“ तुम facebook account नहीं खोल सकती हो” मेरी मॉम ने जाने से पहले मुझे हिदायत दी। वो पापा के पास abroad जा रही थी जो वहाँ काम करते थे। और मैंने क्या किया ? मैंने account खोला। Facebook वो ज़रिया था जिससे मुझे 12th boards और IIT-JEE की तैयारी के समय थोड़ा सा मन बहलाने का मौका मिल जाता था। मैं पढ़ाई से breaks ले कर अपने online दोस्तों से chat करती थी। एक दिन एक classmate से बात करते हुए उसने मुझे अपने facebook friend अक्षय के बारे में बताया जो हमारे स्कूल के पास वाले boys स्कूल में पढ़ता था। उसने कहा कि वो एक अच्छा लड़का है। उस वीकेंड मैंने उसे friend request भेजी जो उसने accept कर ली। हम कई घंटे chat करते थे पर फिर भी वो मेरे tight schedule के कारण कम ही लगते थे। हम हर जगह बात करने का मौका ढूंढ लेते थे- स्कूल breaks में, घर जाते हुए रास्ते में, IIT-JEE class के वक्त भी। उससे chat करके मेरा सारा exam stress गायब हो जाता था। ये मेरी ज़िंदगी का सबसे अच्छा वक्त था। हम एक दूसरे को इतनी अच्छी तरह से जानने लगे थे कि सामने वाले की बातें उसके कहने से पहले जान लेते थे। Finally, दो महीने के बाद हमने मेरे घर के पास वाले पार्क में मिलने का सोचा। मुझे आज भी याद है वो पहली बार जब मैंने उसकी आवाज़ सुनी थी, “हैलो” – वो tall था, attractive था , मुझे एक दम से पसंद आ गया। मुझे आज तक किसी भी लड़के के लिये ऐसा महसूस नहीं हुआ था। मैंने लोगों से सुना था कि जब तुम किसी से बहुत लम्बे समय तक बात करते हो तो पहली बार मिलने पर वैसा ही connection feel नहीं होता है। हम दोनों के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ, हम एक दूसरे के साथ बहुत comfortable थे। हम पार्क में बैंच पर बैठ गये और बहुत सारी बातें करते हुए अच्छा वक्त बिताया। उस रात मैं खुशी से कूद रही थी और तभी उसका message आया “तुम्हारी आँखें सबसे attractive आँखें हैं जो मैंने आज तक देखी हैं” और तभी मेरे दिमाग में ख्याल आया “मैंने इतनी खुशी कभी महसूस नहीं की… क्या मुझे प्यार हो गया है?” पर तभी एक डर भी लगा- कि ये सच नहीं हो सकता। मैंने अपने आप को समझाया “वो तुम्हारा बहुत अच्छा दोस्त है। दो साल छोटा भी… मुझे mature होना चाहिये। इस वक्त मेरा ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर होना चाहिये… न कि boyfriend पर। मुझे कोई भटकाव नहीं चाहिये।” बहरहाल, इन्हीं हिदायतों को दिमाग में रखते हुये, मैं उससे chat करती रही। एक दिन उसने मुझे एक खुशखबरी सुनायी तो मैंने text किया “ये तो बहुत ही अच्छा है… Congrats… *Hugs* 🙂 ” “Hugs?! मुझे तो feel ही नहीं हुआ :p” उसका जवाब आया। “हाहाहा…. ये तो online hug है… और तुम तो यहाँ हो ही नहीं :p” एक हफ्ते के बाद, वो मेरी building की terrace पर आया और मुझे मिलने के लिये text किया। एक सरप्राइज़, मैं उससे मिलने के लिये ऊपर भागी। वो वहीं था, उसने मुझे रेलिंग पर साथ बैठने का इशारा किया। हम ने बात करना शुरु किया और फिर उसने पूछा, “मैं यहाँ हूँ… मेरी hug कहाँ है?!” मुझे realize हुआ कि उसे उस दिन की गयी बातें याद थीं। “क्यों नहीं?!” मैंनें कहा और खड़ी हो गयी। वो भी एक दम से खड़ा हो गया और अपनी बाँहें मेरे लिये फैला दीं। उसकी आँखों में एक चमक थी जिससे मुझे शरम आ रही थी। “सिर्फ एक सेकेंड के लिये… ठीक है?” मैंने कहा। “ठीक है,” उस ने खुशी से कहा। मैंने उसकी तरफ कदम बढ़ाये, बिना उसकी आँखों में देखे। मैंने उसे गले से लगा लिया और उसकी बाँहों को अपने इर्द-गिर्द महसूस किया। उसने मुझे कस कर गले से लगा लिया…मुझे अपनी दिल की धड़कनें साफ सुनाई देने लगी थीं। इतने समय के बाद कुछ अच्छा सा महसूस हो रहा था। मेरा दिल कह रहा था “बस यह मेरी जगह है”। मैं देर तक और हमेशा के लिये उन बाँहों में रहना चाहती थी। मुझे याद नहीं कि हम कितनी देर तक ऐसे ही रहे….मेरा बिल्कुल मन नहीं कर रहा था कि मैं उसे जाने दूं..। Finally, मैंने ऊपर देखा उसकी सुंदर सी आँखों में… जो मुझे ही देख रही थीं। हमारे बीच एक चुप्पी थी। मैं सोच रही थी कि “क्या मैं इससे प्यार करती हूँ?!” मैंने जब उसकी तरफ देखा तो उसकी आँखों में एक नमी थी। उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा। उसी वक्त मुझे पता चल गया था कि मुझे उस से प्यार हो गया है। और मैं जान गयी थी कि उसे भी ये realize हो गया है। मैंने उस के कंधे पर सर रखा और हम चुपचाप आसमान में देखने लगे… हम बेशक चुप थे पर हमने सब कुछ समझ लिया था। Images: Shutterstock यह भी पढ़ें: #MyStory: और हम Lovers से फिर अजनबी बन गए… यह भी पढ़ें: #MyStory: उसे खो कर मैंने खुद को वापस पाया…
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