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जानिए सुहागा के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में Suhaga ke Fayde

Archana Chaturvedi  |  Feb 7, 2022
Suhaga ke Fayde

आयुर्वेद में ऐसे कई चीजों का वर्णन किया गया है जोकि हमारी रोजमर्रा की बीमारियों को दूर करने में बेहद सहायक होती हैं, उन्हीं में से एक नाम है सुहागा का। इसे बहुत प्राचीन समय से दवा की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा है। सुहागा के फायदे फिटकरी के फायदे जैसे ही होते हैं। सुहागा का उपयोग विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज में किया जाता है। सुहागा (suhaga kya hota hai) के बारे ज्यादा कोई नहीं जानता है इसलिए इसके बारे में आपको सही जानकारी होने चाहिए। साथ ही इसकी सही खुराक और दुष्प्रभावों से बचने के लिए इसके उपयोग की सही विधि पता होना भी आवश्यक है। सुहागा के फायदे (suhaga khane ke fayde) इतने ज्यादा हैं कि इसे हर घर में होना चाहिए। 

सुहागा क्या होता है? suhaga kya hota hai

बहुत से लोगों को नहीं पता होता है कि सुहागा क्या है (suhaga kya hai)? तो हम आपको बता दें कि सुहागा फिटकरी की ही तरह दिखने वाला पदार्थ है। सुहागा यानि बोरेक्स को आयुर्वेद में टंकण भस्म कहा जाता है। हिंदी में इसे सुहागा के नाम से भी जाना जाता है। यह मुलायम सफेद पाउडर के रूप में मिलता है जो पानी में आसानी से घुल जाता है। आयुर्वेद में सुहागे को बहुत प्राचीन समय से दवा की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे कई आयुर्वेदिक दवाओं में कंपोनेंट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सूजन को कम करने वाले यानी एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल  गुण पाए जाते हैं और इसकी तासीर गर्म होती है। सुहागा प्राय: तिब्बत, लद्दाख और कश्मीर में ज्यादा पाया जाता है। सुहागा बहुत उपयोगी (suhaga ke upyog) पदार्थ है यही वजह है सुहागा के औषधीय उपयोग कई है। इसके अलावा यह बहुत से डिटर्जेंट, सौन्दर्य प्रसाधनों आदि में भी प्रयोग किया जाता है। सैलिसिलिक एसिड के उपयोग

सुहागा के फायदे – Suhaga ke Fayde

सुहागा का उपयोग अक्सर घरेलु नुस्खों में होता है। कई ऐसे रोग है जो घर पर ही आसानी से सुहागा कि मदद से ठीक हो सकते है। बोरेक्स का रासायनिक नाम सोडियम टेट्राबोरेट (Sodium tetraborate) है। इसमें सूजन को कम करने वाले, कसैले, रोगाणुरोधी, बलगम को निकालने वाले गुण पाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल हमारी रोजमर्रा की बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। तो आइए एक नजर डालते हैं सुहागा के फायदे (suhaga ke fayde in hindi) और  सुहागा के औषधीय उपयोग (suhaga ke upyog) पर  – ऑयस्टर के फायदे

मुंह के छालों के लिए सुहागा

मुंह के छाले में होने वाला दर्द बेहद असहनीय होता है और ये वहीं महसूस कर सकता है जिसे कभी मुंह में छाले हुए हों। जीभ या मुंह के छाले मिटाने के उपाय के लिए सुहागा यानि बोरेक्स सबसे सही है। इससे दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है। बोरेक्स पाउडर को जीभ पर दिन में 2 बार लगाएं। इस बात को ध्यान में रखें कि इसे लगााते समय आपको जलन हो सकती है। इसीलिए इसे लगाकर लार को नीचे टपकने दें। यह प्रभावित हिस्से से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालकर सूजन को भी कम कर सकता है। छोटी माता के घरेलू उपचार

