हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण – High BP ke Lakshan
हाई ब्लड प्रेशर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह है कि यह बिना किसी को सूचित किए हो सकता है। क्योंकि अधिकांश समय हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण (high bp ke lakshan) नजर ही नहीं आते है। उच्च रक्तचाप वाले लोग उनकी स्थिति से अनजान होते हैं। इसलिए, नियमित रूप से चेकअप करवाना जरूरी होता है ताकि रक्तचाप के स्तर में कोई भी बदलाव नज़र न आए। अगर आपका रक्तचाप अनियंत्रित है, तो आप इन लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं –
- उच्च रक्तचाप के कारण आपको सिर में भारीपन या दर्द का अनुभव हो सकता है।
- आप अधिक थकान या चक्कर जैसा महसूस कर सकते हैं या फिर आपको बहुत ही ज्यादा कमजोरी महसूस होने लगे।
- आपको धुंधली दृष्टि या दोहरी दृष्टि का अनुभव होगा।
- आपको सीने में तेज दर्द या भारीपन महसूस होगा।
- आपको सांस लेने में मुश्किल हो सकती है।
- आप अपने दिल की धड़कन को महसूस कर सकते हैं।
- आप किसी बिंदु पर मूत्र के गहरे या हल्के भूरे रंग को देख सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर के कारण – BP Badhne ke Karan
हाई ब्लड प्रेशर आजकल की असंतुलित जीवनशैली और हमारे गलत आहार का सेवन करने के कारण तो होता ही है लेकिन इसके अलावा ये भी कारण उक्त रक्तचाप के लिए जिम्मेदार होते हैं –
महिलाओं के लिए शिलाजीत के फायदे
- जिन लोगों को शुगर, दिल के रोग, किडनी के रोगों से ग्रसित होते हैं एवं जिनकी रक्त धमनियां कमजोर होती हैं उनमें रक्तचाप उच्च हो जाता है।
- ब्लड प्रेशर हाई होने का प्रमुख कारण मोटापा होता है। मोटे व्यक्ति में हाई बीपी का खतरा आम व्यक्ति से ज्यादा होता है।
- इसके अलावा जो लोग बिल्कुल भी फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं और आरामतलब जीवन जीते हैं, उन्हें रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
- ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से।
- वहीं पिज्जा, बर्गर, चाऊमिन, मोमोज आदि खाने से हाई बीपी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
- इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को भी ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या होती है।
- जो व्यक्ति धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन करते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर कितना होता है – BP Kitna Hona Chahiye
जब आपके खाने-पीने में असंतुलन हो जाता है और और शरीर में फैट और वसा की मात्रा बढ़ जाती है तो हाई बीपी (bp kitna hona chahiye) होने के आसार भी बढ़ जाते हैं। ब्लड प्रेशर का सामान्य से कम या अधिक होना, दोनों ही घातक होता है। हमारे शरीर का सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg माना जाता है। इससे कम को लो ब्लड प्रेशर और जब मरीज का रक्तचाप 140-90mmHg से अधिक होता है तो उस स्थिति को उच्च रक्तचाप कहा जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर को नार्मल कैसे करें – Blood Pressure Normal Karne ka Tarika
बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। उच्च रक्तचाप को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जाता है, हालांकि इसे आगे की जटिलताओं को रोकने के लिए उचित देखभाल और एंटीहाइपरटेंसिव दवाओं के साथ नियंत्रित किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप का उपचार डॉक्टर द्वारा लिए गए रक्तचाप को मापकर किया जाता है। अगर आपका रक्तचाप (bp high ke lakshan) नॉर्मल से ज्यादा है तो इस मामले में डॉक्टर आपको एक या अधिक एंटी-हाइपरटेंसिव दवाओं के साथ-साथ बीपी के आहार समायोजन, व्यायाम और बीपी पर निगरानी करने की सलाह देंगे। आइए जानते हैं कि बीपी कम करने के उपाय के बारे में –
हाई ब्लड प्रेशर के लिए योग
बदलती जीवनशैली आज कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रही है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। आमतौर पर शरीर में रक्त का प्रवाह 120/80 से 140/90 के बीच शुरू होता है। लेकिन जब रक्त प्रवाह इससे अधिक होता है, तो उच्च रक्तचाप की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसे में दवाओं के साथ-साथ योग की मदद से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
- हाई ब्लड प्रेशर के लिए आसान – ताड़ासन, त्रिकोणासन, वीरासन, सूर्य नमस्कार, वज्रासन, कंदुकसाना, सुपता वज्रासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, पवनमुक्तासन, मर्कटासन के साथ-साथ शलभासन का नियमित अभ्यास रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है।
