कोरोनावायरस महामारी (coronavirus pandemic) ने हमारे जीने, काम करने और एक कंज्यूमर के तौर पर हमारी इच्छाओं व पसंद-नापसंद को काफी हद तक बदल दिया है। इस छोटे से वायरस ने हर इंडस्ट्री की कार्य प्रणाली और बिज़नेस को काफी प्रभावित किया है। हालांकि, हर क्राइसिस बदलाव, नयापन और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने का अवसर लेकर आती है। कोरोनावायरस महामारी ने न सिर्फ हमारी स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रश्न उठाए हैं, बल्कि पर्सनल हाइजीन के बारे में सोचने पर भी मजबूर कर दिया है। Mamaearth की को-फाउंडर ग़ज़ल अलघ (Ghazal Alagh, Co-founder of Mamaearth) से जानिए पर्सनल केयर इंडस्ट्री के बारे में।
कोरोना से पहले हाइजीन इंडस्ट्री Pre-COVID Hygiene Industry
हाइजीन प्रोडक्ट इंडस्ट्री (hygiene product industry) यानि कि एक ऐसा क्षेत्र, जहां हमारी निजी सफाई और खुद को किसी भी तरह के संक्रमण व संक्रामक बीमारियों से बचाव करने के उत्पाद बनाए जाते हैं। कोरोनावायरस महामारी के फैलने से पहले भी हाइजीन इंडस्ट्री अपनी ऊंचाइयों पर ही था क्योंकि लोग अपने रहन-सहन और जीने के तरीकों को सेहतमंद बनाने की ओर अग्रसर होने लगे थे। इससे लोगों का लिविंग स्टैंडर्ड भी उच्च हुआ था। विभिन्न एनजीओ की मदद और लाइफस्टाइल में बदलाव के चलते हाइजीन प्रोडक्ट्स (hygiene products) की मांग बढ़ने लगी थी। सिर्फ इतना ही नहीं, सोशल मीडिया ट्रेंड्स और ब्रैंड्स के विज्ञापनों के चलते भी हाइजीन प्रोडक्ट मार्केट में विकास देखा जा रहा है।
हाइजीन इंडस्ट्री पर कोविड-19 का असर
कोविड-19 के फैल जाने से हाइजीन प्रोडक्ट्स की मांग में भारी इजाफा देखा गया है। दुनियाभर की सरकारी संस्थाएं साबुन और सैनिटाइजर (sanitizer) का इस्तेमाल कर
हाइजीन का ख्याल रखने की गाइडलाइंस जारी कर रही हैं। जागरूकता के बढ़ने के साथ ही लोग अपनी सेहत के प्रति ज्यादा सचेत हो रहे हैं और इस वायरस के फैलाव को रोकने के तरीके अपना रहे हैं। इससे सैनिटाइजर (sanitizer) और साबुन की मांग बढ़ती जा रही है। जैसे-जैसे लॉकडाउन में ढील दी जा रही है और लोगों ने घरों से बाहर निकलना शुरू कर दिया है, वैसे-वैसे सैनिटाइजर बॉटल की डिमांड पहले से भी ज्यादा बढ़ती जा रही है। सैनिटाइजर की मांग बढ़ने की वजह है कि उन्हें कहीं भी और कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें कैरी करना भी आसान होता है।
महामारी से पहले टियर 2 और 3 के शहरों और ग्रामीण इलाकों में हाइजीन प्रोडक्ट्स की मांग साबुन और हेयर केयर प्रोडक्ट्स तक ही सीमित थी। अब, बढ़ती जागरूकता के साथ, सैनिटाइजर और हैंडवॉश जैसे प्रोडक्ट्स की मांग छोटे शहरों में भी बढ़ती जा रही है।
हाइजीन इंडस्ट्री का भविष्य
Technavio की एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में 2020-2024 के बीच हैंड सैनिटाइजर का मार्केट 405.31 मिलियन डॉलर (30,33,76,96,686.00 रुपये) तक बढ़ जाएगा। जहां फिलहाल इस मांग में बढ़ोतरी की वजह कोरोनावायरस के कारण उपजा डर है तो वहीं माना जा रहा है कि महामारी की स्थिति सामान्य हो जाने के बाद भी इसकी मांग अब यूंही बढ़ती रहेगी। पिछले कुछ महीनों में सैनिटेशन और हैंड हाइजीन के प्रति जागरूकता में काफी इजाफा हुआ है और आने वाले समय में लोग अपनी सेहत का और अधिक ख्याल रखने लगेंगे। इसके साथ ही ऑर्गेनिक और प्राकृतिक हाइजीन प्रोडक्ट्स की मांग भी बढ़ेगी। चूंकि सैनिटाइजर का इस्तेमाल बार-बार किया जाता है तो लोग अब इसमें शामिल सामग्रियों की ओर भी ध्यान देंगे और केमिकल व टॉक्सिन फ्री प्रोडक्ट्स की मांग को बढ़ावा देंगे।
कोरोनावायरस महामारी के दौरान व इसके खत्म हो जाने के बाद भी अपनी सेहत के प्रति सचेत रहें और उसका ख्याल रखें।