ADVERTISEMENT
home / Hindi
Miracle of Bihari ji in Hindi

#MyStory: आस्‍था या फिर चमत्कार? जानिए कैसे एक भक्त की सूनी गोद भर दी श्री बांके बिहारी जी ने

मान्यताओं के अनुसार, उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर में राधा कृष्ण की युगल जोड़ी एकाकार होकर स्वत: एक विग्रह रूप में प्रकट हुई है। बांके बिहारी मंदिर में इसी विग्रह के दर्शन होते हैं। बांके बिहारी मंदिर में इसी विग्रह के दर्शन होते हैं। बांके बिहारी के विग्रह में राधा कृष्ण दोनों ही समाए हुए हैं। जो भी श्री कृष्ण के इस विग्रह का दर्शन करता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान श्री कृष्ण अपने भक्त के कष्टों दूर कर देते हैं। इस बार #MyStory सीरीज में हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी ही सच्ची कहानी, जिसने एक भक्त की सालों से सूनी पड़ी गोद भर दी। श्री बांके बिहारी मंदिर का ये चमत्कार साइंस पर भी भारी पड़ गया। पढ़िए दिल्ली की रहने वाली ‘तृष्णा’ की कहानी, उसी की जुबानी ….

श्री बांके बिहारी जी का चमत्कार | Miracle of Banke Bihari ji True story in Hindi

हमारी शादी को 7 साल हो चुके थे लेकिन अबतक कोई संतान नहीं थी। बहुत से मेडिकल टेस्ट करवाएं, दवाएं खाईं, इंजेक्शन लिये लेकिन डॉक्टर मर्ज पकड़ ही नहीं पा रहे थे। एक दिन यूं ही वीकेंड पर मथुरा-वृंदावन घूमने का प्लान और हम पति-पत्नी दोनों निकल पड़े। मथुरा घूमने के बाद हम वृंदावन आये और जानकारी लेने के बाद ये पता चला कि श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करना मुश्किल होगा, क्योंकि वहां भीड़ बहुत होती है। इसीलिए हमने प्लान किया कि हम बांके बिहारी नहीं जायेंगे और उसके अलावा वृंदावन में दूसरी जगहें घूम लेंगे। फिर क्या था हमनें इस्कॉन टेंपल, प्रेम मंदिर, निधिवन और राधा कुंड के दर्शन किये शाम को 6 बजे वापस दिल्ली लौटने के लिए रवाना होने लगे। 

लेकिन हमारे साथ कुछ ऐसा हुआ कि हम चाहकर भी वृंदावन से निकल नहीं सकें, क्योंकि उस ट्रैफिक जाम के चलते गाड़ी निकलना वहां से मुश्किल हो गया। फिर किसी तरह हम वापस अपने होटल पहुंचे और देर रात में निकलने का प्लान किया। वहां हमने देखा कि 20-25 लोगों का ग्रुप श्री बांके बिहारी मंदिर दर्शन के लिए जा रहा था, हमने भी आपस में बात कि और वहां जाने के लिए उसी मंडली के साथ पूरे साथे राधे-राधे का जाप करते हुए चल पड़े। 

श्री बांके बिहारी जी के मंदिर पहुंचे तो देखा तो काफी भीड़ थी लेकिन परिसर के अंदर पहुंचने में हमें कोई भी दिक्कत नहीं हुई। मंदिर की चौखट पार करते ही पता नहीं शरीर में ऐसी अनुभूति हुई, जिसे बयां कर पाना आसान नहीं था। जहां तक नजर जा रही थी हर भक्त एक आस लिए बांके बिहारी की मूर्ति निहार रहा था। जब मेरी नजर श्री बांके बिहारी जी पर पड़ी तो न जाने कैसे अपने आप आंखों में आंसू आ गये और एकाएक मुंह से निकल पड़ा … हे नाथ हमारी भी अरज सुन लो, मेरी सूनी गोद भर दो। तभी अचानक मेरे पति को मंदिर परिसर में उनके अधिकारी मिल गये, जोकि वहां के कार्यकर्ताओं से काफी अच्छी तरह से परिचित थे, फिर क्या था हम दर्शन करने के बाद किनारे बरामदे में एक जगह पाकर बैठ गये और बांके बिहारी की आरती का आनंद लेने लगे। आरती के बाद हमारे पास एक ऐसा शख्स आया जिसने हमसे कहा आप ही लोगों की सतिया पूजा करानी है न ? हम उसके सवाल को समझ ही नहीं पाये थे कि उसने हमें अगले दिन सुबह 6 बजे मंदिर आने के लिए कह दिया। तब हमने उससे कहा कि आप जो समझ रहे हैं हम वो लोग नहीं हैं, लेकिन मेरे मन में ये जिज्ञासा है कि ये सतिया पूजा क्या है? तब उन्होंने कहा कि ये पूजा संतान प्राप्ति के लिए इस मंदिर की चौखट पर कराई जाती है। अगर आप भी इच्छुक हैं तो काउंटर से जाकर पर्ची कटवा लें, इतना कहकर वो शख्स पता नहीं भीड़ में कहां गायब हो गया। जैसे ही भीड़ कम हुई हम मंदिर के पर्ची वाले काउंटर पर पहुंचे और एक गोस्वामी जी सतिया पूजा के बारे में पूछा और उन्होंने इस बार में हमें विस्तार से बताया।

ADVERTISEMENT

गोस्वामी जी ने बताया कि जो दंपत्ति मन में सच्ची आस लिये संतान प्राप्ति के श्री बांके बिहारी जी के मंदिर में खाली पेट गुरुवार के दिन चौखट पर गोबर से 7 सतिया यानि की स्वास्तिक बनाकर पूजा करते हैं उनकी मुराद जल्द पूरी हो जाती है। हमने जब इस पूजा के बारे में सुना तो महसूस हुआ कि ये भगवान का ही इशारा है हमारी मनोकामना पूर्ण करने का। फिर क्या था बिना किसी देरी के हम फिर से एक बार गुरुवार के दिन सुबह-सुबह गोस्वामी जी के बताये गये निर्देशों का पालन करते हुए श्री बांके बिहारी जी के मंदिर पहुंचे। वहां हमने पूरी श्रद्धा और लग्न के साथ सतिया पूजा की और वहां से फिर दिल्ली रवाना हो गये। 

पिछले 7 साल में जो चमत्कार डॉक्टर न कर सके वो श्री बांके बिहारी जी के दर्शन मात्र से सिर्फ महीने में हो गया। हमें जब पता चला कि हम बच्चे के उम्मीद से हैं तो विश्वास ही नहीं हुआ कि ये स्वयं ईश्वर की मर्जी थी। वृंदावन के श्री बांके बिहारी के चमत्कार ने न सिर्फ मेरी जिंदगी में उजाला किया बल्कि करोड़ों भक्तों की मुरादें पूरी की हैं।

27 Sep 2023

Read More

read more articles like this
good points

Read More

read more articles like this
ADVERTISEMENT