सहजन या ड्रमास्टिक का वनस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा (Moringa Oleifera) है। इसे सीजना, सुरजना, शोभाजन, मरूगई, मरूनागाई, इण्डियन हार्सरैडिश आदि नामों से भी जाना जाता है। दक्षिण भारत में व्यंजनों में इसका उपयोग खूब किया जाता है। यहां इसे 'सहजन की फली' (sahjan ki fali) कहते हैं। सहजन की पत्ती, फूल, फल, बीज, जड़ और छाल हर किसी को दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
सहजन पूरे भारत में सुगमता से पाया जाने वाला पेड़ है। सहजन को प्राकृतिक औषधि का भण्डार माना जाता है। इसके अलग-अलग हिस्सों में 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण हैं। सहजन (moringa in hindi) में 92 तरह के मल्टीविटामिन्स, 46 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड पाये जाते हैं।
सहजन के पेड़ को चमत्कारी पेड़ कहा जाता है। क्योंकि सहजन के पत्तियों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। सहजन के पत्तों में संतरे/ नींबू की तुलना में सात गुना अधिक विटामिन सी होता है। इसके अलावा बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। तो आइए जानते हैं सहजन पत्ती के फायदे यानि कि सहजन के फायदे (moringa benefits in hindi) के बारे में -
सहजन में विटामिन सी का स्तर उच्च होता है जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कई बीमारियों से रक्षा करता है। इसलिए आप अपनी डाइट में सहजन की सब्जी (sahjan ke beej) को जरूर जोड़ लें।
मोटापा हर बीमारी की जड़ है और समय रहते ही इसपर काबू पाना बेहद जरूरी है। अपना वजन तेजी से कम करने के लिए अपने डाइट में सहजन को जरूर शामिल करें। सहजन की पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे धीरे कम होने लगता है। दरअसल, सहजन (sahjan ke beej) में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है, जिसमें एंटी-ओबेसिटी गुण मौजूद होते हैं। इस वजह से वजन कम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
सहजन में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है। इसमें दूध की तुलना में चार गुना कैल्शियम और दोगुना प्रोटीन होता है। आप अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए सहजन का सेवन (drumstick vegetable in hindi) कर सकते हैं। इससे हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत बनते हैं। इसे गर्भवती महिलाओं को देने से उनके होने वाले बच्चों में कैल्शियम की मात्रा भरपूर मिलती है और बच्चा बिल्कुल तंदुरस्त पैदा होता है।
सहजन आपके हाई ब्लड प्रेशर और शुगर दोनों को ही कंट्रोल करने में काफी हद तक मददगार साबित होता है। क्योंकि सहजन में राइबोफ्लेविन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिसके चलते यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
सहजन महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के लिए भी बेहद गुणकारी है। पुरुषों में होने वाली सेक्स संबंधी समस्याओं को दूर करने, वीर्य को गाढ़ा करने और सेक्स पावर को बढ़ाने में सहजन बेहद कारगर है। जो पुरुष सहजन का सेवन(moringa leaves in hindi) करते हैं उनको प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना बेहद ही कम हो जाती है।
सहजन की पत्तियों में खून को शुद्ध करने के गुण पाये जाते हैं। इससे स्किन में भी बेदाग निखार आता है। सहजन में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो स्किन में कोलोजन की मात्रा को बढ़ा देता है। जिससे स्किन के खुले छिद्रों को कम करने में मदद में मदद मिलती है। इसके साथ ही स्किन की झुर्रियों, झाइयों और अन्य समस्याओं को भी दूर करता है। यही वजह है कि त्वचा रोग के इलाज में सहजन का विशेष स्थान है।
बढ़ती उम्र का असर मस्तिष्क पर सबसे पहले होता है और नतीजा याददाश्त कमजोर होना, भूलने की बीमारी या फिरस नर्वस सिस्टम से जुड़ा कोई विकार हो सकता है। ऐसे में अगर आप पहले सी ही सहजन का सेवन (moringa leaves in hindi) करते हैं तो आपको ये सारी समस्याएं नहीं होती है। क्योंकि यह हमारे मस्तिष्क के लिए किसी टॉनिक की तरह काम करता है।
प्रेगनेंसी के दौरान सहजन खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, कैरोटीन फॉस्फोरस और विटामिन सी पाया जाता है। सहजन का जूस (drumstick vegetable in hindi) गर्भवती के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे डिलवरी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है और डिलवरी के बाद होने वाला दर्द कम होता है।
सहजन बेहद गुणकारी है आपने ये जान ही लिया है। सहजन के पौधे में जड़ से लेकर सहजन के फूल, पत्तियों तक सेहत के गुण भरे हुए होते हैं। लेकिन बहुत से लोगों को ये नहीं पता होता है कि सहजन का उपयोग (sahjan ke phool ke fayde) किस तरह किया जाता है। तो आइए जानते हैं कि सहजन का सेवन किन-किन तरीकों से किया जा सकता है -
अति हर चीज की बुरी होती है। ऐसा जरूरी नहीं है कि सहजन हर किसी के लिए फायदेमंद ही साबित हो। इसके सेवन के नुकसान भी हैं। तो आइए जानते है कि सहजन का सेवन (drumstick in hindi) किन लोगों को किस तरह से नुकसान पहुंचा सकता है -
सहजन की फली की सब्जी (sahjan ki sabji) बनाने के लिए सबसे पहले सहजन की फली को साफ करके 2 इंज के बराबर टुकड़े कर लें। साथ में आलू के भी चार हिस्से कर लें। इसके बाद कुकर में फली, आलू और टमाटर, पानी और थोड़ा सा नमक डालें और 2 सिटी आने तक पक्का लें। फिर दूसरी तरफ कढ़ाई में प्याज, लहसुन, अदरक डालकर मसाला तैयार करें और उबली सब्जी डालकर मिलाकर सब्जीनुमा बना लें।
सहजन के पत्ते का इस्तेमाल आप उसे सुखाकर पाउडर (sahjan ki patti ka powder) बना लें और इसे सलाद और सूप में ऊपर डालकर स्वाद बढ़ा सकते हैं।
सहजन की तासीर (sahjan ki fali) गर्म स्वभाव की होती है। इसीलिए गर्मियों की तुलना में सर्दियों का इसका सेवन बेहद फायदेमंद होता है।
सहजन का चूर्ण बनाने की विधि बेहद आसान है। आप इसकी पत्तियों और बीजों को साफ करके धूप में सूखा दें। जब ये अच्छे से सूख जाए तो इन्हें पीस कर पाउडर तैयार कर लें। इस चूर्ण को डब्बी में भरकर रख लें और रोज एक चम्मच इस चूर्ण का सेवन करें।
सहजन के बीज के फायदे (sahjan ke beej) ही फायदे हैं। सहजन के बीज से तेल निकाला जाता है और इसका इस्तेमाल दवाई आदि में किया जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन सी पाया जाता है।
सहजन छाल का सेवन साइटिका, गठिया, लीवर आदि के रोगों में लाभकारी होता है। सहजन की छाल मुख्य रूप से औषधि के तौर पर ही इस्तेमाल की जाती है।
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