कफ की समस्या में सुहागा का उपयोग

जिन लोगों चेस्ट में कंजेशन रहता है यानि अक्सर कफ की समस्या बनी रहती है उन्हें सुहागा के औषधीय उपयोग ट्राई करने चाहिए। लेकिन इसके लिए सुहागा यानि बोरेक्स (suhaga ke fayde) को आप सीधे तौर सेवन नहीं कर सकते हैं, ये जहरीला साबित हो सकता है। बोरेक्स के सही स्वरूप को बहुत सावधानी से आंतरिक देखभाल के लिए उपयोग करना चाहिए। आप सुहागा का इस्तेमाल कफ की समस्या से छुटकारा पाने के लिए गरारे के तौर पर कर सकते हैं। 

यूरिन इन्फेक्शन के इलाज में बोरेक्स

यूरिन इन्फेक्शन महिलाओं में एक आम समस्या है। इसके कारण योनि में होने वाली जलन रह-रह कर परेशान करती है। अगर आप यूरिन इन्फेक्शन की समस्या से जूझ रहे हैं तो सुहागा का इस्तेमाल कर सकते हैं। आयुर्वेद में भी बोरेक्स को यूरिनरी ट्रैक्ट, यूटेरस और पेट के लिए भी लाभदायक माना गया है। इससे पीड़ित लोगों के लिए बोरक्स की दवा का सुझाव दिया जाता है। 

आंखों को संक्रमण को दूर करने में सुहागा

सुहागा का इस्तेमाल आंखों के संक्रमण को दूर करने में भी किया जाता है। बोरेक्स को कैलामिना, बोर्नियोलम और नाट्री सल्फास एक्ससिंकेटस के साथ मिलाकर एक आई ड्राप तैयार की जाती है। इसका इस्तेमाल आंखों के इंफेक्शन की समस्या को खत्म करने में मदद करता है। वहीं अगर किसी की आंख आई हो तो सुहागा और फिटकरी को एक साथ पानी में घोल बनाकर आंख को धोने और बीच-बीच में बूंद-बूंद आई डरोप्स की तरह आंखों मे डालने से बहुत जल्दी लाभ होता है।

मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के लिए सुहागा

आयुर्वेदिक रिसर्च ने पाया है कि बोरेक्स यूटेरस और पीरियड्स को नॉर्मल और हेल्दी रखने में मदद करता है। मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने के लिए कच्चा सुहागा 3 ग्राम , केसर 2 ग्रेन लें। दोनों को खरल में बारीक पीसकर प्रात : काल ठण्डे पानी के साथ देने से ये समस्या जड़ से समाप्त हो जाती है।

काली खांसी के इलाज में बोरेक्स का उपयोग

सूखी या काली खांसी के इलाज में बोरेक्स की दवाई या सीरप बहुत ज्यादा लाभदायक माना जाता है। ज्यादातर छोटे बच्चों को काली खांसी हो ही जाती है। ऐसा होने पर बिल्कुल ना घबराएं। तवे पर भुना हुआ सुहागा को शहद के साथ मिलाकर बच्चे को चटाने से काली खांसी दूर हो जाती है।

स्किन इंफेक्शन को दूर करने में सुहागा

अगर आपको किसी भी तरह का कोई चर्म रोग यानि स्किन इंफेक्शन की शिकायत है तो आप सुहागा की मदद ले सकते हैं। जी हां, किसी भी तरह के चर्म रोग में सुहागे का तेल लगाने से आपको जल्द आराम मिलता है।

अस्थमा के लिए सुहागा के फायदे

आयुर्वेद में अस्थमा को तमक रोग कहा जाता है और यह किसी भी उम्र और लाइफस्टाइल वाले व्यक्ति को भी हो सकता है। इससे निजात पाने के लिए आपको लगभग 75 ग्राम भुना हुआ सुहागा 100 ग्राम शहद में मिला ले इसे सोते समय 1 चम्मच की मात्रा में लेकर चाटने से अस्थमा में लाभ होता है।

पायरिया रोग में सुहागा का उपयोग

मुंह से बदबू आना या पायरिया कोई छिपाने की बात नहीं है। ये शरीर में बन रही किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकती है, इसीलिए इस बात को बिल्कुल भी अनदेखा न करें। सुहागा को फुलाकर उसमें मिश्री मिलाकर बारीक पीस कर रोजाना मंजन करने से दांत साफ और मजबूत तो होते ही हैं साथ ही पायरिया और मुंह की बदबू वाली समस्या भी दूर हो जाती है।

कान की पुरानी सूजन में सुहागा

लैबीरिंथाइटिस की वजह से कान में अंदर की तरफ सूजन होने लगती है। ये समस्या चाहे कितनी पुरानी हो इससे निपटने के लिए ढाई प्रतिशत सुहागे के घोल को कान में बूंद-बूंद करके हर 2-3 घंटे के बाद डालने से कान की पुरानी सूजन दूर होती है।

सुहागा के नुकसान

सुहागा के गुणकारी असर से आपको कई तरह के रोगो से आराम मिल जाता है। लेकिन सुहागा के फायदे होने के साथ-साथ सुहागा के नुकसान भी होते हैं। जी हां, सुहागा का उपयोग (suhaga ke upyog) करने के कुछ दुष्‍प्रभाव भी हो सकते हैं। इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की राय ज़रूर लें। साथ ही ये बात जान लें कि पारंपरिक चिकित्सकों ने यह भी चेतावनी दी है कि बोरेक्स को आम तौर पर बाह्य उपयोग के लिए निर्धारित किया जाता है और इसका आंतरिक उपयोग देखभाल और बोरेक्स के सही स्वरूप के साथ किया जाना चाहिए। यदि इसका सेवन सावधानी से नहीं किया जाता है, तो यह जहरीला भी हो सकता है। ऐसी सख्त चेतावनी के साथ, आंतरिक रूप से बोरेक्स का उपयोग करने से बचना ही सबसे अच्छा होता है। आइए एक नजर डालते हैं सुहागा के नुकसान यानि इसके साइड इफेक्ट्स पर –

सुहागा से जुड़े सवाल-जवाब FAQs

सुहागा कैसे खाना चाहिए?

सुहागा यानि बोरेक्स यानि सोडियम टेट्राबोरेट को टूथपेस्ट और साबुन को बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में सुहागे (suhaga ke upyog) को बहुत प्राचीन समय से दवा की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे कई आयुर्वेदिक दवाओं में कंपोनेंट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। सुहागा का सेवन सीधे तौर पर नहीं किया जाता है। बल्कि इसे भूनकर या पानी के साथ लेते हैं।

सुहागा को हिंदी में क्या बोलते हैं?

बोरेक्स को आयुर्वेद में टंकण भस्म कहा जाता है। हिंदी में इसे सुहागा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें सूजन को कम करने वाले यानी एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल  गुण पाए जाते हैं और इसकी तासीर गर्म होती है। 

बच्चों को सुहागा कैसे दें?

बच्चों को सुहागा दांत निकलने या मसूड़ों में दर्द के दौरान दिया जाता है। सुहागा को शहद के साथ पीसकर बच्चों के मसूढ़ो पर मलें। इससे बच्चों के नये दांत आसानी से निकल आते हैं और दर्द में आराम मिलता है। खांसी से आराम दिलाने के लिए सुहागा को पीसकर उसे तवे पर भूनकर शहद से मिलाकर दिया जाता है।

क्या सुहागा खाया जा सकता है?

हां, सुहागा का सेवन (borax 30 uses in hindi) किया जाता है लेकिन सीधे तौर पर नहीं। बल्कि सुहागे का इस्तेमाल करने से पहले इसको शुद्ध कर लेना चाहिए। इसके लिए सुहागे को गर्म तवे पर गर्म करे जब पानी बन जाए तब इसको ठंडा करके बारीक चूर्ण बना लें।

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