प्रोटीनयुक्त फूड को किसी इंट्रोडक्शन की जरूरत नहीं है। आप पहले से ही जानती हैं कि यह तीन मुख्य मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है, जो आपकी डाइट के लिए बेहद जरूरी हैं। अन्य दो मैक्रोन्यूट्रिएंट्स फैट और कार्बोहाइड्रेट हैं। सप्लीमेंट्स से लेकर एनर्जी बार आपकी प्रोटीन की समस्या को आसानी से हल करने के लिए बनाए गए हैं लेकिन बेहतर तो यही है कि आप उन चीजों को खाएं, जो प्रोटीन के बेहतरीन स्रोत हैं। यहां तक कि एटकिन्स डाइट या पैलियो डाइट भी प्रोटीन इनटेक को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
प्रोटीन की कमी के लक्षण और जोखिम – Protein ki Kami ke Lakshan
प्रोटीन के मुख्य स्रोत – Source Of Protein
जानिए शरीर के लिए प्रोटीन क्यों जरूरी है – Why Protein Is Important in Hindi
क्या है प्रोटीन – Protein Kya Hai?
प्रोटीन को जीवन का बिल्डिंग ब्लॉक माना गया है, जो शरीर की हर सेल में पाया जाता है। यह एमिनो एसिड से बना है, जो एक- दूसरे से लंबी चेन में जुड़े हैं। 20 विभिन्न तरह के एमिनो एसिड होते हैं। जिस सीक्वेंस में ये विभिन्न एमिनो एसिड अरेंज्ड हैं, उससे उस विशेष प्रोटीन की भूमिका का पता चलता है।
क्यों चाहिए हमारे शरीर को प्रोटीन – Why Our Body Needs Protien?
प्रोटीन पूरे शरीर में मॉलिक्यूल्स के परिवहन, कोशिकाओं की मरम्मत करने और नए बनाने, शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से बचाने, बच्चों, किशोरों और प्रेगनेंट को स्वस्थ और विकसित करने में सहायक है। यदि आप अपनी डाइट में प्रोटीन का सेवन नहीं करती हैं तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है। इनमें, मांसपेशियों का नुकसान, विकास में दिक्कत, हृदय और फेफड़ों की कमजोर कार्यप्रणाली और यहां तक कि जल्दी मृत्यु होने की भी आशंका रहती है।
बेहतर स्वास्थ्य के लिए कितना चाहिए प्रोटीन ?
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एमिनो एसिड को आपका शरीर स्वयं नहीं बना सकता, इसके लिए भोजन की जरूरत होती है। इसके लिए आपको अपनी डाइट में विभिन्न तरह के प्रोटीनयुक्त फूड्स लेने होंगे, जो मुश्किल नहीं है क्योंकि खाने की कई चीजों में प्राकृतिक तौर पर प्रोटीन उपस्थित रहता है। जब आप इन्हें खाते हैं तो आपका शरीर भोजन से प्रोटीन ले लेता है और इसे एमिनो एसिड में तोड़ देता है, जिसे आपका शरीर इस्तेमाल में लाता है। आप पता लगा सकते हैं कि आपको कितने प्रोटीन की आवश्यकता है। आपके शरीर के प्रति किलोग्राम का 0.8 ग्राम प्रोटीन का सेवन करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, आपकी उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसमें बदलाव किया जाना चाहिए।
प्रोटीन की कमी के लक्षण और जोखिम – Protein ki Kami ke Lakshan
प्रोटीन की कमी तभी हो जाती है, जब आप अपने शरीर के लायक प्रोटीन का सेवन नहीं करती हैं। प्रोटीन के कमी की वजह से विकास में देरी, मांसपेशियों का नुकसान, बालों का झड़ना और एडेमा होने का जोखिम रहता है। एडेमा एक तरह की सूजन होती है, जो शरीर के टिश्यू के अंदर अतिरिक्त तरल पदार्थ से उत्पन्न होती है। वेगन और वेजीटेरियन्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें जरूरत के मुताबिक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलें। हालांकि बीन्स, मेवे (अखरोट, बादाम) और टोफू के जरिए ये लोग अपनी प्रोटीन की आवश्यकता पूरी कर सकते हैं। वेजीटेरियन्स डेयरी प्रोडक्ट के जरिए भी अपनी जरूरत को पूरा कर सकते हैं, क्योंकि डेयरी प्रोडक्ट्स प्रोटीन के बेहतरीन स्रोत हैं।
