पहली बार पिता बनना बेहद प्यारा व स्पेशल अहसास होता है, जिसे किसी के लिए भी लफ्जों में बयां कर पाना आसान नहीं होगा। लेकिन यह अपने साथ ढ़ेरों जिम्मेदारियां भी लेकर आता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान पार्टनर का ख्याल रखने से लेकर डिलीवरी के प्रोसेस व बच्चा होने के बाद, हर कदम पर आपके पार्टनर को आपके सपोर्ट की जरूरत होती है। लेकिन पार्टनर की कैसे मदद करें, ज्यादातर न्यू डैड्स इस बात से अंजान होते हैं। इस लेख में हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं, जिन्हें फॉलों कर आप एक अच्छे पार्टनर के साथ एक अच्छे पिता बन पाएंगे।
पहली बार पिता बनने वाले हैं, तो पार्टनर को ऐसे करें सपोर्ट
जब बच्चे का जन्म होता है, तो ज्यादातर न्यू डैड को लगता है कि बच्चे को सिर्फ माँ की जरूरत है। क्योंकि नवजात शिशु हर समय सोता रहता है और जागता है तो उसे माँ का दूध चाहिए होता है। यही वजह है कि न्यू डैड पार्टनर और बच्चे की कैसे मदद करें, इससे बिल्कुल अंजान होते हैं। ऐसे में नीचे कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं, जिनका फादरहुड के पहले हफ्तों में ध्यान रखकर आप अपने पार्टनर का सपोर्ट सिस्टम बन सकते हैं।
1. बच्चे की नैपी बदलें
डिलीवरी के बाद महिला को रिकवर होने में समय लगता है। इस वजह से उन्हें किसी काम को न करके सिर्फ बेड रेस्ट के लिए कहा जाता है। उनका काम होता है बच्चे को भूख लगने पर ब्रेस्टफीड कराना। ऐसे में आप बच्चे की देखभाल में उनकी मदद कर सकते हैं। जैसे बच्चे को नहलाना, डायपर बदलना आदि, इन कामों की रिस्पॉन्सिबिलिटी आप ले सकते हैं। सिर्फ इतना करने से भी आपकी पार्टनर को काफी आराम मिलेगा।
2. बच्चे को दूध पिलाने की ड्यूटी
अगर आपकी पार्टनर बेबी को ब्रेस्टफीड के अलावा बोतल से फॉर्मूला मिल्क भी दे रही हैं, तो आप बच्चे को बोतल से दूध पिलाने की ड्यूटी ले सकते हैं। इससे आपके पार्टनर को बच्चे को दूध पिलाने से ब्रेक मिलेगा। साथ ही आपको भी बच्चे के साथ बॉन्डिंग बनाने के लिए भी समय मिलेगा। बच्चे को जिस पोजीशन में माँ दूध पिलाती है, ठीक उसी तरह आप बच्चे को बोतल से फीड कराएं।
3. नाइट शिफ्ट
बच्चे के जन्म के कुछ महीनों तक माँ की रातों की नींद उड़ जाती है। क्योंकि बच्चा कभी भी उठकर रोने लगता है। ऐसे में आप नाइट शिफ्ट की कुछ ड्यूटी अपने जिम्मे ले सकते हैं। जैसे बच्चे को भूख लगी है और आप उसे फॉर्मूला मिल्क नहीं देते हैं, तब तो माँ को ही फीड कराना होगा। लेकिन अगर बच्चा डायपर गीला होने से रो रहा है, तो आप पार्टनर की नींद से जगाए बिना खुद यह काम कर सकते हैं। बच्चे को पालने में से उठाकर पार्टनर को फीड कराने के लिए दें और इसके बाद वापस से बच्चे को पालने में सुलाएं। ऐसा करके न सिर्फ आपका बच्चे के साथ अच्छा बॉन्ड बनेगा बल्कि आपके पार्टनर को काफी आराम मिलेगा।
4. घर के कामों में हाथ बटाएं
शुरुआत के कुछ हफ्ते माँ के लिए काफी थकान भरे होते हैं। ऐसे में पार्टनर से यह कभी न बोलें कि आज डिनर में क्या है या लंच में क्या है। कोशिश करें खुद से किचन में जाकर खाना ले लें। अगर कुछ नहीं बना है तो आप कुछ बनाने की कोशिश करें या खाना अरेंज करें। सिंक में बर्तन रखे हैं जिनकी आपको जरूरत है उन्हें खुद से साफ कर लें। बच्चे की नैपी मशीन में वॉश करके सुखाने डाल दें। इस तरह पार्टनर के साथ काम में हाथ बटाएं।
5. पार्टनर को सुनें
जब घर में बेबी आता है तो बहुत सारे लोग आपको अलग-अलग सलाह देंगे, लेकिन सबसे जरूरी है कि आप अपने पार्टनर की सुनें। उन्हें आपके साथ उनकी फीलिंग्स, वो कैसा महसूस कर रही हैं, उन्हें किन चीजों की जरूरत है, शेयर करने के लिए प्रोत्साहित करें। ऐसा हर पार्टनर को अच्छा लगता है कि उन्हें सुनने व समझने के लिए कोई है। इससे उन्हें पैरेंटिंग का यह सफर आसान लगने लगेगा।
तो इस लेख को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे कि पहली बार पिता बनना आसान काम नहीं है। यह सिर्फ माँ की ही नहीं पिता की भी जिंदगी बदल देता है। पैरेंटिंग के इस शुरुआती चरण में आपको अपने पार्टनर का कैसे साथ देना है, इससे आप अच्छे से वाकिफ हो गए होंगे। हर हाल में अपनी पत्नी को सपोर्ट करें।
चित्र स्रोत: Instagram & Pexel