आज के जमाने में जहां एक तरफ सोशल मीडिया पर कई लोग कुछ भी पोस्ट कर पैसा कमाने की चाह रखते हैं वों एक तरफ कुछ ऐसे भी इंस्पाइरिंग लोग है जो कईयों कि अंधेरी जिंदगी में उम्मीद की दीपक जला रहे हैं। ऐसी ही एक शिक्षिका, जो बहुत करोड़ों बच्चों को सक्षम बनाने की मुहिम चला रही है, वो नाम है रोशनी मुखर्जी। वह काफी समय से ऑनलाइन शिक्षण क्षेत्र में हैं। वह अपनी सेवाओं के लिए कोई शुल्क लिए बिना अपने ऑनलाइन पोर्टल लर्नहोहब (फर्स्टव्हाइल एग्जामफियर) के माध्यम से बच्चों को पढ़ाती है। वो चाहतीं तो अपने पिता की मृत्यु के बाद उनकी जगह पर नौकरी कर या फिर बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर सकती थीं लेकिन उन्होंने दूसरा ही रास्ता तय किया और निश्चय किया कि वे ज़रूरतमंद बच्चों को मुफ्त में पढ़ायेंगी। उनका ये अनोखा प्रयास आज स्टूडेंट्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
यू-ट्यूब की फेमस टीचर जी रोशनी मुखर्जी की कहानी | famous indian youtube teacher Roshni Mukherjee Story in hindi
झारखंड की रोशनी मुखर्जी आज के दौर की ऐसी गुरू हैं जिन्होंने बच्चों के पढ़ाई के डर को खत्म करने का ऐसा नायाब तरीका निकाला कि आज हर जगह उनके ही चर्चे हैं। वह काफी समय से ऑनलाइन एजुकेशन फील्ड में हैं। वह अपनी सेवाओं के लिए कोई शुल्क लिए बिना अपने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाती है। रोशनी ने साल 2011 में यू-ट्यूब पर LearnoHub के नाम से चैनल बनाया जिसमें मैथ्स, बायो, फिजिक्स, कैमेस्ट्री की हर थ्योरी को रोचक तरीके से वीडियो के जरिए समझाया जाता है। इंग्लिश और हिंदी में नि:शुल्क उपलब्ध इस चैनल के साढें 2 मिलियन से भी ज्यादा सब्सक्राइबर हैं।
रोशनी करोड़ों बच्चों के एग्जाम फीयर को दूर करती हैं। बता दें, 37 वर्षीया रोशनी मुखर्जी 3 यूट्यूब चैनल चलाती हैं, एक 6 से 8वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए है, दूसरा नौवीं और 10वीं कक्षा के बच्चों के लिए और तीसरा 11वीं व 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए।
रोशनी मुखर्जी का चैनल और नेट वर्थ
जॉब छोड़ अपने पैशन को किया फॉलो
रोशनी को स्कूल टाइम से ही लगता था कि वह एक अच्छी टीचर बन सकती हैं लेकिन कॉलेज खत्म करने के बाद उन्होंने आईटी इंडस्ट्री में जॉब को चुना। उन्होंने विप्रो और एचपी जैसी दिग्गज कंपनियों में काम किया हुआ है। रोशनी भले ही जॉब कर रही थीं लेकिन टीचिंग का उनका पैशन अभी भी जिंदा था। वह यही सोचती थीं कि कैसे वह अपने पैशन को फॉलो कर सकती हैं। फिर उन्हें यूट्यूब प्लेटफॉर्म का ख्याल आया।
शुरूआत में जो उन्होंने वीडियो पोस्ट किये इस पर उन्हें बच्चों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला। साथ धीरे-धीरे ऐसे बच्चों की ही ऐसे सवाल सामने आने लगे, जिसके चलते रोशनी ने सोचा महंगी शिक्षा को अफोर्ड नहीं कर सकने वालों को भी क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराई जा सके। फिर क्या था रोशनी पहल की काफिला उनके साथ हो लिया। रोशनी आज करोड़ों बच्चों की जिंदगी फ्री एजुकेशन क्लास देकर रोशन कर रही हैं। उन्होंने अपने अनोखे और सरल ढंग से पढ़ाई के तरीके से टीचिंग की परम्परागत स्टाइल ही बदल दी।
100 महिला अचीवर्स अवॉर्ड का सम्मान
रोशनी महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा दिए गए 100 महिला अचीवर्स अवॉर्ड की लिस्ट में भी शामिल हैं। ये सम्मान उन महिलाओं के लिए है जो देश भर के समुदायों में बदलाव ला रही हैं। रोशनी का अचीवमेंट ‘फ्री एजुकेशन थ्रो यूट्यूब’ का रहा और 22 जनवरी 2016 को उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।
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