वजन के प्रबंधन में मददगार प्रोटीन
प्रोटीन इसलिए इतने लोकप्रिय होते हैं क्योंकि इसका वजन के प्रबंधन से खास रिश्ता है। पिछले दो दशकों से अनगिनत अध्ययन बताते हैं कि वजन कम करने या वजन को कंट्रोल में रखने में प्रोटीन अहम भूमिका निभाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीन का रेस्टिंग मेटाबॉलिज्म पर सकारात्मक प्रभाव होता है। हाई प्रोटीन फूड्स पेट को भरा होने का अहसास देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि लोग जब प्रोटीन खा लेते हैं तो पूरे दिन कम कैलोरी का सेवन करते हैं। इस तरह से वजन कम करने में उन्हें मदद मिलती है।
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प्रोटीन के मुख्य स्रोत – Protein Wali Chije
दाल – Lentil
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ का कहना है कि एक कप दाल में 18 ग्राम प्रोटीन और 15 ग्राम फाइबर होता है। इसमें कोई सैचुरेटेड फैट या सोडियम नहीं होता। हम भारतीय तो यूं भी दालों की खासियत को बखूबी जानते हैं।
दही – Curd
प्रोटीन और कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत होने के साथ ही लो फैट दही मिनरल का भी स्रोत होता है। यदि आपके शरीर को भरपूर कैल्शियम नहीं मिलता है तो कैल्सिट्रिओल नामक हार्मोन का रुााव होता है, जो शरीर में फैट जमा करने का कारण बनता है। इसलिए रोजाना की कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करके हम बेहतरी से फैट का खात्मा कर पाते हैं। एक कप लो फैट दही में करीब 13 ग्राम प्रोटीन होता है।
चिकन – Chicken
आधे चिकन ब्रोस्ट में 28 ग्राम प्रोटीन और 142 कैलोरी होती हैं, जो आपकी रोजाना की 53 फीसद प्रोटीन की जरूरत को पूरा करता है। हर उम्र के लोगों के लिए चिकन का सेवन लाभदायक है। यह उन लोगों के लिए अच्छा है, जिन्हें ज्यादा प्रोटीन और कैलोरी की जरूरत रहती है।
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अंडा – Eggs
एक अंडे में लगभग साढ़े तीन ग्राम प्रोटीन होता है। अंडे का सफेद हिस्सा खासकर प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। इसमें कोलेस्ट्रॉल और फैट कम होता है, जो इसे पौष्टिक भोजन की श्रेणी में रखता है। इसके सेवन से एनर्जी और जरूरी एमिनो एसिड्स भी मिलते हैं। अंडे का सफेद वाला हिस्सा मांसपेशियों को सुदृढ़ करता है, खासकर महिलाओं की मांसपेशियों को। अण्डे की जर्दी आयरन का बेहतरीन स्रोत है, साथ ही इसमें लेसिथिन भी होता है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
बादाम – Almond
बादाम एक हेल्दी मेवा है, जिसमें प्रोटीन के साथ ही एंटी- ऑक्सिडेंट, फाइबर और मोनोसैचुरेटेड फैट होता है। यह आपके दिल की सुरक्षा करने में भी मददगार है। ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है और स्किन के लिए भी हेल्दी है। बादाम को रात भर पानी में भिगोकर रखने के बाद सुबह छिलका उतार कर खाने से याददाश्त बढ़ती है और मस्तिष्क तेज होता है। 28 ग्राम बादाम में लगभग 6 ग्राम प्रोटीन होता है।
ओट्स – Oats
सुबह के नाश्ते में ओट्स को पका कर खाएं। यह प्रोटीन का बढ़िया स्रोत है। साथ ही फैट कम मात्रा में होता है तो यह वजन कम करने वालों के लिए बेहतरीन भोजन है। इसे आप नाश्ते में दूध के साथ या फिर दोपहर में खिचड़ी और रात को डोसा के तौर पर खा सकती हैं। ओट्स डोसा बनाने के लिए इसे पीस लें और दही मिला लें। फिर डोसा की तरह ही तवा पर बना लें।