- हाई ब्लड प्रेशर के लिए प्राणायाम- उच्च रक्तचाप के रोगी जिन्होंने पहले कभी योग नहीं किया है वे प्राणायाम से शुरू कर सकते हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर के लिए योग करने की सही विधि – पद्मासन, सिद्धासन, सुखासन या एक कुर्सी पर सीधे बैठें। गहरी सांस लें और फुलाएं। फिर छाती को फुलाएं। जब पूरा शरीर भर जाए तो धीरे-धीरे सांस छोड़ें। सांस छोड़ते समय छाती या पेट पर दबाव डालें। इस आसन को शुरू में कम से कम 12 बार करें। फिर धीरे-धीरे इन सेट्स की संख्या बढ़ाएं।
हाई ब्लड प्रेशर में एक्सरसाइज
हेल्दी डाइट और कुछ फिजिकल एक्सरसाइज ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं। हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए आप रोजाना सबसे पहले 30 मिनट की वॉक शुरू करें। इसके अलावा साइकिलिंग, जुम्बा और स्विमिंग जैसी फिजिकल एक्सरसाइज करें। इससे वजन घटाने में मदद तो मिलेगी ही, दिल भी फिट रहेगा, मांसपेशियों की शक्ति बढ़ेगी और इम्यूनिटी भी मजबूत होगी।
हाई ब्लड प्रेशर में खान-पान
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो गई है तो घबराएं नहीं। बल्कि अपने खान-पान में बदलाव करें। क्योंकि हमारा खान-पान हमारे शरीर पर अच्छा और बुरा दोनों ही प्रभाव डालता है। इसीलिए जानें कि हाई ब्लड प्रेशर में खान-पान कैसा होना चाहिए –
सब्जियां |
बीज |
अन्य खाद्य पदार्थ |
पालक |
कद्दू के बीज |
दलिया |
सहजन |
खरबूजे के बीज |
साबुत अनाज |
गोभी |
चिया सीड्स |
सोयाबीन |
प्याज |
अनार के बीज |
ज्वार |
लौकी |
अलसी के बीज |
मुनक्का |
तोरई |
सूरजमुखी के बीज |
बाजरा |
परवल |
सैसमे |
मूंग की दाल |
हाई ब्लड प्रेशर में कौन सा फल खाना चाहिए
वैसे तो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में सभी खट्टे और मौसमी फल का सेवन अच्छा माना जाता है। लेकिन कुछ फलों में रक्तचाप को कंट्रोल करने की अधिक क्षमता होती है। तो आइए जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर में कौन-सा फल खाना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है –
अमरूद |
पपीता |
चीकू |
संतरा |
मौसंबी |
आम |
अनानास |
अंगूर |
तरबूज |
सेब |
अनार |
स्ट्रॉबैरी |
हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए
रैग्लुर एक्सरसाइज, हाई ब्लड प्रेशर की दवा के साथ-साथ हम आहार से रक्तचाप को संतुलित रख सकते हैं। बस ध्यान रखिये की आपके खाने में पोटेशियम की मात्रा ज्यादा और सोडियम की मात्रा कम होनी चाहिए। आपने ये तो ऊपर जान ही लिया कि हाई ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने के लिए किन चीजों का सेवन करना चाहिए। अब जानिए कि हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए।
- ज्यादा चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बाजार में मिलने वाले रेडी टू ईट वाले भोजन का सेवन न करें।
- आचार हाई बीपी वालों को नहीं खाना चाहिए।
- पापड़ में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, इसीलिए हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को इसे खाने से बचना चाहिए।
- तले हुए आलू जैसे कि फ्रेंच फ्राइज का सेवन न करें।
- टोमेटो कैचप और दूसरी तरह की भी सॉस का खाने में इस्तेमाल करने से बचें।
- हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित व्यक्तियों काजू का कम से कम या फिर बिलकुल सेवन नहीं करना चाहिए।
- इसके अलावा बीपी के लक्षण के मरीजों को अत्यधिक चाय या कॉफी का सेवन भी नुकसानदायक साबित होता है।
हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू उपचार – High Blood Pressure ka Gharelu Upchar
हाई ब्लड प्रेशर हमारे शरीर के लिए एक तरह से धीमे जहर की तरह काम करता है। ये धीरे-धीरे हमारे शरीर को अंदर से खोखला करता रहता है। इसीलिए समय रहते ही इसपर काबू करने की बेहद जरूर है। इसीलिए यहां हम आपके लिए लेकर आये हैं हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू उपचार, जोकि उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है। इससे हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण (high blood pressure ke lakshan) ठीक होते हैं।
- हाई बीपी की समस्या को कंट्रोल करने के लिए अनार और टमाटर का जूस पीने से फायदा होता है।
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को मेथीदाना पाउडर सुबह-शाम पानी के साथ लेने पर बीपी कंट्रोल होता है
- एक चम्मच काली मिर्च पाउडर को गुनगुने पानी में घोल लें, और ये पानी दो-दो घंटे में पीते रहें।
- उच्च रक्तचाप के नियंत्रण में तरबूज काफी लाभदायक है। तरबूज के बीज का सेवन करें।
- जब बीपी बढ़ा हो तो एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर तीन-तीन घंटे के अंतर पर पिएं।
- 7 तुलसी के पत्ती और 4 नीम की पत्तियों को पीस लें। इसे एक गिलास पानी में घोल लें और सुबह खाली पेट पिएं।
