कहते हैं प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने बड़े नाजुक होते हैं। यही वजह है कि आज भी काफी सारे कपल 3 महीने बीत जाने के बाद ही यह खुशखबरी सबके साथ बांटते हैं। प्रेगनेंसी के शुरूआती चरण से लेकर आखिरी समय तक एक-एक महीना काफी मायने रखता है। खासतौर पर शुरूआती 3 महीने। कई बार पहले महीने तो प्रेगनेंसी का पता भी नहीं चलता। और जब पता चलता है तो 2 महीने की प्रेगनेंसी (pregnancy ka dusra mahina) शुरू हो चुकी होती है। ऐसे में एक गर्भवती महिला अपना ध्यान रखना दूसरे महीने से ही शुरू कर देती है। मगर अब सवाल यह उठता है कि 2 महीने गर्भावस्था के लक्षण (pregnancy ke dusre mahine ke lakshan) क्या हैं। हम आपको यहां प्रेगनेंसी में 2 महीने में क्या होता है (2nd month pregnancy symptoms in hindi) के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। प्रेगनेंसी में क्या पढ़ना चाहिए
2 महीने की गर्भवती होने के लक्षण – pregnancy ka 2nd month in hindi
2 महीने की प्रेगनेंसी यानि गर्भावस्था का 5-6 हफ्ता। इस दौरान आपका शिशु बहुत छोटा होता है लेकिन वो अपने आने का पूरा एहसास आपको करा देता है। हालांकि 2 महीने गर्भावस्था के लक्षण (2nd month pregnancy symptoms in hindi) थोड़े कष्टदायक हो सकते हैं मगर ये पूरी तरह से सामान्य होते हैं। वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला में अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं मगर इनमें से कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं, जो काफी कॉमन होते हैं। इनमें से कुछ हम आपको यहां बता रहे हैं।
– मॉर्निंग सिकनेस या लगातार पूरे दिन मिचली होना
– उल्टी करना
– पैरों में सूजन
– कुछ तरह के भोजन से घृणा हो जाना या कुछ को खाने की लालसा में वृद्धि होना
– पेशाब में वृद्धि
– मिजाज चिड़चिड़ा हो जाना, रोना और थकान होना
– स्तन के आकार में परिवर्तन
– स्तन कोमलता
– कब्ज
– चक्कर आना
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में हल्के ऐंठन या पेट में दर्द के साथ-साथ स्पॉटिंग महसूस होना भी सामान्य है। दरअसल, गर्भावस्था के शुरुआती चरण में रक्तस्राव इतना सामान्य है कि यह 25 प्रतिशत गर्भधारण में हो सकता है और इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी गर्भावस्था में कोई समस्या है।
2 महीने के गर्भ में भ्रूण का विकास
2 महीने में, बच्चा एक रास्पबेरी के आकार के बराबर होता है। इस दौरान शिशु एक एलियन की तरह दिखते हैं, लेकिन कुछ मानवीय विशेषताएं विकसित होने लगी हैं, जैसे- आंखें, एक नाक, एक मुंह और कान बाहर की तरफ बढ़ रहे हैं। वहीं कुछ महत्वपूर्ण शरीर प्रणालियां – जैसे श्वसन अंग और तंत्रिकाएं – अंदर तेजी से बढ़ रही हैं। आपके बच्चे का मस्तिष्क आकार में बड़ी छलांग लगा रहा है, चिंता न करें, यह जल्द ही और अधिक मानवीय दिखने वाला होगा। उनका दिल लगभग 140 बीट प्रति मिनट की दर से धड़क रहा होता है, मगर अभी आप इसे अपने ओबी-जीवाईएन ऑफिस में डॉपलर मशीन पर नहीं सुन पाएंगे। (हालांकि, आप 8 सप्ताह में अल्ट्रासाउंड पर दिल की धड़कन सुन सकते हैं।)
अल्ट्रासाउंड की बात करें तो, आपका डॉक्टर गर्भावस्था के 6 से 8 सप्ताह के बीच जल्द से जल्द इसे कराने का निर्देश दे सकता है। इसके कई कारण हैं, गंभीर (जैसे एक संदिग्ध अस्थानिक गर्भावस्था) से लेकर पूरी तरह से सौम्य (जैसे कि आप निश्चित रूप से नहीं जानते कि आपकी पिछली अवधि कब थी, यानी, आप कितनी दूर हैं)। एक स्वस्थ गर्भावस्था में, आप ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड के दौरान कुछ रोमांचक चीजों को देखने की उम्मीद कर सकती हैं, जैसे- जेस्टेशनल सैक, योक सैक, आपके बच्चे का प्रारंभिक आकार और उनकी सुपर-फास्ट हार्टबीट।
2 महीने की गर्भवती होने पर शारीरिक बदलाव
प्रेगनेंसी में 2 महीने में क्या होता है, खासतौर पर किसी प्रेगनेंट महिला के शरीर के साथ, तो इसका जवाब थोड़ा जटिल हो सकता है। दरअसल, कई मामलों में यह पूरी तरह से संभव है कि आपका बेबी बंप पहले से ही 2 महीने में दिखाई दे रहा हो, हालांकि यह ब्लॉटिंग भी हो सकती है। ज्यादातर मामलों में 2 महीने की प्रेगनेंसी के दौरान कोई खास शारीरिक बदलाव नहीं आते हैं। हां गर्भवती महिला का वजन थोड़ा जरूर बढ़ सकता है। वहीं ब्रेस्ट का आकर भी पहले की तुलना में बढ़ सकता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि पूरी प्रेगनेंसी के दौरान अपनी ब्रा पहने रखें। ऐसा न करने पर ब्रेस्ट के लूज होकर लटकने का डर बना रहता है।
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