क्विनोआ – Quinoa
क्विनोआ भी मूलत: बीज ही होता है, जो प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है। एक चौथाई कप कच्चे क्विनोआ में 8 ग्राम प्रोटीन होता है। चावल और पास्ता की जगह क्विनोआ को खाना बेहतर है। इसे उपमा की तरह भी पकाया जा सकता है, सब्जियां डालकर पुलाव की तरह भी और सलाद की तरह भी खाया जा सकता है।
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चीज़ – Cheese
एक स्लाइस चीज़ में लगभग 8 ग्राम प्रोटीन होता है। इसमें निहित पोषक तत्व आपकी हड्डियों, आंखों और इम्यून सिस्टम के लिए लाभदायक हैं। सच तो यह है कि चीज़ रात की बेहतरीन नींद के लिए भी खासी मददगार है। ट्राइप्टोफैन एक एमिनो एसिड है, जिसे हमारा शरीर मेलाटोनिन और सेरोटोनिन में बदल देता है, जो नींद लाने में कारगर है। कैल्शियम भी सेरोटोनिन को जारी करता है। लेकिन इसे लेने का मूल मंत्र यह है कि आप इसका सेवन ज्यादा न करें और बिस्तर पर जाने से कम से कम दो घंटे पहले ही इसका सेवन करें ताकि पाचन तंत्र में दिक्कत न आए।
पनीर – Cottage Cheese
आधा कप पनीर में 13 ग्राम प्रोटीन होता है। यह बढ़िया, सस्ता और स्वस्थ भोजन है। मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के अलावा, इसमें निहित कैल्शियम हड्डियों के लिए भी अच्छा है। सब्जियां या फल के साथ इसे मिलाकर आप अच्छी डिश बना सकती हैं। यह पेट को भरा रखता है और वजन कम करने वालों के लिए बढ़िया विकल्प भी है।
पीनट बटर – Peanut Butter
प्रोटीन के बढ़िया स्रोत में से एक है पीनट बटर। 100 ग्राम पीनट बटर में 25 ग्राम प्रोटीन होता है, जो काफी ज्यादा है। इसे आप ब्रेड पर सामान्य मक्खन की जगह लगाकर खा सकती हैं। या चाहें तो रोटी पर भी लगाकर खा लें। शाकाहारियों के लिए तो विशेष तौर पर यह प्रोटीन के महत्वपूर्ण स्रोत में से एक है।
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बीन्स – Beans
बीन्स को जादुई खाद्य पदार्थ माना जाता है, क्योंकि यह हमारे स्वास्थ्य के बहुत अच्छा है। प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होने के साथ ही यह फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन का भी बढ़िया स्रोत है। इसका सेवन लंबे समय के लिए ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर की कमजोरी को दूर करता है।
टोफू – Tofu
टोफू के एक चौथाई ब्लॉक में लगभग 13 ग्राम प्रोटीन और 117 कैलोरी होती है। यह मीट का बढ़िया विकल्प है और भारतीय डिशेज में इसे डाला जा सकता है। प्रोटीन के साथ ही टोफू में मैग्नीशियम, आयरन और अन्य पोषक तत्व होते हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करके यह दिल के रोग के जोखिम को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को प्रमोट करता है। टोफू की खासियत यह है कि यह उस भोजन का स्वाद ले लेता है, जिसके साथ यह पकता है। स्टर- फ्राई टोफू काफी स्वादिष्ट और फायदेमंद है।
सोया मिल्क – Soya Milk