- वहीं पालक और गाजर का जूस पीने से भी बीपी कंट्रोल में रहता है।
- चुकंदर और मूली को छीलकर इसका जूस बनाकर पिएं, इससे भी बीपी कंट्रोल होता है।
- करेला और सहजन की सब्जी खाएं, इससे हाई बीपी कंट्रोल में रहता है।
- उच्च रक्तचाप के मरीज अगर नंगे पांव हरी घास पर 10-15 मिनट चलें तो उनका रक्तचाप नॉर्मल हो जाता है।
- बीपी कम करने के उपाय लहसुन बेहद कारगर है। इसके लिए सुबह खाली पेट रोजाना लहसुन खाना चाहिए।
- सलाद में प्याज, टमाटर, मूली, गाजर, खीरा, गोभी का सेवन करने से रक्तचाप सामान्य हो जाता है।
- इसके अलावा आंवले के रस में शहद मिलाकर सुबह शाम चाटने से भी बीपी कंट्रोल में रहता है।
- हाई ब्लड प्रेशर वाले व्यक्ति को डार्क चॉक्लेट का सेवन करना चाहिए। डार्क चॉक्लेट बीपी कम करती है।
हाई ब्लड प्रेशर के नुकसान – High Blood Pressure ke Nuksan
अनियंत्रित उच्च रक्तचाप होने से बहुत सारी बीमारियों को आमंत्रित किया जाता है। यहां तक कि संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे उन्नत देशों में एक रिसर्च के दौरान सामने आया है कि 60% रोगियों में, उपचार के बावजूद भी रक्तचाप बेकाबू रहता है। हाई ब्लड प्रेशर दिल, मस्तिष्क, किडनी, दृष्टि और अंगों में धमनियों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। आइए जानते हैं हाई ब्लड प्रेशर के नुकसान (about blood pressure in hindi) के बारे में –
हाई बीपी से दिल को नुकसान
हाई बीपी के रोगियों में हृदय रोग मृत्यु का प्रमुख कारण है। अनियंत्रित उच्च रक्तचाप के कारण हृदय बड़ा हो सकता है। अनुबंध और विस्तार करने की इसकी क्षमता कम हो सकती है। दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। दिल का दौरा तब पड़ सकता है जब रक्त वाहिकाओं में थक्के बन जाते हैं जो हृदय को रक्त की आपूर्ति करते हैं।
हाई बीपी से किडनी को नुकसान
हाई ब्लड प्रेशर किडनी के कार्य में हस्तक्षेप करता है। किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस मामले में, रोगी को डायलिसिस की आवश्यकता होती है। भारत में मधुमेह और उच्च रक्तचाप डायलिसिस के प्रमुख कारण हैं।
हाई बीपी से दिमाग को नुकसान
हाई ब्लड प्रेशर के कारण मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं में थक्के बनने लगते हैं। इससे दिमाग में रक्त वाहिकाओं का टूटना शुरू हो जाता है, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है। इसलिए, मरीज को लकवा के कारण मौत का भी खतरा बना रहता है। रोगी की याददाश्त भी ख़राब हो सकती है। अचानक उच्च रक्तचाप के कारण उल्टी, चक्कर आना और चेतना का नुकसान हो सकता है। इसे हाइपरटेंसिव एन्सेफैलोपैथी कहा जाता है।
हाई बीपी से आंखों को नुकसान
उच्च रक्तचाप के कारण रेटिना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान का खतरा होता है, जिससे आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। इस वजह से आंखों में धुंधलापन, सूजन व गंभीर स्थिति में अंधापन भी हो सकता है।
हाई बीपी से धमनियों को नुकसान
उच्च रक्तचाप धमनियों में थक्के बनाकर गैंग्रीन रोग (Gangrene) पैदा कर सकता है। तंबाकू का सेवन करने वाले मरीजों में इसका खतरा अधिक होता है।
हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े सवाल-जवाब FAQs
बहुत से लोगों को इस बात को लेकर अक्सर कंफ्यूजन रहती है कि हाई ब्लड प्रेशर में दूध पीना चाहिए की नहीं? तो हम आपको बता दें कि दूध हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन-डी, फॉस्फोरस और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि रक्तचाप को तो संतुलित रखता ही है और ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू रूप से बनाए रखता है।
जब बीपी बढ़ा हो तो एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर तीन-तीन घंटे के अंतर पर पिएं। ऐसा करने से हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कर सकते हैं।
नमकीन और शुगर से भरपूर खाद्य पदार्थ, और संतृप्त वसा में उच्च खाद्य पदार्थ के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसीलिए हर चीज का सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
हाई ब्लड प्रेशर के कारण व्यक्ति के हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। अतिरिक्त दबाव के कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यहीं नहीं हाई ब्लड प्रेशर रहने की वजह से दिल धीरे-धीरे कमजोर भी होने लगता है।
सफेद नमक के ज्यादा सेवन से ब्लडप्रेशर और अधिक बढ़ने लगता है। लेकिन वहीं सेंधा नमक हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में काफी लाभदायक है। इसी के साथ यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है जिससे हार्ट अटैक आने की आशंका कम हो जाती है।
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