हर गर्भवती महिला चाहती है कि उसका होने वाला बेबी हेल्दी हो, यानि कि उसका वजन अच्छा हो डिलेवरी के समय। क्योंकि कमजोर बच्चों की तुलना में हष्ट-पुष्ट शिशु को जन्म के बाद सामान्य तौर पर किसी कॉम्पलीकेशन का सामना नहीं करना पड़ता है। यदि महिला प्रेगनेंसी के दौरान अपने खान पान का अच्छे से ध्यान नहीं रखती है, अपनी अच्छे से केयर नहीं करती है, तनाव लेती है आदि। तो इसके कारण शिशु को पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, और शिशु का विकास सही नहीं होता है, जिसके कारण शिशु कमजोर होता है, और कई बार तो जन्म के बाद होने वाले शिशु को डॉक्टरों और मशीन की निगरानी में भी रखना पड़ सकता है। 2 महीने गर्भावस्था के लक्षण
गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन कैसे बढ़ाएं Diet Tips To Increase Fetal Weight In Third Trimester in Hindi
अगर आपको भी लग रहा है कि आपके गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन सामान्य से कम है तो एक्सपर्ट द्वारा सुझाए गये इन 5 सुपरफूड्स को अपने डाइट में तुरंत शामिल करें। वैसे तो हर गर्भवती महिला को तीसरी तिमाही से इन सुपरफूड्स का सेवन करना ही चाहिए। इससे शिशु को पोषक तत्व भरपूर मिलते हैं जिससे उसके अंग अच्छे से विकसित होते है और जन्म के समय शिशु का वजन भी सही होता है। तो आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं वो सुपरफूड्स जो गर्भ में पल रहे बच्चे के वजन बढ़ाने (How to Increase Baby Weight during Pregnancy) में कारगर हैं।
डेयरी प्रोडक्ट्स
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को दूध व दूध से बने प्रोडक्ट्स का भी भरपूर सेवन करना चाहिए। क्योंकि इसमें भी कैल्शियम, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भरपूर होते हैं। जो शिशु के वजन को बढ़ाने में मदद करते हैं। अगर आपके बच्चे का वजन सामान्य से कम है तो तीसरी तिमाही से दिन में 3 गिलास दूध पीना शुरू कर दीजिए। इसके साथ ही एक कटोरी दही का सेवन रोज करें। ये बच्चे का वजन बढ़ाने में तो मदद करेगा ही साथ ही गर्भवती महिला को होने वाली पेट का अन्य समस्याओं से भी दूर रखेगा। हाई प्रोटीन डाइट चार्ट
अंडा
गर्भ में पल रहे शिशु का वजन अगर कम है तो अंडा खाने की सलाह तो आपके डॉक्टर भी देते हैं। अंडे में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो गर्भावस्था के दौरान लिया जाना बहुत आवश्यक है. गर्भ में पल रहे बच्चे की हर कोशिका प्रोटीन से बनती है। ऐसे में गर्भवती महिला अगर अंडे खाती है तो भ्रूण का विकास बेहतर तरीके से होता है। इसके सेवन से बच्चे को मानसिक बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है और उसका दिमागी विकास भी होता है। साथ ही इसके सेवन से बच्चे का ओवरऑल वेटगेन अच्छा होगा। प्रेगनेंसी में क्या पढ़ना चाहिए
सूखे मेवे
गर्भवती महिला को शुरू से ही सूखे मेवों को पानी में भिगो कर खाने की सलाह दी जाती है। इसका रीजन यही है कि इससे बच्चे का ग्रोथ अच्छा होता है। इसमें प्रोटीन और विटामिन्स के साथ-साथ भरपूर मात्रा में जिंक, कॉपर, फोलिक एसिड और ढेरों माइक्रोमिनरल्स होते हैं जो आपके बच्चे के शारीरिक विकास के साथ-साथ दिमागी विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। आप बादाम, खुबानी, मूंगफली, अंजीर, अखरोट और अन्य सूखे मेवे खा सकती हैं। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि इन्हें बहुत ज्यादा मात्रा में न खाएं। बेहतर रहेगा कि इन्हें रोजाना पानी में 12 घंटे के लिए भीगाने के बाद ही सेवन करें।
हरी पत्तेदार सब्जियां
आहार गर्भावस्था में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप भ्रूण का वजन बढ़ाना चाहती हैं, तो आपको अपने आहार में ताजी हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। हरी सब्ज़ियां जैसे की पालक, ब्रोकली, सोया मेथी आदि में आयरन, विटामिन A, C व K, कैल्शियम जैसे तत्व की प्रचुर मात्रा में होते हैं, इससे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है और शिशु में भी रक्त संचार बेहतर तरीके से होता है, जिससे उसका विकास तेजी से होने में मदद मिलती है। बेहतर रहेगा कि इन सब्जियों को लोहे की कढ़ाई में बनाएं।
विटामिन-सी और विटामिन-ए युक्त फूड्स
विटामिन-सी और विटामिन-ए आपको अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान जरूर लेना चाहिए। इसके सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे का वेट गेन अच्छा होता है साथ ही इससे उसकी स्किन, हेयर, आंखों की रोशनी और खासतौर पर इम्युनिटी बेहतर होती है। विटामिन-ए आपको पीले रंग की सब्जियों और फलों में मिलेगा। बात करें अगर विटामिन-सी की तो ये आपको संतरा, कीवी, अमरूद, स्ट्रॉबेरी, आवंला, नींबू आदि में मिल जायेगा। इसे आपको अपनी रोजना डायट में शामिल करना है।
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