प्रोटीन के अलावा, सोया मिल्क में ऑर्गेनिक कम्पाउंड इसोफ्लेवॉन्स होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने मदद करता है। अन्य दूध के मुकाबले इसमें कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल नहीं होता और यह प्राकृतिक तौर पर लो फैट होता है। इसमें नियासिन भी होता है, जो रक्त संचार को बढ़ाता है। एक कप सोया मिल्क में 8 ग्राम प्रोटीन और करीब 150 कैलोरी होती है। इसे रोजाना की डाइट में लेकर व्यक्ति अपनी रोजाना की प्रोटीन की जरूरत को पूरा कर सकता है। सोया मिल्क ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी कम करने में मददगार है।
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मटर – Peas
सर्दियों में प्रोटीन चाहिए तो मटर खाइए। यूं तो फ्रोजेन मटर में भी प्रोटीन और फाइबर मिलता है। बस ध्यान यह रखना है कि फ्रोजेन मटर दबी हुई न हों। मटर के साथ पनीर की सब्जी प्रोटीन के इनटेक को बढ़ा देती है। एक कप मटर में 7 ग्राम प्रोटीन होता है।
ब्रोकली – Broccoli
फूलगोभी को हरी सब्जी नहीं माना जाता है लेकिन इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें फाइबर भी खूब होता है और इसमें एलिसिन भी होता है, जो लहसुन का एक अवयव है, जो दिल के दौरे के खतरे को कम करने में सहायक है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। ब्रोकोली में भी कोलेस्ट्रॉल कम होता है, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में।
अधिक प्रोटीन सेवन का खतरा
प्रोटीन का सेवन हेल्दी है लेकिन कहते हैं न किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती। यदि आप भी जरूरत से ज्यादा प्रोटीन का सेवन करती हैं तो मत कीजिए। क्योंकि दिक्कत यह है कि शरीर को पता ही नहीं कि अतिरिक्त प्रोटीन का क्या किया जाए। हो सकता है कि यह हड्डियों, किडनी, फेफड़ों को नुकसान पहुंचा दे। विशेषज्ञ कहते हैं कि 40 ग्राम प्रोटीन का हाई प्रोटीन मील शरीर को लाभ नहीं पहुंचाता। बल्कि 15 से 25 ग्राम प्रोटीन मील शरीर को लाभ पहुंचाता है, तो फिर आपको ज्यादा प्रोटीन की आवश्यकता ही नहीं तो क्यों खाएं! वैसे अधिक प्रोटीन के सेवन से किडनी स्टोन, हड्डियों का नुकसान, खून में अधिक कैल्शियम, लीवर की समस्या हो सकती है।
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ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल और जवाब – FAQ’s
क्या सच में प्रोटीन हमारे शरीर के हर सेल, टिश्यू और अंगों का हिस्सा है?
जी हां, हमारे शरीर के हर सेल, टिश्यू और अंगों का महत्वपूर्ण हिस्सा है प्रोटीन। कॉम्प्लेक्स ढांचे के साथ प्रोटीन बड़े मॉलिक्यूल्स हैं। प्रोटीन हमारे टिश्यू और अंगों के ढांचे के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स की तरह काम करते हैं।
किस तरह के भोजन में प्रोटीन अधिक होता है?
मीट, पोल्ट्री, मछली, दूध और दूध के प्रोडक्ट्स, टोफू, दाल, कुछ सब्जियां, अंडे और मेवे प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं।
रोजाना के भोजन में कितनी कैलोरी प्रोटीन से मिलती है?
रोजाना के कैलोरी इनटेक का 10- 35 प्रतिशत प्रोटीन से मिलता है।
दूध में ज्यादा प्रोटीन है या मीट में?
एक कप दूध की बजाय 85 ग्राम मीट में प्रोटीन अधिक पाया जाता है।
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कंप्लीट प्रोटीन क्या है?
कंप्लीट प्रोटीन शरीर की जरूरत के अनुसार हर तरह के एमिनो एसिड प्रदान करता है।
क्या महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है?
यह सही नहीं है। पुरुषों को महिलाओं की बजाय अधिक प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। वैसे प्रोटीन की जरूरत शारीरिक गतिविधि, लिंग और उम्र के अनुसार पड़ती है।