोई एक्शन नहीं ले पाई पर उन्होंने मुझसे बहुत सारे सवाल पूछे – रूम में क्या हो रहा था.. हम दोनों रात में क्या कर रहे थे वगैरह वगैरह। और यहां तक कि मुझसे ज़बरन ये सब लिखवाया भी गया। मुझे इतने लोगों के सामने humiliate किया गया और मेरी flatmates यही साबित करने की कोशिश कर रही थीं कि उन्होंने मेरी मदद करने की कोशिश की। इस पूरे ड्रामे में सिर्फ़ आदित्य ही था जिसने मुझे सपोर्ट किया। मेरे पैरेंट्स शुरू में तो बहुत नाराज़ हुए पर बाद में उन्होंने उस हादसे से निकलने में मेरी हेल्प की। Images: shutterstock.com यह भी पढ़ेंः #MyStory: उसे खो कर मैंने खुद को वापस पाया… यह भी पढ़ेंः #MyStory: हमारा रिश्ता Perfect था लेकिन समय नहीं…
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT