फिटकरी का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। यह एक कारगर एंटीसेप्टिक है, जिसका प्रयोग त्वचा और स्वास्थ्य के लिए सदियों से किया जा रहा है। यह दिखने में किसी चमचमाते पत्थर-सा लगता है लेकिन अपने अंदर कई औषधीय गुण छुपाए होता है। फिटकरी (Alum) एक अद्भुत घटक है, जिसका इस्तेमाल पानी को साफ करने से लेकर त्वचा को निखारने तक के लिए किया जाता है। फिटकरी के बहुत से प्रकार होते हैं इसलिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि आपके लिए किस फिटकरी का उपयोग (fitkari ka upyog) करना फायदेमंद रहेगा। साथ ही इसकी सही खुराक और दुष्प्रभावों से बचने के लिए इसके उपयोग की सही विधि पता होना भी आवश्यक है। फिटकरी के फायदे (fitkari ke fayde) इतने ज्यादा हैं कि इसे हर घर में होना चाहिए। फिटकरी शब्द से दिमाग में अक्सर शेविंग का ख्याल आता है लेकिन शेविंग के अलावा भी इसके बहुत सारे फायदे हैं। घरेलू कार्यों के लिए आमतौर पर पोटैशियम एलम का इस्तेमाल किया जाता है।
फिटकरी एक रंगहीन रासायनिक पदार्थ है, देखने में यह क्रिस्टल जैसी लगती है। इसका रासायनिक नाम पोटैशियम एल्युमिनियम सल्फेट है। इसे अंग्रेजी में एलम कहा जाता है। सामान्य से दिखने वाले इस पदार्थ का महत्व चिकित्सा के क्षेत्र में अहम है। फिटकरी को भारतीय क्षेत्रीय बोली के अनुसार फिटकरी (Fitkari) के नाम से ही पुकारा जाता है, जिसे पोटैशियम एलम या पोटैशियम एल्युमिनियम सल्फेट जैसे कई नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में फिटकरी को फितकारी या सौराष्ट्री भी कहा जाता है। आयुर्वेद समेत यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में फिटकरी का व्यापक उपयोग किया जाता है। यूनानी दवाओं में फिटकरी का प्रयोग विभिन्न उपचारों के लिए किया जाता है क्योंकि यह दर्द और ज्वर हटाने वाला, होमियोस्टैटिक, डिटर्जेंट, संक्षारक, उत्तेजक और चिड़चिड़ाहट को कम करने वाला माना जाता है। स्वास्थ्य के लिए फिटकरी के फायदे (fitkari ke fayde) ज्यादा और नुकसान बेहद कम हैं।
फिटकरी का सही चुनाव करना आपके लिए बड़ा सवाल हो सकता है। इसके लिए आपको फिटकरी के विभिन्न रूपों और उनके प्रयोगों के बारे में पता होना चाहिए। आइए, नीचे जानते हैं फिटकरी के विभिन्न प्रकारों के बारे में।
हमारे रोजमर्रा के जीवन में फिटकरी बहुत उपयोगी है। इसके इस्तेमाल से स्किन से लेकर गंभीर या हल्की चोटों तक बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसलिए हर घर में फिटकरी (Fitkari) जरूर होना चाहिए। फिटकरी के माध्यम से पानी की अशुद्धियों को फिल्टर कर उसे साफ किया जाता है। हालांकि इसका यही एक मात्र उपयोग नहीं है क्योंकि इसका उपयोग कई सौंदर्य और स्वास्थ्य कार्यों के लिए भी किया जाता है। यह मांसपेशीय ऐंठन को दूर करने और मुंहासों से निपटने जैसे कई स्वास्थ्य लाभ देती है। फिटकरी से बहते हुए खून को भी रोका जा सकता है। अधिकांश लोग इसे ही फिटकरी का सबसे बड़ा फायदा मानते हैं। फिटकरी के लाभदायक गुण (benefits of alum in hindi) यहीं तक सीमित नहीं हैं। इसके और भी कई हैरान कर देने वाले फायदे हैं। फिटकरी के फायदे जानकर निश्चित ही आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे।
अगर चोट लग जाने की वजह से आपके शरीर से लगातार खून निकल रहा हो तो बहते हुए खून को रोकने के लिए आप फिटकरी का प्रयोग कर सकते हैं। फिटकरी (fitkari in hindi) को पानी में डुबोकर खून निकलने वाली जगह पर रगड़ने से खून का निकलना बंद हो जाता है। आपको बता दें कि यह मात्र एक घरेलू उपाय है। यह उपाय हल्की चोट लग जाने पर ही असरदार होता है। अगर चोट बहुत ज्यादा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अगर आप शरीर की दुर्गंध से परेशान हैं तो फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पैरों की बदबू दूर करने के लिए फिटकरी का प्रयोग किया जा सकता है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, त्वचा की दुर्गंध हटाने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल आफ्टरशेव, डिओडरेंट और बॉडी लोशन में भी किया जाता है ।
मुंह की गंदी बदबू के मुख्य कारणों में से एक निश्चित रूप से बैक्टीरिया की उपस्थिति होती है, जो अक्सर विषाक्त पदार्थ और एसिड बनाते हैं। एलम युक्त माउथवॉश से मुंह की सफाई करने से बैक्टीरिया के विकास को रोका जा सकता है। इस प्रकार आप फिटकरी का उपयोग करके मुंह से आने वाली बदबू को दूर कर सकते हैं।
बुखार और खांसी जैसी शारीरिक समस्याओं के लिए भी फिटकरी बहुत फायदेमंद है। एक अध्ययन के अनुसार, फिटकरी के इस्तेमाल से हे फीवर (मौसमी एलर्जी) जैसी बीमारियों से राहत पाई जा सकती है। खांसी और दमा में भी फिटकरी फायदेमंद हो सकती है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से जुड़ी समस्याओं में भी फिटकरी अहम भूमिका निभा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, फिटकरी मूत्राशय से होने वाले भारी रक्तस्राव को रोकने का काम कर सकती है, जो किसी संक्रमण की वजह से हो सकता है। फिटकरी एक कारगर एस्ट्रिंजेंट है, जो रक्तस्राव वाले भाग पर प्रभावी रूप से काम करता है।
बालों की जूं को खत्म करने के लिए फिटकरी का उपयोग किया जा सकता है। जूं के उपचार के लिए फिटकरी पाउडर में थोड़ी मात्रा में चाय के पौधे का तेल और पानी मिलाया जाता है। इस मिश्रण को थोड़ी देर के लिए अपने सिर पर लगाएं। यह आपके सिर से जूं को खत्म करने में आपकी मदद करेगा।
अगर आपको बर्र, मधुमक्खी, बिच्छू या किसी अन्य जहरीले कीड़े ने काट लिया हो तो फिटकरी के पाउडर को पानी में डालकर एक गाढ़ा घोल बना लें। अब इस घोल को प्रभावित अंग पर लगाएं। इस घोल को लगाने से दर्द में राहत मिलती है तथा विष का असर भी खत्म होता है।
अलग-अलग कामों के लिए फिटकरी को अलग-अलग तरीके से यूज किया जाता है। (uses of alum) पानी को शुद्ध करने के लिए प्रति लीटर पानी में लगभग 1 ग्राम फिटकरी पाउडर मिलाएं। यह पानी में उपस्थित गंदे कणों को अलग कर आपको साफ पानी प्राप्त करने में मदद करता है। कैंपिंग यात्रा के लिए जाते समय अपने पास फिटकरी ज़रूर रखें।
10 ग्राम फिटकरी और 10 ग्राम चीनी को पीस कर चूरन बना लें और 14 भागों में बांट दें। अब रोज़ रात को सोने से पहले एक कप गर्म दूध के साथ इस चूरन के एक भाग का सेवन करें। खांसी और दमा के लिए फिटकरी फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इस पर अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
दांतों से प्लाक और कैविटी हटाने के लिए आप फिटकरी को माउथवॉश के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास पानी गर्म कर लें और उसमें चुटकी भर नमक और एक छोटा चम्मच फिटकरी पाउडर मिलाकर छान लें। पानी के ठंडा हो जाने पर उसका प्रयोग कर लें।
डार्क स्पॉट्स के लिए फिटकरी और रोज़ वॉटर फेस पैक, ग्लिसरीन और फिटकरी टोनर, मुंहासे के निशान हटाने के लिए फिटकरी और मुल्तानी मिट्टी फेस पैक लगाएं।
फिटकरी पाउडर पेचिस के इलाज में मदद करता है। जब तक आप बेहतर महसूस न करें, तब तक केवल फिटकरी पाउडर से बनी हुई चाय का सेवन करें। हालांकि इसका ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए।
फिटकरी का उपयोग (fitkari ke upyog) करने के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की राय ज़रूर लें ।
फिटकरी के पाउडर को पानी में घोल लीजिए। अब इस घोल को अपने चेहरे के मुंहासों पर लगाइए। लगभग 20 मिनट के बाद अपने चेहरे को साफ़ पानी से धो लीजिए। कुछ ही दिनों में मुहांसे ख़त्म हो जाएंगे।
बवासीर होने पर फिटकरी के पाउडर में मक्खन मिलाकर मस्सों पर लगाएं ,लाभ होगा। फिटकरी मिले पानी से गुदा को भी चार-पांच बार धोएं। एक टब में फिटकरी मिला हुआ गुनगुना पानी भर लें। इसमें बैठ कर सिकाई करने से बवासीर में आराम मिलता है। यह उपाय करने से खूनी बवासीर भी ठीक हो जाता है।
फिटकरी के गाढ़े घोल में रुई डुबोकर नाक में लगाने से नकसीर बंद हो जाती है। इस घोल की दो-दो बूंदें नाक में डालने से भी नकसीर के बंद होने की संभावना रहती है।