हर साल 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। पूरी दुनिया में इस दिन को मूर्ख दिवस कहते हैं। इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और जानने वालों को हसगुल्ले भरे मैसेज, जोक्स सेंड करते हैं। कई लोग इस दिन अपने दोस्तों के साथ प्रैंक करने के साथ-साथ अप्रैल फूल जोक्स भी शेयर करते हैं। इस दिन लोग अपने मित्रों और सगे-सम्बन्धियों को मूर्ख बनाकर खुश होते हैं। मगर हममें से कई लोग यह नहीं जानते अप्रैल फूल दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई। हर साल यह दिन 1 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है।
अप्रैल फूल डे की शुरुआत कैसे हुई?
April Fool history in Hindi
अगर इतिहास की ओर नजर डालें तो इस 1 अप्रैल के दिन पूरे विश्व में कई तरह की हास्यात्मक घटनाएं घटी थी। साल 1539 में फ्लेमिश कवि ‘डे डेने’ ने एक अमीर आदमी के बारे में बताया था जिसने 1 अप्रैल को अपने नौकरों को मूर्ख बना कर काम के लिए बाहर भेजा। वही 1 अप्रैल 1698 को कई लोगों को ‘शेर की धुलाई देखने’ के लिए धोखे से टावर ऑफ लंदन में ले जाया गया। वही एक दूसरी कहानी के अनुसार एक घमंडी मुर्गे को एक चालाक लोमड़ी ने बेवकूफ बनाया था। इस गलती के बाद कहा जाने लगा कि लोमड़ी ने 1 अप्रैल को मुर्गे को बेवकूफ बनाया। वहीं, अंग्रेजी साहित्य के महान लेखक ज्योफ्री चौसर का ‘कैंटरबरी टेल्स (1392)’ ऐसा पहला ग्रंथ है जहां 1 अप्रैल और बेवकूफी के बीच का संबंध बताया गया था। इस वजह से 1 अप्रैल को अप्रैल फूल-डे के तौर पर मजेदार तरीके से सेलिब्रेट किया जाने लगा।
किस देश में कैसे मनाया जाता है अप्रैल फूल डे?
अलग-अलग देशों में अप्रैल फूल डे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। विश्व में कई जगह 1 अप्रैल को छुट्टी होती है। मगर भारत सहित कुछ ऐसे देश भी हैं जहाँ इस दिन कोई आधिकारिक छुट्टी नहीं दी जाती। 1 अप्रैल को हर तरह का मजाक करने की छूट होती है। मगर मज़ाक दायरे में हो इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन में अप्रैल फूल डे आधे दिन तक ही मनाया जाता है। इसके अलावा फ्रांस, आयरलैंड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान रूस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में जोक्स का सिलसिला दिन भर चलता रहता है और पूरे दिन मूर्ख दिवस मनाया जाता है।
अप्रैल फूल डे की प्रचलित कहानी – April Fool Day Story in Hindi
April Fool Day Story in Hindi
अप्रैल फूल से जुड़ी एक कहानी के मुताबिक प्राचीन यूरोप में नया साल हमेशा 1 अप्रैल को मनाया जाता था। मगर साल 1582 में पोप ग्रेगोरी ने नया कैलेंडर अपनाने के निर्देश दिए जिसमें न्यू ईयर को 1 जनवरी से मनाने के बारे में बताया गया। रोम के ज्यादातर लोगों ने इस नए कैलेंडर को अपना लिया लेकिन बहुत से लोग तब भी 1 अप्रैल को ही नया साल मानते थे। तब ऐसे लोगों को मूर्ख समझ कर उनका मजाक उड़ाया गया और उन्हें बेवकूफ कहा जाने लगा। वही साल 1915 में जर्मनी के लिले हवाई अड्डा पर एक ब्रिटिश पायलट ने बम फेंक दिया था जिसे देखकर लोग इधर-उधर भागने लगे, लेकिन बहुत ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी जब कोई धमाका नहीं हुआ तो लोग बम के बारे में जानने के लिए लौटे, तब उन्होंने देखा वहां एक बड़ी फुटबॉल थी, जिस पर अप्रैल फूल लिखा हुआ था।
You Might Also Like
April Fools’ Pranks for Boyfriend in English
April Fool Jokes in Hindi
April Fool Shayari in Hindi
Majedar Chutkule in Hindi